बिहार में होलिका दहन पर बन रहा है कंफूजन जाने कब करे होलिका दहन।

फाल्गुन माह के पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन का त्योहार मनाया जाता है. इस बार होलिका दहन कई तरह से शुभ मुहूर्त.  बिगड़े हुए सारे काम पूर्ण होगे. होलिका दहन जिसे कही पर छोटी होली के नाम से जाना जाता है.

महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक तथा भारत के दक्षिण के राज्यो में होलिका दहन 06 मार्च 2023 को मनाया जायेगा तथा बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखंड, बंगाल, आसाम में होलिका दहन 07 मार्च 2023 को किया जाएगा. सूर्यास्त के बाद प्रदोष के समय जब पूर्णिमा तिथि व्यापत हो उसी समय होलिका दहन किया जाता है. होलिका दहन के लिए प्रदोष, व्यापिनी पूर्णिमा तिथि में होलिका दहन शुभ मानी जाती है. होलिका दहन का मुहूर्त किसी त्योहार के मुहुर्त से ज्यादा महतवपूर्ण होता है. होलिका दहन अगर शुभ मुहूर्त पर नहीं किया जाये तो दुखदायी होता है साथ में नकारात्मक शक्तिया घर में विराजमान हो जाते है.  जिसे इंसान को आर्थिक तथा शाररिक क्षति होता है. वेवजह के घर में तनाव बना रहता है.

इस वर्ष होली को लेकर लोगो का अलग अलग विचार बना रहें है जिसे लोगो को असमंजस की स्थिति में है है. कही पर तो भद्रा को लेकर लोगो का विचार अलग बन रहा है.  धर्म सिन्धु के अनुशार भद्रा मुख में होलिका दहन किया जाता है तो उस गावं तथा शहर के अंतर्गत जो निवास करते है तथा वहा के लोग काफी परेशानी झेलते है.

ऋषिकेश पञ्चांग के अनुसार भद्रा काल का मुहूर्त 6 मार्च 2023 को शाम 3 बजकर 56 मिनट से शुरु होगा और 7 मार्च 2023 को सुबह 4 बजकर 48 मिनट तक रहेगा.
होलिका दहन मुहूर्त .
07 मार्च 2023 दिन मंगलवार समय संध्या 06:24 मिनट से 08:51 मिनट तक रहेग .
भद्रा पूंछ सुबह 12 :43 से 02 :01 सुबह तक
भद्रा मुख सुबह 02 :01 से 04:11 सुबह तक

फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का समाप्ति 07 मार्च 2023 दिन मंगलवार समय संध्या 06:09 मिनट तक.

इसलिए पञ्चांग के अनुसार होलिका दहन 07 मार्च 2023को होलिका दहन करे 8 मार्च 2023 को होली मनाई जाएगी.  

 

 

 

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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अमानतुल्लाह शाह वारसी के सालाना उर्स की तैयारी पूरी, 1 मार्च को इसुआपुर से निकलेगी चादर जुलूस

इसुआपुर: स्थानीय डटरा पुरसौली स्थित अमानतुल्लाह शाह वारसी के मजार पर सालाना उर्स आगामी 1 मार्च को धूमधाम से मनाया जाएगा.

23वें सालाना उर्स के आयोजन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. मजार शरीफ के रंग रोगन के साथ-साथ पूरे परिसर को रंग-बिरंगे झालरों और बिजली की बतियों से सजाया गया है.

2 दिनों तक चलने वाले इस सालाना उर्स को लेकर जनाब सूफी जमीर वारिस ने बताया कि प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी अमानतुल्लाह शाह वारसी के मजार पर सालाना उर्स का आयोजन आगामी 28 फरवरी एवं 1 मार्च को किया जाएगा. आयोजन को लेकर तैयारियां अंतिम चरण में है. पूरे परिसर की सजावट की जा चुकी है. वही इस अवसर पर देश के विभिन्न राज्यों से लोग शामिल होंगे.

सालाना उर्स के आयोजन को लेकर मीर साहब वारसी ने बताया कि आगामी 28 फरवरी को रात्रि में मजार शरीफ पर ईद मिलादुन्नबी का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा जिसमें कोलकाता, सिवान, इलाहाबाद, नेपाल, मुजफ्फरपुर, वैशाली, झारखंड और गोंडा सहित अन्य राज्यों के मौलाना शामिल होंगे.

इसके अलावा दूसरे दिन 1 मार्च को सुबह में चादर पोशी के साथ दोपहर में इसुआपुर बाजार से गाजे-बाजे के साथ चादर जुलूस का आयोजन किया जाएगा. जिसमें शामिल लोग अमानतुल्लाह शाह वारसी की मजार पर पहुंचेंगे और चादर पोशी की जाएगी.

उन्होंने बताया कि चादर पोशी के बाद रात्रि में ईद मिलादुन्नबी का कार्यक्रम एवं कव्वाली का आयोजन भी किया जाएगा. जिसमें दरभंगा, मुजफ्फरपुर और कोलकाता के कव्वाल अपनी प्रस्तुति देंगे. दो दिनों तक चलने वाले इस सालाना उर्स में आसपास के गांव के साथ-साथ पूरे बिहार के लोग शामिल होते हैं.

वही इस आयोजन को सफल बनाने के लिए पूर्व मुखिया दीदार वारिस, इमाम मेहंदी, चांद मोहम्मद, हाफिज तबारक हुसैन सहित अन्य लोग पूरी शिद्दत के साथ लगे हुए हैं.

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शिव बारात में शामिल कलाकारों को किया गया सम्मानित

छपरा: शिव बारात शोभा यात्रा की सफलता के बाद सोमवार को श्री राम जानकी मंदिर समिति द्वारा कलाकारों व समिति के सदस्यों को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर अध्यक्ष चान्दनी प्रकाश ने शिव बारात में शामिल कलाकारों व सदस्यों को मोमेंटो व मेडल देकर सम्मानित किया. वहीं समिति ने सदस्यों ने भी अध्यक्ष चांदनी प्रकाश को यात्रा में सहयोग के लिए सम्मानित किया. इस मौके पर अध्यक्ष चांदनी प्रकाश ने कहा कि पहली बार मुझे राम जानकी मंदिर समिति ने शिव बारात यात्रा की जिम्मेदारी दी, समिति के प्रत्येक कार्यकर्ता व कलाकारों ने यात्रा को सफल बनाने में अपना समर्पण दिया है. समिति के लोगों को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि मंदिर के विकास के लिए वो पूरा प्रयास करेंगी.

सम्मान समारोह में कलाकारों ने झांकियां व नृत्य पेश की. इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने कलाकारों का हौसला बढ़ाया. कार्यक्रम में माँ काली के रूप में बिट्टू, भगवान शिव के रूप में सर्वजीत कुमार, अंजली, प्रिया सिमरन कुमारी, अंश कुमार, आशीष कुमार राज, प्रिंस कुमार, अलीजा कुमारी, हर्षित कुमार, साक्षी कुमारी, रिशु कुमार, प्रकाश कुमार, जय राज, मुस्कान कुमारी, चिंकी कुमारी, गोविंद कुमार आदि कालाकारों को सम्मानित किया गया.

वहीं समिति के उपाध्यक्ष धर्मनाथ प्रसाद पिंटू ने भी कलाकारों व अन्य सहयोगियों को सम्मानित किया, वहीं अन्य कलाकारों को भगवान बाजार थानाध्यक्ष ने मेडल देकर पुरस्कृत किया. कार्यक्रम में कोषाध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव, संगठन सचिव बिल्लू सोनार, उपसचिव नितेश सिंह, कार्यालय सचिव प्रशांत समेत सभी कार्यकर्ता व सैकड़ो लोग मौजूद रहे. इस मौके पर संरक्षक सुरेंद्र सिंह, विंध्याचल पांडेय, अरविंद बाबा, मिथलेश शरण सिन्हा जयनाथ राय समेत सैकड़ों स्थानीय लोग मौजूद थे.

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Chhapra: महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं द्वारा सुबह से ही जलाभिषेक करने को लेकर शिवालयों में श्रद्धालुओं की बड़ी कतार देखी जा रही है। शहर के शिवालयों में जलाभिषेक को लेकर मंदिर प्रबंधन के द्वारा व्यापक तैयारियां की गईं हैं।

शहर के धर्मनाथ मंदिर में दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतारें लगी हुई है। 

 

मंदिर के पुजारी धनजी ने बताया कि श्रद्धालुओं के सुविधा को लेकर व्यवस्थाएं की गई हैं। सभी को पंक्तिबद्ध कर मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है। पुरुष और महिलाओं को  अलग अलग द्वार से प्रवेश दिया जा रहा है।

मंदिर में भीड़ से निपटने के लिए पुलिस बाल की तैनाती भी की गई है।

 

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काठमांडू, 18 फरवरी (एजेंसी )। महाशिवरात्रि के मौके पर पशुपतिनाथ में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। सुबह तीन बजे से ही पशुपतिनाथ के चारों कपाट खोल दिए गए हैं।

पशुपतिनाथ में उत्सव का माहौल है। इस मौके पर हर साल मंदिर परिसर में विशेष सजावट की जाती है। श्रद्धालु पूजन सामग्री लेकर दर्शन के लिए जाते नजर आ रहे हैं।

पशुपतिनाथ विकास कोष के कोषाध्यक्ष नारायण सुबेदी ने बताया कि श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए प्रबंधन की व्यवस्था की गयी है।

नेपाल पुलिस के प्रवक्ता डीआईजी पोशराज पोखरेल ने बताया कि सुरक्षा के लिए 35 सौ पुलिसकर्मियों को लगाया गया है। उनका अनुमान है कि सुबह आठ बजे तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालु ने पशुपतिनाथ के दर्शन किए।

फाल्गुन की कृष्ण चतुर्दशी को पड़ने वाली महाशिवरात्रि का एक विशेष सांस्कृतिक महत्व है। पशुपतिनाथ क्षेत्र में देश-विदेश के साधु-संतों और भक्तों की खासी उपस्थिति रहती है।

भीड़ को देखते हुए काठमांडू घाटी ट्रैफिक पुलिस डिवीजन पहले ही एक प्रेस नोट के जरिए सूचित कर चुकी है कि वाहनों को डायवर्ट किया जाएगा।

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Chhapra: मनोकामना नाथ मंदिर शिव विवाह शोभायात्रा के पूर्व भगवान भोलेबाबा का हुआ हल्दी कलश (माटी मटकोर) भव्य तरीका से विधिवत सैकड़ो महिलाये मंगल गीत गाते हुए संगीत, बैंड बाजा के साथ संपन्न हुआ।

हल्दी रस्म के बाद मटकोर का चावल -दाल का प्रसाद रूपी भोजन का भी आयोजन किया गया। शहर एवं आस पास के काफी संख्या में पुरुष महिला भव्य हल्दी, कथा मटकोर का साक्षी बने।

मनोकामना नाथ शिव विवाह शोभा यात्रा के अध्यक्ष पूर्व प्रचार्य अरुण कुमार सिंह ने बताया शिव विवाह शोभा यात्रा तैयारी पूर्ण कर लिया गया है।  इस बार 20 वा वर्ष होने के कारण कुछ अलग तरीके के झांकियां बनाई गई हैं। झांकी अलग अलग डॉ आर एन सिंह कॉलेज के प्रांगण सहित मांझी, रिविलगंज सहित आधा जगह जगह पर कलाकारों द्वारा अंतिम रूप दिया जा रहा है, जो शाम से मध्य रात्रि तक मनोकामना मंदिर पर कतार लगनी शुरू हो जाएगी।

सुबह 10:00 बजे से प्रातः शोभायात्रा की बरात मनोकामना नाथ मंदिर के परिसर से प्रारंभ होगी जो नगर भ्रमण तय रुट के हिसाब से भर्मण करते हुए रात्रि में 8:00 बजे मंदिर पहुचेगी। 

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महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का एक महान पर्व है. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष को यह पर्व मनाया जाता है. इस दिन भोलेनाथ के भक्त मंदिर में शिव लिंग पर पूजा करते है।  पूजन में बेलपत्र, फूलमाला, धतुर चढ़ाकर भगवान शिव को पूजन करते है तथा रात्रि में जागरण करते है.

इस दिन पूजन करने पर सभी मोनोरथ पूर्ण होते है। इस दिन विशेष सामग्री से अभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते है। इस दिन भगवान शिव के भक्त उपवास करते है।

इस दिन भोलेनाथ तथा माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसका वर्णन गरुड़ पुराण, शिवपुराण, अग्निपुराण में व्याख्या मिलता है। जिनके विवाह होने में परेशानी हो रही हो इस दिन शिव अभिषेक करे।

इस शिवरात्रि में बन रहा है दुर्लभ संयोग

इस दिन शनिवार है जिसे शनि प्रदोष भी है।  प्रदोष व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है। शनि प्रदोष करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।   ज्योतिष शास्त्र में इस तिथि को अत्यंत ही शुभ बताया गया है।  महाशिरात्रि के समय सूर्य उतरायण हो चुके होते है चतुर्दशी तिथि को चंद्रमा कमजोर स्थिति में आ जाते है।  भगवान शिव चन्द्रमा को अपने मस्तक पर धारण किये है। जिनके कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, कालसर्प दोष है वह इस दिन भगवान शिव का पूजन करे सभी दोष दूर होंगे एवं आपको शक्ति मिलेगी। 

कब है महाशिवरात्रि तथा शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुशार महाशिवरात्रि का व्रत 18 फ़रवरी 2023 दिन शनिवार को मनाई जाएगी
निशिता काल पूजा समय:  रात्रि 11:38 से 12 :28 सुबह 19 फरवरी तक
पारण: 19 फ़रवरी 2023 सुबह 6 :22 के बाद

पूजा विधि :
सूर्योदय के पहले उठ जाये स्न्नान करने के बाद साफ स्वच्छ कपड़ा पहने
पूजा स्थल का सफाई करे तथा गंगाजल छिड़के 
लोटे में दूध या पानी भरकर उसमे बेलपत्र, धतुरा, फूल चावल डालकर भगवान शिव को चढ़ाये
शिवपंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करे। 

पौराणिक कथा :
माता पार्वती ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए घनघोर तपस्या की थी उसके बाद इस दिन विवाह हुआ । यही कारण है कि इस दिन को महत्वपूर्ण तथा पवित्र माना जाता है। 

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सारण गौरव यात्रा को लेकर बैठक आयोजित

Chhapra: सारण में अलौकिक स्थलों को पर्यटक के मानचित्र स्थापित करने के लिए सारण के लोगों ने संकल्प लिया है. आमी स्थित माता अंबिका भवानी मंदिर परिसर में युवा ब्राह्मण चेतना मंच की पहल पर छपरा के विभिन्न धार्मिक सामाजिक संगठन समस्त सनातन धर्मावलंबियों ने सारण को पर्यटक के मानचित्र पर स्थापित करने के लिए बैठक आयोजित की गई.

बैठक में उपस्थित सैकड़ों की संख्या में लोगों ने यह संकल्प लिया श्रृंगी ऋषि का आश्रम सिमरिया, गौतम ऋषि का आश्रम गोदना रिविलगंज, महर्षी दधिचि आश्रम दहियावां छपरा चय्वन ऋषि राजा मोरध्वज चिरांद, मार्कंडेय ऋषि राजा सूरत एवं वैश्य समाधि स्थल अंबिका भवानी एवं हरिहर क्षेत्र सोनपुर को धार्मिक पौराणिक स्थल को पर्यटक बनाने के लिए प्रयासरत हैं.

बैठक की अध्यक्षता मानस मर्मज्ञ शिव वचन सिंह शिवम ने किया. इस अवसर पर मंदिर के मुख्य पुजारी नीलू बाबा, पूर्व जिला पार्षद जनार्दन सिंह चौहान, सिपाही राय, पप्पू सिंह अभिमन्यु सिंह, सुनील तिवारी, मनोज तिवारी, रितेश तिवारी, श्रीकांत तिवारी, अजय कुमार सिंह, कृष्ण कुमार वैष्णवी, डायरेक्टर विनोद कुमार सिंह, विमलेश तिवारी उर्फ बबलू बाबा, अरुण पुरोहित, डॉ सुभाष पांडे, संजय पाठक, मानस मधुकर संदीपाचार्य, तारकेश्वर प्रसाद, मुख्य रूप से उपस्थित रहे.

सारण गौरव यात्रा स्थानीय कमेटी का निर्माण भी हुआ. इस अवसर पर अरुण पुरोहित ने कहा कि ऋषि ऋण से उऋण होने के लिए अपने पूर्वजों को जाने हम सब ऋषियो की संतान है.

सारण के धार्मिक सामाजिक धरोहर को बचाने के लिए के लिए समस्त सारणवासी सारण गौरव यात्रा में तन मन धन से सहयोग करें. मंच संचालन विमलेश तिवारी और धन्यवाद ज्ञापन श्यामसुंदर मिश्रा ने किया.

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मथुरा, 25 जनवरी (एजेंसी)। श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह अमीन सर्वे मामले पर सुनवाई के लिए अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट ने बुधवार दोपहर 10 फरवरी की तारीख निश्चित की। हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह अमीन निरीक्षण की मांग की गई थी। वहीं मुस्लिम पक्ष ने 20 जनवरी को दाखिल प्रार्थना पत्र 7 रूल 11 पर सुनवाई के लिए का प्रार्थना पत्र देते हुए केस को खारिज करने की मांग की। कोर्ट ने 10 फरवरी को दोबारा सुनवाई करेगी।

गौरतलब हो कि हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने 08 दिसंबर को कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए विवादित स्थल का कोर्ट अमीन द्वारा निरीक्षण करने की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने अमीन निरीक्षण के आदेश दे दिए और वादी पक्ष को 3 दिन में पैरवी के लिए कहा।

श्री कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामले में कोर्ट अमीन ने निरीक्षण करने एवम मय मानचित्र के रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के मामले पर बुधवार दोपहर बाद अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में सुनवाई हुई। अमीन निरीक्षण मामले पर सुनवाई से पहले मुस्लिम पक्ष केस के मेंटेवल और नॉन मेंटबल होने पर सुनवाई चाहता था। जिसके लिए सीपीसी की धारा 7 रूल 11 के तहत कोर्ट में एप्लिकेशन दाखिल की। कोर्ट ने इस पर 10 फरवरी की डेट दे दी। अब कोर्ट 10 फरवरी को पहले 7 रूल 11 पर सुनवाई करेगा।

हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बताया कि भगवान बाल कृष्ण वाद में सुनवाई हुई। यह सुनवाई चल रही थी तभी मुस्लिम पक्ष ने 7 रूल 11 का प्रार्थना पत्र लगा दिया। उम्मीद है 10 फरवरी को कोर्ट आदेश का अनुपालन कराएगा और 7 रूल 11 को खारिज करेगा।

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि वादी पक्ष ने 8 दिसंबर को कोर्ट को गुमराह करते हुए गलत तथ्य पेश कर अमीन रिपोर्ट का आदेश करा लिया था। जिसकी न कोई सूचना दी, न कोई नोटिस मिले थे। लेकिन जब न्यायालय में पक्ष रक्षा तो कोर्ट ने सुना। 20 जनवरी डेट थी, इसमें उस दिन कोर्ट में 7 रूल 11 लगाया कुछ शपथ पत्र दिए कुछ आपत्तियां दाखिल की। कोर्ट से कहा कि पहले यह तय हो जाए कि यह मुकदमा सुनने योग्य है कि नहीं। इस पर कोर्ट ने सुनवाई की और तय किया कि पहले 7 रूल 11 पर सुनवाई होगी।

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प्रयागराज:  विश्व हिंदू परिषद माघ मेला शिविर में आयोजित संत सम्मेलन के दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने घोषणा किया कि अगले मकर संक्रांति पर श्रीराम जन्मभूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

बुधवार को आयोजित संत सम्मेलन में उन्होंने अगले वर्ष मकर संक्रांति से माघ मेला शुरू होने के बीच का जो समय होगा उस पर संतों को अयोध्या आने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इस बसंत पंचमी से लेकर एक वर्ष तक अयोध्या में रविवार को सूर्य उपासना, सूर्य आदित्य, हृदय स्त्रोत, सोमवार को रुद्राभिषेक, मंगलवार को हनुमान चालीसा, बुधवार को गणपति अथर्व शीर्ष का पाठ, एकादशी को विष्णु सहस्त्रनाम से आहुति गुप्त एवं चैत्र नवरात्र में सतचंडी का पाठ चलता रहेगा।

चम्पत राय ने आगे कहा कि यह प्रयाग की वही पावन भूमि है जहां पर विश्व हिंदू परिषद की स्थापना के बाद से आज तक हिंदू समाज के सारे विषय के चिंतन और निर्णय इसी धरा पर हुए हैं। 1966 से लेकर आज तक संत इसी पुण्य भूमि पर हिंदू समाज का मार्गदर्शन करते रहे हैं। इसी भूमि से विश्व हिंदू परिषद का संविधान स्वीकार किया गया और जो हमसे भूले भटके छीन लिए गए उनको स्वीकार करके ऐसे समाज को अपने पूर्वजों की जड़ों से जोड़ने का कार्य हम 1966 से लगातार कर रहे हैं।

संत सम्मेलन में प्रमुख रूप से विहिप के केंद्रीय मंत्री रासबिहारी, केंद्रीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख जीवेश्वर मिश्र, क्षेत्रीय संगठन मंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश गजेंद्र, प्रांत अध्यक्ष केपी सिंह, प्रांत संगठन मंत्री मुकेश, प्रांत सह संगठन मंत्री नितिन, प्रांत उपाध्यक्ष विमल प्रकाश सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे।

सम्मेलन के प्रारंभ में अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने प्रस्तावना रखी। उन्होंने कहा हिंदू समाज के समक्ष अस्तित्व पर संकट के बादल बने हुए हैं और संतों का मार्गदर्शन मांगा। हिंदू समाज को हिंदू धर्म संस्कृति के लिए आज के समकालीन विषयों पर हिंदू समाज को मार्गदर्शन करने का निवेदन किया और उन्होंने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया।

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वसंत पंचमी कब मनाया जायेगा जाने पूजा विधि तथा शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. मुख्य रूप से ये पर्व ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था. वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, विणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान हो कर प्रकट हुई थीं. इसलिए इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. वसंत पंचमी से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है. सनातन धर्म में मां सरस्वती की उपासना का विशेष महत्व है, क्योंकि ये ज्ञान की देवी हैं. मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी और देवी काली का भी आशीर्वाद मिलता है. आइए जानते हैं नए साल में वसंत पंचमी की पूजा का मुहूर्त और पूजा विधि

माघ माघ के शुक्ल पक्ष की बसंत पंचमी की तिथि की शुरुआत 25 जनवरी 2023 को दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट पर हो रही है और इसका समापन 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 28 पर होगा.

शास्त्रों के अनुसार जिस दिन बसंत पंचमी तिथि सूर्योदय से दोपहर के बीच में व्याप्त होती है, उस दिन को देवी सरस्वती की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 26 जनवरी 2023 को बसंत पंचमी का त्योहार मनाना शुभ रहेगा.

सरस्वती पूजा का मुहूर्त:

बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 मां सरस्वती की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.

बसंत पंचमी पूजा विधि

बसंत पंचमी से बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है. इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनें और हल्दी, पीले अक्षत, रोली, मौली, पीले या सफेद रंग का फूल से मां सरस्वती की पूजा करें. देवी सरस्वती को मीठे पीले चावल का नेवैद्य लगाएं और फिर सरस्वती कवच का पाठ करें. इस दिन मां शारदा के समक्ष पुस्तक और वाद्य यंत्र रखकर बच्चों से उनकी पूजा कराएं और पीली चीजों का दान करें. बसंत पंचमी से बच्चे की पढ़ाई की शुरुआत करवाई जाती है. बसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहूर्त होता है. इस दिन किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने से उसमें कई गुना वृद्धि होती है.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ

8080426594/9545290847

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–विहिप की बैठक में संतों ने हिन्दू धर्म व संस्कृति के संरक्षण संवर्धन पर रखे विचार

प्रयागराज, 24 जनवरी (एजेंसी )। विश्व हिंदू परिषद, माघ मेला शिविर में आज मार्गदर्शक मंडल की बैठक हुई, जिसमें अनेक संतों ने हिंदू धर्म व संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन से संबंधित विचार रखे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि संतों के मार्गदर्शन से ही हिंदू समाज आज पूरी दुनिया में हिन्दू संस्कृति एवं हिंदू धर्म की प्रतिष्ठा सर्वोच्च है। संत लगातार हिन्दू समाज को संगठित और संस्कार युक्त बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं।

चंपत राय ने आगे कहा कि आज हिन्दू समाज के ऊपर अनेक प्रकार से आक्रमण हो रहे हैं जो कहीं अशांति की ओर ले जाने का प्रयास है। हिन्दू समाज के धैर्य की परीक्षा न ली जाए, हिन्दू समाज अपने ऊपर हुए हमले का जवाब देना जानता है।

उन्होंने कहा कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण प्रगति पर है। श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन इन्हीं संतों के मार्गदर्शन पर हुआ। नवीन पीढ़ी भी अपने धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए बाल्यकाल से ही रुचिकर वातावरण में उसको संस्कार और हिन्दुत्व का ज्ञान होता रहे, इसके लिए संगठन की ओर से अनेक प्रयास चल रहे हैं। यह वही पुण्यभूमि है जहां पर लिया गया संकल्प पूर्ण होता है।

मार्गदर्शक मंडल की अध्यक्षता कर रहे जगतगुरु रामानुजाचार्य वासुदेवाचार्य ने कहा कि हिन्दू समाज के लिए वैश्विक स्तर पर एक समग्र नीति बननी चाहिए। जिसका मार्गदर्शन सामाजिक राजनीतिक धार्मिक स्तर पर हिन्दू समाज मजबूत हो। सभी जाति, मत, पंथ संप्रदाय की एकता ही हिन्दू समाज की एकता है। हिन्दू समाज स्वयं आगे आकर धर्मांतरण का विरोध करे, गौ हत्या बंद हो इसके लिए संतों को आगे आना चाहिए। पूरी दुनिया में शांति के लिए इस राष्ट्र की पहचान है, जो हिंदू धर्म के कारण है। हमारा धर्म और संस्कृति संरक्षित और संवर्धित हो, हमें इसके लिए प्रयास करना चाहिए।

डॉ राम कमल दास वेदांती ने कहा समान नागरिक आचार संहिता ही हिन्दू समाज के ऊपर हो रहे हमले को रोकने में एक मजबूत कदम होगा। हमारी सरकारों को चाहिए किस देश में एक निशान एक विधान होना चाहिए। जिससे समाज में संतुलन बना रहेगा। ऐसा प्रयास हम सबको करना चाहिए। वैदेही वल्लभा देवाचार्य ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी वनवासी क्षेत्रों में हम संतो को निकलकर प्रवास करना चाहिए। जो हिंदू संस्कृति और धर्म की मुख्य धारा से हटे हैं, उसे मुख्यधारा में लाने का कार्य हम संतो को करना है। जब जब हिंदू धर्म और इस राष्ट्र पर किसी प्रकार का आक्रमण हुआ है तो संत ही आगे आए हैं।

संतोष दास सतुआ बाबा ने कहा कि लगातार हमारे जनजाति समाज के ऊपर हमले हो रहे हैं, हिन्दू समाज को बांटने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। हमें जाति के नाम पर बांटने का बहुत बड़ा खेल ईसाई मिशनरियों द्वारा किया जा रहा है। हमारे असहाय निरीह बंधुओं को लोग लालच देकर धर्मांतरण का खेल चलाया जा रहा है। इसलिए हम संत समाज से यह आग्रह करते हैं कि वह निकलकर इस घिनौने कुचक्र को समझाएं और सामाजिक समरसता की अनेक कार्यक्रम संतों द्वारा आयोजित किए जाएं।

कृष्ण आचार्य ने कहा कि आज हिंदू समाज में बाल संस्कार के लिए विहिप ने जो योजना बनाई है उस पर संत समाज पूरा सहयोग करेगा और हिंदू हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों बुराइयों को समाप्त करने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित करने की पहल करेगा।

डॉ नरसिंह दास ने कहा हम आगे आने वाली पीढ़ियों में केवल अपने संस्कृति का ज्ञान और महापुरुषों का इतिहास का ज्ञान करवाते रहें। हिंदू समाज की रक्षा के लिए हमें जीवन को लगा देना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद का कार्य ईश्वरीय है इसलिए इस पुण्य भूमि पर हम लोग एकत्रित होकर जो संकल्प लेते हैं वह अब तक पूरा होता आया है।

बैठक में संतों के समक्ष विचारणीय विषय वैदिक सनातन जीवन मूल्य, ग्रामीण वनवासी क्षेत्रों में प्रवास, घर वापसी, राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, समान नागरिक संहिता लव जिहाद और धर्मांतरण का प्रस्ताव अखिल भारतीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख जिवेश्वर मिश्र ने रखा।

संचालन अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया। इस दौरान प्रमुख रूप से स्वामी गोपालजी महाराज सच्चा आश्रम, स्वामी राम रतन दास, फुल हरि बाबा, स्वामी लाल बाबा सुदामा कुटी, अटल अखाड़ा बलराम गिरी, निरंजनी अखाड़ा हरिहरानंद सरस्वती, संतोष दास खाकी पुरुषोत्तम दास शिवपुरी अवधेश दास, रासबिहारी, विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री गजेंद्र, प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार, काशी प्रांत धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख आद्या शंकर, विहिप काशी प्रांत के अध्यक्ष के पी सिंह उपस्थित रहे।A valid URL was not provided.

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