Chhapra: शहर के गुदरी राय के चौक स्थित SB Coaching Center के विधार्थीयो ने बारहवीं की परीक्षा में बेहतरीन प्रदर्शन कर संस्था का नाम रौशन किया है. इंटर की परीक्षा के संस्थान के कई छात्रों ने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है. कोचिंग के निदेशक बंटी सिंह ने बताया कि इस बार कोचिंग के 20 छात्रों को साइंस स्ट्रीम से डिस्टिंक्शन प्राप्त हुआ है. यानी कि ज्यादातर बच्चों ने 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक अर्जित किये हैं.
जिसमें गरहीतीर निवासी जेबा ने 420 अंक, मगाईडीह के प्रेम कुमार ने 416, ममता कुमारी को 411अंक, शाइना परवीन ने 404, प्रिया कुमारी ने 399 अंक साथ ही शुभम मिश्रा ने 397, इसके अलावें त्रिलोकी ने 396, संजीव ने 396, मानसी ने 396, पुजा ने 395 क्षमा ने 392, प्रिति ने 392, शुभम ने 391, सिमरन ने 386, हरिओम ने 383, देवदत ने 380, राजनंदनी नव 380,चंदन ने 378,रुपाली ने 378, निवेदी ने 378,सुरज ने 376 अंक प्राप्त किये थे.  सभी विद्यार्थियों नेे अपनी सफलता का श्रेय कोचिंग सेंटर के निदेशक बंटी सिंह तथा अंकित सिंह को दिया.
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Chhapra: आपदा की इस घड़ी में जनता जहां कोरोना वायरस की मार झेल रही है, वहीं जिले के 12,000 से अधिक शिक्षक आर्थिक तंगी की मार झेल रहे हैं. बीती रात प्रधानमंत्री द्वारा 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा के बाद आम जनता अपने परिवार के सदस्यों के भरण पोषण को लेकर खानपान की सामानों की खरीदारी करने में जुटे हैं, वही राष्ट्र निर्माता शिक्षक घर में बैठकर परिवार के सदस्यों का चेहरा देखकर चिंतित है.

विपदा की इस घड़ी में वह अपने परिवार का भरण पोषण कैसे करें यह कोरोना वायरस से भी बड़ी समस्या उनके समक्ष खड़ी हो गयी है. स्थिति यह है कि 2 माह से बिना वेतन जीवन गुजार रहे शिक्षकों एवं उनके परिवार पर अब भुखमरी का संकट मडराने लगा है.

शिक्षकों की इस आर्थिक तंगी पर प्रतिक्रिया देते हुए शिक्षक नेता समरेंद्र बहादुर सिंह ने कहा कि देश में विपदा आई है, जिले के 12000 शिक्षक इस करोना वायरस को भगाने के लिए सरकार के साथ खड़े हैं और आगे भी खड़े रहेंगे. लेकिन पुरानी कहावत है ”भूखे पेट भजन न होत गोपाला”.

जिले सहित बिहार के चार लाख से अधिक शिक्षक 17 फरवरी से समान काम समान वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार शिक्षकों से वार्ता तक नहीं कर रही है. देश के प्रधानमंत्री ने 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा की है, जिसका शिक्षक अक्षरशः पालन कर रहे हैं. प्रधानमंत्री ने राज्यों से यह भी कहा था कि सभी कर्मचारियों को वेतन दिया जाए, जिससे कि विपदा की इस घड़ी में वह लॉक डाउन के दौरान अपने घरों में रह सकें. लेकिन राज्य के मुखिया को यह बात सुनाई नहीं देता. मुख्यमंत्री ने वेतन देने की तो दूर किए गए कार्य अवधि के वेतन भुगतान पर भी रोक लगा दी है. जिससे शिक्षक परिवार भुखमरी के कगार पर है, 3 माह होने जा रहे है.

शिक्षकों के वेतन पर शिक्षक का ही नहीं बल्कि उसका पूरा परिवार आश्रित होता हैं. 21 दिनों के लंबे लॉक डाउन के समय में शिक्षक अपने परिवार का पालन कैसे करेंगे यह सबसे बड़ी चिंता है.

कोरोना वायरस को लेकर राज्य में आई इस आपदा के दौरान अग्रिम पेंशन, अग्रिम खाद्यान्न एवं अन्य सुविधाएं दी जा रही है और शिक्षक अपने कार्य अवधि के वेतन को भी तरस रहे हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार अपनी हठधर्मिता छोड़ें, राज्य के चार लाख शिक्षक और उनके परिवार को ध्यान में रखकर शिक्षकों से वार्ता करें. शिक्षक विपदा के समय सरकार के साथ हैं. जब भी संकट आया है चिकित्सक और शिक्षकों ने ही मोर्चा संभाल कर राज्य को आपदाओं से निजात दिलाई है. अभी समय है मुख्यमंत्री से हमारी मांग है कि वह शिक्षकों से वार्ता करें, शिक्षकों को वेतन देने का आदेश निर्गत करें. जिससे कि उनके परिवार आश्रितों को इस संकट की घड़ी में भोजन मिल सकें.

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Chhapra: छपरा के सेंट्रल पब्लिक स्कूल ने अपने विद्यालय के 100 कमरों को आइसोलेशवन वार्ड बनाये जाने के लिए पेशकश की है. चैयरमैन हरेंद्र सिंह ने बताया कि कोरोना जैसे वैश्विक महामारी के लड़ने के लिए हम सब साथ हैं हमारे स्कूल के 100 कमरों को स्वास्थ्य विभाग जरूरत पड़ने पर आइसोलेशन वार्ड के रूप में इस्तेमाल कर सकता है.

जिसमे पूर्व से बिजली, पानी,पंखा और पार्किंग की सुदृढ़ सुव्यवस्था है. सीपीएस ग्रुप के चेयरमैन डॉ हरेन्द्र सिंह ने बताया कि इस विपदा की घड़ी में सीपीएस ग्रुप तन मन और धन से समाज के साथ खड़ा है. प्राचार्य मुरारी सिंह ने बताया कि इस संकट की घड़ी में शासन- प्रशासन जैसे चाहे सेन्ट्रल पब्लिक स्कूल, छपरा के भवन और सुविधाओं का उपयोग कर सकता है. यह सूचना विद्यालय प्रबंधक विकाश कुमार सिंह ने दी.

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बिहार बोर्ड तीनों स्ट्रीम के आर्ट्स, साइंस और कॉमर्स तीनों स्ट्रीम के नतीजे जारी किये हैं. ऐसा पहली बार हो रहा है जब बिहार बोर्ड ने बारहवीं बोर्ड परीक्षा के नतीजे परीक्षा खत्म होने के केवल 40 दिनों के भीतर जारी कर बोर्ड ने अपना ही पिछला 2019 का रिकॉर्ड तोड़ दिया. 2019 में रिजल्ट 44 दिनों के भीतर और मार्च महीने में जारी किये थे. इस बार बिहार बोर्ड की परीक्षा तीन फरवरी से 13 फरवरी तक आयोजित की गई थीं.

आनंद किशोर ने तैयार किया था नये कंप्यूटर प्रपत्र : नये कंप्यूटर प्रपत्र को खुद बोर्ड के अध्यक्ष आनंद किशोर ने तैयार किया, जो स्वयं आइआइटी कानपुर के टॉपरों में रहे हैं. आधुनिक तकनीक एवं परीक्षा प्रणाली में सभी सुधारों एवं मॉर्डन टेक्नोलॉजी के आधार पर 12 लाख से भी अधिक विद्यार्थियों का रिजल्ट मात्र 25 दिनों के अंदर प्रकाशित किया, जो पूरे देश में अपने आप में एक कीर्तिमान है. 24 फरवरी को वार्षिक माध्यमिक परीक्षा 2020 समाप्त हुई तथा 24 फरवरी तक सभी शिक्षक, परीक्षा केद्रों के केंद्राधीक्षक एवं अन्य कर्मी परीक्षा कार्यों में व्यस्त रहें. इसके बाद 26 फरवरी से इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा का मूल्यांकन कार्य शुरू हुआ. लगभग 73 लाख कॉपियों ए‌वं 73 लाख ओएमआर शीट की जांच करते हुए रिकार्ड 25 दिनों के अंदर इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2020 का परीक्षाफल घोषित कर दिया. 2019 में मात्र 28 दिनों के अंदर रिजल्ट तैयार कर दिया गया था.

रिजल्ट बिहार बोर्ड की ऑफिशल वेबसाइट्स www.onlinebseb.in एवं www.biharboardonline.bihar.gov.in पर जाकर देख सकते हैं.

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Chhapra: स्थानीय निजी विद्यालय ब्रज किशोर किंडर गार्टन परिवार की तरफ से प्राचार्या उषा सिन्हा ने शहर के बच्चों व उनके अभिभावकों से कोरोना वायरस से बचने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि कोरोना जैसे विषाणु यानी विष से बचने के लिए आप घर में रहकर इस गंभीर चुनौती का सामना करने में हमारा साथ दें.

बच्चे, बुजुर्ग, हम और आप सभी देश के एक संबल कर्णधार है. अतः इस विषम समय में मिले निर्देशों का पालन करें तथा खुद को और अपने परिवार को बचाएं. जैसे हाथो को बार बार धोना, मास्क पहनना, एक दूसरे से दूरी बनाए रखना, बाहर के सामानों पर अंकुश लगाना इत्यादि.

उन्होंने कहा कि हमें विश्वास है, हम एकजुट होकर नियमबद्ध तरीके से मिले मार्गदर्शन का पालन करेंगे तो निश्चित ही इस भयावह समय से बाहर आ जाएंगे.

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Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जिले को लॉक डाउन किया गया है. आवाजाही के सभी साधन बंद है. सड़को पर कुछेक लोग ही दिख रहे है. आलम यह है कि हर तरफ अब सन्नाटा ही सन्नाटा है.

राज्य सरकार ने प्रदेश वासियों की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाये गए है जिनपर कार्य प्रारंभ भी हो चुका है. जिले में दूरदराज से आने वाले लोगों को एकांत में रहने के निर्देश दिया गया है. इसके लिए प्रशासन ने निर्देश जारी किया है. जिसके अनुसार दूसरे प्रदेशों से आने वालों को अस्थायी आवासन की व्यवस्था की गई है.

शहर से लेकर गांव तक कुल 329 विद्यालयों को चिन्हित कर उन विद्यालयों में दूसरे प्रदेशों से आने वाले लोगो को रखने का निर्देश दिया गया है.

सोमवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने इसकी सूची जारी कर दी. डीईओ द्वारा जिले के 20 प्रखंड शहर एवं ग्रामीण इलाकों के 329 विद्यालयों में अस्थायी आवासन की व्यवस्था को लेकर सभी चिन्हित विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को आवासन की व्यवस्था करने का निर्देश जारी किया गया है. जिसमे मूलभूत सुविधा बिजली, पानी, शौचालय का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है. साथ ही साथ बीइओ, बीडीओ को भी यह सूचना दी गयी है कि वह अपने क्षेत्रों के विद्यालयों में अस्थायी आवासन को लेकर मुकम्मल तैयारी करें और दूसरे प्रदेशों से आने वालों को वहां रखें.

डीईओ ने स्पष्ट किया है कि विद्यालयों में किये जाने वाले खर्च की राशि विद्यालय के खाते से ली जाएगी.

जिले के इन 329 विद्यालयों को बनाया गया अस्थायी आवासन स्थल 

 

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नगरा: नियोजित शिक्षकों की हड़ताल 34वे दिन भी जारी है. शिक्षकों की जारी इस हड़ताल और सरकार की शिक्षकों के प्रति बेरूखी से दिन प्रतिदिन शिक्षकों की स्थिति दयनीय हो रही है. इसके बावजूद भी शिक्षक अपनी मांगों को लेकर कायम है.

शिक्षक सरकार के साथ इस आपदा की घड़ी में कदम से कदम मिलाकर काम कर रहे है. कोरोना वायरस के प्रति लोगो को जागरूक कर रहे है. साथ ही साथ अपनी मांगों के खिलाफ आवाज को भी बुलंद कर शिक्षकों के प्रति सरकारी नीति का विरोध प्रदर्शन भी कर रहे है. हड़ताल के कारण शिक्षकों का वेतन स्थगित है जिसके कारण इनके समक्ष अब भुखमरी की स्थिति पैदा हो रही है.जिसके कारण शिक्षक अब सतुआ खाने को विवश है. हड़ताली शिक्षकों का कहना है कि बिहार सरकार नियोजित शिक्षकों को समान कार्य समान वेतन पे वार्ता नहीं कर रही है. वही नियोजित शिक्षकों को 3 माह से वेतन भी नसीब नहीं है. शिक्षकों ने भारत के प्रधानमंत्री की बातों का हवाला देते हुए कहा कि पीएम ने अपने संबोधन में किसी भी कर्मचारी का वेतन नहीं काटने की बात कही है, वही राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शिक्षकों को वेतन विहीन रख रहे है. वेतन नही मिलने से नगरा के शिक्षक भूखमरी के कागार पर पहुंच चुके है. शिक्षकों ने सतुआ खाकर अपना विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही शिक्षकों ने कोरोना वायरस से बचने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया. इस मौके पर विजयेंद्र कुमार विजय, सुनील कुमार सिंह, अम्बिका राय, विनायक कुमार यादव, राजेश कुमार सिंह, सिराजुद्दीन अंसारी, सैयद अली, एकबालू रहमान, प्रमोद कुमार सिंह, विमलेश कुमार सिंह, मनोज कुमार, जयप्रकाश, ऋषिकेश के साथ सैकडों शिक्षक मौजूद थे.

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Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह सतर्क दिख रहा है. सामान्य प्रशासन विभाग से मिले पत्र के आलोक में जारी दिशा निर्देशों पर अब कार्रवाई भी शुरू हो गयी है.

जिला शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार सिंह ने शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों में कार्यरत कर्मियों के समूह का निर्धारण कर दिया है. मंगलवार को इस आशय से सम्बंधित पत्र भी जारी कर दिया गया. जिसके अनुसार समूह ग एवं अवर्गीकृत कर्मियों को सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और मंगलवार, गुरुवार, शनिवार दो शिफ्ट में कार्यालय आने एवं कार्यो को करने का आदेश जारी किया है. हालांकि यह व्यवस्था 31 मार्च तक फिलहाल लागू की गई है.

कर्मियों के लिए बनाई गई समय सारणी, यहां देखें लिस्ट

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नगरा: कोरोना वायरस को लेकर सभी सतर्क दिख रहे है. ऐसे में सबसे कमजोर वर्ग के लोगों में इसके प्रचार प्रसार रोकधाम के उपाय को बताना बेहद जरूरी दिख रहा है. मंगलवार को स्थानीय साहिमपुर महादलित बस्ती में अभियान चलाकर न सिर्फ आम लोगों को जागरूक किया गया बल्कि साथ ही साथ उनके बीच डेटॉल साबुन का वितरण भी नि: शुल्क रूप से किया गया.

विगत 29 दिनों से समान काम समान वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर चल रहे नियोजित शिक्षकों ने कोरोना वायरस को दूर करने के लिए कमर कस ली है.

सरकार से अपनी मांगों के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए शिक्षकों द्वारा प्रतिदिन कोरोना के प्रति आम जनमानस को जागरूक किया जा रहा है. महादलित टोले में शिक्षकों द्वारा सभी लोगों को इस वायरस के बारे में बताया गया. साथ ही उन्हें हाथ धोने के तरीके की जानकारी दी गयी. इसके अलावे शिक्षकों ने परिवारों के बीच 100 से अधिक डेटॉल साबुन का वितरण कर प्रतिदिन उसके प्रयोग पर बल दिया.इस मौके पर नगरा प्रखंड के संघर्ष समन्वय समिति के विजयेंद्र कुमार विजय, मुन्ना कुमार यादव, प्रदीप कुमार सिंह, संतोष कुमार , बिंदेश्वरी प्रसाद सिंह, जयप्रकाश कुमार, बच्चा जी, शिवराज सिंह चौहान, अभय कुमार सिंह, सुनील कुमार, दिनेश कुमार सिंह, बीरेंद्र सिंह, राजेंदर प्रसाद शामिल थे.

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Chhapra:कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए छपरा के सभी कोचिंग व स्कूल बंद हैं. ऐसे में छपरा में IIT व मेडिकल को कोचिंग भी बन्द हैं. IIT व मेडिकल की तैयारी कर रहे छात्रों की पढ़ाई न छूटे इसके लिए छपरा के Avanti Classes ने एक नई पहल की है. Avanti Classes, Avanti Gurul App के जरिये घर बैठे बच्चों को ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से पढ़ा रहा है. इस App के जरिये हज़ारों बच्चे घर बैठे ही ऑनलाइन IIT व मेडिकल की पढ़ाई कर तैयारी कर पा रहे हैं.

इसके लिए विशेष तौर पर छपरा में स्टूडियो भी बनाया गया है, जहां से शिक्षक बच्चों को ऑनलाइन पढा रहे हैं. यहीं नहीं देशभर में Avanti Clases द्वारा 12 अलग अलग शहरों में लाइव क्लास के लिए स्टूडियो बनाया गया है, जिससे छात्रों की JEE व मेडिकल की तैयारी में कोई कमी न रहे.

छपरा में Avanti के प्रबन्धक सौरभ ने बताया कि Technology की मदद से खास पहल की गई है. इसके माध्यम से छात्रों को घर पर ही सारे विषयों के लाइव क्लासेज चलाये जा रहे हैं. इससे छात्रों की पढ़ाई ऑनलाइन क्लासेज के माध्यम से बेहद आसानी से होगी और छात्र घर बैठे आसानी से पढ़ सकते हैं, और उन्हें संक्रमण का भी कोई खतरा नहीं होगा.

क्लास के लिए कोई शुल्क नहीं

Avanti Gurukul app बिल्कुल फ्री है. इसे कोई भी छात्र इस्तेमाल करके पढ़ाई व प्रैक्टिस कर सकता है. App में स्मार्ट रिवीजन, वीडियोज आदि की सुविधाएं है. बिना किसी शुल्क के छात्र सभी वीडियोज व टेस्ट सीरीज एक्सेस कर सकते हैं.

बता दें कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बिहार में सभी स्कूल, कोचिंग, कॉलेज 31 मार्च तक बंद रखने के आदेश दिए गए हैं. जिसके बाद से पठन पाठन का कार्य बंद है. छात्रों की पढ़ाई न छूटे इसके लिए AVANTI CLASSES ने ऑनलाइन व्यवस्था शुरु कर दी है.

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Chhapra: हड़ताली शिक्षकों द्वारा एक तरफ जहाँ सरकार से समान काम समान वेतन की मांग की जा रही है. वहीं दूसरी ओर देश में अचानक आई राष्ट्रीय आपदा कोरोना वायरस के प्रति लोगों को जागरूक करते हुए सरकार के कदम से कदम मिलाकर कार्य किया जा रहा है.

नियोजित हड़ताली शिक्षकों द्वारा हड़ताल के दौरान अपनी मांगों के साथ साथ आम जनमानस में कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर आम जनमानस को जागरूक करते हुए सावधानियां बरतने का आह्वान किया जा रहा है.

हड़ताली शिक्षकों द्वारा हाथ धुलाई, चिकित्सकीय परामर्श, मास्क वितरण के साथ-साथ अन्य कार्यों को करते हुए लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

सोमवार को मढ़ौरा प्रखंड में कोरोना वायरस बनकर खुद शिक्षकों ने इससे बचने की सलाह दी. लोगों के बीच इसके दुष्परिणाम, कोरोना वायरस के लक्षण एवं इससे बचने के लिए आवश्यक उपायों को बताते हुए हाथ धुलाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

इसके साथ साथ जिले के विभिन्न प्रखंडों में भी हड़ताली शिक्षकों द्वारा चिकित्सकों के सहयोग से आम लोगों के बीच इस वायरस के लक्षण, उसके रोकथाम और सावधानियों को बताया गया. जिससे कि इस बीमारी का संक्रमण लोगों के बीच ना फैले. साथ ही साथ अगर किसी मे इसका संक्रमण दिखे उसे स्वास्थ्य केंद्र में ले जाने की सलाह दी गयी.

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  • स्वर्णिम, उमाकांत, अनमोल राज, प्रकल्पा बने स्टूडेंट ऑफ द ईयर
  • लोगों ने तालियां बजा के बच्चो का किया उत्साहवर्धन

Chhapra: शहर के बचपन प्ले स्कूल का 5वां वार्षिकोत्सव समारोह रविवार को होटल मयूर में बेहद भव्य अंदाज में मनाया गया. जहां कार्यक्रम का उदघाट्न एकमा विधायक धूमल सिंह व डीपीआरओ ज्ञानेश्वर प्रकाश ने किया. इसके बाद अभिमान व शुभी ने सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया. फिर रमन्या, आराधना, प्रत्यूषा ने नाटक की आकर्षक प्रस्तुति से लोगों की खूब तालियां बटोरी. मेरा जूता है जापानी गीत पर अनमोल राज, वल्लिका, वैष्णवी,अम्बर,पीयूष व स्वर्णिमा का ग्रुप डांस देखने लायक था.

देश भक्ति से ओत-प्रोत करने के लिए अंकित,उमंग,प्रियांशु ने जब तेरे मिट्टी में मिल जाना गीत की प्रस्तुति की तो अभिभावक कुछ देर के लिए भावविभोर हो गए. इसके बाद आस्था, समृद्धि, छाया ने मेरे घर आयी एक नन्हीं परी पर समहिक नृत्य से लोगों को झूमने पर विवश कर दिया. वार्षिकोत्सव के दौरान बच्चों की एक से एक बढ़कर प्रस्तुति को देखकर अभिभावकों ने कहा कि बचपन प्ले स्कूल में पढ़ाई के साथ साथ कला को भी प्रोत्साहित किया जाता है. बच्चे जब अपना परफॉर्मेंस कर रहे थे तब उनके अभिभावक अपने बच्चों की कलात्मकता को मोबाइल कैमरे में कैद कर रहे थे.

कार्यक्रम के दौरान पढ़ाई के साथ अन्य कार्यों में बेहतर परफॉर्मेंस करने वाले छात्र छात्राओं को स्टूडेंट ऑफ द ईयर पुरस्कार से भी नवाजा गया. स्वर्णिम, उमाकांत, अनमोल राज, प्रकल्पा सिंह को यह पुरस्कार मिला. पुरस्कार पाने के बाद बच्चों की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था.

मुख्य अतिथि विधायक मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह ने बच्चों को उनकी शैक्षणिक व सांस्कृतिक उपलब्धियों के लिए उनका उत्साहवर्धन किया. उन्होंने बच्चों को अच्छा नागरिक बनने की प्रेरणा दी. डीपीआरओ ज्ञानेश्वर प्रकाश ने भी बच्चो की प्रतिभा की सराहना की. इस अवसर पर स्कूल के संयुक्त निदेशक संजय पांडेय, निदेशक मधु सिंह,ब्यास सिंह, धनंजय सिंह,,शिक्षिका सोनी सिंह,ब्यूटी,अंकिता, स्वस्तिका, शिवानी,लक्ष्मी, नीलम,प्रिया, गिन्नी,गुलाफसा, सोनी प्रसाद,निशांत ने बच्चो को प्रोत्साहित किया. कार्यक्रम का संचालन सोनी-ब्यूटी ने किया. बेस्ट कोरियोग्राफर का अवार्ड गुलाफसा को मिला.

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