Chhapra: सरकार से प्राइवेट स्कूलों को खोलवाने की मांग को लेकर प्राइवेट स्कूल एंड वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले प्राइवेट स्कूल के संचालकों ने शहर के नगरपालिका चौक पर धरना दिया.


VIDEO

इस दौरान एसोसिएशन की अध्यक्ष सीमा सिंह ने कहा कि हर क्षेत्र को सरकार ने अब लगभग खोल दिया है पर स्कूलों को बंद रखा है. जिससे छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है. साथ ही प्राइवेट स्कूलों के संचालक और शिक्षक आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे है. जिसको लेकर सरकार से जल्द से जल्द प्राइवेट स्कूलों को खोलवाने का आग्रह किया गया है.

वही सचिव डॉ हरेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार के द्वारा जारी कोविड दिशानिर्देशों का पालन करते हुए सभी क्षेत्रों को जैसे अनुमति मिली है वैसे ही विद्यालयों को खोलने की भी अनुमति दी जाय. अगर ऐसा नही किया जाता है तो 2 जनवरी से राष्ट्रव्यापी आंदोलन करने पर शिक्षक मजबूर होंगे.

RDS स्कूल के निदेशक जगदीश सिंह ने कहा कि सरकार शिक्षा को लेकर गंभीर नहीं है. जब सभी संस्थान covid दिशानिर्देशों को पालन कर चल सकती है तो विद्यालयों को ना खोलना कहा तक उचित है. इससे ऐसा प्रतीत होता है की सरकार के पास शिक्षा को लेकर कोई नीति नहीं है. उन्होंने सरकार से इस ओर सार्थक कदम उठाने की मांग की. 

हैजलवुड स्कूल के निदेशक बीo सिद्धार्थ ने कहा कि शिक्षण संस्थानों और बच्चों के भविष्य को देखते हुए प्रोटोकॉल बनाकर शिक्षण संस्थानों को खोलने की अनुमति सरकार को देनी चाहिए.

इस दौरान एसोसिएशन से जुड़े विभिन्न विद्यालयों के संचालक और शिक्षक उपस्थित थे.

ये हैं मांग  

1. केंद्र सरकार ने अपने आदेश संख्या 40-3/2020-DM-I(A) दिनांक 30 सितम्बर 2020 के कंडिका संख्या 1(a), 1(b), 1(c),1(d) एवं 1(f) के माध्यम से विद्यालयों को खोलने हेतु एवं उससे सम्बंधित नियमावली का वर्णन करते हुए कंडिका 1(e) के तहत सभी राज्य सरकारों को दिशानिर्देश देते हुए हर राज्य में दिशानिर्देश जारी करने का आग्रह किया है। उपरोक्त पत्रांक के आलोक में राज्य सरकार के द्वारा इस विषय में अभी तक कोई भी दिशानिर्देश पारित नहीं किया गया है। अतः आपसे विनम्र निवेदन है की जल्द से जल्द विद्यालयों को भौतिक रूप से संचालित करने की घोषणा की जाये।

2. वेतन के अतिरिक्त हर विद्यालय के अन्य आवश्यक मासिक खर्चों में बिल्डिंग का लोन / किराया, बैंक के लोन की मासिक किस्त, मेंटेनेंस आधारित खर्चे, गाड़ियों की ईएमआई, बिजली का बिल के अलावा सभी व्यवसायिक टैक्स जिसमें कोई छूट नहीं दी गई है, वे सभी शामिल हैं। जिससे प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधक,शिक्षक एवं कर्मचारी अत्यंत मानसिक तनाव में हैं। जो अब बेहद जानलेवा लगने लगा है। पिछले नौ महीने क़ेअंदर सभी शैक्षणिक कार्यो से जुड़े लाख़ों लोग बेरोजगार हो गये हैं। जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है अतः आपसे विनम्र निवेदन है की इस कोरोना अवधि में उपरोक्त वर्णित टैक्स की राशि को माफ़ करने हेतु उचित दिशानिर्देश पारित करें।

3. बिजली का बिल , ट्रांसपोर्ट में लगने वाले विभिन्न प्रकार के टैक्स को माफ किया जाए एवं बैंक के ईएमआई पर लगने वाले ब्याज को नहीं लिया जाए। सरकार की ओर से कोई दिशानिर्देश न होने की वजह से अभिभावकों एवं विद्यालय के बीच तनाव उत्पन्न हो रहा हैं। क्यूँ की मार्च महीने से किसी भी निजी विद्यालय ने अभिभावकों से वाहन शुल्क नहीं लिया है परन्तु बिहार सरकार की तरफ से ट्रांसपोर्ट टैक्स , बिजली का बिल , इन्शुरेन्स शुल्क निरंतर लिया जा रहा है । उक्त परिस्थिति देखते हुए सभी निजी विद्यालय संचालकों में असंतोष की स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। अतः आपसे विनम्र निवेदन है की ट्रांसपोर्ट टैक्स एवं वाहनों के इन्शुरेन्स को माफ़ करने हेतु दिशानिर्देश पारित करें।

4. गत कई वर्षों से शिक्षा के अधिकार की राशि आज तक निजी विद्यालयों को नहीं दी गयी है। जबकि वर्ष दर वर्ष सभी निजी विद्यालयों ने सरकार के शिक्षा निति के अनुसार अपने अपने विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार के तहत विद्यार्थियों को निरंतर शिक्षा प्रदान की है परन्तु अनेको पत्रांक भेजने के बावजूद आज तक शिक्षा के अधिकार का पैसा सरकार के द्वारा निजी विद्यालयों को मुहैया नहीं करवाया गया है। अतः आपसे विनम्र निवेदन है की जल्द से जल्द शिक्षा के अधिकार की राशि सभी निजी विद्यालयों को निर्गत करने हेतु उचित दिशानिर्देश बिहार राज्य के शिक्षा विभाग को देने की कृपा करें।

5. कोरोना महामारी अवधि में बजट निजी विद्यालय जो किराये के भवनों में संचालित है मार्च महीने से विद्यालय बंद हो जाने के कारण उन सभी निजी विद्यालयों का भवन का किराया बकाया है जिसे निजी विद्यालय संचालक चुकता करने में असमर्थ है। अत: विनम्र निवेदन है की सभी निजी विद्यालयों के भवनों का किराया माफ़ करने हेतु उचित दिशानिर्देश जारी करने की कृपा करे।

6. राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार के आदेशानुसार मार्च महीने से ही निजी विद्यालय बंद है एवं ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन एवं शिक्षक , शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों का वेतन निरंतर दिया जा रहा है। परन्तु मार्च महीने से निजी विद्यालयों में विद्यालय शुल्क लगभग ना के बराबर अभिभवकों के द्वारा दिया जा रहा है जिसके फलस्वरूप करीब करीब सभी निजी विद्यालय दिवालिया हो चुके है। अतः आपसे विनम्र निवेदन है की निजी विद्यालयों को पुनर्स्थापना हेतु उचित पैकेज की घोषणा की जाये ताकि लाखों शिक्षक , शिक्षिकाओं एवं कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में जाने से बच सके साथ ही विद्यार्थियों को भी ऑनलाइन शिक्षा का लाभ निरंतर मिल सके।

7. वही राज्य के सभी सरकारी एवं गैरसरकारी संस्थान पूर्णतः कार्यरत हुए काफ़ी समय हो चुका है। ऑनलाइन कक्षाओं में विद्यार्थियों को मोबाइल के द्वारा ऑनलाइन कक्षा में पढ़ाई करने में भी अनेको चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जिसके फलस्वरूप निजी विद्यालयों में तनाव का माहौल बना रह रहा है। हम सभी को पूर्ण विश्वास है की आपके द्वारा केंद्र सरकार के पत्रांक के आलोक में निजी विद्यालयों को संचालित करने हेतु समुचित मार्गदर्शन जल्द ही आपके कार्यालय द्वारा पारित किया जाएगा।

8. हमारे निवेदन की इस भयावह परिस्थिति पर शीघ्र संज्ञान लेते हुए आप सरकारी स्कूलों में प्रति बच्चा प्रतिमाह खर्च के आधार पर प्रत्येक प्राइवेट स्कूलों को उसके बच्चों की संख्या अनुसार विद्यालय अकाउंट में एक वर्ष का विशेष आर्थिक सहायता राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान बनाकर अतिशीघ्र सहायता राशि सभी निजी विद्यालयों को उपलब्ध कराने का कष्ट करें ताकि विद्यालय के सभी शिक्षक एवं गैर शैक्षणिक कार्यो से जुड़े सभी कर्मचारियों का वेतन दिया जा सके। हम सबों को आप पर पूर्ण विश्वास है कि आप प्राइवेट स्कूलों के प्रबंधकों, शिक्षकों एवं विद्यालय से जुड़े कर्मचारियों का कष्ट निवारण अति शीघ्र कर उन्हें एवं उनके परिजनों को मानसिक तनाव और भुखमरी से बाहर निकालेंगे।

0Shares

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में सोमवार को कुलपति डॉ फारुक अली ने सभी बीएड महाविद्यालय के प्राचार्यों के साथ बैठक की.

बैठक में प्राचार्यों ने 4 दिसंबर से बीएड द्वितीय वर्ष की कक्षाओं के प्रारंभ होने की सूचना दी. कुलपति ने सभी प्राचार्यों से कक्षा की रूटीन देने को कहा. बैठक में प्राचार्यों ने एम एड की पढ़ाई की भी मांग की. क्योंकि एम एड नहीं होने से विद्यार्थियों में बी एड में उतना रुचि नहीं रहती है.

कुलपति ने कहा कि बी एड और एम एड के लिए सलाहकार समिति बनाकर उसको लागू करेंगे. महत्वपूर्ण कोर्स को चिन्हित
करने के लिए समिति बनाकर दें. बीएड प्रथम वर्ष की कक्षाएं यथाशीघ्र प्रारंभ होंगी. कक्षाएं ऑफ लाइन एवम् ऑनलाइन दोनों होंगी.

बैठक में महाविद्यालय निरीक्षक साइंस डॉक्टर ए के झा, डॉ आर पी श्रीवास्तव, प्रो अनिल कुमार सिंह परीक्षा नियंत्रक, सीसीडीसी प्रो हरीश चंद, डॉ अवधेश, शिशिर कुमार, अभिजीत कुमार, इंद्रमणि तिवारी आदि उपस्थित थे.

0Shares

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के इतिहास में यह पहला अवसर है जब भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से कोर रिसर्च ग्रांट योजना के तहत अनुदान मिला है.

जयप्रकाश विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग के सहायक प्रोफ़ेसर डॉ. होशियार सिंह एवं डॉ. विद्याधर सिंह के शोध प्रोजेक्ट को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार के विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड द्वारा तीन वर्षों के लिए वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई.

यह रिसर्च प्रोजेक्ट प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नैनो क्रोमाइट्स के मैग्नीटो-डाईइलेक्ट्रिक गुणों को भिन्न-भिन्न डोपिंग द्वारा विकसित करने पर आधारित है. इस अनुसंधान के तहत अलग अलग नैनो क्रोमाइट को बनाते हुए उनके चुम्बकीय तथा विद्युतीय गुणों का विभिन्न पहलुओं से अध्ययन किया जाएगा जो कि आधुनिक प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रभाव में इन पदार्थों की उपयोगिता को सिद्ध करेगा.

इस रिसर्च प्रोजेक्ट से शोध छात्रों को नए अवसर प्रदान होंगे तथा आने वाले समय में विश्वविद्यालय को नेक एक्रीडेशन में भी फ़ायदा मिलेगा. भौतिक विभाग की इस उपलब्धि पर कुलपति, प्रतिकुलपति, डीन साइंस, रजिस्ट्रार, विभागाध्यक्ष, सीसीडीसी तथा अन्य प्रोफेसरों ने ख़ुशी जतायी तथा कहा कि यह रिसर्च प्रोजेक्ट अन्य शिक्षकों को भी रिसर्च करने के लिए प्रेरित करेगा.

0Shares

Chhapra: कुलपति प्रो फारुक अली की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमें वनस्पति विज्ञान के अध्यक्ष डॉक्टर सरफराज अहमद,  प्राध्यापक डॉक्टर ए के झा, जंतु विज्ञान के अध्यक्ष डॉक्टर रविन्द्र कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक प्रो अनिल कुमार सिंह, सीसीडीसी एवम् समन्वयक राष्ट्रीय सेवा योजना प्रो हरीश चंद आदि उपस्थित हुए.

बैठक में निर्णय हुआ कि एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लाक के अंदर पौधे हैं,उनकी पहचान करके उनका बोटेनिकल नाम लिखकर प्लास्टिक टैगिंग किया जाएगा. इस कार्य को करवाने की जिम्मेदारी बॉटनी के अध्यक्ष डॉ सरफराज अहमद एवम् डॉ ए के झा, महाविद्यालय निरीक्षक को दिया गया. 

साथ ही विश्वविद्यालय के सभी वृक्षों का ग्रीन सेंसस करवाया जाएगा और उन्हें पहचान कर उनके नाम एवम् बोटेनिकल नाम को उनके ऊपर पेंटिंग किया जाएगा. जानकारी पीआरओ प्रो हरीश चंद ने दी. 

0Shares

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के महाविद्यालयो के लड़कियों से मनमाने ढंग से नामांकन शुल्क तथा परीक्षा शुल्क गरीब छात्र-छात्राओं से वसूली किया जा रहा है. जबकि राज्य सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि लड़कियों को प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक निशुल्क शिक्षा देना है. इस आशय की जानकारी छात्र संगठन आरएसए के विवेक कुमार विजय ने जयप्रकाश विश्वविद्यालय के कुलपति को दी है. 

इसे भी पढ़ें: जयप्रकाश विश्वविद्यालय में हुई परीक्षा मंडल की बैठक, रिजल्ट जल्द देने पर हुई चर्चा

 

संगठन की ओर से कुलपति को सौपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि अभी तक परीक्षा प्रपत्र भरने हेतु विलंब शुल्क छात्रों से नहीं लिया जाता था, लेकिन इस बार से स्नातक द्वितीय खंड सत्र 2018- 21 से ₹500 विलंब शुल्क लिया जा रहा है. जो कहीं से उचित नहीं है. एफिलिएटेड  महाविद्यालयों में छात्राओं से भी नामांकन शुल्क निर्धारित शुल्क से अत्याधिक लिया जा रहा है. एससी एसटी छात्र-छात्राओं एवं सभी वर्गों के छात्राओं से जो ₹450 लिया जा रहा है.

संगठन ने उसको भी तुरंत वापस लेने की मांग की है. इस अवसर पर उज्ज्वल कुमार सिंह, परमजीत कुमार, परमेन्द्र कुमार, मनीष, गोलू कुमार आदि उपस्थित थे.

0Shares

Chhapra:  जनाधिकार छात्र परिषद् के विवि छात्र नेता वासु विकास ने कुलपति से मिल संगीत की परीक्षा पुनः आयोजित करने की मांग की.

उन्होंने बताया कि स्नातक सत्र 2017-20 की सहायक विषय संगीत की परीक्षा पूर्व में 08 दिसंबर को निर्धारित थी. लेकिन अपरिहार्य कारणों से परीक्षा को स्थगित कर दिनाँक 16 दिसंबर को आयोजित करने की अधिसूचना विवि द्वारा जारी की गई. लेकिन संगीत की परीक्षा 11 दिसंबर  को ही ले ली गई. जिसकी जानकारी अधिकांशतः छात्रों को न होने के कारण सैकड़ो छात्र परीक्षा से वंचित हो गए हैं.

इसे भी पढ़ें: जयप्रकाश विश्वविद्यालय में हुई परीक्षा मंडल की बैठक, रिजल्ट जल्द देने पर हुई चर्चा

छात्रों के भविष्य को देखते हुए पुनः परीक्षा की तिथि निर्धारित कर परीक्षा लेने की मांग की गई. मांग पत्र को गंभीरता से लेते हुए कुलपति के द्वारा परीक्षा आयोजित करने की सकारात्मक आश्वासन मिला.

मांग पत्र सौपने वालो में मुख्य रूप से विवि अध्यक्ष पवन गुप्ता, छात्र नेता वासु विकाश, उपाध्यक्ष दीपक कुमार, राहुल श्रीवास्तव, रोहित सिंह, मंटु तिवारी आदि थे.

0Shares

Chhapra:  महाविद्यालयों में परामर्शदात्री समिति गठित करने को लेकर जयप्रकाश विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ हरिश्चंद्र ने सभी अंगीभूत और सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्यों को पत्र लिखा है.

इसे भी पढ़ें: जयप्रकाश विश्वविद्यालय में हुई परीक्षा मंडल की बैठक, रिजल्ट जल्द देने पर हुई चर्चा

पत्र के माध्यम से उन महाविद्यालयों में जहां अबतक परामर्शदात्री समिति का गठन नही हुआ है वहाँ जल्द से जल्द गठन करने के लिए कहा गया है.

इस समिति का गठन राष्ट्रीय सेवा योजना के महाविद्यालय सलाहकार समिति के गठन के लिए बनाए गए संविधान के आधार पर किया जाना है. जिसमे संबंधित महाविद्यालय के प्राचार्य अध्यक्ष होंगे. वही कुछ सदस्य सामाजिक सेवा से, विकास विभाव के प्रतिनिधि, राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र, गोद लिए हुए गांव, संगठन का प्रतिनिधि, कार्यक्रम अधिकारी सदस्य सचिव होंगे.


0Shares

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय में परीक्षा मंडल की बैठक हुई. कुलपति प्रो फारुक अली की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में स्नातकोत्तर फाइनल सेमेस्टर की चल रही परीक्षा के सफल संचालन एवम् परीक्षाफल शीघ्र देने के विषय में वार्ता हुई.

बैठक में निर्णय हुआ कि जिन विषयों में परीक्षार्थी कम है उनका परीक्षाफल दूसरे दिन ही प्रकाशित किया जाएगा. सभी संकाय अध्यक्षों की सहमति बनी की अगले मंगलवार को फिर बैठक होगी.

बैठक में संकायाध्यक्ष विज्ञान, प्रो ए के झा, संकायाध्यक्ष मानविकी प्रो गजेंद्र कुमार, संकाय अध्यक्ष सोशल सांइस, प्रो ए के सिंह, ए आर सफी डीन कॉमर्स परीक्षा, नियंत्रक प्रो अनिल कुमार सिंह उपस्थित थे.

0Shares

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय में प्री पीएचडी टेस्ट आयोजित करने की मांग सीनेट सदस्य सहित छात्रों ने की है.

सीनेट सदस्य नवलेश कुमार सिंह ने विश्वविद्यालय प्रशासन को मांग पत्र सौंपते हुए कहा है कि विगत वर्षों से विश्वविद्यालय में पीएचडी प्रवेश परीक्षा नहीं होने से शोध कार्य करने से छात्र वंचित हो रहें है.

उन्होंने छात्र हित में अविलम्ब उचित कदम उठाने की मांग की.

0Shares

New Delhi: देश में कोरोना का संक्रमण जारी है, हालांकि पिछले 5 महीने में आज पहली बार संक्रमण के नये मामलों में बड़ी कमी दर्ज की गयी है. इस बीच फिर से स्कूल-कॉलेज खोलने की कवायद शुरू हो गयी है. कई राज्यों ने स्कूल खोलने का निर्णय ले लिया है, लेकिन कुछ राज्यों में अभी भी स्कूल बंद हैं.

आइए जानते हैं किस राज्य ने स्कूल खोलने को लेकर क्या फैसला लिया है

बिहार-झारखंड सरकार ने अब तक स्कूल-कॉलेज खोलने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया है. वहीं बंगाल में भी अब तक स्कूल नहीं खोले गये हैं. इसको लेकर सरकारी की ओर से काई सूचना भी नहीं आयी है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि जब तक सरकार छात्रों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त नहीं हो जाती, तब तक राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल नहीं खोले जाएंगे.

राजस्थान में 31 दिसंबर तक लॉकडाउन, स्कूल-कॉलेज बंद राजस्थान सरकार ने राज्य में बढ़ते कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए निरुद्ध क्षेत्रों में 31 दिसंबर तक फिर से लॉकडाउन लागू करने और 13 जिलों में रात में कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया है. राज्य में सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग और शैक्षणिक संस्थान 31 दिसंबर तक बंद रहेंगे.

इस साल के अंत तक मिजोरम के सभी स्कूल बंद रहेंगे. शिक्षा मंत्री लालचंदामा राल्ते ने बताया कि किंडरगार्टन से लेकर 12वीं तक की सभी कक्षाएं कोविड-19 के मद्देनजर स्थगित की जाती हैं क्योंकि सर्दियों में महामारी के प्रसार में बढ़ोतरी की आशंका है. उन्होंने बताया कि स्कूलों को फिर से अगले साल 15 जनवरी से खोला जा सकता है लेकिन इस संबंध में राज्य की कार्यकारी समिति अंतिम निर्णय लेगी.

हिमाचल प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर सभी स्कूलों और कॉलेजों को 31 दिसंबर तक बंद रखने का फैसला किया और चार जिलों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगा दिया. त्रिपुरा में कोरोना के खौफ के बीच 7 दिसंबर से स्कूल-कॉलेज खुल गये हैं. सरकार ने फिलहाल 10 और 12वीं क्लास को खोलने का फैसला लिया है.

0Shares

New Delhi: होम वर्क स्कूली बच्चों के लिए नियमित टास्क होता है, लेकिन क्या इससे बच्चों को निजात मिलने जा रही है. शिक्षा मंत्रालय द्वारा 12 तक के बच्चों के लिए होम वर्क के नियमों पर बदलाव की सिफारिश की गई है. शिक्षा मंत्रालय ने नई नीति के तहत बच्चों के लिए ये ज़रूरी सिफारिश की है. होम वर्क नहीं देने, स्कूल के बच्चों के बैग का वजन घटाने, स्कूल में वजन करने वाली डिजिटल मशीनें रखने और स्कूल में पीने का शुद्ध पानी उपलब्ध कराने जैसी बातों की सिफारिश की है. साथ में पहियों वाले बैगों पर रोक लगाने की भी अनुशंसा की गई है.

नीति दस्तावेज में कहा गया है कि स्कूल या कक्षा के समय को लचीला बनाने की जरूरत है और बच्चों को खेल एवं शारीरिक शिक्षा तथा स्कूलों में पाठ्य पुस्तकों के अलावा किताबें पढ़ने का पर्याप्त समय दिया जाए. नीति में कहा गया है कि दूसरी कक्षा तक कोई गृह कार्य नहीं दिया जाए और नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को रोजाना अधिकतम दो घंटे का गृह कार्य दिया जा सकता है. इसमें कहा गया है कि तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को हफ्तें में अधिकतम दो घंटे का गृह कार्य दिया जा सकता है. छठीं से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को अधिकतम एक घंटे का गृह कार्य दिया जाना चाहिए.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप की गई सिफारिशों में कक्षा एक से 10वीं तक के छात्रों के स्कूल बैग का भार उनके शरीर के वजन के 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए. इसमें कहा गया है कि इस क्षेत्र में किए गए शोध अध्ययन के आधार पर स्कूल बैग मानक भार को लेकर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की सिफारिश है और यह स्वीकार की जाती है.

0Shares

Chhapra: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित राजेन्द्र महाविद्यालय का नया प्रभारी प्राचार्य डॉ अशोक कुमार को बनाया गया है. श्री कुमार महाविद्यालय के स्नातकोत्तर हिंदी विभाग के अध्यक्ष और वरीय प्राध्यापक है. 

पदभार ग्रहण करने के बाद छपरा टुडे डॉट कॉम से बातचीत में उन्होंने कहा कि महाविद्यालय का गौरवपूर्ण इतिहास है. इसके गरिमा को अक्षुण्ण रखने, शैक्षणिक माहौल को विकसित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे. 

उन्होंने बताया कि 1996 में उन्होंने महाविद्यालय में अपनी सेवा दी थी. इसके बाद 2018 में विश्वविद्यालय में हिंदी विभागाध्यक्ष के रूप में तबादला हुआ. जहां से पुनः उन्होंने राजेन्द्र महाविद्यालय में अपनी सेवा दी. अब विश्वविद्यालय में प्रभारी प्राचार्य के रूप में पदभार ग्रहण करने का आदेश जारी किया है.  

गौरतलब है कि विगत दिनों राजेन्द्र जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान मंच से डांस के वीडियो वायरल हुए थे. जिसके बाद कुलाधिपति ने इस पूरे घटनाक्रम की जांच के आदेश दिए थे. जिसके मद्देनजर विश्वविद्यालय ने कार्रवाई करते हुए महाविद्यालय के तत्कालीन  प्रभारी प्राचार्य डॉ प्रमेन्द्र रंजन सिंह को उनके पद से हटा दिया है.  

इसे भी पढ़ें: राजेन्द्र कॉलेज में डांस वीडियो मामले में राजभवन सख्त, जांच के आदेश

इसे भी पढ़ें: वीडियो वायरल मामले की जांच के लिए विश्वविद्यालय ने तीन सदस्यीय टीम का किया गठन

0Shares