मशरख के चरिहारा में पेड़ से लटका मिला युवक का शव

मशरक: मशरख थाना क्षेत्र के चरिहरा गांव स्थित एक आम के पेड़ से युवक का शव लटकी अवस्था मे पाया गया. पेड़ से शव लटकने की खबर पूरे क्षेत्र में आग की तरह फैल गयी. वही ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने पहुंच शव को अपने कब्जे में लिया और जांच पड़ताल के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

स्थानीय लोगों का कहना है कि शव के गर्दन पर धारदार हथियार से वार किया गया था, जिसके कारण खून निकला हुआ था. खून से उसकी कमीज लथपथ थी. शव कब कहा से और कैसे आया इसकी जानकारी किसी को नही चल पा रही है. वही पुलिस इस मामले के हरेक बिंदु ओर जांच कर रही है. फिलहाल शव किसका है यह पता नही चल सका है. वही ग्रामीणों में पेड़ से लटका शव मिलने से दहशत है.

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छपरा से थावे के लिए चलेगी 2 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन

Chhapra: रेलवे प्रशासन द्वारा यात्री जनता की सुविधा के लिये छपरा कचहरी-थावे के मध्य प्रत्येक रविवार को 02 जोड़ी अनारक्षित विशेष गाड़ी चलाने का निर्णय लिया गया है.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने इस आशय की जानकारी देते हुए बताया कि 05121/05122 एवं 05123/05124 छपरा कचहरी-थावे-छपरा कचहरी अनारक्षित विशेष गाड़ी 13 फरवरी, 2022 से प्रत्येक रविवार को अपने पूर्व निर्धारित समय पर चलायी जाएगी.

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पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने किया छपरा जंक्शन का निरीक्षण

Chhapra: पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबन्धक अनुपम शर्मा ने शुक्रवार को छपरा-गोरखपुर खंड का विन्डो ट्रेलिंग निरीक्षण किया.

निरीक्षण के आरम्भ में महाप्रबन्धक श्री शर्मा ने छपरा में तैनात इंजीनियरिंग, सिगनल, विद्युत एवं यांत्रिक विभाग के अधिकारियों से संरक्षा फीड बैक लिया और संरक्षा निरीक्षण पर जोर दिया. सीवान स्टेशन पर उन्होंनें गुड्स शेड का निरीक्षण किया.

महाप्रबन्धक ने सीवान स्टेशन पर पर्यवेक्षकों एवं कर्मचारियों की संरक्षा काउन्सलिंग की. छपरा-गोरखपुर खंड के निरीक्षण के दौरान उन्होंने किमी सं. 420/6, 452/26 एवं 455/17 पर समपारों में आवश्यक सुधार तथा किमी सं. 474 पर निर्मित सड़क उपरिगामी पुल के छूटे कार्यों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया.

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सीएसपी संचालक को अपराधियों ने मारी गोली, मौके पर मौत

Rajapatti: मशरख से सटे गोपालगंज जिला स्थित बैकुंठपुर थाना क्षेत्र राजापट्टीकोठी बाजार के सीएसपी संचालक को बाइक सवार दो अपराधियों ने गोली मार हत्या कर दी. अपराधियों ने इस दौरान सीएसपी संचालक से रूपये से भरा बैग छीन लिया और फरार हो गए.

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुची तब तक अपराधी फरार हो गये थे. पुलिस ने घायल सीएसपी संचालक को दिलवा दुबौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुचाया जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया.

मृतक बैकुंठपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत हमीदपुर गांव के राजनारायण सिंह बताए जाते है. जो बैंक से रूपये निकासी कर राजापट्टीकोठी बाजार बाइक से आ रहा था. तभी बाइक सवार दो अपराधियों ने पीछा करते हुए बसहां स्कूल के पास घेर रूपये से भरा बैग लूट लिया. विरोध करने पर गोली मार हत्या कर दी.

गोली लगने से गंभीर रूप से घायल सीएसपी संचालक को दिघवा दुबौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ले गया जहा चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया.

पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले अंत्य परीक्षण हेतु गोपालगंज सदर अस्पताल भेज दिया. पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है.

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नगर क्षेत्र परिधि में आने वाले विद्यालयों के नियोजित शिक्षकों को मिलेगा नगर आवास भत्ता

Chhapra: नगर क्षेत्र में अवस्थित विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों को भी नियमित शिक्षकों की तरह नगर आवास भत्ता में का रास्ता साफ हो गया है. नियोजित शिक्षकों को अब नियमित शिक्षको की भांति नगर आवास भत्ता मिलेगा. इस कार्य को लेकर जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना गुंजन कुमार ने पहल करते हुए पत्र जारी किया है. जिसके बाद एक ही विद्यालय में नियमित और नियोजित शिक्षकों को मिलने वाले आवास भत्ते में व्याप्त अंतर समाप्त हो जाएगा.

शुक्रवार को डीपीओ स्थापना गुंजन कुमार ने पत्र जारी करते हुए कहा है कि नगर क्षेत्र के 8 किलोमीटर की परिधि में अवस्थित विद्यालयों पदस्थापित नियमित शिक्षकों को वर्तमान में नगरीय क्षेत्र के लिए निर्धारित शहरी आवास भत्ता दिया जा रहा है. यह लाभ उसी विद्यालय के नियोजित शिक्षकों को मिलेगा या नही इसके लिए डीपीओ ने निदेशक प्राथमिक शिक्षा से मार्गदर्शन की मांग की गई थी. जिसके जवाब में निदेशक ने नगर क्षेत्र के परिधि जिसकी दूरी 8 किलोमीटर हो उस विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों को भी आवास भत्ता देने का देने का पत्र जारी किया गया है. इस स्थिति में डीपीओ ने शहरी क्षेत्र से 8 किलोमीटर की दूरी के अंदर आने वाले विद्यालयों की सूची जारी करते हुए कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग से दूरी के प्रमाण पत्र की मांग की गई है. विभाग द्वारा दूरी का प्रमाण पत्र आने के साथ ही निर्गत सूची के 60 विद्यालयों में कार्यरत नियोजित शिक्षकों को भी नगर आवास भत्ता देने संबंधी पत्र निर्गत किया जाएगा.

इस पत्र के निर्गत होने के बाद नियोजित शिक्षक संघ के नेताओ ने डीपीओ स्थापना का आभार प्रकट किया है.

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कुलपति निरीक्षण के लिए पहुंचे गोरियाकोठी कॉलेज, व्यवस्था से हुए संतुष्ट

Chhapra: जय प्रकाश विश्विद्यालय के कुलपति प्रो फारुख अली ने गोरियाकोठी स्थित नारायण महाविद्यालय का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान कुलपति ने महाविद्यालय परिसर की विधि व्यवस्था देखकर प्रसन्नता जाहिर की. निरीक्षण के दौरान कुलपति ने महाविद्यालय कर्मियों के साथ वार्ता करते हुए शैक्षणिक वातावरण बेहतर बनाने का आह्वान किया. उन्होंने महाविद्यालय के विभिन्न विभागों का भी निरीक्षण किया. विशेष रूप से प्रयोगशाला का निरीक्षण कर उनके बारे में जानकारी ली.

कुलपति ने डीआरसी 1 और डीआरसी 2 को देखकर प्रसन्नता जाहिर की. पुस्तकालय के इसु रजिस्टर की जांच की गई. जिसको अद्यतन पाया गया.

निरीक्षण के दौरान महाविद्यालय प्राचार्य डॉ प्रमेन्द्र रंजन और क्षेत्र की स्थानीय मुखिया भी उपस्थित हुईं. साथ मे वित्त पदाधिकारी नासिर जमाल भी उपस्थित हुए.

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Chhapra:  जयप्रकाश विश्वविद्यालय के अंतर्गत प्री पीएचडी ऐडमिशन टेस्ट की तारीख की घोषणा हो गयी है.

शुक्रवार को कुलपति के आदेशानुसार समन्वयक महाविद्यालय विकास परिषद डॉ प्रो हरिश्चंद्र ने जानकारी देते हुए बताया की प्री Ph.Ed परीक्षा आगामी 26 फरवरी को आयोजित होगी. 

इसके लिए कुल 2650 आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिनमे 1265 जयप्रकाश विश्वविद्यालय से और 1385 अन्य विश्वविद्यालयों से प्राप्त हुए हैं. पीचडी टेस्ट के लिए 861 सीट निर्धारित हैं. जबकि सीटों से तीन गुना ज्यादा आवेदन प्राप्त हुए हैं.

फरवरी के अंतिम सप्ताह में आयोजित होगा पीएचडी एडमिशन टेस्ट: कुलपति

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बीते कुछ दिनों से देश में हिजाब के नाम पर बावेला मचा हुआ है। कर्नाटक में तो स्कूल-कालेज बंद करने पडे़ हैं । हालत यह हो गयी है कि अब यह मामला देश की सर्वोच्च अदालत तक आ पहुंचा है। हुआ यह कि बीते दिनों कर्नाटक के एक शिक्षण संस्थान में एक संगठन विशेष के छात्र कहें या नौजवानों ने एक धर्म की छात्रा द्वारा हिजाब पहनने पर न केवल आपत्ति की बल्कि प्रदर्शन भी किया और उस छात्रा का विरोध किया। जयश्री राम के नारे भी लगाये। इसके प्रतिकार में उस छात्रा ने विरोध स्वरूप अल्लाह हू अकबर के नारे लगाये और हिजाब पहने जाने की बात भी बार बार दुहरायी। यहीं से बात इतनी बढ़ गयी कि यह मुद्दा पूरे देश में विवाद का विषय बना बल्कि पांच राज्यों के चुनावों में इसने आग में घी का काम किया। हालात यहां तक खराब हो गये कि कर्नाटक हाईकोर्ट तक ने यह निर्णय देकर कि हिजाब पहनकर छात्राएं शिक्षा प्राप्त कर सकती हैं। इससे हिजाब के पक्षधरों को बहुत बडी़ राहत मिली है।

यहां इस तथ्य को नकारा नहीं जा सकता कि वह चाहे कर्नाटक हो या कोई अन्य राज्य, वहां के किसी भी शिक्षण संस्थान में छात्र-छात्राओं द्वारा अपने पारंपरिक पहनावे को पहनकर आने की जिद किसी भी दृष्टि से न्यायसंगत तो नहीं कहा जा सकता। यदि ऐसा होगा फिर उसे अराजकता का नाम देना नितांत नासमझी और बेवकूफी ही कहा जायेगा।

यहां विचारणीय यह है कि यदि शिक्षण संस्थान में छात्र-छात्राएं अपने अपने पारंपरिक परिधानों में आने लगे, कोई धोती-कुर्ता, कोई पेंट-शर्ट, कोई नेकर-शर्ट और फिर कोई साडी़-ब्लाउज-चोली, कोई घाघरा-लहंगा, कोई सलवार-कमीज में आने लगेगा, उस दशा में शिक्षण संस्थान शिक्षा के मंदिर नहीं, सांस्कृतिक केन्द्र बन जायेंगे।हां यह नितांत गलत और बेहद शर्मनाक है कि किसी व्यक्ति या महिला को भीड़ द्वारा उसे क्या पहनना है या क्या नहीं पहनना है, इसके लिए बाध्य किया जाये। किसी को भी इसके लिए बाध्य नहीं किया जा सकता और न ही किसी को यह अधिकार है। हां कर्नाटक की उस महिला की हिम्मत की दाद अवश्य देनी चाहिए। लेकिन हिजाब पहनने वाली उस छात्रा जो वहां चिल्ला चिल्लाकर हिजाब पहनने का दावा कर रही थी, उसके बारे में भी उसका विरोध करने वालों को जानकारी कर लेनी चाहिए कि उसका यह आचरण कहीं कुछ और तो नहीं कहता है। वह दावा तो हिजाब पहनने का करती है, अल्लाह हू अकबर का नारा लगाती है जबकि क्या वह वास्तव में सामाजिक जीवन में पारंपरिक पहनावे की पक्षधर है और जैसा कि कहा जा रहा है और फोटो भी वायरल हो रहे हैं कि उसकी कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है। और यदि यह सही है तो विला वजह यह वावेला क्यों ?

जहां तक शिक्षण संस्थाओं का प्रश्न है, शिक्षण संस्थाओं के नियम-कायदे और ड्रेस कोड का अनुपालन भी जरूरी है। इसका भी ध्यान रखा जाना जरूरी है। साथ ही शिक्षण संस्थान के प्रशासन का भी यह दायित्व है कि वह अपने नियम-कायदे और ड्रेस कोड का सख्ती से अपने संस्थान में पालना कराये। इसके लिए संस्थान में बाहरी अराजक तत्वों को मनमानी करने की इजाजत तो नहीं दी जा सकती कि बाहरी छात्र संस्थान में घुसकर गुंडागर्दी करें और ड्रेस कोड की पालना कराने हेतु दबाव डालें। हां शिक्षण संस्थान के बाहर व्यक्ति क्या पहनता है,अपने माथे पर क्या लगाता है, महिला सिंदूर लगाती है या घूंघट करती है या नहीं, इसके लिए उसे बाध्य तो नहीं किया जा सकता। यह तो उसकी स्वेच्छा पर निर्भर करता है कि वह क्या पहने और क्या नहीं।

शिक्षण संस्थानों में ड्रेस कोड इसलिए बनाया गया था कि शिक्षण संस्थानों में छात्र-छात्राएं वह चाहे अमीर हों या गरीब सभी एक समान दिखें। तात्पर्य यह कि उनके बीच कोई भेदभाव नहीं रहे । ड्रेस कोड की महत्ता के पीछे का अर्थ यह है कि उस ड्रेस को पहनने वाले व्यक्ति की पहचान क्या है। असलियत में शिक्षण संस्थान में न तो बुरके की इजाजत देनी चाहिए और न ही किसी धर्म विशेष की पहचान वाले वस्त्र पहनने की इजाजत दी जानी चाहिए। अब सवाल यह उठता है कि क्या पुलिस, सेना, गार्ड या रक्षक, स्वास्थ्य विभाग में डाक्टर-नर्स आदि-आदि आवश्यक सेवाओं में कार्यरत मुस्लिम महिलाएं क्या हिजाब और बुर्के में रहेंगी और उस दशा में वह अपने दायित्व का निर्वहन कैसे कर पायेंगीं। हमें यह ध्यान में रखना होगा कि हमारा देश विभिन्न धर्मावलम्बियों, संप्रदायों, जातियों, पंथों, भाषा और संस्कृतियों वाला विविधताओं से भरा है। विविधता में एकता हमारी विशेषता है। यही हमारी खूबसूरती को दर्शाता है। गौरतलब यह है कि इसी विविधता में मानसिक एवं जीवन के चहुंमुखी विकास, अनुशासन और जीवन को सुलभ बनाने की खातिर ही वह चाहे शैक्षिक संस्थान हों या प्रशासनिक-सामाजिक या स्वयंसेवी संस्थाओं हेतु एक जैसी वेशभूषा का नियम बनाया जाता है ताकि पहचान बनी रह सके। यह कटु सत्य है कि समान वेशभूषा समान वातावरण में अनेकों प्रयोजनों की दृष्टि से लाभकारी है, इसे नकारा नहीं जा सकता।

इसमें दो राय नहीं कि कर्नाटक की हालिया घटना को सिर्फ और सिर्फ पांच राज्यों के चुनावों के मद्देनजर सियासी एजेंडा साधने की गरज से बढा़वा दिया जा रहा है ताकि हिजाब के बहाने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण किया जा सके। इसमें किसी एक धर्म या वर्ग विशेष को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इसके लिए दोनों ही जिम्मेवार हैं। वे यह नहीं सोचते कि ऐसा करके वह देश को कहां ले जा रहे हैं। क्या भरत, गांधी, बुद्ध, महावीर के इस बेहतरीन देश को तालिबान बनाना चाह रहे हैं। ऐसा कर वह देश को तबाह करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं।

विडम्बना यह है कि ऐसा करने वालों को हिजाब, नकाब और बुर्के का फर्क समझ लेना चाहिए। सबसे बडी़ बात यह कि हिजाब में सिर्फ और सिर्फ सिर और कान ढके होते हैं। चेहरा नहीं। वह तो सिर पर बांधे जाने वाला स्कार्फ ही है। हिजाब, नकाब और बुर्के में जमीन आसमान का फर्क है। हिजाब पहनने वाली छात्राओं का कहना है कि वह स्कूल में तो स्कूल ड्रेस ही पहनती हैं। हिजाब तो लोगों की गंदी निगाहों से बचने के लिए पहनती हैं। इसमें हमें सुविधा होती है तो दूसरों को क्यों परेशानी होती है। और अब तो स्कूटरों-मोटर साइकिलों पर मुंह पर दुपट्टा या स्कार्फ बांधे देखा जाना आम है। इसमें हिंदू-मुसलमान का तो सवाल ही कहां उठता है। आजकल अपनी सुविधानुसार लड़कियां स्कार्फ बांध लेती हैं और अब यह आम हो गया है। वह बात दीगर है कि उसे हिजाब नाम दे दिया जाये।अब जरा हिजाब की वजह से चर्चा में आयी मुस्कान की सुनें। उसका कहना है कि हिजाब सिर पर बांधे जाने वाला स्कार्फ है। मैं क्लास में स्कूल ड्रेस पहनती हूं। वहां बुर्का उतार देती हूं और सिर्फ हिजाब पहने रहती हूं। इस बारे में आजतक मुझसे न तो मेरे सहपाठियों, टीचर्स और न ही प्रिंसीपल ने कुछ कहा। फिर बाहर वालों को क्या लेना-देना। हमारे सहपाठियों के बीच धर्म को लेकर कभी कोई बात नहीं हुई। अब सवाल तो अहम यह है कि आज अगर इन पहनावे के ठेकेदारों या तथाकथित पहरेदारों को हिजाब से तकलीफ है तो यही कल ईसाई लड़कियों के स्कार्फ और सिख लड़कियों के पगडी़ पहनने पर सवाल नहीं उठायेंगे, इसकी कोई गारंटी है क्या? सवाल यह है कि स्कूल न तो पुलिस है, न सेना, वह तो शिक्षा का केन्द्र है, शिक्षा का मंदिर है, वहां इस तरह का घृणित माहौल पैदा करना संकीर्ण और विघटनकारी मानसिकता का परिचायक है। ऐसी मानसिकता को देश हित में है, इसका किसी भी दशा में समर्थन नहीं किया जा सकता।

(यह लेखक के निजी विचार हैं।)

(लेखक वरिष्ठ पत्रकार एवं पर्यावरणविद हैं।)

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Chhapra: पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि सारण जिला भाजपा किसान मोर्चा के तत्वावधान में जिला कार्यालय पर मनाई गई.

किसान बंधुओं एवं किसान मोर्चा पदाधिकारियों ने उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया.

वहीं भाजपा किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने उनके जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किया. जिसमें मुख्य रुप से भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रवक्ता अनिल सिंह ने उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख चिंतक एवं संगठनकर्ता बताया. वे जनसंघ के अध्यक्ष पद को भी सुशोभित किए थे.

किसान मोर्चा के जिला महामंत्री अर्द्धेन्दु शेखर ने उन्हें एकात्म मानववाद के प्रेरणा के रूप में भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकुल रूप से प्रस्तुत किया.

किसान मोर्चा के जिला प्रवक्ता अशोक कुमार ने सशक्त भारत के सोच वाले व्यक्ति के रूप में उनके सोच का गुणगान किया

इसमें मुख्य रूप से वार्ड पार्षद मुकेश पाण्डेय उर्फ चौधरी बाबा, पूर्व नगर महामंत्री सुनील कुमार मुंशी, वार्ड पार्षद संजीव कुमार भोदा, रमन कुमार, जानकी शरण सिंह, सुबोध कुमार आदि लोग मौजूद थे.

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-समाजवादी पार्टी के जिला सचिव कमल चौहान के खिलाफ वोटर को लुभाने के संदर्भ में मामला दर्ज

मुरादाबाद: मझोला थाना क्षेत्र के जयंतीपुर में समाजवादी पार्टी के जिला सचिव पर वोटर को लुभाने के लिए पांच हजार रुपये देने का मामला सोशल मीडिया के माध्यम से प्रकाश में आया है। आरोपित द्वारा वादी की आर्थिक रूप से मदद करने के संदर्भ में फेसबुक पर भी एक पोस्ट की गई थी। जानकारी पर सक्रिय हुई पुलिस ने जांच की तो मामला सही पाया गया। इसके बाद समाजवादी पार्टी के जिला सचिव के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।

मझोला के जयंतीपुर की बीना पत्नी पूरन सिंह को सपा के जिला सचिव कमल चौहान ने पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद की। साथ ही वोट सपा को ही देने की अपील भी की। मझोला थाना प्रभारी धनंजय सिंह के मुताबिक सपा नेता ने 5 हजार की मदद करने के संदर्भ में फेसबुक पर पोस्ट भी कर दी। सोशल मीडिया सेल के जरिए जानकारी होने पर तत्काल मामले की जांच कराई गई। मामला सही पाए जाने पर सपा नेता कमल चौहान के खिलाफ वोटर को लुभाने के संदर्भ में जंयतीपुर चौकी प्रभारी प्रवीन कुमार की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया।

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Chhapra: राजेश मीणा ने गुरुवार को सारण समाहरणालय अवस्थित निर्वाचन शाखा, कोषागार कार्यालय तथा विभिन्न कार्यालयों एवं समाहरणालय परिसर का भ्रमण किया.

इस दौरान उन्होंने परिसर एवं सभी कार्यालयों की नियमित रूप से पूर्ण साफ-सफाई हेतु संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निदेश दिए.

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Chhapra: बाबा मनोकामना नाथ मंदिर परिसर कटरा बाजार छपरा में शिव विवाह शोभायात्रा निकालने पर परिचर्चा हुई। 2004 से प्रारंभ हुई शिव विवाह शोभायात्रा इस वर्ष 1 मार्च मंगलवार 2022 महाशिवरात्रि के सुअवसर भव्य रुप से निकाली जाएगी जो शहर के सभी प्रमुख मार्गो से होकर गुजरेगी सभी उपस्थित सदस्यों ने सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया। इसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी जाएगी। आज की बैठक में राजेश कुमार गुप्ता, रविन्द्र सिंह, मानवेंद्र कुमार सिंह, विष्णु गुप्ता वार्ड पार्षद, संजीव सिंह,विनोद कुमार सिंह सारण आईटीआई केदारनाथ सिंह, डॉ राकेश कुमार सिंह, अधिवक्ता रजनीकांत सिंह,अवधेश राय, विनोद कुमार सिंह बीडीसी, अरुण कुमार सिंह गुड्डू,आचार्य हरिओम त्रिपाठी, पुजारी महेश मिश्र, संस्थापक अरुण पुरोहित वगैरह उपस्थित रहे।

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