Chhapra: सारण जिले में संचालित प्राइवेट स्कूल के संचालकों ने बैठक कर कोविड-19 के मद्देनजर बंद किए गए विद्यालयों के कारण बच्चों के शैक्षणिक भविष्य को लेकर चिंता जताई.
प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की जिलाध्यक्ष सीमा सिंह ने कहा कि बच्चों को पढ़ाई से दूर कर सरकार उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है. कोविड-19 गाइड लाइन को मानते हुए जब तमाम अन्य संस्थान खुल सकते हैं तो विद्यालय को खोलने में सरकार को क्या परेशानी हो रही है?
संगठन के नेताओं ने कहा कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल से उनकी दूरी सही नहीं मानी जाएगी और सरकार को जल्द से जल्द स्कूलों को खोलने पर विचार करना चाहिए. ऐसा नहीं करने से बच्चे स्कूलों से दूर हो जाएंगे और पढ़ने- लिखने से उनकी रूचि भी हट सकती है.
इस अवसर पर RDS स्कूल के निदेशक जगदीश सिंह, हेजल वुड स्कूल के निदेशक बी० सिद्धार्थ भी मौजूद थें.
एसोशिएशन ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है जिसमे कहा गया है कि “बिहार के गौरव, लोकप्रिय एवं बिहार को उन्नति की और अग्रसर करने वाले एक शिक्षित मुख्यमंत्री होने के नाते हम सभी बिहार की शिक्षा और बच्चों के भविष्य को लेकर कुछ महत्वपूर्ण बातें आपके संज्ञान में लाना चाहते हैं।
महाशय शिक्षा जगत से जुड़े होने के नाते बच्चों के भविष्य को लेकर मैं अत्यंत चिंतित हूं। संपूर्ण बिहार के अभिभावक होने के नाते हम अपनी समस्या आपसे ही कह सकते है और आप ही समाधान देने में सक्षम हैं l श्रीमान, विश्व बैंक के वैश्विक शिक्षा निदेशक सावेद्र जी ने यह स्पष्ट रूप से कह दिया है कि विद्यालय खोले जाने से वायरस के प्रसार का कोई संबंध नहीं है, अत: विद्यालय को बंद रखने का कोई औचित्य नहीं है l उन्होंने कहा है कि इस बात का कोई सबूत नहीं कि विद्यालयों के फिर से खुलने से कोरोनावायरस के मामलो में वृद्धि हुई है।
पिछले साल कोरोनावायरस के कुप्रभाव को देखते हुए स्कूलों में ताला लगा दिया गया परंतु बच्चों के उज्जवल भविष्य में भी ताला लग गया, जो अंधकार छाया उसकी भरपाई करना कठिन है। अत: पहले की भांति इस बार भी यह गलती दोहराई जाएगी तो यह सरासर बच्चों के उज्जवल भविष्य को जानबूझकर अंधकार में झोंकना होगा ।
महोदय, प्राइवेट स्कूल्स ऐंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन आपके साथ कदम से कदम मिलाकर सुंदर स्वस्थ व शिक्षित राज्य के सपने को पूरा करने में तत्पर है। राज्य के सभी निजी विद्यालय सरकार को हरसंभव सहयोग कर टीकाकरण अभियान को सफल बनाएंगे, वस्तुतः 15 वर्ष से 18 वर्ष के बच्चों का शत प्रतिशत कोविड-19 का टीकाकरण बगैर विद्यालय को खोले संभव नहीं है। प्रारंभ से ही राज्य में टीकाकरण अभियान को सफल बनाने में एसोसिएशन एवं निजी विद्यालयों की सकारात्मक भूमिका रही है। जब स्कूली बच्चे शिक्षकों से प्रेरित होकर टीका लेंगे तो कई तरह की भ्रांतियो के कारण संक्रमण की गंभीरता को अनदेखा करने वाले उनके अभिभावक भी टीका लेने के लिए प्रेरित होंगेl अगले महीने जब 10 वर्ष के ऊपर के बच्चों का टीकाकरण प्रारंभ होगा तब यही बच्चे अपने विद्यालय में पढ़ रहे बड़े बच्चों का टीकाकरण होते देख मानसिक रूप से तैयार रहेंगे।
श्रीमान से निवेदन है कि उपरोक्त बातों को संज्ञान में लेते हुए अविलंब विद्यालय खोलने की अनुमति दी जाए इसके लिए एसोसिएशन श्रीमान का सदा आभारी रहेगा।”