महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का एक महान पर्व है. फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष को यह पर्व मनाया जाता है. इस दिन भोलेनाथ के भक्त मंदिर में शिव लिंग पर पूजा करते है।  पूजन में बेलपत्र, फूलमाला, धतुर चढ़ाकर भगवान शिव को पूजन करते है तथा रात्रि में जागरण करते है.

इस दिन पूजन करने पर सभी मोनोरथ पूर्ण होते है। इस दिन विशेष सामग्री से अभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न हो जाते है। इस दिन भगवान शिव के भक्त उपवास करते है।

इस दिन भोलेनाथ तथा माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसका वर्णन गरुड़ पुराण, शिवपुराण, अग्निपुराण में व्याख्या मिलता है। जिनके विवाह होने में परेशानी हो रही हो इस दिन शिव अभिषेक करे।

इस शिवरात्रि में बन रहा है दुर्लभ संयोग

इस दिन शनिवार है जिसे शनि प्रदोष भी है।  प्रदोष व्रत पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है। शनि प्रदोष करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।   ज्योतिष शास्त्र में इस तिथि को अत्यंत ही शुभ बताया गया है।  महाशिरात्रि के समय सूर्य उतरायण हो चुके होते है चतुर्दशी तिथि को चंद्रमा कमजोर स्थिति में आ जाते है।  भगवान शिव चन्द्रमा को अपने मस्तक पर धारण किये है। जिनके कुंडली में चंद्रमा कमजोर है, कालसर्प दोष है वह इस दिन भगवान शिव का पूजन करे सभी दोष दूर होंगे एवं आपको शक्ति मिलेगी। 

कब है महाशिवरात्रि तथा शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुशार महाशिवरात्रि का व्रत 18 फ़रवरी 2023 दिन शनिवार को मनाई जाएगी
निशिता काल पूजा समय:  रात्रि 11:38 से 12 :28 सुबह 19 फरवरी तक
पारण: 19 फ़रवरी 2023 सुबह 6 :22 के बाद

पूजा विधि :
सूर्योदय के पहले उठ जाये स्न्नान करने के बाद साफ स्वच्छ कपड़ा पहने
पूजा स्थल का सफाई करे तथा गंगाजल छिड़के 
लोटे में दूध या पानी भरकर उसमे बेलपत्र, धतुरा, फूल चावल डालकर भगवान शिव को चढ़ाये
शिवपंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करे। 

पौराणिक कथा :
माता पार्वती ने शिव को पति के रूप में पाने के लिए घनघोर तपस्या की थी उसके बाद इस दिन विवाह हुआ । यही कारण है कि इस दिन को महत्वपूर्ण तथा पवित्र माना जाता है। 

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सारण गौरव यात्रा को लेकर बैठक आयोजित

Chhapra: सारण में अलौकिक स्थलों को पर्यटक के मानचित्र स्थापित करने के लिए सारण के लोगों ने संकल्प लिया है. आमी स्थित माता अंबिका भवानी मंदिर परिसर में युवा ब्राह्मण चेतना मंच की पहल पर छपरा के विभिन्न धार्मिक सामाजिक संगठन समस्त सनातन धर्मावलंबियों ने सारण को पर्यटक के मानचित्र पर स्थापित करने के लिए बैठक आयोजित की गई.

बैठक में उपस्थित सैकड़ों की संख्या में लोगों ने यह संकल्प लिया श्रृंगी ऋषि का आश्रम सिमरिया, गौतम ऋषि का आश्रम गोदना रिविलगंज, महर्षी दधिचि आश्रम दहियावां छपरा चय्वन ऋषि राजा मोरध्वज चिरांद, मार्कंडेय ऋषि राजा सूरत एवं वैश्य समाधि स्थल अंबिका भवानी एवं हरिहर क्षेत्र सोनपुर को धार्मिक पौराणिक स्थल को पर्यटक बनाने के लिए प्रयासरत हैं.

बैठक की अध्यक्षता मानस मर्मज्ञ शिव वचन सिंह शिवम ने किया. इस अवसर पर मंदिर के मुख्य पुजारी नीलू बाबा, पूर्व जिला पार्षद जनार्दन सिंह चौहान, सिपाही राय, पप्पू सिंह अभिमन्यु सिंह, सुनील तिवारी, मनोज तिवारी, रितेश तिवारी, श्रीकांत तिवारी, अजय कुमार सिंह, कृष्ण कुमार वैष्णवी, डायरेक्टर विनोद कुमार सिंह, विमलेश तिवारी उर्फ बबलू बाबा, अरुण पुरोहित, डॉ सुभाष पांडे, संजय पाठक, मानस मधुकर संदीपाचार्य, तारकेश्वर प्रसाद, मुख्य रूप से उपस्थित रहे.

सारण गौरव यात्रा स्थानीय कमेटी का निर्माण भी हुआ. इस अवसर पर अरुण पुरोहित ने कहा कि ऋषि ऋण से उऋण होने के लिए अपने पूर्वजों को जाने हम सब ऋषियो की संतान है.

सारण के धार्मिक सामाजिक धरोहर को बचाने के लिए के लिए समस्त सारणवासी सारण गौरव यात्रा में तन मन धन से सहयोग करें. मंच संचालन विमलेश तिवारी और धन्यवाद ज्ञापन श्यामसुंदर मिश्रा ने किया.

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मथुरा, 25 जनवरी (एजेंसी)। श्रीकृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह अमीन सर्वे मामले पर सुनवाई के लिए अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट ने बुधवार दोपहर 10 फरवरी की तारीख निश्चित की। हिंदू पक्ष की ओर से शाही ईदगाह अमीन निरीक्षण की मांग की गई थी। वहीं मुस्लिम पक्ष ने 20 जनवरी को दाखिल प्रार्थना पत्र 7 रूल 11 पर सुनवाई के लिए का प्रार्थना पत्र देते हुए केस को खारिज करने की मांग की। कोर्ट ने 10 फरवरी को दोबारा सुनवाई करेगी।

गौरतलब हो कि हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने 08 दिसंबर को कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए विवादित स्थल का कोर्ट अमीन द्वारा निरीक्षण करने की मांग की थी। जिस पर कोर्ट ने अमीन निरीक्षण के आदेश दे दिए और वादी पक्ष को 3 दिन में पैरवी के लिए कहा।

श्री कृष्ण जन्मस्थान शाही ईदगाह मामले में कोर्ट अमीन ने निरीक्षण करने एवम मय मानचित्र के रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के मामले पर बुधवार दोपहर बाद अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन कोर्ट में सुनवाई हुई। अमीन निरीक्षण मामले पर सुनवाई से पहले मुस्लिम पक्ष केस के मेंटेवल और नॉन मेंटबल होने पर सुनवाई चाहता था। जिसके लिए सीपीसी की धारा 7 रूल 11 के तहत कोर्ट में एप्लिकेशन दाखिल की। कोर्ट ने इस पर 10 फरवरी की डेट दे दी। अब कोर्ट 10 फरवरी को पहले 7 रूल 11 पर सुनवाई करेगा।

हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बताया कि भगवान बाल कृष्ण वाद में सुनवाई हुई। यह सुनवाई चल रही थी तभी मुस्लिम पक्ष ने 7 रूल 11 का प्रार्थना पत्र लगा दिया। उम्मीद है 10 फरवरी को कोर्ट आदेश का अनुपालन कराएगा और 7 रूल 11 को खारिज करेगा।

मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि वादी पक्ष ने 8 दिसंबर को कोर्ट को गुमराह करते हुए गलत तथ्य पेश कर अमीन रिपोर्ट का आदेश करा लिया था। जिसकी न कोई सूचना दी, न कोई नोटिस मिले थे। लेकिन जब न्यायालय में पक्ष रक्षा तो कोर्ट ने सुना। 20 जनवरी डेट थी, इसमें उस दिन कोर्ट में 7 रूल 11 लगाया कुछ शपथ पत्र दिए कुछ आपत्तियां दाखिल की। कोर्ट से कहा कि पहले यह तय हो जाए कि यह मुकदमा सुनने योग्य है कि नहीं। इस पर कोर्ट ने सुनवाई की और तय किया कि पहले 7 रूल 11 पर सुनवाई होगी।

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प्रयागराज:  विश्व हिंदू परिषद माघ मेला शिविर में आयोजित संत सम्मेलन के दौरान श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने घोषणा किया कि अगले मकर संक्रांति पर श्रीराम जन्मभूमि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

बुधवार को आयोजित संत सम्मेलन में उन्होंने अगले वर्ष मकर संक्रांति से माघ मेला शुरू होने के बीच का जो समय होगा उस पर संतों को अयोध्या आने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इस बसंत पंचमी से लेकर एक वर्ष तक अयोध्या में रविवार को सूर्य उपासना, सूर्य आदित्य, हृदय स्त्रोत, सोमवार को रुद्राभिषेक, मंगलवार को हनुमान चालीसा, बुधवार को गणपति अथर्व शीर्ष का पाठ, एकादशी को विष्णु सहस्त्रनाम से आहुति गुप्त एवं चैत्र नवरात्र में सतचंडी का पाठ चलता रहेगा।

चम्पत राय ने आगे कहा कि यह प्रयाग की वही पावन भूमि है जहां पर विश्व हिंदू परिषद की स्थापना के बाद से आज तक हिंदू समाज के सारे विषय के चिंतन और निर्णय इसी धरा पर हुए हैं। 1966 से लेकर आज तक संत इसी पुण्य भूमि पर हिंदू समाज का मार्गदर्शन करते रहे हैं। इसी भूमि से विश्व हिंदू परिषद का संविधान स्वीकार किया गया और जो हमसे भूले भटके छीन लिए गए उनको स्वीकार करके ऐसे समाज को अपने पूर्वजों की जड़ों से जोड़ने का कार्य हम 1966 से लगातार कर रहे हैं।

संत सम्मेलन में प्रमुख रूप से विहिप के केंद्रीय मंत्री रासबिहारी, केंद्रीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख जीवेश्वर मिश्र, क्षेत्रीय संगठन मंत्री पूर्वी उत्तर प्रदेश गजेंद्र, प्रांत अध्यक्ष केपी सिंह, प्रांत संगठन मंत्री मुकेश, प्रांत सह संगठन मंत्री नितिन, प्रांत उपाध्यक्ष विमल प्रकाश सहित अनेक पदाधिकारी उपस्थित रहे।

सम्मेलन के प्रारंभ में अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने प्रस्तावना रखी। उन्होंने कहा हिंदू समाज के समक्ष अस्तित्व पर संकट के बादल बने हुए हैं और संतों का मार्गदर्शन मांगा। हिंदू समाज को हिंदू धर्म संस्कृति के लिए आज के समकालीन विषयों पर हिंदू समाज को मार्गदर्शन करने का निवेदन किया और उन्होंने पूरे कार्यक्रम का संचालन किया।

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वसंत पंचमी कब मनाया जायेगा जाने पूजा विधि तथा शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है. मुख्य रूप से ये पर्व ज्ञान, विद्या, संगीत और कला की देवी मां सरस्वती को समर्पित है. शास्त्रों के अनुसार, इसी दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था. वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती हाथों में पुस्तक, विणा और माला लिए श्वेत कमल पर विराजमान हो कर प्रकट हुई थीं. इसलिए इस दिन मां सरस्वती की पूजा की जाती है. वसंत पंचमी से बसंत ऋतु की शुरुआत होती है. सनातन धर्म में मां सरस्वती की उपासना का विशेष महत्व है, क्योंकि ये ज्ञान की देवी हैं. मान्यता है कि वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करने से मां लक्ष्मी और देवी काली का भी आशीर्वाद मिलता है. आइए जानते हैं नए साल में वसंत पंचमी की पूजा का मुहूर्त और पूजा विधि

माघ माघ के शुक्ल पक्ष की बसंत पंचमी की तिथि की शुरुआत 25 जनवरी 2023 को दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट पर हो रही है और इसका समापन 26 जनवरी 2023 को सुबह 10 बजकर 28 पर होगा.

शास्त्रों के अनुसार जिस दिन बसंत पंचमी तिथि सूर्योदय से दोपहर के बीच में व्याप्त होती है, उस दिन को देवी सरस्वती की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार 26 जनवरी 2023 को बसंत पंचमी का त्योहार मनाना शुभ रहेगा.

सरस्वती पूजा का मुहूर्त:

बसंत पंचमी 26 जनवरी 2023 मां सरस्वती की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 07 बजकर 07 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगा.

बसंत पंचमी पूजा विधि

बसंत पंचमी से बसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है. इस दिन सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद पीले वस्त्र पहनें और हल्दी, पीले अक्षत, रोली, मौली, पीले या सफेद रंग का फूल से मां सरस्वती की पूजा करें. देवी सरस्वती को मीठे पीले चावल का नेवैद्य लगाएं और फिर सरस्वती कवच का पाठ करें. इस दिन मां शारदा के समक्ष पुस्तक और वाद्य यंत्र रखकर बच्चों से उनकी पूजा कराएं और पीली चीजों का दान करें. बसंत पंचमी से बच्चे की पढ़ाई की शुरुआत करवाई जाती है. बसंत पंचमी का दिन अबूझ मुहूर्त होता है. इस दिन किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करने से उसमें कई गुना वृद्धि होती है.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा

ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ

8080426594/9545290847

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–विहिप की बैठक में संतों ने हिन्दू धर्म व संस्कृति के संरक्षण संवर्धन पर रखे विचार

प्रयागराज, 24 जनवरी (एजेंसी )। विश्व हिंदू परिषद, माघ मेला शिविर में आज मार्गदर्शक मंडल की बैठक हुई, जिसमें अनेक संतों ने हिंदू धर्म व संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन से संबंधित विचार रखे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि संतों के मार्गदर्शन से ही हिंदू समाज आज पूरी दुनिया में हिन्दू संस्कृति एवं हिंदू धर्म की प्रतिष्ठा सर्वोच्च है। संत लगातार हिन्दू समाज को संगठित और संस्कार युक्त बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं।

चंपत राय ने आगे कहा कि आज हिन्दू समाज के ऊपर अनेक प्रकार से आक्रमण हो रहे हैं जो कहीं अशांति की ओर ले जाने का प्रयास है। हिन्दू समाज के धैर्य की परीक्षा न ली जाए, हिन्दू समाज अपने ऊपर हुए हमले का जवाब देना जानता है।

उन्होंने कहा कि श्री राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण प्रगति पर है। श्री राम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन इन्हीं संतों के मार्गदर्शन पर हुआ। नवीन पीढ़ी भी अपने धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए बाल्यकाल से ही रुचिकर वातावरण में उसको संस्कार और हिन्दुत्व का ज्ञान होता रहे, इसके लिए संगठन की ओर से अनेक प्रयास चल रहे हैं। यह वही पुण्यभूमि है जहां पर लिया गया संकल्प पूर्ण होता है।

मार्गदर्शक मंडल की अध्यक्षता कर रहे जगतगुरु रामानुजाचार्य वासुदेवाचार्य ने कहा कि हिन्दू समाज के लिए वैश्विक स्तर पर एक समग्र नीति बननी चाहिए। जिसका मार्गदर्शन सामाजिक राजनीतिक धार्मिक स्तर पर हिन्दू समाज मजबूत हो। सभी जाति, मत, पंथ संप्रदाय की एकता ही हिन्दू समाज की एकता है। हिन्दू समाज स्वयं आगे आकर धर्मांतरण का विरोध करे, गौ हत्या बंद हो इसके लिए संतों को आगे आना चाहिए। पूरी दुनिया में शांति के लिए इस राष्ट्र की पहचान है, जो हिंदू धर्म के कारण है। हमारा धर्म और संस्कृति संरक्षित और संवर्धित हो, हमें इसके लिए प्रयास करना चाहिए।

डॉ राम कमल दास वेदांती ने कहा समान नागरिक आचार संहिता ही हिन्दू समाज के ऊपर हो रहे हमले को रोकने में एक मजबूत कदम होगा। हमारी सरकारों को चाहिए किस देश में एक निशान एक विधान होना चाहिए। जिससे समाज में संतुलन बना रहेगा। ऐसा प्रयास हम सबको करना चाहिए। वैदेही वल्लभा देवाचार्य ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी वनवासी क्षेत्रों में हम संतो को निकलकर प्रवास करना चाहिए। जो हिंदू संस्कृति और धर्म की मुख्य धारा से हटे हैं, उसे मुख्यधारा में लाने का कार्य हम संतो को करना है। जब जब हिंदू धर्म और इस राष्ट्र पर किसी प्रकार का आक्रमण हुआ है तो संत ही आगे आए हैं।

संतोष दास सतुआ बाबा ने कहा कि लगातार हमारे जनजाति समाज के ऊपर हमले हो रहे हैं, हिन्दू समाज को बांटने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। हमें जाति के नाम पर बांटने का बहुत बड़ा खेल ईसाई मिशनरियों द्वारा किया जा रहा है। हमारे असहाय निरीह बंधुओं को लोग लालच देकर धर्मांतरण का खेल चलाया जा रहा है। इसलिए हम संत समाज से यह आग्रह करते हैं कि वह निकलकर इस घिनौने कुचक्र को समझाएं और सामाजिक समरसता की अनेक कार्यक्रम संतों द्वारा आयोजित किए जाएं।

कृष्ण आचार्य ने कहा कि आज हिंदू समाज में बाल संस्कार के लिए विहिप ने जो योजना बनाई है उस पर संत समाज पूरा सहयोग करेगा और हिंदू हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों बुराइयों को समाप्त करने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित करने की पहल करेगा।

डॉ नरसिंह दास ने कहा हम आगे आने वाली पीढ़ियों में केवल अपने संस्कृति का ज्ञान और महापुरुषों का इतिहास का ज्ञान करवाते रहें। हिंदू समाज की रक्षा के लिए हमें जीवन को लगा देना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद का कार्य ईश्वरीय है इसलिए इस पुण्य भूमि पर हम लोग एकत्रित होकर जो संकल्प लेते हैं वह अब तक पूरा होता आया है।

बैठक में संतों के समक्ष विचारणीय विषय वैदिक सनातन जीवन मूल्य, ग्रामीण वनवासी क्षेत्रों में प्रवास, घर वापसी, राष्ट्रीय जनसंख्या नीति, समान नागरिक संहिता लव जिहाद और धर्मांतरण का प्रस्ताव अखिल भारतीय धर्माचार्य संपर्क प्रमुख जिवेश्वर मिश्र ने रखा।

संचालन अखिल भारतीय संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने किया। इस दौरान प्रमुख रूप से स्वामी गोपालजी महाराज सच्चा आश्रम, स्वामी राम रतन दास, फुल हरि बाबा, स्वामी लाल बाबा सुदामा कुटी, अटल अखाड़ा बलराम गिरी, निरंजनी अखाड़ा हरिहरानंद सरस्वती, संतोष दास खाकी पुरुषोत्तम दास शिवपुरी अवधेश दास, रासबिहारी, विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री गजेंद्र, प्रांत संगठन मंत्री मुकेश कुमार, काशी प्रांत धर्माचार्य सम्पर्क प्रमुख आद्या शंकर, विहिप काशी प्रांत के अध्यक्ष के पी सिंह उपस्थित रहे।A valid URL was not provided.

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शनि 30 वर्ष के बाद अपने राशि कुम्भ राशि में प्रवेश करेगे.  शनि के प्रवेश के बाद कुंडली के बारह राशियों में तूफान मचेगा.  न्याय के देवता शनि इंसान के अपने कर्म के अनुसार फल देते है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि जब कुम्भ राशि में प्रवेश करेगे जिससे पंचमहापुरुष योग बन रहा है. साथ में शश योग बन रहा है.

शनि के बारे में लोगो का गलत धरना बन जाता है कही शनि का यह गोचर मुझे परेशानी करेगा.  आप यह जानकारी रखे शनि जातक को विशेष लाभ देता है. सिर्फ अपने कर्म ठीक रखे कुछ राशियों पर साढ़े साती का प्रभाव खत्म होगा किसी का साढ़ेसाती खत्म होगा कई राशि पर साढ़ेसाती लगेगे तो कुछ राशि पर ढैया का प्रभाव प्रारंभ होगा.

कब करेगे गोचर :
17 जनवरी 2023, रात्रि 08 : 02 दिन मंगलवार मकर राशि से निकलकर कुम्भ राशि में गोचर करेगे.

शनि के इस गोचर से चन्द्र कुंडली के बारह राशि पर क्या प्रभाव पड़ेगा ?

मेष राशि :
मेष राशि में शनि दशम भाव तथा एकादस भाव का स्वामी है शनि इस राशि में एकादस भाव में गोचर कर रहे है जिसे आय खूब बनी रहेगी विभिन्न- विभिन्न जगहों से एमका सप्तम दृष्टि 
पंचम भाव में होने से साइंस शिक्षा करने वाले को सफलता मिलेगा. संतान के शिक्षा में रुकावट बनेगा। दसवी दृष्टि आठवे भाव में होने के कारण स्वास्थ में बाधा उत्पन करेगा.

वृष राशि :
इस राशि के शनि नवम एवं दसम भाव के स्वामी होकर दसम भाव में ही गोचर करेगे जिसे भाग्य भाव से निकलकर दसम भाव कर्म भाव को देखेगे जिसे उतम फल की प्राप्ति होगी.
विजय प्राप्त होगा .लोहे ,केमिकल मेडिसिन के व्योपार करने वाले लोगो को उतम लाभ मिलेगा. काम के विषय में विदेश यात्रा बनेगा.इनकी तीसरी दिर्ष्टि बारह भाव पर पड़ेगा खर्च
बढ़ जायेगा.सातवी दिर्ष्टि चौथे घर पर होने से माता तथा भौतिक सुख में कमी करेगा. परिवारिक जीवन में कमी बनेगा.

मिथुन :
इस राशि में शनि अष्टम भाव तथा नवम भाव के स्वामी होकर शनि नवम भाव में गोचर करेगे. जिसे शनि की ढैया से मुक्ति होंगे यात्रा बनेगी.आय में उतार चढ़ाव बनेगा .भाई बहन
के सुख का अभाव बना रहेगा.जो लोग नौकरी कर रहे है उनको स्थान्तरण होगा. कर्ज काम होंगे, पेट सम्बंधित समस्या होगा विरोधी परास्त होंगे.

कर्क
इस राशि शनि सप्तम तथा अष्टम भाव के स्वामी होकर शनि अष्टम भाव में गोचर कर रहे है जिसे इस राशि के लोगो को शनि के ढैया शुरु होंगे जिसे ससुराल पक्ष से मदद मिलेगा .
लेकिन इसमे कुछ बाधा बनेगा लेकिन आप सफल होंगे. आयु में वृद्धि होगी नौकरी में बदलाव होगा .गुप्त विद्या का गायन होगा व्योपार में उतार-चढ़ाव बना रहेगा .कुटुम्ब सुख में कमी
बनेगा.छात्रो के पढाई में कठिन परिश्रम करना पड़ेगा .संतान को लेकर कुछ चिंतित रहेगे .

सिह
इस राशि में शनि छठे भाव तथा सप्तम भाव के होकर सप्तम भाव में गोचर कर रहे है जिसे पत्नी के साथ संबध मधुर बनेगा .जो लोग अविवाहित है विवाह जल्द होगी .व्योपार में
सफलता मिलेगी जितना निवेश करे उतना लाभ होगा .स्वास्थ्य ठीक नहीं रहेगा .मकान तथा वाहन की खरीदारी करसकते है कंस्ट्रक्शन के काम होने का उम्मीद है .माता के सुख में कमी बनेगा. घर के खर्च में वृद्धि होगी .

कन्या :
इस राशि में शनि पंचम तथा छठे भाव को होकर छठे भाव में गोचर कर रहे है .जिसे शनि आपको शक्तिशाली बनाएगा .विरोधी परास्त होंगे .विजय की प्राप्ति होगी .पेट सम्बंधित समस्या
बनेगा .खर्च पर नियंत्रण करे कर्ज बढ़ जायेगे .भाई बहनों के सुख में कमी बनेगा ,विदेश यात्रा का योग बनेगा ,बेवजह के बात में नहीं उलझे .

तुला:
इस राशि में शनि चौथे तथा पंचम भाव को होकर पंचम भाव में गोचर कर रहे है जिसे शनि की ढैया समाप्त होगा जिसे आप समस्या से मुक्त होंगे. शिक्षा उतम रहेगा .जो लोग साइंस की
शिक्षा कर रहे है उनके लिए उतम रहेगा .संतान सुख उतम बना रहेगा.लेकिन कड़ी मेहनत करना पड़ेगा .आप कर्ज ज्यादा नहीं बढ़ाये सामाजिक रिश्ता मजबूत बनेगा .दाम्पत्य जीवन में उतार -चढ़ाव बनेगा. आप अपने प्रेमी के साथ संबंध ठीक रहेगा इस राशि के लोग प्रेम विवाह होने का प्रबल योग बन रहा है .सभी मनोकामना पूर्ण होंगे .मन प्रशन्न बना रहेगा .

वृश्चिक:
इस राशि में शनि तीसरे तथा चर्तुथ भाव के होकर चर्तुर्थ भाव में गोचर करेगे जिसे आपके राशि में शनि का ढैया की सुरुआत हो जायेगा .जिसे पारिवारिक दुरी बन जाएगी.माता का
सुख मिलेगा स्वास्थ्य सम्बंधित समस्या बनेगा .पेट कमर तथा घुटने में समस्या बनेगा .पिता के स्वास्थ्य प्राभवित रहेगा .व्योपारी अपने व्योपार पर विशेष ध्यान देने की जरुरत है .
करियर के लिए उतम रहेगा स्थान का परिवर्तन हो सकता है .किसी भी पेपर पर हस्ताक्षर करने के पहले पढ़ कर करे थकान ज्यादा बनेगा.

धनु :
इस राशि में शनि दुसरे तथा तीसरे भाव के स्वामी होकर तीसरे भाव में गोचर कर रहे है जिसे इस राशि पर शनि का साढ़ेसाती पूर्ण रूप से खत्म हो जायेगे .जिसे सभी भाग्य के दरवाजे
खुल जायेगे .जिस काम को आप करेगे उसमे सफलता मिलेगी .सभी लोग आपके काम में सहयोग करेगे .आप पराक्रमी होंगे साहसी होंगे भाई -बहन का सुख मिलेगा ,छात्रो को
सफलता मिलेगी.लव अफेयर में सफलता मिलेगी संतान का सुख प्राप्त होगा .लम्बी यात्रा बनेगी .जो लोग विदेश जाने के तैयारी कर रहे है उनको सफलता मिलेगी .

मकर :
इस राशि में शनि प्रथम तथा दुसरे भाव के स्वामी होकर दुसरे भाव धन तथा कुटुम्ब भाव में गोचर करेगे जिसे शनि का साढ़ेसाती का दूसरा चरण समाप्त होकर तीसरे चरण की शुरुआत
होगा जिसे इस राशि वाले को मिलाजुला परिणाम मिलेगा.जीवन में तनाव बनेगा .कुटुम्ब का सुख माध्यम का रहेगा .अपनी वाणी पर नियंत्रण में रखे .आर्थिक स्थिति ठीक रहेगा .
पेट सम्बंधित समस्या बनेगा.परिवार में मान-प्रतिष्ठा भरपुर मिलेगा .समाज में सम्मान भरपुर मिलेगा .खर्च पर ध्यान दे आपको बचत अच्छी होगी .जो लोग नौकरी कर रहे है उनके लिए उतम रहेगा .

कुम्भ :
इस राशि में शनि बारह तथा प्रथम भाव के स्वामी होकर प्रथम भाव को देख रहे है .जिसे इस राशि वाले लोग को शनि का साढ़ेसाती का प्रथम चरण समाप्त होगा तथा दुसरे चरण की
शुरुआत करेगे.अपने दैनिक कार्य को ठीक ढंग से करना पड़ेगा .आपका कर्म ठीक होगा तथा उसमे सफलता मिलेगी .आपके करियर के लिए यह समय उतम रहेगा.भाई बहनों के
सुख मिलेगा.परिवार आपका सम्मान मिलेगा .पत्नी के साथ संबंध में दुरी बनेगी . व्योपारी के लिए यह समय उतम का रहेगा .

मीन :
इस राशि में शनि का एकादस तथा बारह भाव के होकर बारह भाव में गोचर करेगे जिसे इस राशि के लोगो को शनि की साढ़ेसाती की प्रथम चरण की शुरुआत होगा जिसे इस राशि को अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना पड़ेगा .कमर के निचे भाग को प्राभवित करेगा .आलस बनेगा,नींद ज्यादा लगेगा कोर्ट कचहरी के कार्य में ज्यादा खर्च होंगे लेकिन विजयी होंगे धन सम्बंधित समस्या बनेगा.जो लोग विदेश यात्रा करने की तैयारी कर रहे है वह सफल होंगे .आप सही रस्ते चलिए आपका सभी कार्य पूर्ण होगा .रास्ते ख़राब होगा बहुत परेशानी होगी .

साभार ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष ,वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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सबके मन में बहुत ही संशय बना हुआ है कब मनाया जायेगा. ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा के अनुसार मकर संक्रांति (खिचरी) हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति एक महत्वपूर्ण त्यौहार के रूप में मनाया जाता है. भारत में इसे अलग -अलग स्थानीय नाम से जाना जाता है.

हर साल संक्रांति 14 जनवरी को मनाया जाता है इस दिन से बसंत ऋतु का आगमन हो जाता है. दिन भी बड़ा होने लगता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते है इसलिए इस दिन को मकर संक्रांति नाम से जाना जाता है. भगवान सूर्य अपने पुत्र की राशि कुम्भ राशि के घर में गोचर करते है.

धार्मिक तथा सांस्कृतिक आधार के अनुसार सूर्य का राशि परिवर्तन बहुत ही शुभ होता है.  इस दिन से मांगलिक कार्य जैसे भवन निर्माण, गृह प्रवेश, विवाह तथा अन्य धार्मिक कार्य की शुरुआत हो जाता है.

अन्य कथा के अनुसार भगवान विष्णु की विजय की विजय के तौर पर भी मकर संक्रांति मनाया जाता है. इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य से तथा पूजन करे. इस दिन दिन पुण्य करने से कष्ट दूर होते है. जिनके कुंडली में पितृ दोष बना हुआ है या जन्म कुंडली में सूर्य कमजोर है वह लोग इस दिन दान करे तो दोष दूर होता है तथा भगवान सूर्य की इनके उपर कृपा बन जाता है. इस दिन तिल तथा गुड़ खाने का विशेष महत्व रहता है. तिल गुड खाने से शरीर में गर्मी बना रहता है साथ ही अन्य पोषक तत्व मिल जाता है. तील खाने से मैग्नीशियम की मात्र ज्यादा पाया जाता है.

मकर सक्रांति का शुभ समय
14 जनवरी 2023, दिन शनिवार समय 08: 57 रात्रि, धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करेगे. (मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जायेगा) कारण यह है की रात्रि में सूर्य का गोचर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में परिवर्तन कर रहे है. इसलिए उदिया तिथि के अनुसार 15 जनवरी 2023 को मनायी जायेगी.  मकर संक्रांति का महापुण्य काल 15 जनवरी 2023 दिन रविवार सुबह 06 :37 से 08:26 सुबह अवधि 01:48 मिनट तक है. 

साभार ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष ,वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/95455290847

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14 जनवरी को सूर्य शनि की राशि मकर राशि में गोचर करेगे. सूर्य के गोचर के बाद खरमास की समाप्ति होगी तथा इस दिन से सभी शुभ कार्य होने लगते है जैसे विवाह, गृहप्रवेश इस दिन से देवताओ का दिन शुरु हो जाता है. सूर्य नव ग्रहों का मंत्री है इनका गोचर बहुत ही जीवन पर प्रभावित करते है. वैज्ञानिक तरीके से देखा जाये तो सूर्य हमारे शरीर में स्कीन सम्बंधित समस्या तथा खून के संचार में सहायक होते है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य कमजोर होने के कारण नेत्र सम्बंधित समस्या तथा आलसी, क्रोधी, लम्बे कद वाला बनाता है सूर्य जन्म कुंडली में उच्च का रहे तो जातक यशस्वी होते है बलवान, बड़े अधिकारी, निरोगी, परोपकारी, साहसी माता -पिता के सहायक होते है. सूर्य के गोचर से तीन राशि के भाग्य उदय होंगे. मिलेगा इन राशियों के करियर में लाभ.

वृष:
इस राशि में भगवान भास्कर चौथे भाव के स्वामी होते है अब यह नवे भाव को देखेगे जिसे जातक के आत्मविश्वास बढेगा, आस्तिक, धार्मिक, यशस्वी तथा कीर्ति की प्राप्ती मिलेगी. आपका मान सम्मान भरपुर बना रहेगा. आपका साहस और पराक्रम भी बढ़ा हुआ रहेगा आपके करियर में तरक्की होगी इनका सातवा दृष्टि तीसरे भाव पर होगा जिसे भाई का सुख मिलेगा, धार्मिक यात्रा होगी. भरपुर सुख मिलेगा, बड़ो का आशीर्वाद मिलेगा. यह अवधि आपके करियर से लेकर स्थाई सम्पति तक भरपुर लाभ मिलेगा. 

सिह:
इस राशि में सूर्य लग्नेश में रहते है.इस भाव में छठे भाव में गोचर कर रहे है जिसे इस भाव में रोग ,शत्रु ,मामा का घर, कर्ज, शत्रु को देखा जाता है. इस भाव में गोचर करने से इस राशि को बलवान बनाएगा तथा शत्रु पर विजय मिलेगा, नये नौकरी के कई अवसर मिलेगे. सूर्य का सातवा दिर्ष्टि बारह भाव पर पर रहा है जिसे व्योपारी के लिए उतम रहेगा जो लोग आयात निर्यात से जुड़े हुए है उनके लिए फायदेमंद रहेगा.सरकारी कार्य में जो लोग संलगन है उनके लिए यह गोचर बेहतर रहेगा .जो लोग कोर्ट कचहरी के के काम में लगे हुए है उनके लिए फायदेमंद
रहेगा .

वृश्चिक:
इस राशि में सूर्य दशम भाव के स्वामी होते है इस भाव से जातक को नौकरी बिजनेश का पता चलता है इस भाव में सूर्य तीसरे घर में गोचर कर रहे है जिसे भाई -बहन का सुख, आपका साहस का देखा जाता है. इस अवधि में यात्रा बनेगा इससे लाभ मिलेगा यश प्राप्त करेगे निडर होंगे तथा साहसी होंगे दुसरे के सहायता करेगे जो लोग सरकारी नौकरी की तैयारी के रहे है उनको सफलता मिलेगा.धार्मिक कार्य में रूचि बनेगा. आपके भाग्य साथ देंगा.

 

साभार ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष ,वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

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वाराणसी:  नव वर्ष 2023 के पहले दिन रविवार को घने कोहरे और भीषण ठंड के बावजूद धर्म नगरी काशी में बाबा विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा सहित प्रमुख मंदिरों में दर्शन पूजन के लिए युवाओं की भारी भीड़ जुटी रही। भोर से ही युवा और आस्थावान नागरिक गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर बाबा विश्वनाथ, मां अन्नपूर्णा, कालभैरव के दर्शन पूजन के लिए कतारबद्ध होते रहे। दिन चढ़ने के बाद भी घने कोहरे की चादर शहर को अपने आगोश में लपेटे रही। इसके बावजूद युवा नई उम्मीद और पूरे जोश के साथ दर्शन पूजन कर साल के पहले दिन की शुरूआत करते रहे।

इस दौरान युवाओं में बाबा विश्वनाथ, कालभैरव, अन्नपूर्णा, संकटमोचन दरबार के प्रति श्रद्धा गंगा की मौजों की तरह उफान मारती रही। दुर्गाकुण्ड स्थित कुष्मांडा दरबार, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय स्थित विश्वनाथ मंदिर, लक्ष्मीकुंड स्थित लक्ष्मी मंदिर, सारनाथ स्थित सारंग महादेव दरबार, रोहनिया स्थित शूलटंकेश्वर महादेव, दुर्गाकुंड स्थित त्रिदेव मंदिर में युवाओं की भीड़ दर्शन पूजन के लिए जुटी रही। नये साल का गर्मजोशी से स्वागत के बाद युवाओं ने गंगाघाटों के साथ उस पार रेती में, सारनाथ, बीएचयू परिसर, माल्स और सार्वजनिक पार्को में जमकर मस्ती की। युवाओंं के भीड़ को देखते हुए नगर के सभी सार्वजनिक जगहों पर सुरक्षा का व्यापक प्रबंध किया गया था।

सारनाथ में पुरातात्विक खंडहर परिसर, चौखंडी स्तूप, मूलगंधकुटी बौद्ध मंदिर परिसर, डियर पार्क, आशापुर चौराहा, हवेलिया चौराहा पर पुलिस कर्मी मुस्तैद नजर आये। गंगाघाटों पर बड़ी संख्या में जुटे लोगों ने नववर्ष के पहले दिन सजे-धजे बजड़ों, स्टीमर और नावों पर सवार होकर नौकायन का आनन्द लिया। गंगा उस पार रेती में भी नव वर्ष मनाने के लिए लोग परिवार के साथ जुटे रहे। रेती पर लोगों ने बच्चों के साथ घुड़सवारी का जमकर आनन्द उठाया। नगर के सभी माल्स में स्थित सिनेमाघर युवाओं के चलते हाउसफुल नजर आये। शहर में आटो चालक अपने वाहनों को सजाकर गुब्बारे लगा चल रहे थे। सड़कों पर भी चूने से लिखकर आंग्ल नववर्ष 2023 का स्वागत किया गया।

आंग्ल नव वर्ष के पहले दिन जमकर बिका गुलाब और फूलों का गुलदस्ता

नव वर्ष के पहले दिन रविवार को नगर में जगह-जगह अस्थायी फूलों, गुलदस्तों की दुकान सजी थी। इंग्लिशिया लाइन और बांसफाटक स्थित फूल बाजार में फूलों के राजा गुलाब, बुके और गेंदा को खरीदने के लिए फुटकर विक्रेताओं का आना-जाना दिन भर लगा रहा। विदेशी फूल भी युवाओं ने जमकर खरीदा और इसे उपहार के रूप में दिया। न्यू कपल्स की पहली पसंद देसी गुलाब के साथ अमेरिकी गुलाब, इसके गुलदस्ते व बुके बनी रही। नव वर्ष पर चौतरफा हर-हर महादेव के उद्घोष के बीच हैप्पी न्यू ईयर का शोर सुनाई देता रहा। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर भी नव वर्ष की बधाई का तांता लगा रहा रहा। लोग अपने मित्रों और परिचितों को नववर्ष की बधाई देते रहे।

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पटना: नव वर्ष के पहले दिन रविवार को पटना सहित प्रदेश के सभी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। पटना के महावीर मंदिर में अहले सुबह से भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया। मंदिर में प्रवेश के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगी रही।

भक्त अपनी बारी आते ही बजरंगबली समेत तमाम देवी-देवताओं का दर्शन किया। इस दौरान जय श्री राम के उद्घोष से पूरा मंदिर भक्तिमय हो गया। मंदिर में भक्तों का उत्तरी प्रवेश द्वार से प्रवेश प्रातः पांच बजे शुरू हुआ। महिला और पुरुष भक्तों की अलग-अलग पंक्तियां बनाई गईं थी। ठंड के बाद भी पटना के महावीर मंदिर समेत अलग-अलग मंदिरों में श्रद्धालुओं का पहुंचना नववर्ष पर दिनभर बना रहा।

महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि सुबह पांच बजे ही भक्तों ने मंदिर में दर्शन करना शुरू कर दिया था। श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है। रात 11 बजे तक मंदिर का पट खुला रहेगा। नए साल को लेकर मंदिर प्रशासन की तरफ से तमाम व्यवस्था की गयी है। महावीर मंदिर में भक्त खुद व्यवस्था के साथ चलते हुए भगवान का दर्शन करते हैं। इसीलिए किसी तरह की कोई परेशानी नहीं है।

दूसरी ओर पटना सीटी के पटन देवी मंदिर को खूबसूरत फूलों से भव्य रूप से सजाया गया था। यहां दूर-दराज से भक्तगण पूजा दर्शन के लिए पहुंचे थे। सुबह से ही पूजा दर्शन करने के लिए महिला-पुरुष बच्चों का तांता लगा रहा। शनिवार की रात से ही मंदिरों को रंग-बिरंगी रोशनी और खूबसूरत फूलों से भव्य रूप से सजाया गया था। रविवार की सुबह से ही ठंड के बीच भक्तगण मंदिर में पूजा दर्शन के लिए पहुंचे।

मंदिर के महंत ने बताया कि पिछले दो सालों के कोरोना काल के बाद इस वर्ष मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया है। रविवार की सुबह एक जनवरी को लेकर नव वर्ष को मनाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। उन्होंने बताया कि इससे पहले मंदिर को फूलों से सजाया गया। सुबह से ही शंखनाद, मंत्रोच्चारण के साथ माता के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं की लंबी लंबी कतारें देखी जा रही है।

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24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ कलश यात्रा के साथ हुआ प्रारंभ

Chhapra: शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वाधान में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ एवं प्रज्ञा पुराण कथा गायत्री शक्तिपीठ पुरानी पुलिस क्लब सलेमपुर छपरा के प्रांगण में 31 दिसंबर 2022 से 6 जनवरी 2023 तक चलेगा. शनिवार को हजारों की संख्या में महिलाओं ने कलश यात्रा निकाली जो छपरा शहर के प्रमुख मार्गो से होकर यज्ञ स्थल पर पहुंची.

शोभायात्रा में विभिन्न प्रकार के वाद्य यंत्र के साथ सम्मिलित महिलाएं हम बदलेंगे युग बदलेगा हम सुधरेंगे युग सुधरेगा गूंजायमान कर रही थी.

शोभायात्रा के माध्यम से समस्त छपरा वासियों को कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया गया. 1 जनवरी रविवार को प्रातः 7:00 बजे से यज्ञ हवन का कार्यक्रम प्रतिदिन होगा और संध्या 5:00 बजे से कथा प्रवचन का कार्यक्रम चलेगा. 5 जनवरी गुरुवार को संध्या 7:00 बजे दीप यज्ञ होगा.

6 जनवरी 2023 शुक्रवार को पूर्णाहुति एवं विशाल भंडारा का आयोजन है.हरिद्वार से आए हुए संतों का प्रवचन होगा. समस्त कार्यक्रम की जानकारी गायत्री शक्ति पीठ के पुजारी बजरंगी प्रसाद ने दी.

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