प्रभारी प्राचार्य ने अपने ऊपर लगे आरोपों को किया ख़ारिज, कहा समय से आने और पढ़ाने के लिए कहने पर लगता है प्रताड़ना का आरोप

प्रभारी प्राचार्य ने अपने ऊपर लगे आरोपों को किया ख़ारिज, कहा समय से आने और पढ़ाने के लिए कहने पर लगता है प्रताड़ना का आरोप

प्रभारी प्राचार्य ने अपने ऊपर लगे आरोपों को किया ख़ारिज, कहा समय से आने और पढ़ाने के लिए कहने पर लगता है प्रताड़ना का आरोप

Chhapra: गंगा सिंह महाविद्यालय में शिक्षक और प्रभारी प्राचार्य के बीच चल रहे विवाद में नया मोड़ आया है. महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि महाविद्यालय में शिक्षकों को पढ़ाने की बात कहने पर प्रताड़ना का आरोप लगता है, शिक्षकों को समय से आने और समय से जाने के लिए कहने पर प्रताड़ना का आरोप लगता है दैनिक प्रतिवेदन मांगने पर प्रताड़ना का आरोप लगता है. इन सब कारणों से गलत आरोप लगाकर बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

गंगा सिंह महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य डा आदित्य चंद्र झा ने अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि महाविद्यालय में विगत 23 मई को स्टॉफ कौंसिल की बैठक में शिक्षकों को 10:30 में आने और 3:30 में जाने का आदेश जारी की गया, प्रतिदिन दैनिक शिक्षण प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया गया, इसके अलाव अन्य 8 मुद्दों पर शिक्षकों को लिखित निर्देश बैठक में दिया गया. इस निर्देश के बाद गतिरोध शुरू हो गया. प्रताड़ना का आरोप लगा. शिक्षक जब मन आए जब मन चले जाए इस परिस्थिति को लेकर कई बार शिक्षकों को मौखिक निर्देश दिया गया. विश्विद्यालय के नियमों के तहत किए गए कार्यों पर प्रताड़ना का आरोप लगा दिया गया.

प्रभारी प्राचार्य ने खा कि कॉलेज में बायोमेट्रिक उपस्थित मशीन उनके पदग्रहण के पहले से लगा है लेकिन वह सुचारू नही है. शिक्षकों ने इस बात के लिए कभी नहीं कहा. विगत बैठक में संज्ञान में आने के बाद मशीन को ठीक कराने का निर्देश दिया गया है. जल्द ही ठीक हो जायेगे.

वही वित्तीय मामलों के आरोप पर उन्होंने कहा कि महाविद्यालय में किसी तरह का भुगतान चेक के माध्यम से होता है जिसमे दो लोग हस्ताक्षर करते है उक्त स्थिति में अनियमितता का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने बताया कि विश्विद्यालय द्वारा डीसीआर नही देने के एवज में पूर्व बर्सर को हटाया गया उसमे मेरा कोई रोल नहीं. अनर्गल आरोप लगाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया है. शिक्षक अपनी किसी तरह को समस्याओं को प्राचार्य के समक्ष रखें निदान नही होने पर वह स्वतंत्र होकर आगे बढ़ें. महाविद्यालय में शैक्षणिक माहौल में सुधार हो रहा है इसमें सभी शिक्षक सहयोग करें.

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