Chhapra: जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के द्वारा पूर्व में घोषित कई कंटेन्मेंट जोन जिसकी 14 दिन की अवधि पूरी हो गयी है और इस क्षेत्र से कोई नया व्यक्ति के कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाये जाने पर उस कंटेन्मेंट जोन को समाप्त घोषित किया गया है.

समाप्त किये गये कंटेन्मेंट जोन में मढ़ौरा प्रखंड के ग्राम-रेपुरा, सोनपुर प्रखंड के ग्राम-रहर दियरा, एकमा प्रखंड के ग्राम-रसूलपुर एवं छपरा सदर प्रखंड के ग्राम-नेवाजी टोला शामिल हैं.

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Chhapra: सहायक निदेशक (नियोजन) अवर प्रादेशक नियोजनालय, सारण के द्वारा बताया गया है कि जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र (डीआरसीसी), छपरा में दिनांक 05.09.2020 को 11 बजे पूर्वाहन से 04 बजे अपराहन तक नियोजन कैम्प का आयोजन किया गया है. जिसमें कपड़ा निर्माण के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठत कम्पनी के द्वारा गुजरात में कार्य करने हेतु कुल तीन सौ पदो ंके लिए चयन प्रक्रिया संचालित की जाएगी.

उम्र सीमा 18 से 28 वर्ष के आठवीं पास, बारहवीं पास आईटीआई ऑन आईटीआई इच्छुक अभ्यर्थी अपने नवीनतम दो पासपोर्ट साइज फोटो, अंतिम शैक्षणिक प्रमाण पत्र की छाया प्रति, पहचान पत्र की प्रति के साथ नियोजन कैंप में शामिल होकर रोजगार के अवसर का लाभ उठा सकते हैं. अभ्यर्थियां के लिए आवश्यक है कि उनका निबंधन नियोजनालय में हो. नियोजनालय में निबंधन की प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गयी है जो कि भारत सरकार के पोर्टल के माध्यम से होता है. कोई भी अभ्यर्थी घर बैठे अपना निबंधन इस पोर्टल के माध्यम से कर सकता है. साथ हीं अवर प्रादेशिक नियोजनालय कार्यालय में भी ऑनलाइन निबंधन हेतु संपर्क किया जा सकता है. अतः अभ्यर्थी अपना नियोजनालय निबंधन इस पोर्टल पर आवश्यक रूप से करा लेंगे.

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Chhapra: सारण जिले में 4 सिंतबर को 52 नए मरीज कोरोनावायरस पाए गए. कोविड-19 कोरोनावायरस के नए मामले प्रतिदिन मिलते जा रहे हैं. संक्रमित व्यक्ति मिलने के बाद आसपास का क्षेत्र सील भी किया गया है. हालांकि सारण जिले में संक्रमित मरीजों की ठीक होने का प्रतिशत काफी बढ़िया है. अब तक 119719 सैंपल जांच में 4341 संक्रमित मरीज पाये गए है.

जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बताया गया है कि अब तक 119719 सैंपल लिए गए. जिसमें 4341 मरीज कोरोना संक्रमित पाए गए. जिसमें 3808 लोग स्वस्थ होकर अपने घर वापस लौट गए हैं. फिलहाल 523 एक्टिव केस सारण में है. वही जिले में 296 कंटेनमेंट जोन अब तक बनाए गए थे. जिसमें फिलहाल 23 कंटेनमेंट जोन एक्टिव है.

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Chhapra: प्रोग्रेसिव प्राइवेट स्कूल ऑर्गेनाइजेशन एंड किड्स वेलफेयर ट्रस्ट सारण के तत्वाधान में आज पूरे जिले के प्राइवेट स्कूलों के निदेशकों, संचालकों, प्राध्यापकों और शिक्षकों ने काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया. शिक्षकों की नाराजगी इस बात को लेकर है कि सरकार परिवहन से लेकर सरकारी कार्यालयों को संचालन कर रही है । साथ ही साथ सरकारी विद्यालयों का संचालन करा है. लेकिन प्राइवेट स्कूलों को नहीं खोलने दे रही है. इससे प्राइवेट स्कूलों में काम करने वाले शिक्षक और उनके कर्मी भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं. कई शिक्षकों ने तो आत्महत्या तक कर ली है.

संगठन के अध्यक्ष सियाराम सिंह, महासचिव जमाल हैदर, उपाध्यक्ष संजय कुमार, दीनदयाल यादव, सुलेखा पांडेय, सरफ़राज़ अहमद समेत अन्य ने सरकार से अभिलंब प्राइवेट स्कूलों को खोलने की मांग की है. कम से कम सप्ताह में हर दिन एक कक्षा के संचालन की अनुमति मांगी है. अध्यक्ष ने सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आज केवल सारण जिले में 16 हजार से अधिक प्राइवेट शिक्षक भुखमरी के कगार पर पहुंच चुके हैं. उनके बच्चों का पढ़ाई बाधित है. उनका भोजन बाधित है. साथ ही साथ वे अपने परिवार के बीमार माता-पिता और बच्चों को भी इलाज नहीं करा पा रहे हैं.

महासचिव जमाल हैदर ने कहा कि यदि सरकार अविलंब निर्णय नहीं लेती है तो संगठन आक्रामक रुख अख्तियार करेगा. वहीं उपाध्यक्ष संजय कुमार ने कहा कि सरकार प्राइवेट स्कूलों में हमेशा के लिए ताला लगाने का मन बना चुकी है और लाखों लोगों के पेट पर लात मारने का काम करने का प्रयास कर रही है. संगठन यह बर्दाश्त नहीं करेगा और पूरे राज्य में संगठन का विस्तार करते हुए इस आंदोलन को उग्र रूप देगा. जिले के मढौरा, इसुआपुर, गरखा रिविलगंज, नगरा, छपरा सदर, छपरा नगर, जलालपुर, बनियापुर, लहलादपुर, पानापुर, सोनपुर, मकेर समेत अन्य प्रखंडों में हजारों के शिक्षकों ने अपने स्कूल परिसर में ही काला बिल्ला लगाकर प्रदर्शन किया.

इस आंदोलन के बाद संगठन ने निर्णय लिया है कि अब जिला मुख्यालयों से प्रखंड मुख्यालय में धरना प्रदर्शन का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. आर पार की लड़ाई सरकार से लड़ी जाएगी. अध्यक्ष सियाराम सिंह ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों को ना तो किसी प्रकार का क्षतिपूर्ति अनुदान दिया गया है और ना ही किसी तरह का पैकेज. ऐसे में प्राइवेट स्कूल में काम करने वाले शिक्षक व कर्मी कहां जाए. उन्होंने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि चुनाव में सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा.

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Chhapra: शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर चार सितंबर को प्राईवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन से जुड़े हुये शहरी क्षेत्र के सभी निजी विद्यालयों के संचालक, उनके शिक्षक एवं सहायक कर्मियों द्वारा नगर पालिका चौक पर 6 बजे दीप प्रज्वलित कर समाज में अभिभावकों को संदेश देना लाज़मी हो गया है की कोरोना महामारी काल में भी निजी विद्यालयों के संचालक एवं उनके शिक्षक खुद को दीप की तरह जला कर अभिभावको के घर में शिक्षा का अलख जलाने का कार्य कर रहे हैं. अपने घर के सभी पूँजी को समाज हित में न्योछावर कर के विद्यालय का पठन पाठन निरंतर जारी रखा है.

इस बात की जानकारी एसोसिएशन के महा सचिव डा हरेन्द्र प्रसाद तथा अध्यक्ष सीमा सिंह ने दिया है साथ ही सभी निजी विधालयो के संचालक, शिक्षक तथा सह कर्मियों से अपील भी किया है की वे आज संध्या 5-30 बजे नगर पालिका चौक पर इकट्ठा हो इस कार्यक्रम को सफल बनाते हुये अपनी चट्टानी एकता का संदेश सरकार और समाज को दे

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• पोषण का है पहला मंत्र, जन्म के बाद स्तनपान

• वेबिनार के माध्यम से सुरक्षित स्तनपान के लिए किया गया प्रशिक्षित

• आईसीडीएस के वेबिनार में दूसरे दिन सुरक्षित स्तनपान के साथ पोषण गार्डेन पर मंथन

• चार दिवसीय ई प्रशिक्षण के दूसरे दिन पोषण माह को सफल बनाने पर दिया गया जोर

Chhapra: राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान कुपोषण को मात देने के लिए ई प्रशिक्षण का आयोजन किया जा रहा है। वेबिनार के माध्यम से चल रहे ई प्रशिक्षण के दूसरे दिन गुरुवार को समेकित बाल विकास सेवाएं (आईसीडीएस) ने कुपोषण को मात देने के लिए सबसे जरुरी सुरक्षित स्तनपान को बताया.
नोडल पदाधिकारी पोषण अभियान श्वेता सहाय ने वेबिनार सिरीज के सत्र में लोगों को स्तनपान के प्रति जागरुक करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सुरक्षित स्तनपान से मां और शिशु दोनों सुरक्षित रहते हैं। कोरोना काल में भी स्तनपान को मुहिम चलाने पर जोर देने की बात कही.

सुरक्षित स्तनपान मृत्यु दर में लाएगा कमी
अलाईव एंड थ्राईव की वरीय कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि सुरक्षित स्तनपान से शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है। इसके लिए ई प्रशिक्षण में उन्होंने कई उपाय सुझाए. उन्होंने बताया कि स्तनपान से डायरिया को भी रोका जा सकता है। सुरक्षित स्तनपान से मां के अंदर आने वाले मोटापा को भी कम किया जा सकता है. साथ ही साथ डायबटीज के साथ स्तन कैंसर की आशंका को भी कमी लायी जा सकती है। उन्होंने बताया कि बच्चों के जन्म के 1 घंटे के भीतर बच्चों के लिए मां का दूध अमृत समान होता है. छह माह तक उन्हें न तो पानी देना है और न ही अन्य कोई तरल पदार्थ देना है। ऐसे करने से बच्चों को डायरिया के खतरे से बचाया जा सकता है. साथ ही कुपोषण और नाटापन की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है।

अन्नप्राशान के बाद वाला आहार बनता है सेहत का आधार
केयर इंडिया के टीम लीडर एक्सपर्ट डॉ देवजी पाटिल ने स्तनपान के महत्व को बताने के साथ अन्नप्राशन के बाद आहार को शिशु के जीवन का आधार बताया। डॉ देवजी ने कहा कि छह माह के बाद उपरी आहार का शिशु के बेहतर स्वास्थ्य में अहम योगदान होता है। उम्र के हिसाब से बच्चों को आहार दिया जाता है। इस दौरान ही अगर आहार देने में कोई चूक हो जाती है तो बच्चों में नाटापन के साथ कुपोषण का खतरा होता है। छह से लेकर 11 माह तक बच्चों को विशेष रूप से देखना होता है। आहार के मामले में कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए जिससे उनकी सेहत पर इसका पगतिकूल प्रभाव पड़े। अगर बच्चों का पोषण सही ढंग से किया गया तो उनकी सेहत अच्छी होती है और वह मानसिक के साथ शारीरिक रूप सक भी पूरी तरह से स्वस्थ्य होते हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए वरदान होगी पोषण वाटिका
किशनगंज कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ हेमंत कुमार सिंह ने वेबिनार के दौरान बताया कि पोषण वाटिका रोग लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में काफी असरदार साबित होगी. इससे पोषण तत्वों की कोई कमी नहीं होगी और घर में ही सभी पोषण तत्व वाली शुद्ध ताजी सब्जी वह फल की आपूर्ति हो जाएगी। उन्होंने पोषण वाटिका को बढ़ावा देकर लोगों में इम्युनिटी बढ़ाने पर बहुत जोर दिया। पोषण वाटिका का चयन कैसे करें, धूप तथा पानी का प्रबंध कैसे करें एवं जैविक खाद का इस्तेमाल कर कैसे सब्जी और फल को पोषक बनाएं इसपर विशेष रूप से जोर दिया।
भोजन में विविधिता पर जोर
राज्य पोषण विशेषज्ञ डॉक्टर मनोज कुमार ने आहार विविधता के बारे में बताया। डॉ मनोज ने बताया कि पोषण से ही शिशु के शारीरिक भविष्य का आधार बनता है। पोषण को लेकर कहीं से कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। जागरुकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों में जैसे मां का पहला दूध जरुरी है उसी तरह से ही छह माह के बाद का संपूरक आहार भी आवश्यक है। अगर बच्चे को सही पोषण मिलता गया तो वह न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक व्याधियों से भी दूर होते हैं। उन्होंने बताया कि भोजन में विविधिता होने से जरुरी पोषक तत्वों की आपूर्ति होती है. आहार में विविधता के ही कारण शारीर में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों की जरूरत पूरी होती है.

सवाल-जवाब में विशेषज्ञों ने दिए जवाब
वेबिनार के दौरान सवाल-जवाब का भी सेशन रखा गया था। इसमें पोषण से लेकर इम्युनिटी गार्डेन पर प्रश्नों का जवाब दिया गया। दीपक ने सवाल किया कि एक बच्चे को मां का दूध कितनी उम्र तक दिया जा सकता है. जवाब में डॉ अनुपम श्रीवास्तव ने कहा कि दो साल के बाद बच्चे के शरीर की डिमांड काफी बढ़ जाती है. इस कारण मां के दूध के बजाए ठोस आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसी क्रम में सीमा तिवारी ने पूछा कि बच्चे दूध पीने के बाद उल्टी क्यों कर देते हैं. जवाब में डॉ अनुपम ने कहा कि मां का दूध बच्चे के लिएअमृत के समान है। अगर बच्चा उल्टी करता है तो इसका मतलब यह नहीं कि मां के दूध में कमी है, इसका कारण कुछ और हो सकता है। समाधान के लिए चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। अमरजीत ने पोषण वाटिका के बारे में सवाल किया कि पोषण वाली सब्जी व फलों का चुनाव कैसे करें। डॉ हेमंत ने बताया कि सीजन के हिसाब से फल और सब्जियां उगाएं, उन्होंने जैविक खाद तैयार करने की भी बारीकी से जानकारी दी।
वेबिनार के दूसरे दिन के सत्र का समापन करते हुए नोडल पदाधिकारी पोषण अभियान श्वेता सहाय ने कहा कि यह काफी अहम कार्यक्रम है, जिसमें हर दिन नई-नई जानकारी मिल रही है। उन्होंने डीपीओ, सीडीपीओ के साथ फील्ड में काम करने वाले कार्यकर्ताओं का आभार जताते हुए कहा कि उनके प्रयासों से ऐसे अभियान सफल हो रहे हैं। कार्यक्रम की सफलता को लेकर भी उनका आभार जताया।

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Chhapra: शिक्षक संघ बिहार राज्य कमेटी के आह्वान पर छपरा के नगरपालिका चौक पर बिहार सरकार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का संयुक्त रूप से पुतला दहन किया गया. प्रदेश कोषाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह एवं जिलाध्यक्ष सुभाष कुमार सिंह के संयुक्त नेतृत्व में शिक्षक संघ बिहार के शिक्षकों ने पुतला दहन कर सरकार के शिक्षक विरोधी नीतियों की तीव्र भ्रतसना की.

शिक्षको ने कहा कि बिहार सरकार की कथनी और करनी मे काफी अंतर है वह नियोजित शिक्षको को सदा ठगने का कार्य करते आ रही है. 78 दिनों के शिक्षकों के लंबे हड़ताल को सरकार ने छल करते हुए लिखित आश्वासन देकर समाप्त कराया कि कोरोना का प्रभाव कम होने पर सरकार वार्ता कर शिक्षको के सात सूत्री माॅग यथा पुराने शिक्षकों की भांति वेतन, सेवा शर्त, राज्य कर्मी का दर्जा, पेंशन, ऐच्छिक स्थानांतरण आदि पर गंभीरता पूर्वक विचार करेगीलेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. सरकार ने शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति से आज तक कोई वार्ता नही सिर्फ चुनावी लॉलीपॉप के रूप में चाइनीस सेवा शर्त एवं आठ माह बाद वेतन बढ़ोतरी का आश्वासन दिया जो शिक्षकों के साथ छलावा मात्र है.

पुतला दहन कार्यक्रम मे संघ के उपाध्यक्ष राजेश कुमार सिंह ,खुर्शीद आलम, कुमारी निकिता सौरभ, श्रीकान्त राय, राजेश कुमार तिवारी, तरूण कुमार चौधरी, महिला संयोजिका रंजीता प्रियदर्शी, अजय कुमार सिंह, रघुवंश कुमार सिंह, अजीत कुमार सिंह, वीर बहादुर मांझी, ललन सिंह, मुनि मनोज यादव, राजू कुमार आदि मुख्य रूप से सामिल थे.

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Chhapra: छपरा विधानसभा के सदर पश्चिमी मंडल के मौना और तेनुआ पंचायत के दांगी समाज के लोगों के साथ भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शैलेन्द्र सेंगर ने बैठक कर उनकी समस्याओं को समझा. श्री सेंगर ने कहा कि छपरा विधानसभा में हजारों परिवार इस समाज से आते हैं लेकिन प्रशासनिक लापरवाही से इस समाज के लोग दो भागों में बंट गये हैं.

श्री सेंगर ने कहा कि पूरे बिहार में इस जाति को अति पिछड़ा वर्ग में रखा गया है और सारण जिले में भी इनको अति पिछड़ा वर्ग का प्रमाण पत्र दिया जाता है. समस्या यह है कि यह प्रमाण पत्र उन्हें ही दिया जाता है जो अपने जमीन का कागज दिखला कर यह साबित कर सकते हैं. यानि भूमि विहीन गरीब परिवार इस सुविधा से वंचित हैं. ऐसे लोगों को कोयरी (कुशवाहा) का जाति प्रमाण पत्र दे दिया जाता है. दांगी जाति कुशवाहा से अलग जाति है और इनका आपस में रोटी- बेटी का संबंध भी नहीं है. बिहार सरकार के गजट नोटिफिकेशन में यह जाति अति पिछड़ा वर्ग में है लेकिन इसकी सुविधाओं से ये लगातार वंचित किये जा रहे हैं. श्री सेंगर ने वहां उपस्थित लोगों को भरोसा दिलाया कि वे उनकी इस लड़ाई को पुरजोर तरीके से लड़ेंगे. श्री सेंगर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सबका साथ- सबका विकास की नीति पर चल रही है और इसी के कारण हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सबका विश्वास के वाहक बने हुए हैं.

इस अवसर पर तेनुआ पंचायत के महतो मुसहरी से उमेश सिंह दांगी,सुरेश सिंह दांगी, गौरी शंकर सिंह दांगी, दीनानाथ सिंह दांगी,अमर सिंह दांगी, जीतन सिंह दांगी, रविंद्र सिंह दांगी, भूषण सिंह दांगी, सुरेश सिंह दांगी,जीउत सिंह दांगी, मौना पंचायत के जमुना गांव के
जोगिंदर सिंह दांगी, बैजनाथ सिंह दांगी, मनोज कुमार सिंह दांगी, विद्यार्थी दांगी, चंद्रशेखर सिंह दांगी, लालबाबू सिंह दांगी, कामेश्वर सिंह दांगी, सुमेश्वर सिंह दांगी ,नवल सिंह दांगी, वीरचंद्र सिंह दांगी, विपिन सिंह दांगी,रामबाबू सिंह दांगी, नागेश्वर सिंह दांगी,सुधीश सिंह दांगी आदि सैकड़ों दांगी समाज के लोग मौजूद रहे.

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Chhapra: कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम हेतु दिनांक 01.09.2020 तक जिले में 1,05,346 (एक लाख पॉंच हजार तीन सौ छियालिस) संदिग्ध व्यक्तियों की सेम्पल की जॉंच कर ली गयी है. इस प्रकार पहली बार जिले में जॉंच का ऑंकड़ा एक लाख को पार कर गया है. जिलाधिकारी के निदेश के आलोक में अभी वर्तमान में सदर अस्पताल में लगे ट्रूनट मशीन से प्रतिदिन 200 से ऊपर संदिग्ध व्यक्तियों की जॉंच की जा रही है तथा जिले से औसतन 350 सेम्पल प्रतिदिन आटीपीसीआर मशीन से जॉंच के लिए आईजीएमएस, पटना भेजा जा रहा है. इसके अतिरिक्त रैपिड एन्टीजेन टेस्ट किट से प्रतिदिन अधिक-से-अधिक संदिग्ध व्यक्तियों की जॉंच की जा रही है.

जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि वर्तमान में सभी आवश्यक संसाधन यथा टेस्ट किट इत्यादि पर्याप्त मात्रा में जिले में उपलब्ध हैं. साथ ही जिले में लगातार कोरोना से पीडि़त व्यक्तियों की संख्या में कमी आ रही है. दिनांक 01.09.2020 को 7500 संदिग्ध व्यक्तियों की जॉंच के विरूद्ध मात्र 40 पोजिटिव केस पाये गये हैं. वर्तमान में जिले में कुल 473 केस एक्टीव हैं तथा जो भी पोजिटिव पाये गये व्यक्ति हैं, जो होम आइसोलेशन में हैं, उनका सदर अस्पताल में स्थापित नियंत्रण कक्ष से लगातार हालचाल लिया जा रहा है तथा मरीज की स्थिति के अनुसार उनका सदर अस्पताल में कार्यरत आईसोलेशन वार्ड में उनका ईलाज किया जा रहा है.

जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि माह जुलाई में जहॉं कोरोना केस की पॉजीटिविटी रिपोर्ट 12.16 प्रतिशत थी, वह माह अगस्त में घटकर 3.25 हो गयी है तथा माह सितम्बर में इसके और भी घटने की पूर्ण संभावना है. जिले में जितने भी कंटेनमेंट जोन बने हैं अथवा नये बन रहे हैं, उसमें सख्ती बरतते हुए सभी प्रकार की गतिविधियों एवं उसमें रह रहे लोगों के भ्रमण को पूरी तरह रोकने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा सभी अनुमण्डल पदाधिकारियों, अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारियों एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों, अंचलाधिकारियों को दिया गया है. साथ ही यह भी निदेष दिया गया है लोग अपने घर से आवष्यक होने पर ही निश्चित रूप से मास्क पहनकर ही निकलें. जिलाधिकारी द्वारा बिना मास्क पहनकर बाहर निकलने वाले व्यक्तियों पर जुर्माना लगाने तथा विभागीय नियमों का उल्लंघन करने वाले संबंधित व्यक्तियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निदेश दिया गया है.

जिलाधिकारी द्वारा लोगों से भी अपील की गयी है कि निश्चित रूप से मास्क पहनकर ही बाहर निकलें तथा दो गज की दूरी बनाकर रहें. उनके द्वारा बताया गया है कि इन्हीं नियमों का पालन करने पर जिले में कोरोना संक्रमण की स्थिति में अपेक्षित सुधार हुआ है, जिसे बरकरार रखने के लिए सभी लोगों को आवश्यक निर्देशों का पालन करना जरूरी है.

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नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच तनाव जारी है. इस बीच केंद्रीय आईटी मंत्रालय ने 118 चाइनिज एप को बैन कर दिया है. इस लिस्ट में PUBG भी शामिल है. सरकार ने कहा है कि ये चीनी एप भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरा है. 118 एप में PUBG के अलावा CamCard, Baidu, Cut Cut, VooV, Tencent Weiyun, Rise of Kingdoms, Zakzak आदि शामिल है.

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Chhapra: ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) सारण जिला इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल छपरा महापौर प्रिया सिंह से मिला और और छपरा शहर में आजादी आंदोलन के महानायक, छात्र-युवाओं के प्रेरणास्त्रोत, शहीद-ए-आजम भगत सिंह की आदमकद प्रतिमा छपरा शहर में शीघ्र स्थापित कराये जाने की मांग किया.
वहीं छपरा मेयर प्रिया सिंह एवं मौजूद पार्षदों ने प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया कि अगली बैठक में आप की मांगों पर गंभीरतापूर्वक विचार कर छपरा शहर के किसी सार्वजनिक स्थल पर शीघ्र हीं भगत सिंह की आदमकद प्रतिमा स्थापित कराई जाएगी.

एआईएसएफ राज्य उपाध्यक्ष राहुल कुमार यादव ने सारण आयुक्त, सारण जिलाधिकारी, महापौर छपरा व अन्य को सौंपे अपने पत्र में कहा है कि आजादी आंदोलन के महानायक, छात्र-युवाओं के आदर्श एवं प्रेरणास्त्रोत शहीदे आजम भगत सिंह की प्रतिमा छपरा शहर में अब तक किसी भी सार्वजनिक स्थल पर स्थापित नहीं कराया जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. पिछले कई वर्षों से एआईएसएफ, भगत सिंह चिंतन मंच सहित कई अन्य सामाजिक संगठनों, छात्र-युवा संगठनों के द्वारा लगातार प्रयास करने के बाद भी स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधियों के उदासीन रवैया के कारणअब तक छपरा शहर में प्रतिमा स्थापित नहीं हो पाई है.

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Chhapra: छपरा में सड़कों किनारे लगाए गए यूरिनल्स गंदगी के कारण अब बेकार होने लगे हैं. नगर निगम द्वारा इन यूरिनल्स की साफ सफाई नहीं हो रही है, मंगलवार को निगम बोर्ड की बैठक में वार्ड पार्षदों ने यूरिनल्स को लेकर निगम अधिकारियों से सवाल जवाब किया. वार्ड पार्षदों ने कहा कि जब से शहर में सड़क किनारे यूरिनल लगाए गए हैं, तब से आज तक उनकी सफाई नहीं हुई है. साथ ही साथ आज तक यूरिनल्स में पानी का कनेक्शन भी नहीं दिया गया है, इस कारण इनमें गन्दगी फैली हुई है.

पार्षदों ने कहा कि 2 महीने से ऊपर हो गए, लेकिन यूरिनल में पानी की सप्लाई तक नहीं दी गई. यहां तक की यूनियन के ऊपर पानी के टंकी की जगह दी गई है. अब तक यह व्यवस्था नहीं की गई है इस कारण से यूरिनल लगाना बेकार हो गया है. इस पर मेयर ने कहा कि जल्द ही यूरिनल में पानी की सप्लाई या फिर टंकी लगा दी जाएगी. मेयर प्रिया सिंह ने निर्देश दिया कि जो भी यूरिनल शहर में नहीं लगाए गए हैं उसे जल्द से जल्द जगह देखकर लगा दिया जाए.

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