छपरा: मनुष्य के पास आँख हैं और अक्षर का ज्ञान नहीं है तो उसका जीवन अंधकारमय हैं. आँख का होना और अक्षर ज्ञान का ना होना मनुष्य के लिए अभिशाप के समान है. उक्त बातें जिलाधिकारी दीपक आनंद ने कही. वे स्थानीय जिला स्कूल परिसर स्थित सभागार में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.  

उन्होंने कहा कि भारत साक्षरता में अभी काफी पीछे है. इसके लिए हम सबो को मिलकर काम करने की जरूरत है. सरकार ने महादलित अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना के जरिए असाक्षर को साक्षर बनाने का कार्य कर रही हैं. टोला सेवक तालिमी मरकज़ और प्रेरक द्वारा यह कार्य किया जाता है.

उन्होंने कहा कि आँखों को रौशनी देने का काम अक्षर ज्ञान के सहारे शिक्षक करता है. उन्होंने “गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागू पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दीयो बताय” कहते हुए गुरु के स्थान को बताया.

श्री आनंद ने कहा कि सरकार ने सभी का अधिकार सुनिश्चित किया है लेकिन अशिक्षा के चलते लोग अपने अधिकार को नहीं जान पाते हैं जिसका फायदा दूसरे उठाते हैं. 50 वें अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर हम सबों को संकल्प लेना होगा खासकर युवा वर्ग को हम एक वर्ष में कम से कम 10 निरक्षर को साक्षर बनावे. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी से जिले के सभी प्रधानाध्यापकों द्वारा प्रति छात्र 10 निरक्षर को साक्षर बनाने के लिए कार्यक्रम चलाने का अह्वान किया.

इसके पूर्व कार्यक्रम का विधिवत् उद्घाटन जिलाधिकारी दीपक आनंद, डीईओ चन्द्र किशोर यादव, डीपीओ अवधेश बिहारी, डीपीओ दीलीप कुमार सिंह ने द्वीप प्रज्वलित कर किया.

इस मौके पर शिक्षक नेता राजाजी राजेश, दिनेश सिंह, समरेन्द्र बहादुर, बी सेमिनरी के प्राचार्य हीरा प्रसाद, धर्मनाथ राम, समन्वयक संजय कुमार सिंह, राकेश कुमार मिश्रा, अश्विनी कुमार, सभी केआरपी और समन्वयक, प्रेरक उपस्थित थे.

0Shares

छपरा: जयप्रकाश विश्वविद्यालय में स्नातक प्रथम खंड में नामांकन के पंजीयन की तिथि को बढ़ा दिया गया है. पंजीयन कराने को लेकर सभी कॉलेजों में छात्रों की भीड़ उमड़ रही है.

बताते चले कि पिछले दिनों जिले में आए बाढ़ से प्रभावित होने के कारण कई छात्रों का पंजीकरण नही हो पाया था. प्रथम खंड के पंजीयन आवेदन के साथ छात्रों से 200 रुपए विलम्ब दंड लिया जा रहा है. विश्वविद्यालय के पी.आर.ओ उमाशंकर यादव ने बताया कि पहले प्रथम खंड में नामांकन के लिए पंजीयन की आखिरी तिथि 31 अगस्त तक ही थी पर बाढ़ से प्रभावित होने के कारण जिन छात्रों का पंजीकरण नहीं हो पाया है. वो छात्र 30 सितम्बर तक कॉलेज में आकर नामांकन करा सकते हैं.

0Shares

छपरा: उच्च विद्यालय में पढने वाले सभी बच्चों के लिए अब बैंक खाता और आधार कार्ड का होना आवश्यक है. बिना आधार कार्ड और बैंक खाता के विद्यालय के छात्रों को लाभ मिलने में कठिनाई होगी.

deo zila
बैठक को संबोधित करते डीपीओ अवधेश बिहारी

मंगलवार को जिला स्कूल सभागार में आयोजित बैठक में सभी प्रधानाध्यापकों को संबोधित करते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी चन्द्र किशोर यादव ने कहा कि विद्यालय में पढने वाले सभी बच्चों का आधार कार्ड और बैंक में खाता होना अनिवार्य हैं. सरकार द्वारा मिलने वाली सभी प्रोत्साहन राशि अब सीधे छात्रों के खाता में जायेगी.

अगर किसी छात्र का बैंक खाता नही होता है तो उस छात्र को काफी परेशानी हो सकती है. वही बैठक को संबोधित करते हुए जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (माध्यमिक) अवधेश बिहारी ने कहा कि सभी विद्यालयों में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना करनी है जिससे कि छात्रों को नशा के बारे में जानकारी मिल सकें उन्हें यह पता चले की नशा सेहत के लिए हानिकारक होता है. साथ ही एंटी ड्रग्स क्लब की स्थापना की जाये जिसमे कक्षा 9 से कक्षा 12 के बच्चे शामिल होगें. क्लब के बच्चों द्वारा विद्यालय के सभी छात्रों को नशा से दूर रहने के लिए जागरूकता फैलाया जायेगा.

बैठक में प्रेम किशोर सिंह, जय प्रकाश राय, विनेश सिंह, सुनील कुमार सहित सभी विद्यालयों के प्राचार्य शामिल थे.

0Shares

छपरा: सारण जिला के एकमा थानाक्षेत्र के परसागढ़ स्थित देवरिया गाँव की रहने वाली जान्हवी ओझा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रसंघ चुनाव के लिए अध्यक्ष पद की उम्मीदवार घोषित हुई हैं. जान्हवी को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP) ने अपना उम्मीदवार बनाया है.

परसागढ़ स्थित देवरिया गाँव निवासी राजेन्द्र कुमार ओझा की पुत्री जान्हवी जेएनयू की मेधावी छात्रा है. इन्होंने ABVP की तरफ से कई बार न्यूज़ चैनेल के डिबेट में भी हिस्सा लिया है. जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने के बाद सारण जिला ABVP इकाई में हर्ष व्याप्त है.

0Shares

छपरा: सरकार की वादा खिलाफी और नित दिन नये नये फरमान जारी करने को लेकर शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों ने भूख हड़ताल किया.

बिहार पंचायत नगर प्रारंभिक शिक्षक संघ के अह्वान पर सारण जिला ईकाई द्वारा एक दिवसीय भूख हड़ताल किया गया. नगरपालिका चौक पर आयोजित इस भूख हड़ताल की अध्यक्षता प्रदेश सचिव सह जिलाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने की . 

भूख हड़ताल को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने कहा कि सरकार शिक्षकों के साथ वादाखिलाफी कर रही है रोज नये नये  नियम बनाए जा रहे हैं जिससे शिक्षकों का शोषण हो रहा है. शिक्षक मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं.

नियोजित शिक्षकों के 13 वर्षों के कार्यकाल में ऐसा समय कभी नहीं आया जब शिक्षक 1 तारिख को वेतन पा सके. सरकार ने शिक्षकों से वार्ता की और 6 माह में सेवा शर्त निर्धारण करने का आश्वासन दिया गया लेकिन आज तक यह कथनी बनकर रह गया है. 

श्री सिंह ने कहा कि शिक्षकों को समान कार्य के बदले समान वेतन मिले, शिक्षकों के सेवा शर्त का प्रकाशन जल्द से जल्द किया जाए, शिक्षकों का स्थानांतरण हो, शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा मिले, अप्रशिक्षित शिक्षकों को ग्रेड पे मिले, स्नातक योग्यताधारी को स्नातक शिक्षक का दर्जा देने की मांग की. 

भूख हड़ताल में शामिल शिक्षकों ने भी सरकार की व्यवस्था के प्रति नाराजगी जाहिर की. साथ ही चरणबद्ध तरीके से आन्दोलन की रणनीति तैयार करने का अह्वान किया. भूख हड़ताल में दीलीप कुमार गुप्ता, सुरेश राय, संजीव श्रीवास्तव, सुरेन्द्र राम, संजय सिंह, ओम प्रकाश सिंह, रामानुज सिंह, कुमार शैलेश सिंह, प्रमोद सिंह, रणविजय सिंह, दिनेश सिंह, संजीत सिंह, सुनीता सिंह सहित सैकड़ों शिक्षक शामिल थे.

0Shares

प्रभात किरण हिमांशु के साथ छपरा टुडे ब्यूरो की रिपोर्ट:

एक सच्चा शिक्षक जीवन जीने की प्रेरणा देता है. हमारे अंदर शिक्षा और संस्कार के समुचित विकास का सर्वश्रेष्ठ माध्यम भी शिक्षक ही होते हैं. आज के बदलते दौर में भले ही शिक्षा और शिक्षक का स्वरूप बदल रहा हो पर हमारे समाज में आज भी ऐसे शिक्षक हैं जो अपने कर्तव्यनिष्ठा, ईमानदारी और संकल्पशक्ति के आधार पर समाज के लिए प्रेरणा का सशक्त माध्यम बन गए हैं.

‘सारण’ के दो महान शिक्षक सारंगधर सिंह और विनय कुमार दूबे ने भी शिक्षा के क्षेत्र में जो कार्य किये हैं उसकी मिशाल आने वाले कई वर्षों तक दी जाएगी. स्कूल की एक टूटी हुई कुर्सी से अपने शिक्षण कार्य की शुरुआत कर राष्ट्रपति पदक तक का सफ़र तय करने में भले ही इन्होंने काफी कठिनाइयों का सामना किया हो पर कठिन रास्तों पर चलकर शिक्षा का आजीवन प्रसार करना आज भी इनके जीवन का एक मात्र उद्देश्य है.

‘दोनों ही अपने विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य है. इन्हें शिक्षक दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित किया जा रहा है. बिहार से कुल 5 शिक्षकों का चयन इस अवार्ड के लिए हुआ है जिसमे 2 सिर्फ सारण से ही हैं”

अनुशासित जीवन के साथ शिक्षा के प्रसार को संकल्पित हैं सारंगधर

सारण जिला के गड़खा प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय सरगट्टी के प्रभारी प्राचार्य सारंगधर सिंह बेहद ही सरल स्वभाव के है. अनुशासित जीवन जीना और समाज में शिक्षा का प्रसार करना इनके जीवन का एक मात्र उद्देश्य है. 

प्रभारी प्राचार्य सारंगधर सिंह
प्रभारी प्राचार्य सारंगधर सिंह 

16 मई 1988 में मशरक में राजापट्टी प्राथमिक विद्यालय से शिक्षक जीवन की शुरुआत करने वाले सारंगधर सिंह का बचपन काफी कठिनाइयों से भरा रहा. आभावग्रस्त जिंदगी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बीच इन्होंने अपनी शिक्षा के साथ कभी समझौता नहीं किया. शिक्षा के प्रति उनका लगाव ही था कि इन्होंने संघर्ष को झेलते-झेलते एक-दो नहीं 5 विषयों से स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की.

 

 

 

 

शिक्षण सेवा में जाने के बाद इन्होंने भवनहीन विद्यालय में योगदान दिया, पर इनके संकल्प शक्ति ने महज 6 महीनों में उस विद्यालय को एक सुन्दर भवन में प्रवेश करा दिया. जनप्रतिनिधियों से सहयोग प्राप्त कर इन्होंने उस विद्यालय को तरक्की के राह पर लाकर खड़ा कर दिया.

teachers (3)
अपने विद्यालय के कक्षा में प्रभारी प्राचार्य सारंगधर सिंह

 8 वर्षों तक इस विद्यालय में सेवा देने के बाद 31 जनवरी 1996 को इनका स्थानांतरण छपरा के छोटा तेलपा स्थित एक वैसे विद्यालय में किया गया जहाँ भवन के नाम पर एक छोटा सा बरामद 4 टूटी कुर्सियां तथा लगभग 100 बच्चे थे. सारंगधर सिंह ने अथक प्रयास किया. दिन रात एक कर छपरा के तत्कालीन विधायक का सहयोग प्राप्त किया. इनके संकल्प को आधार मिला और महज एक साल के भीतर ही छोटा तेलपा स्थित यह विद्यालय खुद के भवन में स्थापित हुआ. 

teachers (5)
विद्यालय के शिक्षकों के साथ प्रभारी प्राचार्य सारंगधर सिंह                                                           Photo: प्रभात किरण हिमांशु  

छपरा के सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों में से एक इस विद्यालय को देखने कभी बिहार के दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव भी आये थे. स्कूल में ऐसा परिवर्तन हुआ कि यहाँ बच्चों की संख्या 400 पार कर गई तथा सभी बच्चे प्राइवेट स्कूल के तर्ज पर टाई, बेल्ट, जूता, मोजा पहनकर स्कूल आने लगे. आज भी यह विद्यालय सारण के कुछ गिने-चुने विद्यालयों में शामिल है. 

वर्तमान में सारंगधर सिंह उत्क्रमित मध्य विद्यालय सरगट्टी में प्रभारी प्राचार्य हैं. यह विद्यालय जिले के आदर्श विद्यालयों में से एक है. विद्यालय का प्रांगण एक मंदिर के सामान है जहां सभी शिक्षक पूरे ईमानदारी के साथ बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं. स्वच्छता से लेकर अनुशासन में ये विद्यालय अव्वल है. हालांकि सारंगधर सिंह का कहना है कि अगर स्थानीय लोगों और शिक्षकों का भरपूर सहयोग मिले तो सारण के सभी विद्यालयों का कायाकल्प हो सकता है.

विद्यासागर डी. लिट से सम्मानित सारंगधर सिंह का कहना है कि उन्होंने कभी अवार्ड पाने के लिए काम नहीं किया. शिक्षा के बदलते स्वरुप को समय की मांग बताने वाले सारंगधर सिंह अपनी सभी उपलब्धियों को अपनी माँ को समर्पित करते हैं. हर जन्म में शिक्षक ही बनूं यही उनकी तमन्ना है.
ईमानदार विचारों के धनी है शिक्षक विनय कुमार दुबे

teachers (8)
प्रभारी प्राचार्य विनय कुमार दूबे

श्रम को साधना मानकर ईमानदारी से जीवन व्यतीत करने वाले सारण के शिक्षक विनय कुमार दूबे भी शिक्षक दिवस के दिन राष्ट्रपति अवार्ड पाने जा रहे हैं. काफी सकारात्मक सोंच रखने वाले विनय दूबे के अंदर एक विशेष प्रकार की ऊर्जा देखने को मिलती है. उनकी यही ऊर्जा उन्हें शिक्षा के प्रति बेहद समर्पित बनाती है. 

रिविलगंज प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय,अवली में 1999 से शिक्षण कार्य प्रारम्भ करने वाले विनय कुमार दूबे शिक्षा के प्रसार के साथ-साथ समाजसेवा के लिए भी तत्पर रहते हैं. इनके ईमानदार प्रयासों से कभी 3 कट्ठे के जीर्ण-शीर्ण भवन में चलने वाला विद्यालय आज 13 कट्ठे के भवन में शिफ्ट हो चूका है. इनका विद्यालय सारण के सर्वश्रेष्ठ विद्यालय के रूप में जाना जाता है. स्कूल के अंदर की व्यवस्था और शिक्षा प्रणाली अन्य सरकारी विद्यालयों के साथ-साथ निजी विद्यालयों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत है. अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस विद्यालय को देखने के लिए दूसरे जिलों से भी लोग आते हैं.

teachers (1)
अपने विद्यालय के शिक्षकों के साथ प्रभारी प्राचार्य विनय कुमार दूबे                           Photo: प्रभात किरण हिमांशु  

विद्यालय के विकास के लिए सदैव तत्पर रहने वाले विनय कुमार के मन में लालच का कोई स्थान नहीं है. यह आज भी अपनी पुरानी साइकिल से प्रतिदिन लगभग 10 किलोमीटर यात्रा कर विद्यालय जाते हैं. इनका कहना है कि विद्यालय के विकास के लिए मैंने कोई अतिरिक्त प्रयास नहीं किया बल्कि जो योजनाएं थी उसे पूरे ईमानदारी के साथ क्रियान्वित किया. नियमित प्रयास और दृढ संकल्प के बूते विनय कुमार शिक्षा क्षेत्र में विशिष्ट योगदान हेतु राजकीय सम्मान से भी नवाजे जा चुके हैं. वर्ष 2015 में पूरे बिहार में मध्याह्न भोजन योजना के सफल संचालन में इनका विद्यालय सर्वश्रेष्ठ घोषित हुआ था. 

विनय कुमार दुबे का मानना है कि शिक्षा की पुरानी प्रणाली में कुछ परिवर्तन होना चाहिए. सरकारी योजनाओं के साथ-साथ अभिभावकों को जागरूक करने का प्रयास सरकारी विद्यालयों की स्थिति को बेहद सम्मानजनक बना सकता है. हर शिक्षक अगर अपने सम्मान के लिए कार्य करे तो बिहार की शिक्षा व्यवस्था पूरे देश के लिए मिशाल बन सकती है.

सारण में सारंगधर सिंह और विनय कुमार दूबे जैसे कई शिक्षक हैं जिन्होंने शिक्षा के प्रति समर्पण का भाव दिखाया है. आज भी कई शिक्षक अपने कार्यों से एक आदर्श कायम कर रहे हैं. इन दोनों को राष्ट्रपति पदक मिलने से शिक्षा जगत में एक सकारात्मक सन्देश जरूर जाएगा पर बिहार की बिगड़ती शिक्षा व्यवस्था को तभी सुदृढ़ किया जा सकता है जब आम जनता, शिक्षक, प्रशासन और सरकार एक बेहतर तालमेल के साथ मोह-माया से परे शिक्षा के सर्वांगीण विकास के लिए मिलकर प्रयास करें. एक नई सोंच,नए संकल्प के साथ शिक्षक दिवस के अवसर पर सारण के सभी कर्मठ शिक्षकों को छपरा टुडे का नमन.

0Shares

छपरा: छात्र संगठन RSA के स्थानीय कार्यालय में रविवार को बैठक आयोजित किया गया. बैठक में विश्वविद्यालय अध्यक्ष अर्पित राज (गोलू) ने छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय इकाई का विस्तार किया. advertisement 1

जिनमे नए छात्रों को संगठनों के दायित्व को सौंपा गया. आनंद कुमार गुप्ता, मकसूद आलम और अजय कुमार को विश्वविद्यालय उपाध्यक्ष, रवि कुमार सिंह को प्रधान सचिव, विकास यादव को सचिव, पिंकी कुमारी को छात्रा प्रमुख एवं वेद प्रकाश कुमार को प्रवक्ता घोषित किया गया.

0Shares

पटना: सूबे में अब बिना आधार कार्ड के किसी भी छात्र को मैट्रिक या इंटर की परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी. ऐसी व्यवस्था लागू करने वाला बिहार देश का पहला राज्य होगा.

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा ऐसा किसी तरह की डूप्लिकेसी को रोकने के लिए किया जा रहा है.

बताते चले कि बिहार में टॉपर्स घोटाला सामने आने के बाद बिहार विद्यालय परीक्षा समिति दोबारा अपने छवि को सुधारने की कवायद में जुटा है. इस व्यवस्था के माध्यम से उम्र कम कराने के लिए बार-बार मैट्रिक की परीक्षा देने वालों पर लगाम लगेगी. ऐसे में आधार कार्ड से जब पंजीकरण होगा तो पारदर्शिता बनी रहेगी और किसी भी तरह के फर्जीवाडे की गुंजाइश नहीं होगी. बोर्ड इस नई व्यवस्था की शुरुआत इसी साल अक्तूबर में होने वाले मैट्रिक के कंपार्टमेंट परीक्षा से करने जा रहा है.

0Shares

छपरा: विगत 1 सितम्बर से शुरू हुए प्रारंभिक स्कूल के प्रधानाध्यापकों की तीन दिवसीय ‘मूल्यांकन हस्तक कार्यशाला’ का समापन शनिवार को आजाद चंद्रशेखर मध्य विद्यालय, छोटा तेलपा में सम्पन हुआ. इस कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए नगर के बीईओ योगेन्द्र राम ने कार्यशाला में उपस्थित प्रधानाध्यापकों को मूल्यांकन सम्बंधित निर्देश देते हुए उनका मार्गदर्शन किया. advertisement 1

विदित हो कि शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव डी.एस. गंगवार द्वारा निर्देशित मूल्यांकन हस्तक कार्यशाला का आयोजन बिहार के सभी जिलों में किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत 1 सितम्बर से छपरा के नगर एवं सदर के प्रधानाध्यापकों के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.

इस मूल्यांकन कार्यशाला में सभी प्रधानाध्यापकों को स्कूल के बच्चों का मूल्यांकन कब, क्यों और कैसे करें इस पर विस्तृत रूप से जानकारी दी गई. साथ ही बच्चों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का प्रसार करने की ट्रेनिंग दी गई. ट्रेनिंग के दौरान प्रधानाध्यापकों को समय पर मूल्यांकन करने तथा उसे बीआरसी में हर 6 महीने पर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया. कार्यशाला में ट्रेनर के रूप में संकुल समन्वयक भगवान राम, सुनील कुमार पाण्डेय तथा शाहजाद आलम सम्मिलित हुए. 

0Shares

एकमा: शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य मे शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन स्थानीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय परसागढ़ में किया गया. जहां विद्यालय के प्रधानाध्यापक जलालुद्दीन ने एकमा एवं मांझी प्रखंड के सैकड़ों शिक्षकों सम्मानित किया गया. इस अवसर पर सभी शिक्षकों को अंग वस्त्र एवं कलम देकर सम्मानित किया गया.  

प्रधानाध्यापक जलालुद्दीन ने बताया कि शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रति वर्ष विद्यालय द्वारा इस आयोजन की प्रथा रही है. प्रखंड क्षेत्र के अलावे आस-पास के क्षेत्रों के शिक्षकों को भी सम्मानित किया जाता है. इसी कड़ी में प्राथमिक शिक्षक संघ के सचिव दिनेश कुमार सिंह, परिवर्तनकारी शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष समरेन्द्र बहादुर, शशिभूषण शाही, राजकुमार सहित चार सौ शिक्षकों को सम्मानित किया गया है.

शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को मनाया जाता है. लेकिन इस बार तीज की छुट्टी होने के कारण पूर्व में ही आयोजित किया गया.

0Shares

छपरा: छात्र लोक समता पार्टी के स्थानीय कार्यालय में शनिवार को वार्ड स्तरीय बैठक की कई. बैठक में उपस्थित छात्र नेताओं ने कहा कि सूबे में गिरती शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए आन्दोलन की जरुरत है. संगठन के राष्ट्रीय सचिव राहुल कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश की शिक्षा विभाग की पोल खुली है, उससे मेधावी छात्रों के करियर पर प्रभाव पड़ा रहा है. उन्होंने कहा कि शिक्षकों की परीक्षा में भारी अनियमितता हुई है.

सूबे में शिक्षा की गिरावट को देखते हुए आगामी बुधवार को छात्र लोक समता पार्टी द्वारा आक्रोश मार्च निकला जायेगा. जिलाध्यक्ष प्रद्धुमन सिंह ने अपने हक़ और अधिकार के लिए छात्रों को एक जुट होने का अहवाह्न किया. इस अवसर पर संदीप सिंह, विशाल सिंह, रजनीश बाबा, साकेत श्रीवास्तव, नितेश जयसवाल, रंजन कुमार, नितेश राय आदि अन्य छात्रों ने अपने विचार रखे.

0Shares

छपरा: अप्रशिक्षित शिक्षकों के लिए चलाए जा रहे ओडीएल प्रशिक्षण अब भगवान भरोसे ही चल रहा है.

SCERT बिहार द्वारा आयोजित यह प्रशिक्षण केंद्र जिले के 20 प्रखंडो में जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान सोनपुर के संरक्षण में सभी बीआरसी एवं उच्च विद्यालयों में चलाया जा रहा है. पहले शैक्षणिक सत्र के लिए तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा जून माह में आयोजित की गई थी. लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी परीक्षा परिणाम का प्रकाशन नही किया गया है. जिससे शिक्षकों को आगे के प्रशिक्षण लेने में परेशानी हो रही है. वहीं दूसरे सेमेस्टर के प्रशिक्षनार्थी परीक्षा आयोजन की बाट जोह रहे हैं.

विभाग द्वारा इस सन्दर्भ में कुछ निर्देश जारी नही किया जा रहा है. दो वर्ष के प्रशिक्षण के लिए शिक्षक तीन वर्ष में मात्र तीन सेमेस्टर की पढाई ही पूरी करने जा रहे हैं. इस व्यवस्था से जहाँ शिक्षकों की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. वहीं उन्हें आर्थिक लाभ मिलने में भी देरी हो रही है.

0Shares