कोरोना काल में भी शिक्षा से वंचित नहीं हुए भारतीय विद्यार्थी: पोखरियाल

कोरोना काल में भी शिक्षा से वंचित नहीं हुए भारतीय विद्यार्थी: पोखरियाल

नई दिल्ली (हि.स.): केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने सोमवार को यूनेस्को के मंत्री स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में भी भारतीय विद्यार्थी शिक्षा से वंचित नहीं हुए हैं।

केंद्रीय मंत्री पोखरियाल आज वर्चुअल माध्यम से संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, यूनेस्को के सदस्य देशों के शिक्षा मंत्रियों एवं गणमान्य प्रतिनिधियों के बीच वर्तमान परिप्रेक्ष्य में शिक्षा के समक्ष आने वाली चुनौतियों एवं किसी भी विद्यार्थी को पीछे नहीं छोड़ने की रणनीति पर भारत द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में चर्चा कर रहे थे।

पोखरियाल ने कहा कि कोरोना काल में जब देश भर के तमाम स्कूल-कॉलेज बंद थे। ऐसी विषम परिस्थितियों में भारत में न केवल वर्चुअल माध्यम से शैक्षणिक गतिविधियां जारी रहीं बल्कि यह भी सुनिश्चित किया गया कि देश के सुदूर हिस्सों में रहने वाले हर बच्चे को शिक्षा प्राप्त होती रहे। हमने डिजिटल, टेलीविज़न, रेडियो का इस्तेमाल किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे।
उन्होनें सभी प्रतिनिधियों को बताया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक शैक्षणिक इको-सिस्टम है। यहां पर 340 मिलियन बच्चे पढ़ रहे हैं जो कई देशों की पूरी आबादी से भी अधिक है। भारत में 11 मिलियन शिक्षक कार्यरत हैं। देश में 1.5 मिलियन स्कूल, 42 हजार कॉलेज और 1,043 विश्वविद्यालय हैं और हमारे स्कूलों से हर साल 15 मिलियन छात्र अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी करते हैं। वार्षिक तौर पर, भारत में 8.2 मिलियन स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्रियां और लगभग 39 हजार पीएचडी प्रदान की जाती है।

इसके बाद उन्होंने पीएम ई-विद्या योजना के बारे में विस्तार से बताया और इसके अलावा अन्य योजनाओं जैसे कि दीक्षा प्लेटफॉर्म के तहत “एक राष्ट्र एक डिजिटल” प्लेटफ़ॉर्म, स्वयं पोर्टल, स्वयं प्रभा टीवी चैनल (एक कक्षा एक चैनल) के बारे में बताया जिसमें डिजिटल संसाधनों से वंचित छात्रों के लिए प्रदान की गई।
पोखरियाल ने कहा, भारत वसुधैव कुटुम्बकम (विश्व एक परिवार है) में विश्वास करता है और यदि आवश्यक हो, तो अफ्रीका में, कैरिबियन में, एशिया में, हमारे भाइयों और बहनों के साथ भारतीय स्कूलों की ही तरह उच्च मानकों पर स्कूल पाठ्यक्रम निर्धारित करने में सहायता करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि जैसा कि आप जानते हैं कि भारतीय स्कूल शिक्षा प्रणाली गणित, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और मानविकी में बहुत अच्छी है।

केंद्रीय मंत्री ने सभी को इस महामारी के बीच शिक्षा सुधार के लिए लाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बारे में भी विस्तार से बताया।

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