छपरा: मनुष्य के पास आँख हैं और अक्षर का ज्ञान नहीं है तो उसका जीवन अंधकारमय हैं. आँख का होना और अक्षर ज्ञान का ना होना मनुष्य के लिए अभिशाप के समान है. उक्त बातें जिलाधिकारी दीपक आनंद ने कही. वे स्थानीय जिला स्कूल परिसर स्थित सभागार में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि भारत साक्षरता में अभी काफी पीछे है. इसके लिए हम सबो को मिलकर काम करने की जरूरत है. सरकार ने महादलित अतिपिछड़ा वर्ग अक्षर आँचल योजना के जरिए असाक्षर को साक्षर बनाने का कार्य कर रही हैं. टोला सेवक तालिमी मरकज़ और प्रेरक द्वारा यह कार्य किया जाता है.
उन्होंने कहा कि आँखों को रौशनी देने का काम अक्षर ज्ञान के सहारे शिक्षक करता है. उन्होंने “गुरु गोविंद दोनों खड़े काके लागू पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दीयो बताय” कहते हुए गुरु के स्थान को बताया.
श्री आनंद ने कहा कि सरकार ने सभी का अधिकार सुनिश्चित किया है लेकिन अशिक्षा के चलते लोग अपने अधिकार को नहीं जान पाते हैं जिसका फायदा दूसरे उठाते हैं. 50 वें अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर हम सबों को संकल्प लेना होगा खासकर युवा वर्ग को हम एक वर्ष में कम से कम 10 निरक्षर को साक्षर बनावे. उन्होंने जिला शिक्षा पदाधिकारी से जिले के सभी प्रधानाध्यापकों द्वारा प्रति छात्र 10 निरक्षर को साक्षर बनाने के लिए कार्यक्रम चलाने का अह्वान किया.
इसके पूर्व कार्यक्रम का विधिवत् उद्घाटन जिलाधिकारी दीपक आनंद, डीईओ चन्द्र किशोर यादव, डीपीओ अवधेश बिहारी, डीपीओ दीलीप कुमार सिंह ने द्वीप प्रज्वलित कर किया.
इस मौके पर शिक्षक नेता राजाजी राजेश, दिनेश सिंह, समरेन्द्र बहादुर, बी सेमिनरी के प्राचार्य हीरा प्रसाद, धर्मनाथ राम, समन्वयक संजय कुमार सिंह, राकेश कुमार मिश्रा, अश्विनी कुमार, सभी केआरपी और समन्वयक, प्रेरक उपस्थित थे.
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