मानवता के लिए बलिदान के दिन के रूप में मनाया जाता है ‘गुड फ्राइडे’

मानवता के लिए बलिदान के दिन के रूप में मनाया जाता है ‘गुड फ्राइडे’

प्रभु यीशु का निर्वाण दिवस ‘गुड फ्राइडे’ के रूप में मनाया जाता है. ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार यीशु मसीह का जन्म इजराइल के एक गांव बेतलेहम में हुआ था. बालक यीशु को बेतलेहम के राजा हेरोदेस ने मरवाने की हर संभव कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हो पाया. जब यीशु बड़े हुए तो जगह-जगह जाकर लोगों को मानवता और शांति का संदेश देने लगे.

यीशु को कई तरह की यातनाएं दी गयीं. यीशु के सिर पर कांटों का ताज रखा गया. इसके बाद यीशु क्रूस (सलीब) को अपने कंधे पर उठाकर गोल गोथा नामक जगह ले गए. जहां उन्हें सलीब पर चढ़ा दिया गया. जिस दिन यीशु को सूली पर चढ़ाया गया, वह शुक्रवार का दिन था.

मानवता के लिए बलिदान का वो दिन गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाता है. ईसाई धर्म के अनुयायी यीशु को उनके त्याग के लिए याद करते हैं.

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