Ayodhya: राम मंदिर निर्माण की तैयारियां जोरों पर है. आलम यह है कि विश्व हिंदू परिषद द्वारा चलाए जा रहे समर्पण अभियान के दौरान लोग भारी मात्रा में दान कर रहे हैं. हालात ये हो गए हैं कि खुद मंदिर निर्माण का कार्य कर रही श्री राम जन्‍मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट ने लोगों से और दान करने के लिए मना कर दिया है. हालांकि, यह मनाही सिर्फ चांदी के ईंटों के लिए किया गया है.

रामभक्त चांदी के ईंटों को दान जमकर कर रहे हैं. अभी तक करीब 400 किलो चांदी की ईंटें मिल चुकी हैं. इसको लेकर ट्रस्‍ट के सदस्‍य डॉ. अनिल मिश्र का कहना है कि इतनी चांदी की ईंटें हो गई हैं कि उन्‍हें सुरक्षित रखने की समस्‍या खड़ी हो गई. बैंक लॉकर्स भर गए हैं. ऐसे हम अपील करते हैं कि और ईंट का दान न करें.

एक ओर जहां ट्रस्ट के पास चांदी की ईटें रखने की जगह नहीं है, तो वहीं अयोध्या से चांदी की शिला दान करने की खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक, हाल ही में  आंबेडकर महासभा ट्रस्ट ने दलित समाज की ओर से राम मंदिर निर्माण के लिए चांदी की शिला का दान किया है.

राम मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश से दान दाताओं की संख्या बढ़ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,  पूरे देश से अबतक 1600 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिल चुका है. इसके लिए स्वयंसेवक घर-घर जाकर लोगों से समर्पण राशि ले रहे हैं. वहीं, लोगों की सुविधा के लिए ऑनलाइन भी दान देने की सुविधा दी गई है. इसके अलावा निर्माण की बात करें, तो नींव की खुदाई का काम शुरू हो गया है. बताया जा रहा है कि 39 महीने में राम मंदिर निर्माण पूरा कर लिया जाएगा.

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Kota: भारत मे देश का पहला ट्रैफिक सिग्नल मुक्त शहर बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है. कोटा में तैयार किया जा रहा चंबल रिवर फ्रंट जो बनेगा भारत का पहला ट्रैफिक सिग्नल मुक्त शहर.

कोटा शहर में करीब 700 करोड़ की लागत से तैयार किये जा रहे इस चंबल रिवर फ्रंट के तहत कोटा शहर को ट्रैफिक सिग्नल मुक्त करने की प्‍लानिंग है. इसके तहत जहां कोटा शहर को ट्रैफिक सिग्नल मुक्त किया जाएगा, वहीं यहां दुनिया की सबसे बड़ी घंटी लगाये जाने की भी तैयारियाँ कर ली गई हैं.

शहर के लिए ऐसी योजना बनाई गई है, जिससे सड़क पर चलने वाले वाहन चालकों को चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल की वजह से ठहरना नहीं पड़ेगा. इसके लिए चौराहों पर फ्लाईओवर और अंडरपास तथा एलिवेटेड रोड बनाये जाएंगे.

कोटा में इस प्रोजेक्ट के तहत गीता के श्लोकों पर आधारित स्कल्पचर्स के साथ ही हाड़ा रानी और पन्नाधाय की कहानी तथा सिंह और घड़ियाल के स्कल्पचर्स भी लगाये जाएंगे.

चंबल रिवर फ्रंट के किनारे माता चर्मण्यवती की 40 फीट ऊंची प्रतिमा लगाई जाएगी. सूत्रों की माने तो शहर को सुंदर बनाने के लिए इस योजना को जल्द से जल्द मूर्त रूप दिया जाएगा. जिसको लेकर तैयारी की जा रही है.

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कुत्तों को वफादार जानवर कहा जाता है. वह अपने मालिक के लिए किसी भी हद तक जा सकता है. यही कारण है कि लोग भी इस जानवर की सेवा भी पूरे मन से करते हैं. कई लोग तो इन्‍हें अपने परिवार का सदस्‍य तक मानते हैं.

इन दिनों एक ऐसा ही एक वफादार कुत्ता उत्तराखंड के चमोली में मिला जो अपने लापता मालिक की तलाश कई दिनों से कर रहा है.

आलम यह है कि वो पिछले कई दिनों से उसी टनल के बाहर बैठा है, जहां प्राकृतिक आपदा ने सबसे ज्‍यादा कहर बरपाया.

इस प्राकृतिक आपदा में सबसे अधिक प्रभावित चमोली जिले का रैणी गांव हुआ. वहां रहने वाले कई लोग इस हादसे में हताहत हुए हैं. इस भीड़ के कहीं एक कोने में आपदा के पहले दिन से ही अब तक एक बेजुबान बेबस और गुमसुम है. अपनों के इंतजार में इसकी आंखें टकटकी लगाए टनल और रेस्क्यू ऑपरेशन को लगातार देख रही हैं. अपने मालिक की गंध सूंघते हुए यह कई दिनों से टनल के बाहर खड़ा है.

कुत्ते ने अपने मालिक की याद में कई दिनों से नहीं खाया खाना

ऋषि गंगा नदी में आई आपदा के बीच जहां लोग अपनों को ढूंढ रहे हैं, तमाम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, कई लोग लापता हैं. उनके बीच एक कुत्ता घटना के पहले दिन से अपने किसी पहचान वाले को या अपने मालिक को ढूंढ रहा है. कहते हैं कि बीते कई दिनों से उसने खाना भी नहीं खाया है. रोजाना यहां मलबे में ये किसी अपने को ढूंढने की कोशिश करता है.

 

साभार: PBNS

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New Delhi: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राष्ट्रीय राजमार्गों पर शुल्क संग्रह प्लाज़ा की सभी लेन को 15 फरवरी/16 फरवरी 2021 की आधी रात से “शुल्क प्लाजा की फास्टैग लेन” के रूप में घोषित कर दिया जाएगा.

राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क नियम 2008 के अनुसार, कोई भी वाहन जिसमें फास्टैग नहीं लगा हुआ है अथवा, जिस वाहन में वैध, कार्यात्मक फास्टैग नहीं है, उसे शुल्क प्लाज़ा में प्रवेश करने पर उस श्रेणी के लिए निर्धारित शुल्क का दोगुना शुल्क के बराबर की राशि का भुगतान करना होगा.

एक बयान में, मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि डिजिटल मोड के माध्यम से शुल्क भुगतान को बढ़ावा देने, प्रतीक्षा समय और ईंधन की खपत को कम करने और शुल्क प्लाज़ा के माध्यम से एक आसान और निर्बाध मार्ग प्रदान करने के लिए ऐसा किया गया है. मंत्रालय ने 1 जनवरी 2021 से प्रभावी होने के साथ मोटर वाहनों के एम एंड एन श्रेणियों में फास्टैग को फिट करने का आदेश दिया था.

श्रेणी एम का अर्थ है, ’यात्रियों को ले जाने के लिए उपयोग किए जाने वाले कम से कम चार पहियों के साथ एक मोटर वाहन है. और श्रेणी एन का तात्पर्य है ‘एक मोटर वाहन जिसमें सामान ले जाने के लिए कम से कम चार पहिए हैं और जो सामान के अलावा व्यक्तियों को भी ले जा सकते हैं.

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आंध्र प्रदेश के कर्नूल में रविवार तड़के भीषण सड़क हादसा हुआ है. जिले के वेलढूर्ती मंडल के मधापुरम गांव के नजदीक एक मिनी बस लॉरी से जा टकराई जिसमें 14 लोगों की मौत हो गई है, जबकि कई लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं. घायलों में कम-से-कम चार की हालत नाजुक बनी हुई है.

पीएम मोदी ने हादसे पर जताया दुख

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की है. जानकारी के मुताबिक यह हादसा रविवार तड़के लगभग चार बजे हैदराबाद-बंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक मिनी बस डिवाइडर से टकराने के बाद सामने आ रही लॉरी से जा टकराई. मिनी बस में 18 लोग सवार थे.

अब तक केवल चार मृतकों की हो पाई पहचान

टक्कर इतनी जबर्दस्त थी कि मिनी बस पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई और 14 लोगों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया. शवों को क्रेन की मदद से निकाला गया. शव इतने क्षतिग्रस्त हालत में थे कि उन्हें पहचानने में मुश्किलें पेश आ रही हैं. अभी तक सिर्फ चार मृतकों की पहचान हो पाई है जिसमें यास्मिन (12), कासिम (14), आस्मा (36) और मुस्ताक (42) शामिल हैं. सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है.

सभी मृतक एक ही परिवार के

मरने वाले सभी एक ही परिवार के बताये जा रहे हैं. इनकी पहचान चित्तूर जिले के मदनपल्ले निवासी के रूप में हुई है. ये सभी एक मिनी बस में सवार होकर अजमेर शरीफ के लिए निकले थे. पुलिस की तरफ से मृतक के परिजनों को हादसे की जानकारी दे दी गयी है.

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Chennai: चेन्नई में एक समारोह के दौरान सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे को पहला स्वदेशी अर्जुन मार्क- 1ए मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) सौंपा.

इस टैंक को डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है. गौरतलब हो बीते साल जैसलमेर सीमा पर जवानों के साथ दीपावली मनाने के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जुन टैंक पर सवारी की थी, तभी लम्बे समय से लंबित चले आ रहे अर्जुन एमके-1ए टैंक के जल्द ही पूरा होने के संकेत मिल गए थे.

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New Delhi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को चेन्नई में एक समारोह के दौरान सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे को पहला स्वदेशी अर्जुन मार्क- 1ए मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) सौंपेंगे.

बता दें इस टैंक को डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है। गौरतलब हो बीते साल जैसलमेर सीमा पर जवानों के साथ दीपावली मनाने के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी ने अर्जुन टैंक पर सवारी की थी, तभी लम्बे समय से लंबित चले आ रहे अर्जुन एमके-1ए टैंक के जल्द ही पूरा होने के संकेत मिल गए थे. उसी समय उन्होंने ‘लोकल फॉर वोकल’ का साफ संदेश भी दिया था.

अर्जुन एमबीटी के अंतिम बैच के उत्पादन के लिए औपचारिक रूप से आदेश देने का रास्ता हो जाएगा साफ

इसी के साथ 6,600 करोड़ रुपये के अर्जुन एमबीटी के अंतिम बैच के उत्पादन के लिए औपचारिक रूप से आदेश देने का रास्ता साफ हो जाएगा. मुख्य बैटल टैंक (एमबीटी) अर्जुन कॉम्बैट वाहन अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (सीवीआरडीई) के साथ डीआरडीओ का एक बहु-प्रयोगशाला कार्यक्रम है, जिसमें मुख्य प्रयोगशाला है. यह बेहतर अग्नि शक्ति, उच्च गतिशीलता और उत्कृष्ट सुरक्षा के साथ एक अत्याधुनिक टैंक है. एमबीटी अर्जुन के बारह एमके 1 प्रोटोटाइप का निर्माण किया गया है और उनके प्रदर्शन परीक्षणों ने संतोषजनक परिणाम प्रदान किए हैं. MBT अर्जुन के विकास के दौरान CVRDE द्वारा हासिल की गई कुछ सफलताएं इंजन, ट्रांसमिशन, ह्य्द्रोपन्यूमाटिक सस्पेंशन, सस्पेंशन, हल और टुर्रेट और गन कंट्रोल सिस्टम में हैं.

सैनिकों के साथ लोंगेवाला में दिवाली मना ने गए पीएम मोदी ने इसी टैंक पर की थी सवारी

अर्जुन टैंक को डीआरडीओ के कॉम्बैट व्हीकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (सीवीआरडीई) ने डिजाइन किया है. डीआरडीओ के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी प्रधानमंत्री मोदी को पहला अर्जुन मार्क – 1ए सौंपेंगे. टैंक का निर्माण ऑर्डिनेंस फैक्टरी बोर्ड (ओएफबी) के हेवी व्हीकल फैक्ट्री अवाडी द्वारा किया जाएगा. सरकार से अनुबंध पर हस्ताक्षर होने के 30 महीनों के भीतर पांच एमबीटी का पहला बैच सेना को सौंप दिया जाएगा.

अर्जुन युद्धक टैंक पूरी तरह से स्वदेश निर्मित है जिसे पहली बार 2004 में अर्जुन टैंक को भारतीय सेना में शामिल किया गया था. मौजूदा समय में सेना के पास 124 अर्जुन टैंक की दो रेजिमेंट हैं, जिन्हें जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान की सीमा पर तैनात किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी जब नवम्बर में सैनिकों के साथ दिवाली मना ने पाकिस्तान से लगी जैसलमेर (राजस्थान) के लोंगेवाला सीमा पर गए थे तो उन्होंने जिस अर्जुन टैंक की सवारी की थी, उसी का यह उन्नत संस्करण एमके-1ए है.

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New Delhi: दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में शुक्रवार रात करीब 10:34 में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके पंजाब, हरियाणा, हिमांचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली में महसूस किए गए.

भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.1 मापी गयी. इसका केंद्र  तजाकिस्तान में था.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार शाम दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए बिहार में रोजगार को लेकर बड़ा दिया. उन्होंने कहा कि बिहार में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. चाहे वो सरकारी हो या गैरसरकारी क्षेत्र दोनों में अवसर बढ़ेंगे. लोगों को मौका मिलेगा. हम उसी दृष्टिकोण से काम कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हम लोगों ने जो कहा है उसे सिद्ध किया है. एक सवाल के जवाब में कहा कि जब हम लोगों को मौका मिला, उसके पहले के लोग कहां किसी को रोजगार देते थे. अब कितने लोगों को रोजगार मिला है आप देख सकते हैं. चाहे वो सरकार क्षेत्र हो या कुछ और.

सीएम नीतीश ने कहा कि आप बिहार पुलिस में महिलाओं की भागीदारी की स्थिति देखिए. आज क्या स्थिति है. बिहार में जनप्रतिनिधियों में भी महिलाओं की स्थिति देखिए. किसी से किसी से छिपा नहीं है. कहा कि आज कल इन दिनों पॉजिटिव चीजों को किनारे कर के कुछ कुछ करता है. वो जब 15 साल रहे थे तो कुछ किए थे?

पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सीएम नीतीश ने कहा कि यह औपचारिक मुलाकात थी. सीएम ने कहा कि सड़क से लेकर अन्य कई चीजों में केंद्र की महत्वपूर्ण भूमिका है और इस पर पहले से बातचीत होती रही है. लेकिन प्रधानमंत्री से आज की मुलाकात औपचारिक मुलाकात थी. उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव के बाद मुझे आकर मिलना ही था, उसी को लेकर आये हैं. कोरोना से पहले भी हम दिल्ली आये थे. अब तो आने-जाने की शुरुआत हो गयी है.

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New Delhi: राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के चार सदस्य गुलाम नबी आजाद, शमशेर सिंह, मीर मोहम्मद फैयाज और नजीर अहमद का कार्यकाल आज समाप्त हो गया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राज्यसभा में चारों सदस्यों के साथ कार्यकाल समाप्ति के बाद विदाई देते हुए भावुक हो उठे। जिसके बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद भी अपने विदाई भाषण में भावुक हो गये। इस दौरान उन्होंने कश्मीर से आतंकवाद के खात्मे की कामना की और कहा कि वो खुश किस्मत हैं कि उन्हें पाकिस्तान जाने का मौका नहीं मिला। उन्हें एक हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर गर्व है।

भारतीय मुसलमान होने पर गर्व
राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य नेताओं के विदाई वक्तव्य के बाद गुलाम नबी आजाद ने अपने संबोधन में कहा कि उनका जन्म जम्मू में हुआ लेकिन उनकी शिक्षा कश्मीर में हुई। उन्होंने वह दौर भी देखा है जब वहां पाकिस्तान की आजादी के दिन 14 अगस्त को जश्न मनाया जाता था। तब वह उन गिने-चुने लोगों में से होते थे जो भारत का गणतंत्र दिवस मनाते थे। आज वह जब पाकिस्तान की ओर देखते हैं तो उन्हें भारतीय मुसलमान होने पर गर्व महसूस होता है।

सौभाग्यशाली हूं, जो कभी पाकिस्तान नहीं गया
आजाद ने कहा, “मैं कभी पाकिस्तान नहीं गया और मुझे लगता है कि मैं भाग्यशाली हूं। मैं उन सौभाग्यशाली लोगों में से हूं, जो कभी पाकिस्तान नहीं गए। जब मैं पाकिस्तान में परिस्थितियों के बारे में पढ़ता हूं, तो मुझे हिंदुस्तानी मुसलमान होने पर गर्व महसूस होता है।” आजाद ने अपने भाषण में उन क्षणों का जिक्र किया जब वह संजय गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के निधन पर बहुत रोए थे। ओडिशा में बाढ़ के दौरान हालात देखकर और जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में गुजरात के लोगों की मौत पर भी वह बहुत रोए थे। गुजरात के लोगों पर आतंकी हमले का जिक्र आते ही वह भावुक हो गए और कहा कि आज वह यही दुआ करते हैं कि इस देश से आतंकवाद खत्म हो जाए।

उजड़े आशियाने के लिए फिर से प्रयास करना होगा
कश्मीरी पंडितों का जिक्र करते हुए आजाद ने कहा कि उजड़े आशियानों के लिए आज हमें फिर से प्रयास करना है। उन्होंने कहा, “गुजर गया वो जो छोटा सा एक फसाना था, फूल थे चमन था आशियाना था। न पूछ उजड़े नशेमन की दांस्तां, मत पूछ कि चार तिनके थे लेकिन आशियाना तो था।” उन्होंने सदन से अलग होने के बाद भी मिलते रहने तथा याद किए जाने को लेकर आशा व्यक्त करते हुए कहा, “दिल ना उम्मीद तो नहीं, नाकाम ही तो है, लम्बी है गम की शाम, मगर शाम ही तो है।”

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New Delhi: राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और अन्य तीन सदस्यों के कार्यकाल समाप्ति के बाद विदाई दी गयी. जम्मू-कश्मीर के चार सदस्य गुलाम नबी आजाद, शमशेर सिंह, मीर मोहम्मद फैयाज और नजीर अहमद का कार्यकाल समाप्त हो गया.

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुलाम नबी आजाद के कार्यकाल को याद कर भावुक हो उठे. उन्होंने एक वाकया याद करते हुए गुलाम नबी आजाद की कर्तव्य निष्ठा और मानवीय संवेदनाओं को सलाम किया. इस अवसर पर अपने विदाई संदेश में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अपने अनुभव और विचारों से उन्हें आने वाले समय में भी सहयोग देते रहेंगे, ऐसी वह कामना करते हैं.

प्रधानमंत्री ने संबोधन की शुरुआत में कहा “सदन में जीवंतता लाने वाले और सदन के माध्यम से जनसेवा में रत, ऐसे चार हमारे साथी, कार्यकाल पूरा होने पर, नए कार्य की ओर प्रवृत्त हो रहे हैं.”

पीएम मोदी ने इन चारों सदस्यों की राज्यसभा से विदाई के मौके पर कहा “इस सदन की शोभा बढ़ाने के लिए, आपके अनुभव और ज्ञान का सदन और देश को लाभ देने के लिए और अपने क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए जो आपने कार्य किया है, उसके लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं.”

नेता-प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के साथ अपने संस्मरणों को बताते हुए सदन में भावुक हुए प्रधानमंत्री

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेता-प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की विदाई के मौके पर सदन को संबोधित किया. उस दौरान उन्होंने कहा कि पद और सत्ता जीवन में आते रहते हैं, पर उसको पचाना… ये कहकर प्रधानमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को सलाम किया और भावुक हो गए.

गुलाम नबी जी का घटना और अनुभवों के आधार पर मैं आदर करता हूं

पीएम मोदी ने कहा, “गुलाम नबी जी का घटना और अनुभवों के आधार पर मैं आदर करता हूं. मुझे पूरा विश्वास है, उनकी सौम्यता, उनकी नम्रता, देश के लिए कुछ कर गुजरने की उनकी कामना, वो कभी उनको चैन से बैठने नहीं देगी. वे जहां भी, जो भी दायित्व संभालेंगे, देश उससे लाभान्वित होगा.

एक आतंकी घटना के बाद, गुलाम नबी आजाद के साथ फोन पर हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए भावुक हुए पीएम

प्रधानमंत्री जम्मू-कश्मीर में एक आतंकी घटना के बाद, गुलाम नबी आजाद के साथ फोन पर हुई चर्चा का उल्लेख करते हुए सदन में भावुक हो गए. उन्होंने कहा कि घटना के बाद, गुलाम नबी जी ने परिवार के सदस्यों की जैसी चिंता की जाती है, वैसे ही गुजरात के उन यात्रियों की चिंता की.

गुलाम नबी आजाद की इस बात को याद कर सदन में भावुक हुए पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन को बताया कि जब गुलाम नबी आजाद एक मुख्यमंत्री थे तब मैं भी एक राज्य के मुख्यमंत्री के नाते काम करता था. उस काल खंड में हमारी बहुत गहरी निकटता रही है. शायद ही कोई ऐसी घटना मिल सकती है जिसमें कि हमारे बीच कोई सम्पर्क सेतु न रहा हो. एक बार जम्मू कश्मीर में गुजरात के यात्रियों पर आतंकियों ने हमला कर दिया. उस घटना में करीब 8 लोग मारे गए थे. सबसे पहले गुलाम नबी जी का मुझे फोन आया.

वह फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था. फोन पर उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। उस समय प्रणब मुखर्जी रक्षा मंत्री थे मैंने उन्हें फोन किया और शवों को फोर्स के हवाई जहाज से लाने का आग्रह किया. देर रात प्रणब मुखर्जी ने मुझे कहा कि मैं व्यवस्था करता हूं आप इसकी चिंता मत कीजिए. इसके बाद मुझे फिर से गुलाम नबी जी का फोन आया वे उस रात को एयरपोर्ट पर थे. मैंने देखा जैसे कोई अपने परिवार की चिंता कर रहा हो ठीक वैसी चिंता मुझे उनमें दिखाई दी.

प्रधानमंत्री ने कहा, “पद और सत्ता जीवन में आती-जाती रहती है लेकिन उसे कैसे पचाना है…( उन्होंने हाथ से सालाम किया).”

एकबार गुलाम नबी आजाद ने पत्रकारों को कहा था कि हम सब एक परिवार की तरह हैं

प्रधानमंत्री ने एक और वाकया याद किया और बताया कि संसद में एकबार उनके साथ आजाद जी ने पत्रकारों को कहा था कि हम सब एक परिवार की तरह हैं. प्रधानमंत्री ने बताया कि उनकी ही सलाह पर कोरोना काल में उन्होंने सभी पार्टी के नेताओं की बैठक बुलाई थी.

ऐतिहासिक क्षण जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भी साक्षी बने ये चार नेता

प्रधानमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से आने वाले ये चार नेता अपने कार्यकाल के दौरान एक ऐतिहासिक क्षण जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के भी साक्षी बने हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह चारों सदस्यों की सदन की शोभा बढ़ाने, उसे जीवंत बनाने और यहां रहकर समाज सेवा में योगदान करने के लिए वह सभी का धन्यवाद करते हैं.

उन्होंने कहा कि मीर मोहम्मद फैयाज और नजीर अहमद ने कई बार उन्हें कश्मीर की वास्तविक स्थिति और समस्याओं से अवगत कराया है. वहीं शमशेर सिंह के साथ उनका पुराना नाता रहा है और वह उनके साथ कार्यकर्ता रहते हुए स्कूटर पर भी घूमे हैं.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राज्यभा में अपने भाषण में कहा कि कृषि कानून अच्छे कानून हैं और इन्हें लागू करने का यह सही समय है. उन्होंने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की और कहा कि ‘आंदोलनकारियों को समझाते हुए देश को आगे ले जाना होगा. आओ मिलकर चलें. अच्छा कदम है, किसी न किसी को करना था. मैंने किया है, गालियां मेरे हिस्से में जा रही हैं, जाने दो. कृषि मंत्री लगातार काम कर रहे हैं. एक-दूसरे को समझने-समझाने की जरूरत है.’


PM ने कहा कि ‘किसान आंदोलन कर रहे हैं और यह उनका हक है लेकिन वहां बुजुर्ग बैठे हुए हैं, अच्छी बात नहीं है. उन्हें वापस ले जाइए. हम मिलकर बैठकर बात करेंगे. मैं बार-बार कह रहा हूं. हम सब मिल-बैठकर बात करने को तैयार हैं. मैं आज सदन से भी निमंत्रण देता हूं. पीएम ने किसानों को आश्वासन भी दिया कि ‘MSP था, MSP है और MSP रहेगा. हमें भ्रम नहीं फैलाना चाहिए.’

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