Chhapra: भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक और पंचकल्याणी पर्व श्रृंखला का अंतिम पर्व ‘भैया दूज’ आज मनाया गया. राहुकाल के बाद ही 1.08 बजे से शाम 4.36 मिनट तक शुभ मुहूर्त था. भाई बहन के अनमोल रिश्ते को लेकर महिलाये और युवतियां बड़े ही उल्लास के साथ भैया दूज का त्यौहार मनाती है.
भैया दूज के लिए भाइयों के साथ ही बहनों से एक दिन पहले ही तैयारी कर ली. इसके लिए भाइयों ने बहनों के लिए जहां उपहार खरीदे, वहीं बहनों ने भाइयों के लिए नारियल, खील, बताशे, मिठाई आदि की खरीदारी की. भाइयों ने भी बहनों के लिए उपहार आदि की खरीदारी की.
भैया दूज पर बहनें भाइयों को तिलक कर दीर्घायु और यशस्वी होने की कामना करती हैं और भाई रक्षा का वचन देते हैं. कहते हैं कि स्वयं यमराज भी अपनी बहन यमुना से टीका कराने यमनोत्री धाम पहुंचते हैं, इसलिए भैयादूज को यम के दरवाजे बंद रहते हैं.