दिव्यांग से शादी करने पर मिलेगा एक लाख रुपया, अंतरजातीय पर एक लाख और

दिव्यांग से शादी करने पर मिलेगा एक लाख रुपया, अंतरजातीय पर एक लाख और

Chhapra: राज्य आयुक्त निशक्तता डाँ शिवाजी कुमार के द्वारा समाहरणालय सभागार में पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में दिव्यांग फे्रन्डली वातावरण के निर्माण की बात कही गयी. उन्होंने कहा कि जो संसाधन उपलब्ध हैं उसपर पहला हक दिव्यांगजनों का है. भारत सरकार के द्वारा उनके हितार्थ 1995 में बने अधिनियम को संषोधित करते हुए नया दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम-2016 बना है. इस अधिनियम के प्रावधानों के बारे में राज्य आयुक्त द्वारा विस्तृत रुप से जानकारी दी गयी. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण यह था कि पहले जहाँ सात तरह की दिव्यांगता चिन्हित थी वह अब 21 तरह की हो गयी है तथा अधिनियम के उलंघन पर सजा का प्रावधान किया गया है. इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य स्वरोजगार सृजन कर आर्थिक रुप से दिव्यांगजनों को सबल बनाना है.

राज्य आयुक्त के द्वारा सभी 21 प्रकार के दिव्यांगता की जाँच कर दिव्यांगजन को प्रमाण पत्र देने की बात कही. उन्होंने यू.डी.आइ.डी कार्ड (यूनिक डिस्एवीलीटी आइडेंटिटी कार्ड) जारी करने की बात कही ताकि उसके आधार पर दिव्यांगजनों को सरकारी सहायता मिलने मे आसानी हो सकेे.

उन्होंने कहा कि सभी प्रकार के नियोजन/नियुक्ति में चार प्रतिषत के आरक्षण का अनुपालन किया जाय और सभी विभाग अपनी योजनाओं का पाँच प्रतिषत राषि दिव्यांगजन के सहुलियत के लिए खर्च करें.

बैठक में उपस्थित सिविल सर्जन से कहा गया कि दिव्यांगता के कारण एवं निवारण के उपायों के प्रति जन-जागरुकता लाने की जरुरत हैं. बच्चें के जन्म के समय ही विकलांगता संबंधी सभी प्रकार की जाँच जिसे अपगार स्कोर कहा जाता है, कि व्यवस्था की जाय. क्योकि एक छोटी सी भूल के कारण पूरे जीवनकाल तक सफर करना पड़ता है. दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए विषेष अभियान चलाएँ एवं चिकित्सक की अनुपलब्धता पर निजी चिकित्सक की व्यवस्था करें जिसके लिए भुगतान समाजिक सुरक्षा कोषांग से किया जाना है.

जिला शिक्षा पदाधिकारी को निदेष दिया गया कि विषेष आवष्यकता वाले बच्चों का विधालयों में नामांकन सुनिष्चित करायें. शिक्षा, खेल, मनोरंजन के उपकरण उपलब्ध कराया जाय एवं इस प्रकार के गतिविधियों का आयोजन कराया जाय. प्रत्येक प्रखंड मे एक आदर्ष विधालय विकसित करें जो दिव्यांग बच्चों के लिए उपकरणांे से युक्त हो. अलग-अलग दिव्यांगता के आधार पर अलग-अलग विद्यालय बनाया जाए और उनके लिए शिक्षक की व्यवस्था की जाय. उन्होंने कहा कि सरकार के द्वारा दिव्यांगजनों कों खेल कोटा से नौकरी की व्यव्स्था की गई है. भारत सरकार के द्वारा दिव्यांगजनो के अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खेल के आयोजन में स्वर्ण पदक, रजत पदक एवं कास्य पदक जितने पर कमषः एक करोड़, पचहत्तर लाख एवं पचास लाख रुपये का नगद पुरस्कार दिया जा रहा है वहीं राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में एक लाख, पचास हजार एवं पैतींस हजार का नकद पुरस्कार दिया जा रहा है. उन्होंने आठ्वीं तक की पढ़ाई पूरी करने वाले दिव्यांग बच्चों की सूची बनाकर, जो अब 18 वर्ष के हो गये हो को विशेष प्रशिक्षण देने की बात कहीं ताकि वे लोग स्वरोजगार कर सके. दिव्यांगजनो को उचित माहौल देकर आगे बढ़ाने की आवश्यकता हैं.

राज्य निःषक्तता आयुक्त ने कहा कि दिव्यांग से शादी करने पर एक लाख रुपया, अगर दोनों दिव्यांग है तो दो लाख, अगर अंतर्राजातीय विवाह है तो एक लाख और देने का सरकारी प्रावधान है. जिला प्रभारी सामाजिक सुरक्षा कोषांग के द्वारा बताया गया कि अभी तक एक व्यक्ति को इसका लाभ दिया गया है और अभी तक ग्यारह आवेदन प्राप्त है. जेल अधीक्षक को कैदियों की जाँच कराकर अगर दिव्यांग है तो उन्हें जरुरी सहायता उपलब्ध कराने का निदेष दिया गया.

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें