Chhapra: छपरा नगर निगम शहर के मंदिर एवं धार्मिक स्थलों की सफाई के लिए प्रत्येक रविवार को मिशन संडे एक्सप्रेस शुरू करने जा रहा है। इस अभियान के तहत प्रत्येक रविवार को नगर निगम के सफाई कर्मी शहर के विभिन्न मंदिरों तथा धार्मिक स्थल तक पहुंचेंगे। जहां पहले से जमा अपशिष्ट पदार्थ बेकार पड़े फूल, पत्ते इत्यादि को संग्रह करेंगे। जिससे बाद में खाद बनाने की प्रक्रिया की जाएगी।
प्रभारी महापौर रागिनी कुमारी ने बताया कि छपरा को सुंदर और साफ बनाया जाए के लिए लगातार प्रयास कर रही हूं। छपरा नगर निगम क्षेत्र के मंदिर एवं धार्मिक स्थलों के लिए ऐसी व्यवस्था पूर्व में नहीं थी। फूल, पत्र को जहां तहां इकट्ठा कर दिया जाता था। मेरा प्रयास हैं कि मंदिरों से निकलने वाले अपशिष्ट को बायो कंपोस्ट खाद बनाया जाएगा। इस अभियान की तैयारी लगभग पूरी कर ली गई है, सितंबर के अंतिम सप्ताह से यह योजना शुरू हो जाएगी। सभी प्रमुख मंदिरों एवं धार्मिक स्थलों की लिस्ट अपडेट की जा रही है। वहां का संपर्क नंबर भी मंगाया जा रहा है।
इसके लिए मंदिर प्रबंध समिति को 6299188929 नंबर पर फोन कर अपने मंदिर औऱ धार्मिक स्थल के बारें में बताना होगा कि इस स्थल से उठाव करना है, ताकि हम एक सूची बना सकें कि किस किस मंदिर को इसकी जरूरत है। फिर सूची के अनुसार चढ़ाये हुए फूल पत्र इकट्ठा करने रविवार को गाड़ी पहुँचेगी,फिर उस अपशिष्ट पदार्थ को खाद बनाने में प्रयोग किया जाएगा।
प्रभारी मेयर ने बताया कि शहर में जांच अभियान के दौरान यह देखा गया है कि अधिकतर मंदिर एवं धार्मिक स्थलों में जमा कचरे को धार्मिक स्थलों के आसपास ही डंप कर दिया जा रहा है। जिसे धार्मिक स्थल आने जाने वाले लोगों को भी परेशानी हो रही है। शहर के कई ऐसे मंदिर जो निचले इलाके में है। वहां नदी किनारे भी कचरा फेंक दिया जा रहा है, ऐसे में पर्यावरण को भी काफी नुकसान पहुंच रहा है।
फूल पत्तियों के अपशिष्ट से बनेगा खाद
प्रभारी मेयर रागिनी कुमारी ने बताया कि निगम के पास इस समय अपना कचरा प्रबंधन प्लांट नहीं है। जल्द ही उसे शुरू करने पर विचार किया जा रहा है। मिशन संडे एक्सप्रेस के तहत मंदिर व धार्मिक स्थल से इकट्ठा किए गए कचरे जिसमें फूल पत्तियों के अपशिष्ट की मात्रा अधिक होगी उसे खाद बनाने में प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए कोई भी किसान नगर निगम से संपर्क कर न्यूनतम शुल्क देकर फूल पत्तियों के अपशिष्ट को खरीद सकते हैं। जैविक खाद बनाने वाले लोग भी नगर निगम में आकर फूल पत्तियों के अपशिष्ट को प्राप्त कर सकते हैं।