छपरा: राज्य के नए जनसंख्या के आंकड़ों के मुताबिक छपरा नगर परिषद को जल्द ही नगर निगम का दर्जा मिल सकता है. नए आंकड़े बता रहे हैं कि यदि नगर निकायों का परिसीमन किया जाए तो छपरा नगर परिषद को नगर निगम का दर्जा मिल जाएगा.
राज्य निर्वाचन आयोग ने इसके आलोक में नगर विकास विभाग को सूचित करते हुए एक पत्र भेजा है. नगरपालिका के चुनावों के पहले पार्षदों की संख्या राज्य सरकार की अधिसूचना से तैयार की जाती है. इन बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए सरकार जल्द ही परिसीमन सम्बंधित अधिसूचना जारी कर सकती है. ऐसी स्थिति में छपरा का नगर निगम बनना तय हो जाएगा.
क्या है मापदंड
नगरपालिका अधिनियम 2007 के मुताबिक 2 लाख से अधिक जनसंख्या वाले निकायों को नगर निगम का दर्जा मिलता है. इसके लिए वार्ड पार्षदों की संख्या का भी निर्धारण किया गया है. दो लाख से पांच लाख तक की आबादी वाले नगर निगम में अधिकतम 57 पार्षद हो सकते हैं. जबकि पांच से दस लाख आबादी वाले नगर निगम में पार्षदों की संख्या अधिकतम 67 हो सकती है.
जनसंख्या के नए आंकड़ो के हिसाब से छपरा ने लगभग सभी मापदंड पूरे कर लिए हैं. 2001 में हुई जनगणना के अनुसार शहर की जनसंख्या 179190 थी वहीं नए आंकड़ों के मुताबिक शहर की कुल जनसंख्या 202352 हो गई है. जो नगर निगम बनाए जाने के लिए पर्याप्त है. ऐसी स्थिति में नगर निकायों में परिसीमन के लागू होते ही सरकार छपरा को नगर निगम का दर्जा दे सकती है.