नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कमी करने के फैसले को वापस ले लिया है। सरकार ने कल बुधवार को ही इन ब्याज दरों में कमी करने का फैसला लिया था, लेकिन आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट करके इस फैसले को वापस लेने की जानकारी दी। इस ट्वीट में ये भी साफ किया गया है कि छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में कमी करने का फैसला गलती से जारी हो गया था।
Interest rates of small savings schemes of GoI shall continue to be at the rates which existed in the last quarter of 2020-2021, ie, rates that prevailed as of March 2021.
Orders issued by oversight shall be withdrawn. @FinMinIndia @PIB_India— Nirmala Sitharaman (@nsitharaman) April 1, 2021
निर्मला सीतारमण ने आज अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि भारत सरकार की छोटी बचत योजनाएं उसी दर पर कायम रहेंगी, जिनपर वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम तिमाही में थीं। अपने ट्वीट में वित्त मंत्री ने इस बात का उल्लेख किया है कि ब्याज दरों में कटौती के गलती से जारी हुए आदेश को वापस लिया जा रहा है। इसके पहले वित्त मंत्रालय ने ऐलान किया था कि 1 अप्रैल 2021 से छोटी बचत योजनओं में ब्याज दरों में कटौती की जाएगी। मंत्रालय ने अपने बयान में ये भी कहा था कि दरों में यह कटौती पूरी वित्तीय प्रणाली में दरों में हुए बदलाव को ध्यान में रखकर की गयी है।
वित्त मंत्रालय ने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) के ब्याज दर में कटौती करके इसे सालाना 7 फीसदी से नीचे 6.4 फीसदी पर तय किया था। जबकि इससे पहले पीपीएफ पर ब्याज दर 7.1 फीसदी थी। अगर नई ब्याज दरें लागू हो जातीं तो साल 1974 के बाद पहली बार पीपीएफ पर सरकार की ओर से जमाकर्ताओं को इतना कम ब्याज दर मिलता। पीपीएफ पर मिलने वाली 6.4 फीसदी ब्याज दर पिछले 47 साल में सबसे कम थी।
केंद्र सरकार ने ब्याज दरों में सबसे ज्यादा कटौती 1 साल के टाइम डिपॉजिट पर की थी। इसके ब्याज दरों में 1.1 फीसदी की कटौती कर दी गई थी। सरकार के फैसले के मुताबिक एक साल के टाइम डिपोजिट पर मिलने वाले ब्याज दर को 5.4 फीसदी से घटाकर 4.4 फीसदी कर दिया था। इसी तरह 2 से 5 साल तक के रेकरिंग डिपोजिट (आरडी) पर मिलने वाले ब्याज दर में 0.5 फीसदी की कटौती की थी। नई दरों के लागू हो जाने के बाद इन पर 5 फीसदी से लेकर 6.2 फीसदी तक का ब्याज मिलता, जो पहले 5.5 फीसदी से 6.7 फीसदी तक मिलता था। बुजुर्गों के लिए बचत योजनाओं (सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम) पर भी ब्याज दरों में कटौती का बुरा असर पड़ता। उन्हें नई ब्याज दरों के मुताबिक 7.4 फीसदी की जगह 6.5 फीसदी ब्याज ही मिलता।
इसी तरह किसान विकास पत्र पर 6.9 फीसदी की जगह 6.2 फीसदी ब्याज तय किया गया था। वहीं सुकन्या समृद्धि योजना पर मिलने वाले ब्याज को 7.6 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया गया था। जबकि नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) पर मिलने वाले ब्याज दर को 6.8 फीसदी से घटाकर 5.9 फीसदी कर दिया गया था। हालांकि अब इन फैसलों का आम लोगों पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि एक दिन में ही सरकार ने अपना फैसला बदल दिया है।
उल्लेखनीय है कि पिछले एक साल की अवधि में ऐसा दूसरी बार हुआ है जबकि केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं के ब्याज दरों में कटौती की है, लेकिन इस बार सिर्फ एक दिन बाद ही सरकार ने अपना फैसला पलट दिया।
हिन्दुस्थान समाचार
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