Chhapra: बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनजर सारण में विकास से संबंधित और योजनागत समीक्षा से संबंधित दिशा की बैठक को स्थगित कर दिया गया है।

इस संदर्भ में सारण जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) के अध्यक्ष स्थानीय सांसद राजीव प्रताप रुडी के कार्यालय से बताया गया कि वर्ष 2022 की दिशा की पहली बैठक दिनांक 11 एवं 12 जनवरी को आहूत की गई थी।

वर्तमान में कोरोना वायरस जनित महामारी की तीसरी लहर से बिहार ही नहीं पूरा देश प्रभावित है। कोविड-19 के फैलाव को रोकने के मद्देनजर बिहार सरकार ने भी कोविड दिशानिर्देश जारी किये है। वर्तमान स्थिति के परिपेक्ष्य में पूर्व निर्धारित दिशा की बैठक को स्थगित कर दिया गया है। जैसे ही संक्रमण काबू में आता है तब जनविकास के मुद्दों पर दिशा की बैठक होगी।

विदित हो कि आमजन को लोकोपयोगी योजनाओं का त्वरित लाभ दिलाने के लिए सारण लोकसभा संसदीय क्षेत्र के सांसद राजीव प्रताप रुडी जिले में कार्यान्वित योजनाओं-परियोजनाओं की समीक्षा समय-समय दिशा की बैठक में करते रहते है।

सांसद कार्यालय से बताया गया कि कोरोना का प्रभाव कम होने पर बैठक आहूत की जायेगी जिसमें पशुपालकों किसानों के लिए पशुपालन डेयरी और मत्स्य पालन क्षेत्र की योजनाओं के कार्यान्वयन के साथ ही अन्य विकासपरक योजनाओं पर चर्चा होगी। जब बैठक का आयोजन होगा तब बैठक में तमाम विभागों के प्रमुख अधिकारी, जिलाधिकारी व जिले के सभी विधायक सारण जिले के विकास के लिए कार्यान्वित विकासपरक योजनाओं पर पूरे दिन मंथन करेंगे।

दो सत्र में चलने वाली इस बैठक में पूर्ववर्ती बैठकों में शामिल विभिन्न योजनाओं के अनुपालन के साथ ही जिले के विकास के लिए निर्धारित चौंतीस प्रमुख योजनाओं के लिए विभिन्न विषयों पर गहन विमर्श होगा। इसमें यातायात, पेयजल, शिक्षा, खाद्य आपूर्ति, सिंचाई समेत तमाम विभिन्न आयामों पर गहन चर्चा कर जनता की इच्छा के अनुरूप विकास की योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ योजनाओं को संचालित भी किया जायेगा।

बता दें कि देश के किसी भी जिले में जिला स्तरीय बैठक दस और बारह घंटे नहीं चलती जबकि सारण में सांसद रुडी की अध्यक्षता में दिशा समिति की बैठक लगभग 12 घंटे तक चलती है जिसमें लोकहित के कई मुद्दों पर गहन विमर्श होता है और आगामी योजनाओं को कार्य रूप प्रदान करने के साथ ही भविष्य के विकासपरक विषयों पर चर्चा किया जाता है।

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Chhapra: समाहर्ता-सह-जिला पदाधिकारी सारण राजेश मीणा के द्वारा समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में वीडियो काॅफ्रेसिंग के माध्यम से जिले के सभी अनुमंडल पदाधिकारी, डीसीएलआर, अंचलाधिकारी के साथ राजस्व समन्वय समिति तथा नीलाम पत्र वादों की समीक्षात्मक बैठक आहूत की गयी। इस दौरान अपर समाहर्ता सारण एवं डीसीएलआर सदर कार्यालय कक्ष में उपस्थित थे।


समीक्षा के क्रम में सर्वप्रथम जमीन के दाखिल खारिज से संबंधित मामलों की गहन समीक्षा की गयी। काफी बड़ी संख्या में तरैया, मशरख, गरखा, जलालपुर, सोनपुर अचलों में दाखिल खारिज के मामलें लंबित पाये जाने पर समाहर्ता महोदय ने गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए दाखिल खारिज के कार्यो में तेजी लाने का सख्त निर्देश दिया। जलालपुर अंचलाधिकारी को अनिधिकृत रुप से मुख्यालय से बाहर रहने के कारण तत्काल प्रभाव से वेतन स्थगित रखने का निर्देश समाहर्ता महोदय के द्वारा दिया गया।
अतिक्रमण से संबंधित प्रतिवेदन को अपूर्ण बताते हुए पुनः अद्यतन प्रतिवेतन भेजने का निर्देश दिया गया। अभियान बसेरा के तहत पूर्व के निर्देश के आलोक में प्रति हल्का कम से कम एक लाभुक की बंदोबस्ती करने की समीक्षा की गयी। अपेक्षित प्रगति नही होने पर समाहर्ता महोदय द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी और आवश्यक निर्देश भी दिया गया। भूदान से संबंधित लंबित मामलें की पुष्टि करने को कहा गया। सरजमीनी सेवा एवं आॅन-लाईन लगान लिये जाने की स्थिति की सघन समीक्षा व अनुश्रवण करने का निर्देश सभी अंचलाधिकारियों को दिया गया।

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Chhapra: सामाजिक सुरक्षा निदेशालय बिहार सरकार के द्वारा सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के पेंशनधारियों के जीवन प्रमाणीकरण हेतु प्रखंड स्तर पर प्रमाणीकरण की तिथि का विस्तार 31 जनवरी 2022 तक कर दिया गया है। ऐसा प्रखंड स्तर पर पेंशनधारियों को भीड़ से बचाव एवं कोरोना संक्रमण फैलाव रोकने के उद्देष्य से किया गया है। लाभुकों से अनुरोध किया गया है कि वे प्रखंड कार्यालय पर आने के बजाय अपने घर के नजदीक के काॅमन सर्विस सेंटर पर प्रमाणीकरण करा लें, इससे भी वे प्रखंड कार्यालय के भीड़-भाड़ से बच सकते है।

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Chhapra: जिलाधिकारी सारण राजेश मीणा के द्वारा बताया गया कि इस वर्ष मकर संक्रान्ति का त्योहार 14 अथवा 15 जनवरी को मनाये जाने की संभावना है। इस त्योहार में काफी संख्या में लोग विभिन्न नदियों अथवा तालाबों में स्नान कर पूजा अर्चना करते है। इस कारण नदी घाटों पर आने वाले रास्ते में फुटपाथ पर दुकान लगाने के कारण श्रद्धालुओं के आवागमन में असुविधा होती है एवं मेला जैसा माहौल उत्पन्न हो जाता है। जो कोरोना संक्रमण में वृद्धि का एक कारण भी बन सकता है। अतएव आवश्यक है कि मकर संक्रान्ति का यह त्योहार कोरोना संक्रमण से संबंधित नया दिशा-निर्देशों का अनुपालन करते हुए मनाया जाय।


जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि इस अवसर पर पतंगबाजी का आयोजन भी होता है। प्रायः ऐसा देखा जाता है कि लोग पतंगबाजी के लिए गंगा नदी के दूसरे किनारे नाव के माध्यम से आकर पतंगबाजी करते है ऐसे में नाव पलटने जैसी दूर्घटना आम बात होती है। पूर्व की दूर्घटना को ध्यान में रखते हुए सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में नावों के परिचालन को पूर्णतया बंद रखनें का निर्देश जिलाधिकारी महोदय के द्वारा दिया गया है। उन्होंने यह भी आदेश दिया गया है कि नदी टापू पर जाने वाले पर निगरानी रखी जाय एवं उन्हें सख्ती से खदेड़ा जाय।
जिलाधिकारी ने बताया कि कोविड संक्रमण में लगातार वृद्धि के कारण राज्य में कोविड से बचाव हेतु दिशा-निर्देश जारी किया जा चुका है जिसका अनुपालन शत-प्रतिशत कराने का निर्देश सभी अनुमंडल पदाधिकारी को दिया जा चुका है। साथ ही मेला, प्रदर्शनी आदि को प्रतिबंधित किया गया है। सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में गहरे, खतरनाक नदी घाटो पर बैरिकेडिंग करने का निर्देश दिया गया है। अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अपने स्तर से नदी घाटों, मंदिरों एवं अत्याधिक भीड़-भाड़ वाले स्थलों पर दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, पुलिस बल, एस.डी.आर.एफ/एन.डी.आर.एफ की प्रतिनियुक्ति सुनिश्चित करेंगे।
जिलाधिकारी के द्वारा बताया गया कि जिला के सभी चिकित्सालयों में आकस्मिक स्थिति से निपटने हेतु आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दे दिये गये है। आकस्मिक परिस्थिति से निपटने के लिए जिला अग्निशमन पदाधिकारी को भी एलर्ट रहनेे का निर्देश दिया गया है।

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-सरकार ने जारी किए कोविड-19 होम ”आइसोलेशन पहचान एवम् प्रबंधन” ब्रोशर

– दवाइयों के साथ साथ उचित आहार एवम् अन्य सलाह को भी किया गया है ब्रोशर में शामिल

Chhapra: कोविड संक्रमण के प्रसार में अचानक अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। कोविड संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जनमानस को होम आइसोलेशन के संदर्भ में जानकारी उपलब्ध कराया जाना आवश्यक है। इसे लेकर राज्य स्वास्थ समिति की ओर से कोविड-19 होम आइसोलेशन पहचान एवं प्रबंधन ब्रोशर तैयार किया गया है। इस ब्रोशर को 9 जनवरी को से घर-घर तक पहुंचाने का आदेश दिया गया है। राज्य स्वास्थ्य समिति के विशेष सचिव – सह – कार्यपालक निदेशक, संजय कुमार सिंह ने शुक्रवार को सभी जिले के जिला पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन को होम आइसोलेशन पहचान एवं प्रबंधन ब्रोशर के संबंध में पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कार्य की उपयोगिता एवं समयाभाव को देखते हुए अविलंब स्थानीय समाचार पत्रों के विक्रेताओं से समन्वय स्थापित कर राज्य स्तर से आपूरित ब्रोशर प्रमुख समाचार पत्रों के साथ दिनांक 9 जनवरी को अनिवार्य रूप से घर-घर तक वितरण करवाया जाए।

क्या है कोविड-19 होम आइसोलेशन पहचान एवं प्रबंधन ब्रोशर

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि सरकार द्वारा तैयार किए गए कोविड-19 होम आइसोलेशन पहचान एवम् प्रबंधन ब्रोशर जल्द है जिले को प्राप्त हो जाएगा। ब्रोशर के माध्यम से कोविड-19 के माइल्ड केस में आप घर पर या कोविड केयर सेंटर रहकर अपना प्रबंधन कैसे कर सकते हैं इसकी जानकारी दी गई है । माइल्ड केस में जो लक्षण हैं वह सामान्यतः बुखार, गले में खराश, खांसी, नाक बहना, बदन दर्द, सिर दर्द एवं थकान, पेट में ऐठन, दस्त स्वाद या गंध का ना पहचान इनमें से कोई एक या अधिक लक्षण हो सकते हैं। ब्रोशर में कोविड-19 फैलने से रोकने के तरीकों का भी विस्तृत उल्लेख किया गया है।

क्या है संक्रमण फैलने से रोकने का तरीका –

-हवादार और हो सके तो अलग शौचालय वाले कमरे में रहे तथा पंखे को चालू रखें,

-अगर घर में अधिकतम लाना हो तो नजदीकी कोविड केयर सेंटर में भर्ती करें

-रोगी और देखभाल करने वाले अच्छी तरह से मुंह पर फिट होने वाले मास्क पहने

-हर समय 2 गज की दूरी बनाकर रखें

-खास तैयारी के समय नाक और मुंह ढक ले

-बार-बार हाथ धोएं और सेनीटाइज करें

होम आइसोलेशन पहचान एवं प्रबंधन

सरकार द्वारा जारी होम आइसोलेशन पहचान एवम् प्रबंधन ब्रोशर में कोविड -19 के लक्षण होने पर कौन सी दवाइयां ले सकते हैं, इसके बारे में भी बताया गया है। साथ ही उचित आहार एवं अन्य सलाह के बारे में भी जानकारी दी गई है। ब्रोशर में सामान्य आहार के सेवन करने का सुझाव दिया गया है ज्यादा से ज्यादा पानी और तरल पदार्थों के सेवन का भी सुझाव दिया गया है। वयस्कों के लिए प्रतिदिन कम से कम तीन-चार लीटर पानी पीने का सुझाव दिया गया है। कमजोरी लगने पर ओ आर एस का घोल भी पर सकते हैं। दिन में दो बार भाप लेने की सुझाव दी गई है। नमक के पानी से कुल्ला दो -तीन बार करने का सुझाव भी दिया गया है । अपनी तबीयत की निगरानी खुद करने का सुझाव दिया गया है जिस में ऑक्सीजन की मात्रा प्रत्येक 8 घंटे पर जांचने के लिए कहा गया है।
संक्रमण के तीसरे एवं पांचवें दिन भी लक्षण रहने पर क्या करें इसकी जानकारी भी ब्रोशर में दी गई है। किस स्थिति में अस्पताल जाने की आवश्यकता है इसे भी ब्रोशर में बताया गया है। ब्रोशर में प्रोनिंग एवं इसके महत्व को समझाया गया है। घर पर खुद से प्रोनिग की प्रक्रिया कैसे करें इसे भी समझाया गया है । फोन पर डॉक्टर से मुक्त परामर्श के लिए संजीवनी मोबाइल ऐप के उपयोग की जानकारी भी दी गई है। डॉक्टर से परामर्श 24 x 7 मेडिकल हेल्पलाइन इत्यादि की जानकारी भी दी गई है।

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• वैश्विक स्तर पर पाँच लक्ष्यों को हासिल करने की जरूरत
• क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भूमिका सबसे अहम
• पुरुषों को होना होगा अधिक संवेदनशील

Chhapra: बेहतर सामुदायिक स्वास्थ्य किसी भी क्षेत्र के विकास की आधारशिला तैयार करने में सहयोगी होती है. जिसमें मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की भूमिका सबसे अहम होती है. मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है. संस्थागत प्रसव, प्रसवपूर्व जाँच, प्रसव उपरांत देखभाल, नियमित टीकाकरण, गृह आधारित नवजात देखभाल, कमजोर नवजात देखभाल एवं प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृ अभियान जैसे कई अभियान हैं जिसके माध्यम से गुणवत्तापूर्ण मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की कोशिश की जा रही है. लेकिन इन तमाम कार्यक्रमों की सफलता इस बात पर भी निर्भर करती है कि जन-समुदाय इनके प्रति कितने जागरूक एवं संवेदनशील हैं.

वर्ष 2025 तक वैश्विक स्तर पर 5 लक्ष्य निर्धारित

मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए वैश्विक स्तर पर भी कई प्रयास किए जा रहे हैं. एंडिंग प्रिवेंटेबल मैटरनल मोर्टेलिटी ( ईपीएमएम) के तहत मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की प्रतिबद्धता जाहिर की गयी है. जिसके तहत वर्ष 2025 तक वैश्विक स्तर पर 5 लक्ष्यों को हासिल करने की बात कही गयी है. पहले लक्ष्य में गर्भवती माताओं के लिए 4 प्रसव पूर्व जाँच को 90 फीसदी तक करने एवं दूसरे लक्ष्य के तहत 90 फीसदी प्रसव प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा करने पर जोर दिया गया है. तीसरे लक्ष्य में प्रसव के उपरांत 80 फीसदी माताओं को प्रसव उपरांत देखभाल प्रदान कराने एवं चौथे लक्ष्य में 60 फीसदी आबादी तक आपातकालीन प्रसूता देखभाल की उपलब्धता सुनिश्चित करने की बात कही गयी है. वहीं पांचवें लक्ष्य में 65 फीसदी महिलाओं द्वारा अपने प्रजनन स्वास्थ्य को लेकर निर्णय लेने की आजादी पर बल दिया गया है.

पुरुषों की भूमिका सबसे जरुरी

सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि बेहतर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं की जरूरत को दरकिनार नहीं किया जा सकता है. लेकिन इसमें पुरुषों की भूमिका एवं भागीदारी भी उतनी ही जरुरी है. अभी भी सामन्यता परिवार में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं का निर्णय पुरुषों के ही हाथ है. प्रसव से लेकर शिशु देखभाल के लिए जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को मुहैया कराना पुरुषों की जिम्मेदारी होती है. ऐसी स्थिति में यह जरुरी है कि पुरुष सुरक्षित मातृत्व के विषय में जागरूक एवं संवेनशील हों. पुरुषों की जागरूकता मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में प्रभावी साबित हो सकता है.

क्षेत्रीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम

डीपीएम अरविंद कुमार ने बताया आशा एवं एएनएम स्वास्थ्य कार्यक्रमों की प्रथम एवं महत्वपूर्ण ईकाई होती है. स्वास्थ्य कार्यक्रमों का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन से लेकर लोगों को जागरूक करने में अहम भूमिका अदा करती है. मातृ एवं शिशु मृत्यु में कमी लाने के लिए ये दिन-रात कार्य कर रही हैं. कोविड के दौर में भी जिले में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की सामान्य एवं आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं सुचारू रूप से चल रही है. सुरक्षित संस्थागत प्रसव के लिए लेबर रूम में जरुरी एहतियात बरते जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिन्होंने अभी तक कोविड का टीका नहीं लिया है, वह जरुर टीका ले लें. कोरोना को हराने के लिए मास्क का इस्तेमाल एवं टीका दोनों कारगर हथियार हैं.

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• केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने जारी किया दिशा-निर्देश
• प्रीकॉशन डोज के तौर पर समरूप वैक्सीन का लगेगा टीका
• कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण है जरूरी


Chhapra: जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है। ऐसे में इससे निपटने को लेकर विभिन्न स्तर पर व्यापक रूप से तैयारी की जा रही है। जिले में अब 15 से 17 वर्ष तक किशोर-किशोरियों का टीकाकरण 3 जनवरी से शुरू हो चुका है। जिसके तहत स्कूल स्तर पर टीकाकरण सत्र आयोजित कर किशोरों का टीकाकरण किया जा रहा है। अब इसी कड़ी में 10 जनवरी से 60 वर्ष से ऊपर बुजुर्गों, हेल्थ केयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्करों को प्रीकॉशन डोज दिया जायेगा। इस संबंध में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है। जारी पत्र में कहा गया है कि बुजुर्गों, फ्रंटलाइन वर्करों और हेल्थ केयर वर्करों को को प्रीकॉशन डोज के तौर पर समरूप वैक्सीन की एक और डोज दी जायेगी। सशस्त्र बलों, गृह मंत्रालय और कैबिनेट सचिवालय के तहत विशेष बलों के सभी पात्र एचसीडब्ल्यूएस और एफएलडब्ल्यूएस को एहतियाती खुराक की सुविधा भी दी जा सकती है, जैसा कि उनके प्राथमिक दो खुराक टीकाकरण के दौरान किया गया था।

बुजुर्गों के टीके के लिए क्या है गाइडलाइंस
60 साल या इससे ऊपर के गंभीर बीमारियों से पीड़ित बुजुर्गों को डॉक्टरों की सलाह के आधार पर दूसरे डोज के 9 महीने या 39 हफ्ते बाद ही तीसरा डोज या बूस्टर डोज लगेगा।9 महीना या 39 हफ्ते टीके की दूसरी डोज लगने वाली तारीख से माना जाएगा। स्वास्थ्यर्कियों , फ्रंटलाइन वर्कर और बुजुर्गों को बूस्टर या एहतियाती डोज उनके मौजूदा कोविन अकाउंट के जरिये मिलेगा। इनको पुराने रजिस्टर्ड नंबर पर एसएमएस के जरिए भी बताया जाएगा कि उन्हें टीके की अगली डोज कब लगेगी।

किशोर-किशोरियों को दिया जा रहा है टीका
जिले में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए विभाग प्रतिबद्ध है। अब 15 से 17 वर्ष तक के किशोर-किशोरियों का टीकाकरण शुरू किया गया है। जिले में विद्यालय स्तर पर टीकाकरण केंद्र बनाकर टीका लगाया जा रहा है। टीकाकरण के प्रति किशोर-किशोरियों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। बिना किसी झिझक और डर के टीकाकरण केंद्रों पर पहुंचकर अपना टीका ले रहे हैं। किशोर-किशोरियों को कोवैक्सीन की डोज लगायी जा रही है। 28 दिन अंतराल पर सेकेंड डोज लगायी जायेगी।

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Chhapra: लोकनायक जयप्रकाश नारायण प्रौद्योगिकी संस्थान में विगत दिनों छात्र के द्वारा आत्महत्या के बाद शुक्रवार को महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल घटना की पूरी जानकारी लेने संस्थान पहुंचे.

सांसद ने पहले कॉलेज प्रशासन के उपस्थित सदस्यों से जानकारी ली. उसके उपरांत बच्चों से अब तक हुए घटनाक्रम को विस्तार से जाना.

संसद के समक्ष छात्रों ने अब तक की पूरी घटना को बताया

सांसद के समक्ष छात्रों ने अब तक की पूरी घटना को बताया. सांसद के समक्ष इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्रों ने 25 दिसंबर से शुरू हुए विवाद के बारे में बताया. छात्रों ने कहा कि दो दिवसीय शांतिपूर्ण धरना भी छात्रों के द्वारा दिया गया. लेकिन कोई सार्थक पहल प्रिंसिपल के द्वारा नहीं किया गया. अगर प्रिंसिपल के द्वारा सही समय पर कार्रवाई की गई होती इतनी बड़ी घटना नहीं होती. प्रिंसिपल और कॉलेज प्रशासन के तानाशाह रवैया का छात्र शिकार हो गया.

मूलभूत सुविधाओं का अभाव

छात्रों ने कहा कि शहर से लगभग 7 किलोमीटर दूरी पर कॉलेज है. शाम होने के बाद आपातकालीन स्थिति में भी कोई सुविधा नहीं मिल पाती है. सुबह का इंतजार करना पड़ता है. सुबह होने पर शहर में इलाज के लिए जाने के लिए गाड़ी की व्यवस्था नहीं है. कोई भी मेडिकल सुविधा इंजीनियरिंग कॉलेज में बच्चों के लिए नहीं है. छात्रावास की इमारते तो है लेकिन पीने का पानी नहीं है. रात को भी पानी की जरूरत पड़े तो कॉलेज प्रशासन के भवन से लाना पड़ता है.

आवाज उठाने पर कॉलेज प्रशासन एफआईआर की दी जाती है धमकी

छात्रों ने कहा कि जब भी कोई मूलभूत सुविधाएं एवं इसी तरह की बात कालेज प्रशासन से कही जाती है तो 4 साल यहां पढ़ने, नंबर कम देने, एफआईआर करने एवं रैगिंग का केस करने का आरोप लगाया जाता है. वही 2018 में हुए केस की दुहाई देते हुए कहा जाता है कि उसी तरह तुम्हें भी परेशान किया जाएगा.

संसद में फोन पर मंत्री से की बात

महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल ने बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह से फोन पर बात कर सारी घटना को बताया. वही जल्द से जल्द उचित कार्रवाई कर दोषियों को सजा दिलाते हुए परिवार वालों को उचित मुआवजा देने की बात कही. मंत्री ने कहा कि इस मामले पर विशेष नजर रखी जा रही है एवं आने वाले दिनों में टेक्निकल टीम भेजकर मूलभूत सुविधाओं सहित अन्य मामलों पर ध्यान दिया जाएगा.

संसद में फोन पर डीआईजी से बात कर 2018 के केस को वापस लेने को कहा

वर्ष 2018 मामले में छात्रों ने बताया कि कालेज प्रशासन के कुछ लोगों के द्वारा पुलिस की गाड़ी में बैठा कर थाना ले जाकर हस्ताक्षर कराए गए और मेरे द्वारा केस करवा दिया गया. कई बार डीआईजी, एसपी, जिलाधिकारी से मिलने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. थाना में 50 से ऊपर बार चक्कर काटने पर आईओ के द्वारा दौड़ाया गया. लेकिन हमारे द्वारा लिखे जाने के बाद भी की धोखा में हमसे केस कराए गए हैं. इस केस को वापस लिया जाए फिर भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. सांसद ने सुनते ही डीआईजी से फोन पर बात कर उन्हें इस केस को जल्द से जल्द रफा-दफा करने की बात कही.

बताते चलें कि बुधवार के लगभग दोपहर 2 बजे एग्जाम के बाद इंजीनियरिंग कॉलेज के एक छात्र ने आत्महत्या कर ली थी. छात्र को जब सदर अस्पताल लाया गया चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया है. इसके बाद छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा. छात्रों ने घंटों सड़क को जाम रखा. सारी बातें छात्रों ने जिला प्रशासन से बताई. जिला प्रशासन से बात करने के बाद छात्रों का गुस्सा शांत हुआ.

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Chhapra: भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष रामदयाल शर्मा के नेतृत्व में जिला कार्यालय पर महात्मा गांधी के तस्वीर के समक्ष मौन सत्याग्रह का आयोजन किया गया.

पंजाब में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की हत्या की साजिश कांग्रेस नेतृत्व के इशारे पर हुई जिसके विरोध में भाजपा जिला कार्यालय पर धरना का आयोजन हुआ.

जिलाध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति पंजाब में राष्ट्रपति शासन लगावें. राष्ट्र पिता महात्मा गाँधी कांग्रेस नेतृत्व को सद्बुद्धि दे की वह देश को अस्थिर करने का काम न करें.

धरना पर महामन्त्री शान्तनु कुमार, मंत्री सत्यानंद सिंह, सुपन राय, भाजपा युवा नेता श्याम बिहारी अग्रवाल, विवेक कुमार सिंह, बलवंत सिंह, ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष दयानंद प्रसाद उर्फ पप्पू चौहान, अजीत सोनी, चिन्टु सिंह, राजेश डाबर, गणेश गोकुल, अनिल यादव आदि बैठे थें.

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Chhapra: कोविड महामारी के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर गृह विभाग के निर्देशों के आलोक में जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अंतर्गत अभी स्नातकोत्तर विभागों, महाविद्यालयों में सामान्य शिक्षण कार्य 21 जनवरी 2022 तक बंद रहेंगे. इस दौरान शिक्षण कार्य ऑनलाइन माध्यम से होगा.

कुलसचिव डॉ आरपी बबलू के द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि इस दौरान शिक्षक ऑनलाइन शिक्षण कार्य का लिंक प्रति कुलपति और कुलसचिव को उपलब्ध कराएंगे. वही विश्वविद्यालय के अधीनस्थ सभी कार्यालय, विश्वविद्यालय मुख्यालय, महाविद्यालय एवम स्नातकोत्तर विभाग आदि 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ, कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करते हुए खुले रहेंगे. इस दौरान आगंतुकों का प्रवेश वर्जित रहेगा.

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पटना: राजद नेता को अपराधियों ने शुक्रवार की सुबह बेउर थाना के हरनीचक में गोली मारकर जख्मी कर दिया है. जख्मी राजद नेता को इलाज के लिए पास के ही प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जख्मी की पहचान लालू राबड़ी सेवा संस्थान के मालिक मुन्ना उर्फ नंदकिशोर के रुप में हुई है.


घटना शुक्रवार की सुबह करीब 6:30 और 7:00 के बीच की बताई जा रही है. स्थानीय लोगों का कहना है कि बाइक सवार दो अपराधियों ने इस वारदात को अंजाम दिया है. बताया जाता है कि मैरेज हॉल संचालक और लारा सेवा सन्स्थान के संचालक नन्द किशोर उर्फ मुन्ना अपनी कार से जा रहे थे तभी बाईपास सड़क के नजदीक हरनी चक में मोटरसाइकिल पर सवार दो अपराधी आये और उन्हें सामने से दो गोली मारकर फरार हो गये. गोली लगने के बाद स्थानीय लोग जमा हो गए और तत्काल इलाज के लियेपारस अस्पताल लेकर गए. खबर मिलने पर बेउर थाना पुलिस मौके पर पहुँचकर पूरे मामले की जांच शुरु कर दी है. जख्मी राजद नेता की स्थिति गंभीर बनी हुई है. घटना का कारण फिलहाल स्पस्ट नहीं हो पाया है. पुलिस अपराधियों का पता लगाने के लिए आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला रही है.

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Chhapra: सरकार ने सारण एवं वैशाली जिले के कई गांव की जमीन को पटना जिले में शामिल कर दिया है. प्रशासनिक नियंत्रण एवं विधि व्यवस्था को बेहतर संचालन के लिए सारण जिले की 3012 एकड़ तथा से वैशाली जिले की 331 एकड़ जमीन पटना जिले में शामिल कर दिया गया है. इससे सारण के ऐतिहासिक कंगन घाट, जेपी सेतु, पहलेजा घाट आदि ऐतिहासिक स्थल पटना जिले का हिस्सा होंगे.

सरकार की ओर से इस संबंध में अधिसूचना जारी किए जाने के बाद सारण, वैशाली और पटना जिले के साथ-साथ पटना प्रमंडल, तिरहुत मंडल और सारण प्रमंडल का भूगोल भी बदल गया है. सामान्य प्रशासन की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सारण जिले के सोनपुर अंचल की मौजा सबलपुर थाना संख्या 169, 170, मौजा पहलेजा थाना नंबर 168, चादर संख्या दो एवं तीन को अंतर्गत स्थित टो पोलैंड भूमि का रकबा 3212 एकड़ तथा वैशाली जिले के राघोपुर अंचल की मौजा सुकुमारपुर थाना संख्या 341 का रकबा 101 एकड़ कृषि भूमि को पटना जिले में शामिल किया गया है.

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