Chhapra: कोविड-19 महामारी को देखते हुए छपरा के कैलाश कैरियर पॉइंट द्वारा आठवीं से 12वीं तक की पढ़ाई निःशुल्क शुरू की गई है. संस्थान के निदेशक मनीष सिंह और गौरव सिंह ने बताया कि छात्रों की परेशानियों को हम अच्छी तरह से समझते हैं. छात्र अभी आर्थिक समस्या से जूझ रहे हैं, इसलिए हम सभी छात्रों को  निशुल्क Online पढ़ा रहे हैं

फ्री ऑनलाइन क्लासेस के लिए काल करें: 9142094846, 8969559729,

बता दें कि कैलाश करियर पॉइंट में IIT और NIT जैसे देश के सम्मानित संस्थानों से पढ़े हुए शिक्षकों द्वारा IIT, NEET, NTSE, OLYMPIAD की तैयारी कराई जाती है.

पढ़ाई के साथ स्कॉलरशिप भी

पढ़ाई के साथ छात्रों को लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, सेंटर पर आने जाने के लिए ट्रांसपोर्ट की सुविधा दी जाएगी. इसके अलावा जिन छात्रों के 10वीं की बोर्ड परीक्षा में 90% से अधिक अंक प्राप्त होंगे उन्हें ट्यूशन फी में 100 प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जाएगी. जिन्होंने 85% से अधिक अंक लाए हैं उन्हें 80% स्कॉलरशिप और 80% से अधिक अंक लाने वाले को 60% स्कॉलरशिप प्रदान की जाएगी.

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Chhapra: कोरोना वायरस से संक्रमित मामले सामने आने के बाद पूर्व में घोषित कई कंटेन्मेंट जोन जिसकी 28 दिन की अवधि पूरी हो गयी है और इस क्षेत्र से कोई नया व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाये जाने पर उस कंटेन्मेंट जोन को समाप्त घोषित किया गया है.

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. जिला सूचना जनसंपर्क अधिकारी ज्ञानेश्वर प्रकाश ने बताया कि समाप्त किये गये कंटेन्मेंट जोन में छपरा नगर निगम क्षेत्र के कई मुहल्ला है.

जिनमें कटहरीबाग, श्यामचक, साहेबगंज, भगवान बाजार, नबीगंज, ब्रहम्पुर, बड़ा तेलपा, हुसे छपरा, नई बाजार, दहियांवा स्थित नगीना सिंह की गली, दर्शन नगर स्थित शिल्पी सिनेमा के पास, काशि बाजार, महिमा नगर, साहेबगंज चौक के पास, कटहरीबाग सोनू शोरुम के पास, रुपगंज, दौलतगंज, रौजा, दारोगा राय चौक के पश्चिम, भगवान बाजार रेलवे कॉलोनी, सलेमपुर पुलिस क्लब, रिविलगंज नगर पंचायत के अंतर्गत वार्ड नं0-7 एवं केसी कॉलेज के पास.

छपरा सदर प्रखंड के ग्राम- धर्मपुरा, बलगहरा मुसेहरी, साढ़ा, उमा नगर, प्रभुनाथ नगर, चिरांद, तर्कवलिया, उत्तरी दहियांवा टोला, बनियापुर प्रखंड के ग्राम-मरीचा, पिरौटामेथा, दरियापुर प्रखंड के ग्राम-लोहछा डेरनी, सरैया, इसुआपुर प्रखंड के ग्राम सहवा, गड़खा प्रखंड के ग्राम-फुलवरिया, महम्मदा मंगल टोला, केवानी, माधोपुर, मढ़ौरा प्रखंड के ग्राम-मुबारकपुर, भुआलपुर, नेथुआ, पानापुर प्रखंड के ग्राम-दुबौली, ग्राम रसौली वार्ड नं0-7, मषरख प्रखंड के ग्राम-बेन छपरा, नगरा प्रखंड के ग्राम-शाहीपुर, मांझी प्रखंड के मझनपुरा, तरैया प्रखंड के ग्राम-नारायणपुर, दिघवारा प्रखंड के ग्राम- बस्ती जलाल एवं सोनपुर प्रखंड के ग्राम-गोपालपुर के वार्ड नं0-11, सैदपुर, रहिमपुर, शिकारपुर खडि़याडीह, गोपालपुर, जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान (डायट), रहर दियारा, शेख डुमरी, सबलपुर पूर्वी वार्ड संख्या-10, भरपुरा गंगाजल, गोविन्दचक वार्ड नं0-13 तथा जलालपुर प्रखंड के ग्राम-शकड्ड़ी बाजार शामिल हैं.

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• फोन पर ली जाती है स्वास्थ्य की जानकारी
• नि:शुल्क टेली मेडिसिन की सुविधा भी उपलब्ध

Chhapra: कोरोना के बढ़ रहे मामलों के कारण पॉजिटिव मिले कई मरीजों को अब होम आइसाेलेशन भेजा जा रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग द्वारा होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को मेडिकल किट उपलब्ध कराया जा रहा है।मेडिकल किट में दो मास्क व विटामिन-सी, एंटीबाइटिक की गोली एजीथ्रोमाइसिन 10-10 पीस व पैरासिटामोल और सिट्रीजीन की 5 गोलियाँ दी जाएगी। यही दवा आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कोरोना मरीजों को इलाज के दौरान दी जाती है। एएनएम समय-समय पर फोन से मरीज के स्वास्थ्य की जानकारी लें रही है और जरूरत पड़ने पर होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के घर जाकर उनका उपचार भी करती है। राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा एक पत्र जिला स्वास्थ्य समिति को जारी कर यह निर्देश दिया गया है कि जिन मरीजों के पास अलग घर व बाथरूम है, वैसे मरीज होम आइसोलेशन में रह सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग के कर्मी वैसे मरीजों के घर जाकर वहां की व्यवस्थाओं की जांच करेंगे। इसके बाद ही ऐसे संक्रमित को होम आइसोलेशन में रहने का आदेश दिया जाएगा।

बिना लक्षण वाले मरीज ही होंगे होम आइसोलेट

जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अरविन्द कुमार ने बताया कि बिना लक्षण वाले मरीजों को ही होम आइसोलेशन की सुविधा मिलेगी। वैसे व्यक्ति जिन्हें होम आइसोलेशन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, यानि जिनके घरों में अलग रहने की व्यवस्था नहीं है उन्हें होम आइसोलेशन की सुविधा नहीं मिलेगी। मधुमेह, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप के मरीजों को भी होम हाइसोलेशन की सुविधा नहीं मिलेगी।

टेली मेडिसीन की मिलेगी सुविधा

डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया कि आशा कार्यकर्ता मरीज एवं उनके परिजनों को टेली मेडिसीन की सुविधा उपलब्ध कराएगी। घर बैठे 8010111213 पर मिस्ड कॉल देकर चिकित्सीय सलाह प्राप्त कर सकते हैं। 102 नंबर पर कॉल कर एंबुलेंस की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। 104 नंबर पर कॉल कर चिकित्सीय परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।

मरीजों से बात करेंगे चिकित्सक

होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सक प्रतिदिन दूरभाष के माध्यम से कर रहे है। मरीजों का हालचाल जानने के बाद चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराया गया है।

किट में रहेगा ये उपलब्ध

•एजिथ्रोमाइसिन की 5 गोली

•सिट्रीजिन की 10 गोलियाँ

•बिटामिन-सी की 10 गोलियां

•विटामिन-बी12 की 10 गोलियां

• पेरासिटामोल की 10 गोलियाँ

• ओआरएस-1 पैकेट
•मास्क 3 लेयर- 1 पीस

साथ ही गोलियों के सेवन के विषय में पूरी जानकारी भी किट में दी जाएगी।

होम आइसोलेशन की शर्ते

घर में होम आइसोलेशन की सुविधा उपलब्ध हो।
•दो कमरा और दो शौचालय होना चाहिए।
•नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
•कोरोना से संबंधित किसी भी प्रकार का लक्षण आने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करना होगा। ताकि इलाज की समुचित व्यवस्था की जा सके।
•सैंपल देने के दस दिनों बाद होम आइसोलेशन समाप्त हो जाएगा। बशर्ते उनमें कोरोना का कोई लक्षण नहीं हो।
•होम आइसोलेशन में रह रहे व्यक्ति को निर्धारित प्रपत्र में एक घोषणा पत्र जिलाधिकारी को देना होगा।

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Chhapra: सारण प्रमंडल के आयुक्त आर एल चोंग्थू के द्वारा सदर अस्पताल छपरा के विभिन्न वार्डो एवं आइसोलेशन केन्द्र का निरीक्षण किया. आयुक्त ने कोरोना वायरस से प्रभावित मरीजों के चल रहे ईलाज की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की गयी. इस अवसर पर अयुक्त के साथ पुलिस उप महानिरीक्षक विजय कुमार वर्मा, जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, अनुमंडल पदाधिकारी सदर अभिलाषा शार्म भी उपस्थित थी.

आयुक्त सर्वप्रथम सदर अस्पताल के आइसोलेशन केन्द्र पर गये जहाँ कोरोना के मरीजां को भर्त्ती किया गया है और उनका इलाज चल रहा है. आयुक्त ने यहाँ पर मरीजों से मिलकर उनको मिल रही सुविधाओं की जानकारी खुद मरीजों से प्राप्त की. इसके बाद आयुक्त कोरोना की चल रही जाँच काउण्टर पर गये और वहाँ की व्यवस्था का जायजा लिया और सभी लागों को मास्क लगाकर रहने तथा दूरी बनाकर जाँच के लिए कतार में खड़ा कराने का निर्देश दिया. इसके उपरांत आयुक्त जीएनएम सेन्टर को देखा तथा वहाँ चल रही कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त की.

आयुक्त को नियंत्रण कक्ष भी दिखाया गया जहाँ से टेलिफोन के द्वारा होम आइसोलशन में रह रहे कोरोना मरीजों से प्राति दिन उनके स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की जा रही है और इससे संबंधित पंजी संधारित की जा रही है. आयुक्त ने संधारित पंजी का भी अवलोकन किया. होम आइसोलशन में रहने वाले मरीजों को दी जा रही दवा की किट भी दिखायी गयी जिसमें एजीथ्रोमाईसिन टेबलेट, विटामिन सी, बी-कम्पलेक्स आदि जरूरी दवा रखी गयी थी.

आयुक्त ने सदर अस्पताल के विभिन्न वार्ड आईसीयू, प्रसूतिवार्ड, आपात कालीनवार्ड को देखा. आयुक्त ने परामेडिकल ट्रेनिंग सेन्टर और हॉस्टल की नव निर्मित भवन का भी निरीक्षण किया. सदर अस्पताल के निरीक्षण के क्रम में आयुक्त ने साफ-सफायी की व्यवस्था सुदृढ़ करने तथा मरीजों को अच्छा खाना उपलब्ध कराने की बात कही.

इस अवसर पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा प्रभारी सिविल सर्जन एवं डीपीएम को निर्देश दिया गया कि सदर अस्पताल की सफायी करने वाली एजेन्सी से स्पष्टीकरण किया जाय और अगर इसमें सुधार होता नहीं दिखे तो एजेन्सी को चयन मुक्त किया जाय. जिलाधिकारी ने खाना के सप्ताहिक मेन्यू बनाने तथा खाना खिलाने वाले एजेन्सी को इस संबंध में सख्त निदेश देने को कहा है. खाना के साथ मरीजों को गर्म पानी भी एजेन्सी उपलब्ध कराये यह सुनिश्चित करायी जाय.

जिलाधिकारी के द्वारा सिविल सर्जन को सभी पीएचसी, सीएचसी से लेकर सदर अस्पताल तक कार्य सुचारू रूप से संम्पादित हो इसकी मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए. सभी पीएचसी से दवा एवं टेस्ट-कीट की उपलब्धता का प्रतिदिन रिपोर्ट लिया जाय और समय रहते आपूर्ति सुनिश्चित करायी जाय. जिलाधिकारी ने कहा कि सभी पीएचसी पर कोरोना की जाँच शुरू करायी गयी है. उसे हर हाल में सुनिष्चित करायी जाय। जिलाधिकारी ने कहा कि सोनपुर एवं छपरा शहरी क्षेत्र से कोरोना संक्रमण के मामले अधिक आ रहे हैं. इन दोनों क्षेत्रां में जाँच का दायरा बढ़ाया जाय.

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Chhapra: छपरा में राशन कार्ड सर्वे में धांधली और पक्ष पात का आरोप लगाकर न्याय फाइटिंग फ़ॉर द पीपुल के अध्यक्ष जिलानी मोबिन और संस्थापक महासचिव मो सुल्तान हुसैन इदरीसी के नेतृत्व में लोगों ने नगर निगम का घेराव किया गया. इस दौरान प्रदर्शन कर रहे लोगों ने निगम के उप नगर आयुक्त को शिकायत पत्र सौंपा. जिसमें कहा गया कि छपरा नगर निगम द्वारा जो राशन कार्ड का सर्वे कराया गया है. उसमें काफी अनियमितता बरती गई है.

सरकार द्वारा कार्ड बनाने के लिए जो नियम निर्धारण किया गया था. उसके अनुसार ठेले चालक, फुटपाथी दुकानदार, सब्जी बेचने वाले, सिलाई करने वाले, दुसरो के दुकान पर काम करने वाले, ड्राइवर, प्लम्बर मिस्त्री. जैसे लोगो का राशन कार्ड बनाना था.

न्याय फाइटिंग फ़ॉर द पीपुल के अध्यक्ष जिलानी मोबिन
ने सर्वेक्षणकर्ताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि जान बूझकर बहुत सारे जरूरतमंद व गरीब लोगो का फार्म लेकर भी सर्वे में नाम छोड़ दिया गया और पैसे लेकर सर्वे कार्य किया गया. आवेदन में बताया गया है कि 13 मई 2020 को वार्ड 30 की महिला पार्षद नाज़िया सुल्ताना ने सर्वे में हो रहे धांधली की शिकायत कर सैकड़ो लोगो का नाम छोड़ देने की बात कही थी. लगभग 3 महीना बीतने के बाद भी नगर निगम ने उस शिकायत पत्र पर कोई कार्यवाई नही की है और दोषी कर्मचारी को बचाने का कार्य हो रहा है.

प्रतिनिधिमंडल ने ये मांग किया कि वार्ड नम्बर 30 समेत पूरे नगर निगम में सर्वे में धांधली कर लोगों को राशन कार्ड से वंचित करने वाले कर्मियों पर एफआईआर किया जाए और जायज लोगो को जल्द से जल्द राशन कार्ड मुहैया कराया जाए. घेराव कार्यक्रम में मैनुद्दीन अंसारी, बाबर अली, सुनीता देवी, अशोक राय, संतोष राय, जमील अख्तर कलामुद्दीन, मुन्ना कुरैशी, समेत दर्जनों लोग मौजूद थे.

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Patna: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत राज्य में पौधारोपण का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है. इसी को लेकर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि 9 अगस्त तक पूरे बिहार में 2.51 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है, जिस पर काम जारी है.

पौधारोपण कार्यक्रम का समापन बिहार पृथ्वी दिवस के अवसर पर 9 अगस्त को मुख्यमंत्री द्वारा किया जायेगा. अभी तक 66 लाख जीविका दीदियां पौधारोपण कार्यक्रम से जुड़ी हुई हैं. जीविका दीदियां ये पौधा अपने घर-आंगन में लगा रही हैं जिसके कारण पौधों की सुरक्षा में कोई परेशानी नहीं होगी. प्रधान सचिव के अनुसार करीब 35 लाख जीविका दीदियों को पौधे दिये जा चुके हैं, जो उनके द्वारा लगाये जा चुके हैं.

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Chhapra: सारण जिला के बाढ़ प्रभावितों क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य जारी है. जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने मंगलवार को तरैया प्रखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीण लोगों से मिलकर स्थिति की जानकारी ली. उनकी समस्याओं को जाना.

इस दौरान जिलाधिकारी के ने प्रखंड में चलाये जा रहे कई राहत शिविर एवं सामुदायिक रसोई का भी निरीक्षण किया. उन्होंने पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए. निरीक्षण के क्रम में जिलाधिकारी ने पीडि़त लोगों को आश्वस्त किया कि किसी को कोई पेरशानी न हो इसके लिए स्थानीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है. जिलाधिकारी के द्वारा लोगों को पालीथिन सिट्स तुरंत उपलब्ध कराने तथा पर्याप्त संख्या में नावों का परिचालन कराने का आदेश दिया गया.

अपर समाहर्त्ता आपदा प्रबंधन के द्वारा बताया गया है कि सारण जिला के पाँच प्रखंडों पानापुर, तरैया, परसा, मकेर और मशरख के कुल 30 पंचायतों के 107 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. प्रभावित गाँवों में 73 गाँव चारों तरफ से पानी से घिरे हुए हैं.
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव का कार्य किया जा रहा है. कुल 99 नाव चलायी जा रही है. इसके अतिरिक्त 11 मोटर वोट लगाये गये हैं एवं एनडीआरएफ की टीम भी लोगों का सहयोग कर रही है. अपर समाहर्त्ता, आपदा प्रबंधन के द्वारा बताया गया कि 54 स्थानों पर सामुदायिक रसोई की व्यवस्था करायी गयी है जहाँ 31900 लोगों को भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

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Varansi: पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल पर हायाघाट- थलवारा स्टेशनों के रेल पुल संख्या-16 के गर्डर से बाढ़ का पानी छूने के कारण यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर रेलवे प्रशासन द्वारा इस रेल खंड पर चलने वाली रेल गाड़ियों का मार्ग परिवर्तन एवं शार्ट ओरिजिनेट करने का निर्णय लिया गया है.

मार्ग परिवर्तन-
-29 जुलाई 2020 को दरभंगा से चलने वाली 02565 दरभंगा-नई दिल्ली एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग दरभंगा- सीतामढ़ी – मुजफ्फरपुर के रास्ते चलाई जाएगी.

– 28 जुलाई 2020 को नई दिल्ली से चलने वाली 02566 नई दिल्ली-दरभंगा एक्सप्रेस परिवर्तित मार्ग मुजफ्फरपुर- सीतामढ़ी- दरभंगा के रास्ते चलाई जाएगी.

शार्ट ओरिजिनेशन-
– 29 जुलाई 2020 को जयनगर से चलने वाली 04673 जयनगर- अमृतसर एक्सप्रेस समस्तीपुर से चलाई जाएगी.

– 29 जुलाई 2020 को दरभंगा से चलने वाली 01062 दरभंगा-लोकमान्य तिलक टर्मिनस एक्सप्रेस समस्तीपुर से चलाई जाएगी.

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Patna: देश भर के वेब पत्रकारों के सर्वथा पहले निबंधित संगठन वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया- ‘डब्ल्यूजेएआई’ को बिहार की पत्रकारिता के रोल मॉडल, आईकॉनिक और प्रेरणास्रोत अग्रिम पंक्ति के पत्रकारों का वरदहस्त प्राप्त हुआ है। संगठन से बिहार की पत्रकारिता की आईकॉनिक हस्तियाँ शैलेन्द्र दीक्षित, अरुण अशेष, राकेश प्रवीर, सुजीत झा और श्रीकांत प्रत्युष बतौर संरक्षक जुड गए हैं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष आनन्द कौशल ने इस आशय की आधिकारिक घोषणा करते हुए कहा कि आने वाले समय में इन वरिष्ठ पत्रकारों के परामर्श, मार्गदर्शन और संरक्षण से संगठन ज्यादा मजबूत हो कर अपने लक्ष्यों की प्रतिपूर्ति में अग्रसर होगा। उन्होंने बताया कि संगठन ने अपने संरक्षक मंडल का विस्तार करते हुए इनकी सहमति से इन्हें संगठन का संरक्षक मनोनीत किया है।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने बताया कि डब्ल्यूजेएआई के प्रधान संरक्षक देश की पत्रकारिता जगत के रोल मॉडल प्रख्यात् संपादक, वरिष्ठ पत्रकार और जाने माने सामाजिक राजनीतिक विश्लेषक एन. के. सिंह हैं तो वहीं अब से इनके साथ संरक्षक मंडल की शोभा बढ़ाएंगे देश के जाने माने पत्रकार दैनिक जागरण आदि के संपादक रहे वरिष्ठ पत्रकार विश्लेषक शैलेन्द्र दीक्षित, विभिन्न प्रिंट इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों को बुलंदियों पर पहुँचाने वाले पत्रकारिता के चलते फिरते स्कूल अरुण अशेष, वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया स्ट्रेटिजिस्ट एनयूजेआई के प्रदेश अध्यक्ष राकेश प्रवीर, सूबे की पत्रकारिता जगत को अपने आलोक से प्रकाशित करने वाले टीवी पत्रकारिता के पहले नाम सुजीत कुमार झा, कई प्रतिष्ठित मीडिया घरानों का चेहरा रहे और फिलवक्त सिटीपोस्ट लाइव के एडिटर इन चीफ श्रीकांत प्रत्यूष, जो न्यू मीडिया में विश्वसनीयता की लंबी लकीर खींच रहे हैं जैसे नाम शामिल हैं। श्रीकांत प्रत्युष और सुजीत झा बिहार में टीवी पत्रकारिता में बड़े हस्ताक्षर हैं। इन सभी के बतौर सरक्षक जुड़ने से संगठन को उनका मार्गदर्शन और आशीर्वाद प्राप्त होगा। श्री आनन्द ने कहा कि डब्ल्यूजेएआई पूरी सक्रियता से वेब पत्रकारिता को देश भर में मुकाम देने में लगी है। दिल्ली एनसीआर, यूपी उत्तराखंड, मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, दक्षिण भारत प्रक्षेत्र, ओडिशा के बाद अब पंजाब हरियाणा, दक्षिण पूर्वी राज्यों में संगठन का विस्तार किया जा रहा है। संगठन द्वारा ग्लोबल समिट किया जाना है जिसकी तैयारी जोर शोर से कोरोना से मुक्ति के बाद की जाएगी। कई योजनाएं पाईपलाईन में हैं जिसके लिए मुफीद समय का इंतज़ार किया जा रहा है।

राष्ट्रीय महासचिव अमित रंजन ने कहा कि यह बड़ी बिडम्बना है कि जानकारी के मुताबिक 1992 में अमेरिका में शिकागो टाईम्स के नाम से शुरु हुई वेब पत्रकारिता को आज तीसरे दशक में भी नई मीडिया कहा जा रहा है। इससे भी दुर्भाग्यपूर्ण यह कि आज तक देश में सरकार वेब मीडिया के लिए न तो कोई गाईडलाईन बना सकी न कोई सरकारी नियामक संस्था। ये सूचना है कि देश में आरएनआई द्वारा वेब पोर्टलों के निबंधन की व्यवस्था बनाने की तैयारी की जा रही है तो वहीं बिहार सरकार भी वेब मीडिया नीति की तैयारी कर रही है। केन्द्र और बिहार सरकार के संबद्ध मंत्रालयों को डब्ल्यूजेएआई ने भी अपना प्रस्ताव अपने संविधान के अंश वेब पत्रकारों के लिए तैयार ‘स्व नियमन’ के ड्राफ्ट के साथ भेजा है और संगठन इस दिशा में प्रयत्नशील है।

उन्होंने बताया कि डब्ल्यूजेएआई देश भर में अपने क्षेत्रीय कार्यालयों के मार्फत वेब पत्रकारों और वेब पोर्टलों को एकसूत्र में जोड़ने में लगी है।

वरिष्ठ पत्रकार- संपादक और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ने कहा कि संगठन ने अपने फेसबुक पेज पर 21 जुलाई से लाईव कार्यक्रम के जरिये वेब पत्रकारों के साथ सीधा संवाद कायम करना शुरु किया है जहाँ सवाल जबाब के माध्यम से बड़ी ठोस जानकारियां सामने आ रही हैं। 21 जुलाई को महासचिव अमित रंजन ने लाईव संवाद का आग़ाज करते हुए देश में वेब पत्रकारिता, वेब पोर्टल के प्रसार, महत्व, नियमन और डब्ल्यूजेएआई के कार्य कलापों की जानकारी दी। 22 जुलाई को ओम प्रकाश अश्क़ ने कोरोनाकाल में पारंपरिक मीडिया का संकट और वेब पत्रकारों के लिए अवसर पर अपनी बात रखी। 23 जुलाई को प्रख्यात् समाजसेवी और संगठन के संरक्षक रजनीकांत पाठक ने संकटकाल में ‘वेब पत्रकारों की सुध ले सरकार’ की अपील की। 24 जुलाई को पटना शाखा अध्यक्ष बालकृष्ण ने संगठन पर बात रखी। 25 जुलाई को देश के जाने माने वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष माधो सिंह ने ‘भरोसा खो चुकी मुख्यधारा की पत्रकारिता का मजबूत विकल्प बन कर उभर रही वेब पत्रकारिता पर बड़ी सारगर्भित बातें रखीं। 26 जुलाई को वरिष्ठ पत्रकार और राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ. लीना ने वेब पत्रकारिता पर फर्जी का आरोप पर बात रखी।

उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में नये समय पर रात 9 बजे लाईव संवाद में प्रख्यात् काननूविद अधिवक्ता और संगठन के विधि परामर्शी रोहन प्रियम सहाय ने देश में मीडिया के इतिहास, संविधान में वर्णित अधिकार और निरोध, कानूनी पहलूओं, वेब पत्रकारिता और डब्ल्यूजेएआई पर बहुत अहम बातें रखीं।

राष्ट्रीय सचिव निखिल केडी वर्मा ने बताया कि देश भर के पत्रकार, वेब पत्रकार और सुधि समाज के लोग संगठन के फेसबुक पेज पर जारी लाईव संवाद का हिस्सा बन सकते हैं और हमारी आधिकारिक वेबसाइट wjai.in लॉगिन कर संस्था से सीधा जुड़ सकते हैं जहाँ सदस्यता की अर्हता, प्रक्रिया और ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है।

बिहार के पत्रकारिता जगत की पांचों बड़ी हस्तियों का संरक्षक मंडल के सदस्य के रुप में प्रधान संरक्षक एन.के. सिंह, संरक्षक एम एल सी प्रो. वीरेन्द्र नारायण यादव, रजनीकांत पाठक, ई. संजय कुमार राय, मनोज कुमार चौधरी, उपाध्यक्ष रजनीश कांत, माधो सिंह, अमिताभ ओझा, हर्षवर्धन द्विवेदी, आशीष कुमार शर्मा, सचिव मुरली मनोहर श्रीवास्तव, सुरभित दत्त, टी. स्वामीनाथन, संयुक्त सचिव मधूप मणि पिक्कू, डॉ. लीना, मनोकामना सिंह, डॉ. राजेश अस्थाना, जितेन्द्र कुमार सिंह, पंकज कुमार मिश्रा, कार्यालय सचिव मंजेश कुमार, पटना शाखा अध्यक्ष बालकृष्ण, सचिव मनन कुमार मिश्रा छपरा अध्यक्ष संजय कुमार पांडेय सचिव कबीर अहमद और संगठन से जुड़े सभी वेब पत्रकारों ने स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया है।

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Varansi: पूर्वोत्तर रेलवे ने लाॅकडाउन के दौरान निरन्तर कार्य करते हुए गाड़ियों के समय पालन में आशातीत सुधार किया है. पिछले सप्ताह पूर्वोत्तर रेलवे पर गाड़ियों का समय पालन लगभग 100 प्रतिशत रहा . पूर्वोत्तर रेलवे पर मालगाड़ियों की औसत गति 47 किमी. प्रति घंटा रही.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी महेश कुमार ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन द्वारा उद्योग एवं वाणिज्यिक गतिविधियों के विस्तार के लिए माल लदान एवं उनके त्वरित परिवहन के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार लाने के लिए अनेक स्तर पर प्रयास हो रहे हैं. इन प्रयासों के फलस्वरूप पूर्वोत्तर रेलवे पर मालगाड़ियों की औसत गति में अपेक्षित सुधार हुआ है. मई 2020 में मालगाड़ियों की औसत गति 31.5 किमी तथा माह जून 2020 में 35.5 किमी/ प्रति घंटा थी, जो 01 से 27 जुलाई 2020 तक 47 किमी. प्रति घंटा हो गई. पिछले वर्ष की तुलना में मालगाड़ियों की औसत गति में दोगुने से ज्यादा वृद्धि हुई है.

रेलवे प्रशासन के इन सकारात्मक प्रयासों के फलस्वरूप औद्योगिक प्रतिष्ठानों एवं व्यापारी गण का विश्वास रेलवे पर काफी पुष्ट हुआ है, जिसके फलस्वरूप सड़क मार्ग से जाने वाला माल यातायात रेलवे को प्राप्त हो रहा है.

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Patna: बॉलीवुड के जाने माने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के केस में नया मोड़ आया है. दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता ने पटना के राजीव नगर के थाने में सुशांत की गर्लफ्रेंड व अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती समेत 5 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी है.

सुशांत सिंह के पिता केके सिंह ने रिया पर सुशांत को प्यार में फंसाकर उसके पैसे निकालने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है. पटना के राजीव नगर थाना में रविवार को इसे लेकर कांड संख्या 241/20 दर्ज की गयी है. .

इसके साथ ही पटना पुलिस एक्शन में आ गयी है. पटना पुलिस की चार सदस्यीय टीम जांच के लिए मुंबई पहुंच गई है.

सुशान्त सिंह के पिता ने लाचारी जताते हुए कहा है कि वह बीमार रहते हैं इसलिए इस मामले में मुकदमा लड़ने के लिए मुंबई नहीं जा सकते हैं. इसलिए पटना में ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस में मुंबई पुलिस ने रिया चक्रवर्ती से करीब 11 घंटे पूछताछ की थी. वहीं कुछ ही दिनों पहले रिया चक्रवर्ती ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह से इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी.

सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को अपने बांद्रा स्थित घर में कथित तौर पर फांसी लगाकर सुसाइड कर लिया था. हालांकि पुलिस को उनके पास से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला था. सुशांत सिंह के अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला था कि उनके शरीर पर किसी भी तरह के चोट निशान नहीं मिले थे. इसमें बताया गया कि उनकी मौत फांसी के वजह से दम घुटने से हुई.

इस मामले में मुंबई पुलिस अभी तक रिया चक्रवर्ती, संजय लीला भांसली, आदित्य चोपड़ा और महेश भट्ट समेत फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई बड़े चेहरो से पूछताछ कर चुकी हैं.

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Chhapra: वैश्विक महामारी कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग गंभीर है. लोगों को अस्पताल में बेहतर से बेहतर सुविधा मिले, इसको लेकर नई-नई योजना बनाई जा रही है. इसी कड़ी में कोराना संक्रमण में हो रही बेहताशा वृद्धि के कारण मरीजों को सहायता मुहैया कराने के मद्देनजर छपरा सदर अस्पताल में दो और वेंटीलेटर लगाने का निर्णय लिया गया है.

इससे कोरोना मरीजों को अस्पताल में इलाज के दौरान परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा. इसको लेकर राज्य स्वास्थ समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने पत्र जारी किया है एवं इसे सुनिश्चित कराने के लिए बीएमएसआईसीएल के निदेशक को जिम्मेदारी सौंपी है. पत्र के मुताबिक भारत सरकार से प्राप्त 264 वेंटिलेटर्स को आवश्यकता अनुसार राज्य के सभी अस्पतालों एवं मेडिकल कॉलेज में वितरण कराने को कहा गया है. इनमें जिले के सदर अस्पताल को 2 वेंटीलेटेर मशीनों की आपूर्ति करानी है. यहाँ पर पहले से भी दो वेंटिलेटर मशीन उपलब्ध है.

साँस संबंधित मरीजों के लिए वेंटिलेटर बेहद जरूरी
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ अजय कुमार शर्मा ने बताया वेंटिलेटर साँस संबंधित मरीजों के लिए बेहद जरूरी है. इसके सहारे गंभीर से गंभीर साँस से संबंधित मरीजों को बचाया जा सकता है. इस संबंध में बीएमएसआईसीएल से जल्द समन्वय स्थापित कर जिला अस्पताल में वेंटिलेटर मशीनों को लगाये जाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जायेगी. कोरोना के संक्रमितों के लिए यह काफी उपयोगी सिद्ध हो सकेगा.

वेंटिलेटर है क्या
बहुत सरल भाषा में कहें तो यह एक मशीन है जो ऐसे मरीजों की जिंदगी बचाती है जिन्हें सांस लेने में तकलीफ है या खुद सांस नहीं ले पा रहे हों. यदि बीमारी की वजह से फेफड़े अपना काम नहीं कर पाते हैं तो वेंटिलेटर सांस लेने की प्रक्रिया को संभालते हैं. इस बीच डॉक्टर इलाज के जरिए फेफड़ों को दोबारा काम करने लायक बनाते हैं.

कितने तरह के होते हैं वेंटिलेटर
वेंटिलेटर मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं. पहला मेकेनिकल वेंटिलेशन और दूसरा नॉन इनवेसिव वेंटिलेशन. मेकेनिकल वेंटिलेटर के ट्यूब को मरीज के सांस नली से जोड़ दी जाती है, जो फेफड़े तक ऑक्सीजन ले पहुंचाती है. वेंटिलेटर मरीज के शरीर से कार्बन डाइ ऑक्साइड को बाहर खींचता है और ऑक्सीजन को अंदर भेजता है. दूसरे प्रकार के वेंटिलेटर को सांस नली से नहीं जोड़ा जाता है, बल्कि मुंह और नाक को कवर करते हुए एक मास्क लागाया जाता है, जिसके जरिए इस प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है.

कोरोना मरीजों के लिए क्यों जरूरी है वेंटिलेटर
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक,कोविड-19 से संक्रमित 80% मरीज अस्पताल गए बिना ठीक हो जाते हैं. लेकिन छह में से एक मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है और उसे सांस लेने में कठिनाई होने लगती है. ऐसे मरीजों में वायरस फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है. फेफड़ों में पानी भर जाता है, जिससे सांस लेना बहुत मुश्किल हो जाता है. साथ ही शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने लगती है. इसलिए वेंटिलेटर्स की आवश्यकता होती है. इसके जरिए मरीज के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा को समान्य बनाया जाता है.

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