Dharm Desk: शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि में देवी का आगमन और गमन की सवारी महत्वपूर्ण मानी गयी है. अश्विन शुक्ल प्रतिपदा दिन रविवार 29 सितम्बर को शारदीय नवरात्र प्रारम्भ हो रहा है.

पंडित हरेराम शास्त्री के अनुसार रविवार को प्रारम्भ होने से देवी का आगमन गज अर्थात हाथी से हो रहा है. जिसका फल सुखद वृष्टि है और गमन 8 अक्टूबर मंगलवार को हो रहा है इसलिए भगवती पैरों से युद्ध करने वाले पक्षी पर सवार होकर जाएंगी. जिसका फल, राष्ट्र में अराजकता और युद्ध की सम्भावना है.

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Chhapra: दुर्गा पूजा को लेकर तैयारी शुरू हो चुकी है. शहर के चौक चौराहे पर मूर्ति निर्माण और पंडाल निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है. कोलकाता से आए कारीगरों द्वारा मूर्ति और पंडाल को अंतिम रूप दिया जा रहा है. शहर के गांधी चौक पर पंडाल कारीगरों द्वारा साउथ गोल्डन के शिव मंदिर का निर्माण किया जा रहा है.

गांधी चौक दुर्गा पूजा समिति के कोषाध्यक्ष बालेश्वर राय ने कहा कि ने कहा कि प्रत्येक वर्ष दुर्गा पूजा समिति द्वारा गांधी चौक पर प्रसिद्ध चीजों को बनाया जाता हैं. विगत वर्षों में लाल किला, केदारनाथ धाम, ताजमहल, गेटवे ऑफ इंडिया आदि जैसे पंडाल बनाए गए हैं जो आकर्षण का केंद्र थे.

उन्होंने बताया कि 1990 से लगातार समिति द्वारा भव्य पंडाल और मां दुर्गा की स्थापना की जाती है. इस वर्ष भी गांधी चौक पर साउथ के स्वर्ण मंदिर में मां दुर्गा स्थापित की जाएंगी. पंडाल की लागत सात लाख रुपए है. वही पंडाल में 700 से अधिक बांस का प्रयोग किया जा रहा है.

 

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Chhapra: पुत्र की लंबी आयु को लेकर शनिवार को नहाय खाय के बाद रविवार की अहले सुबह से महिलाओं ने उपवास प्रारम्भ कर दिया है.

जीवित्पुत्रिका व्रत अनुष्ठान के तहत महिलाएं अपने पुत्र की लंबी आयु की कामना के लिए रविवार को पूरे दिन का उपवास रखकर संध्या समय मे पूजा अर्चना की गई. सभी व्रतियों ने जीवित्पुत्रिका कथा का श्रवण किया और पुत्र की सलामती का आशीर्वाद मांगा.

इस अवसर पर महिलाओं ने संध्या पहर में नदी और तालाब में स्नान किया. साथ ही साथ मंदिरों में विशेष पूजन और जीवित्पुत्रिका कथा का श्रवण किया.

इस बार शनिवार 21 और रविवार 22 सितंबर को जिउतिया का व्रत शुरू हो गया. आश्विन कृष्ण पक्ष की अष्टमी 21 को पूरे दिन और 22 सितंबर की दोपहर तीन बजे तक है. अरसे बाद जिउतिया व्रत 24 घंटे से अधिक समय का है.

व्रत को जितिया या जीउतिया या जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जानते हैं. अश्विन कृष्ण अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत का बड़ा महात्म्य है. गोबर-मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजा कुश के जीमूतवाहन व मिट्टी-गोबर से सियारिन व चूल्होरिन की प्रतिमा बनाकर व्रती महिलाएं जिउतिया पूजा करेंगी. फल-फूल, नैवेद्य चढ़ाए जाएंगे. जिउतिया व्रत में सरगही या ओठगन की परंपरा भी है.

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Chhapra: शहर के मुख्य चौराहे नगरपालिका चौक पर पिछले 55 सालों से दुर्गा पूजा के अवसर पर पंडाल बनाया जा रहा है. नगरपालिका चौक पर भव्य पंडाल, मां दुर्गा की प्रतिमा और लाइटों की सजावट आकर्षण का केंद्र होता है. बाहर से आए कारीगरों द्वारा पंडाल एवं मूर्तियों को भव्य रूप दिया जाता है.

 

बंगाल से आए पंडाल कारीगर लादेन जी ने बताया कि पिछले कई वर्षों से दुर्गा पूजा में छपरा शहर में पंडाल बनाते आ रहे हैं. प्रत्येक वर्ष कुछ नया लोगों को देखने को मिले यह हमारी कोशिश रहती है. इस वर्ष लगभग 400 बॉस और प्लाई वूड और कपड़े का इस्तेमाल किया जा रहा है. पिछले 1 महीने से यह कार्य शुरू कर दिया जाता है.

मूर्तिकार विपिन दास ने बताया कि दुर्गा पूजा शुरू होने के 1 महीने पूर्व से हम मूर्ति को बनाना शुरू करते हैं और सप्तमी तक अंतिम रूप देने में कामयाब होते हैं. हमारी कोशिश होती है शहर में बन रहे अन्य पूजा पंडालों स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमा भव्य हो.

दुर्गा पूजा समिति नगरपालिका चौक छपरा के कोषाध्यक्ष अभिषेक जैन ने बताया कि 1965 से नगरपालिका चौक पर भव्य पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. पिछले 55 सालों सालों में समिति द्वारा भक्तजनों के लिए सुंदर और भव्य मूर्ति और पंडाल बनाने की कोशिश रहती है. उन्होंने बताया कि लाइट डेकोरेशन सोहेल खान द्वारा किया जाता है. वही समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न राय, सचिव रमेश कुमार गुप्ता, उपाध्यक्ष भरत राय, महासचिव बबलू, संरक्षक शकल राय, शेखर सिन्हा, विजय कुमार निराला, गौरव कुमार गुप्ता, शत्रुघ्न प्रसाद आदि सदस्यों की अहम भूमिका रहती है.

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Chhapra: भगवान विश्वकर्मा का पूजन शहर से लेकर गांव तक धूम धाम से मनाया गया.

शहर के सभी आईटीआई प्रशिक्षण संस्थान के अलावे सभी मोटर गैरेज और दुकानों में पूजा की गई. भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना की गई. वही गांधी चौक, दरोगा राय चौक, तेलपा स्टैंड के समीप वाहन चालकों द्वारा संयुक्त रूप से प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गई.

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Chhapra: मुहर्रम के अवसर पर मंगलवार को शहर में मातमी जुलूस निकाली जाएगी. शिया समुदाय के लोगों द्वारा जुलूस निकाली जाएगी. मुहर्रम की दस तारीख को मातमी जुलूस निकाली जाती है. सोमवार यानी नौ मुहर्रम को शिया कॉलोनी दहियावां और नई बाज़ार में जंजीरी मातम हुआ. मंगलवार को शहर मे निकाले जानेवाली मातमी जुलूस महमूद चौक, पंकज सिनेमा रोड होते हुए साहेबगंज के रास्ते बूटनबाड़ी पहुंचेगी जहाँ पहलाम किया गया.

बताते चलें कि सैकड़ो की संख्या में मातम करते हुए लोग इस जुलूस में शामिल होते है. मुहर्रम की दस तारीख को मातमी जुलूस निकाली जाती है. नौ मुहर्रम को शिया कॉलोनी दहियावां और नई बाज़ार में जंजीरी मातम किया गया.

मुहर्रम यानी इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महीना होता है और इस महीने की 10वीं तारीख का महत्व इस्लाम में बहुत ही ज्यादा है. मुसलमान, खास तौर पर शिया मुसलमान मुहर्रम की 10वीं तारीख (आशूरा) को न सिर्फ मातम मनाते हैं बल्कि कर्बला के मैदान में 1400 साल पहले नवास-ए-रसूल (पैगंबर मोहम्मद के नाती इमाम हुसैन) की शहादत दिवस पर मातम करते हैं. मातमी जुलूस निकालकर 1400 पहले हुए जुल्म की दास्तान को याद करते हैं. भारत में कल मंगलवार को मुहर्रम की 10वीं तारीख है. इस मातमी मौके पर देश में ताज़िए भी निकाले जाएंगे.

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Chhapra: सारण जिला कानू महासभा के तत्वधान में डी एन गार्डेन में संत शिरोमणि बाबा गणिनाथ गोविंद महाराज का 46वां जयंती सह पूजनोत्सव समारोह बड़े ही हर्षोल्लास के वातावरण में धूमधाम से मनाया गया.

शहर के कोने-कोने से एवं ग्रामीण अंचलों से आईं महिलाओं ने बाबा गणिनाथ गोविंद जी महाराज के पूजनोत्सव में शामिल होकर भजन कीर्तन किया. सारण जिला कानू महासभा के अध्यक्ष वीरेंद्र शाह मुखिया ने कहा कि पूजन के साथ- साथ कानू बंधुओं को चाहिए कि अपने बच्चे-बच्चियों को उत्तम शिक्षा दें. ताकि वे उच्च पदों पर आसीन हो सकें.

महासभा के महासचिव धर्मेंद्र साह ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से आज तक जितना मान सम्मान कानूवंशियों को मिलना चाहिए था वह आज तक प्राप्त नहीं हो सका है. इसके लिए जरूरत इस बात की है कि हम लोग संगठित होकर संघर्ष करें एवं शक्तिशाली बनें, तभी हमारा समाज सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक रूप से सशक्त बन सकेगा.


मुख्य सचेतक डॉ हरिओम प्रसाद ने बताया कि मीठा बाजार, मौना चौक ,छपरा में प्रस्तावित संत गणिनाथ गोविंद जी महाराज का मंदिर एवं धर्मशाला निर्माण का कार्य प्रारंभ हो चुका है. प्रथम तल्ले की ढलाई भी संपन्न हो चुका है. इसके आगे का कार्य कराने हेतु दानवीरों के द्वारा और दान दिये जाने की जरूरत है तभी आगे का कार्य संपन्न हो पाएगा.


मौके पर छपरा के विधायक डॉ सी एन गुप्ता, सभा के संरक्षक काशीनाथ प्रसाद आदि उपस्थित थे.

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Chhapra: शनिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर छपरा के सेंट जोसेफ एकेडमी में धूमधाम से जन्माष्टमी महोत्सव आयोजन किया गया. इस अवसर पर विद्यार्थियों ने मन मोहित करने वाले रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए. जिसमें नृत्य, कृष्ण प्रतियोगिता एवं मटका फोड़ कार्यक्रम आयोजित किया गया.
इस कार्यक्रम के बाद विद्यालय के निदेशक डॉ देव कुमार सिंह ने सभी बच्चों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. वहीं बच्चों को कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दी.कृष्ण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कुणाल प्रसाद ,द्वितीय स्थान आयुषी कुमारी और तृतीय स्थान रिया सिंह को हासिल हुआ. इस दौरान कार्यक्रम का संचालन विद्यालय के अभिषेक सिंह ने किया.

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Surabhit/Santosh/Aman/Kabir: छपरा के नगरपालिका चौक पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर मटकी फोड़ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. 30 फीट ऊंची बांधी गई मटकी को गोविंदा का फोड़ा गया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव समारोह समिति द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमे बाहर से आये कलाकारों ने अपने नृत्य से लोगों का दिल जीत लिया.

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके देखें वीडियो…

Facebook पेज पर तीन कैमरा एंगल से देखिये वीडियो

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पहला कैमरा

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दूसरा कैमरा

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तीसरा कैमरा

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Patna: त्याग, समर्पण और बलिदान का प्रतीक पर्व ईद-उल-अजहा देश भर में मनाया जा रहा है. इस अवसर पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत तमाम नेताओं ने मुस्लिम भाइयों को बधाइयाँ दी है.

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी बधाई


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दी बधाई

बिहार के मुख्यमंत्री ने दी बधाई

बिहार के उपमुख्यमंत्री ने दी बधाई

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Chhapra: सावन की चौथी और अंतिम सोमवारी पर शिव मंदिरों में सुबह से ही भक्तों भीड़ उमड़ी है. बोल बम, जय शिव के जयघोष से शिवमय हुआ वातावरण, शिवालयों में उमड़ी शिवभक्तों की भीड़. 

मंदिरों में साफ-सफाई के साथ सजावट की गयी है. मंदिरों में आज विशेष पूजा भी आयोजित की जाएगी. शाम में शिव भक्त को भगवान भोले शंकर का वृहद् श्रृंगार देखने को मिलेगा.

इन मंदिरों में रहेगी ज्यादा भीड़

सावन की अंतिम सोमवारी पर शिव भक्तों की भीड़ उमड़ेगी. शहर के धर्मनाथ मंदिर, गुदरी मंदिर, बटुकेश्वर नाथ मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, पंकज सिनेमा शिव मंदिर, मसुमेश्वर नाथ मंदिर, साहेबगंज मंदिर, साढा रोड मंदिर, ढोढ स्थान मंदिर,शिल्हौरी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भीड़ उमड़ेगी.

भव्यता के साथ हुई मंदिरों की सजावट

शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों तक स्थापित शिव मंदिरों को भव्यता रूप से सजाया गया है. फूल के साथ साथ रंग बिरंगी रोशनी से भी मंदिरों को सजाया गया है. वही इस अंतिम सोमवारी पर कई स्थानों पर भजन कीर्तन के आलावे जागरण के व्यवस्था की जा रही है.

सुरक्षा का भी रहेगा विशेष ध्यान

अंतिम सोमवारी पर मंदिरों में सुरक्षा के भी व्यापक इंतेजाम किये गए है. सभी मंदिरों में बिहार पुलिस के जवानों के साथ साथ दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जा रही है.

भक्तों के लिए ध्यान रखने वाली बातें

सोमवारी के दिन शिव भक्तों को पूजा के दौरान कई बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना होगा जिससे की इस सोमवारी उनकी पूजा में व्यवधान उत्पन्न ना हो. पुरुष और महिला सोने और चाँदी के आभूषण के साथ मंदिर में प्रवेश न करें. पूजा के दौरान मंदिर परिसर में अपने साथ आने वाले छोटे बच्चों का विशेष ध्यान रखे और उन्हें अकेला न छोड़े, मंदिर परिसर में लावारिश दिखने वाली वस्तुओं की सूचना मंदिर प्रशासन और पुलिस प्रशासन को दे.

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Chhapra: ईद-उल-अजहा नजदीक आते ही बाज़ारों मे रौनक है और मार्केट सज-धज कर तैयार है. व्यापारी दूर-दूर से बकरा लेकर मार्केट पहुँच रहे है. मार्केट में बरबरी बकरों की भरमार है. एक ओर जहां बकरे चार हजार से लेकर 50 हजार रुपये तक में मिल रहे हैं. ईद-उल-अजहा का त्योहार 12 अगस्त को मनाया जाएगा.

कुर्बानी के लिए पालते हैं बकरे

शहर में बहुत से लोग ऐसे भी हैं, जो तीस-चालीस हजार की कीमत वाले बकरे नहीं खरीद सकते. ऐसे लोग बकरा मंडी से दो से तीन माह बच्चों को चार से पांच हजार रुपए में खरीद कर पालते हैं. साल भर में ये बकरे के बच्चे बड़े हो जाते हैं. वहीं पाले हुए जानवर की कुर्बानी को इस्लाम में अफजल भी बताया गया है.

शौक में खरीदते हैं मंहगे बकरे
बकरों के शौकीन शहर में कई हैं, जो यहां बिकने आए खूबसूरत व तंदुरुस्त बकरों को ही खरीदना पसंद करते हैं. अब तक बकरों के बाज़ार मे 50 हज़ार का एक बकरा बिका है.

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