Chhapra: छपरा नगर निगम में मंगलवार को मेयर राखी गुप्ता की अध्यक्षता में सशक्त स्थाई समिति की बैठक आयोजित की गई।

बैठक के एजेंडा के अनुसार बैठक की कार्रवाई शुरू। जिसमें सभी वार्डों में प्रतिनियुक्त सफाई कर्मियों के द्वारा नाला सफाई पर विशेष जोर दिया गया।  मानसून आने के पहले सभी मुख्य नाला वार्ड में निर्मित नाला की सफाई युद्ध स्तर पर करने हेतु निर्णय लिया गया।

साथ ही भिखारी ठाकुर चौक के पास वेंडिंग जोन बनाने पर भी निर्णय लिया गया।  सभी वार्डों में पोल पर खराब हुई है स्ट्रीट लाइट की सूची वार्ड पार्षद से मांगा गया। ताकि  खराब हुए लाइट को बदल कर नया लाइट लगा दिया जाए।

इसके साथ ही शहर के सभी चौक चौराहों का सौंदर्यीकरण कराने हेतु विचार विमर्ष किया गया।

बैठक में नगर आयुक्त सुमित कुमार (IAS), सशक्त स्थायी समिति के सदस्य कृष्णा शर्मा, राजू श्रीवास्रव, हेमंत वर्मा, हेमंत कुमार आदि मौजूद थे।

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Chhapra: छपरा शहर में निर्माण में लगी एजेंसियों के द्वारा मानकों का ध्यान नहीं देने और प्रदूषण के स्तर के बढ़ने से संबंधित छपरा टुडे डॉट कॉम की खबर का असर हुआ है।

आपके छपरा टुडे डॉट कॉम ने सारण में निर्माण एजेंसियां मानकों का नही रखती ख्याल, धूल और प्रदूषण से लोग बेहाल  शीर्षक से खबर प्रसारित की थी जिसका स्थानीय विधायक डॉ सीएन गुप्ता ने संज्ञान लेते हुए सारण के जिलाधिकारी समेत संबंधित पदाधिकारियों को निर्माण स्थल पर पर्यावरण मानकों का ध्यान देने, संबंधित स्थल पर पानी का छिड़काव करने, ढक कर निर्माण कार्य करने और जाम की समस्या से बचने के लिए रात में काम को करने के निर्देश दिए हैं।   


  निर्माण में पानी के छिड़काव नही होने से धूल से पर्यावरण और स्वास्थ्य पर असर

विधायक डॉ सीएन गुप्ता ने कहा कि आम लोगों से ऐसी शिकायत मिल रही थी। इसके बाद यह समस्या मीडिया के माध्यम से भी जानने को मिली। जिसके त्वरित निराकरण के लिए जिलाधिकारी, संबंधित एजेंसी के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं ताकि जनता को कोई समस्या ना हो।

शहर में उड़ने वाले धूल के कारण लोगों के फेफड़े कोरोना से भी जायद घातक धूल कण रोजाना अपनी साँसों में ले रहें हैं। जिससे लोग बीमार, बहुत बीमार हो सकते हैं।

ऐसे में अब जब स्थानीय विधायक ने इस खबर का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं तो लोगों में इस समस्या के जल्द निपटारे की उम्मीदें जगीं हैं। अब देखने वाली बात होगी की संबंधित एजेंसियों पर इसका कुछ असर पड़ता है या व्यवस्था जैसी थी वैसी ही रहती है।   

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पटना में कुख्यात अपराधी भोला राय की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या, इलाके में सनसनी

पटना : पटना के पत्रकार नगर थाना इलाके में आज दिनदहाड़े एक कुख्यात अपराधी भोला राय की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। इस घटना से इलाके में हड़कंप मच गया। अज्ञात बदमाशों ने हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया है। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेजा। मृतक की पहचान पुलिस ने पटना का कुख्यात अपराधी भोला राय के रूप में की है।

पुलिस ने बताया कि भोला राय पर कई मामले दर्ज थे। भोला राय को किसने मारा और क्यों मारा इन सभी बातों का पता लगाया जा रहा है। फिलहाल पुलिस मामले की छानबीन में जुटी है। इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों को भी खंगाला जा रहा है। इलाके के लोगों से भी पूछताछ की जा रही है।

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Chhapra: दियारा क्षेत्रों में अवैध शराब के भठ्ठी को ढूढ़ने के लिए मद्य निषेध विभाग द्वारा ड्रोन की सेवा ली जा रही है।

इसी क्रम में मद्य निषेध विभाग का एक ड्रोन जो दिनांक 04.05.2023 पटना से उड़ान भरा था। उसका संपर्क सारण जिला के दियारा क्षेत्र में कंट्रोल रूम से टूट गया।

ड्रोन कंट्रोल रूम से ड्रोन की अंतिम लोकेशन दिया गया उस लोकेशन पर लगातार पुलिस विभाग एवं मद्य निषेध विभाग द्वारा खोजबीन जा रही है। अभी तक ड्रोन के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल पायी है।

इसको लेकर आम जनता से अपील किया गया है कि यदि ड्रोन के संबंध में कोई भी जानकारी प्राप्त होती है तो इसकी सूचना अविलंब मद्य निषेध विभाग, सारण को दें। विभाग ने सूचना देने वाले को उचित पुरस्कार देने की बातें कहीं हैं।

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– मिग-21, मिग-29 और मिराज-2000 जैसे विभिन्न प्रकार के विमानों को उड़ाने का है अनुभव

– अपने 23 साल के कार्यकाल में 20 से अधिक प्रकार के विमानों पर 3200 घंटे की उड़ान भरी

नई दिल्ली, 15 मई (हि.स.)। एयर मार्शल आशुतोष दीक्षित ने सोमवार को वायु सेना के उप प्रमुख का पदभार संभाल लिया है। एयर मार्शल एक योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर होने के साथ-साथ एक एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट भी हैं। उन्हें मिग-21, मिग-29 और मिराज-2000 जैसे विभिन्न प्रकार के विमानों को उड़ाने का अनुभव भी है। पिछले 23 सालों से आशुतोष दीक्षित वायुसेना का हिस्सा रहे हैं। अपने अब तक के कार्यकाल में दीक्षित ने 20 से अधिक प्रकार के विमानों पर 3200 घंटे की उड़ान भरी है। उन्होंने ऑपरेशन सफेद सागर और रक्षक में भाग लिया है।

राष्ट्रीय रक्षा अकादमी के पूर्व छात्र एयर मार्शल दीक्षित को 06 दिसंबर, 1986 को फाइटर स्ट्रीम में कमीशन दिया गया था। वह स्टाफ कोर्स, बांग्लादेश और नेशनल डिफेंस कॉलेज, नई दिल्ली के स्नातक हैं। एयर मार्शल दीक्षित ने पश्चिमी क्षेत्र में एक फ्रंटलाइन फाइटर बेस मिराज-2000 स्क्वाड्रन की कमान संभाली, जो वायु सेना का प्रमुख फाइटर ट्रेनिंग बेस भी है। उन्होंने इससे पहले वायु सेना मुख्यालय में प्रिंसिपल डायरेक्टर एयर स्टाफ रिक्वायरमेंट, असिस्टेंट चीफ ऑफ द एयर स्टाफ (प्रोजेक्ट्स) और असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (प्लान) के रूप में काम किया है।

वायु अधिकारी दक्षिणी वायु कमान के वायु रक्षा कमांडर भी रह चुके हैं और वायु सेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने से पहले गांधीनगर, गुजरात में दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के वरिष्ठ वायु सेना अधिकारी थे। वह एयरफोर्स के आधुनिकीकरण के प्रभारी होंगे। उप प्रमुख के रूप में वह भारतीय वायु सेना में नई खरीद और आपातकालीन शक्तियों के तहत सेवा के लिए किए जाने वाले अधिग्रहण की देखरेख करेंगे। दीक्षित मुख्यालय में अपने पहले के कार्यकाल के दौरान भारतीय वायु सेना में आधुनिकीकरण और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान का हिस्सा रहे हैं।

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Chhapra: नवोदय विद्यालय समिति, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार से प्राप्त जानकारी के अनुसार शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से नवोदय विद्यालय के कक्षा XI (ग्यारहवीं) में सीधे नामांकन हेतु 22 जुलाई 2023 को प्रतियोगिता परीक्षा का आयोजन किया जाएगा।

परीक्षा में सम्मलित होने हेतु इच्छुक विद्यार्थी नवोदय विद्यालय के पोर्टल पर उपलब्ध लिंक www.navodaya.gov.in पर जाकर अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन 31 मई 2023 तक करवा सकते है।

इस संबंध में विशेष जानकारी हेतु जिला शिक्षा पदाधिकारी, सारण, छपरा से सम्पर्क कर किया जा सकता है।

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Chhapra: जिलाधिकारी अमन समीर की अध्यक्षता में साप्ताहिक समन्वय समिति की बैठक हाइब्रिड मोड में समाहरणालय सभागार में आहूत की गयी।

जिलाधिकारी के द्वारा सर्वप्रथम विभागीय लंबित सी.डब्लू. जे. सी. एवं एम.जे.सी. मामलों की समीक्षा की गयी। लम्बे समय से अनावश्यक बगैर कोई स्पष्ट कारण के लंबित मामलों का एस.ओ. एफ. नही दायर करने वाले पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण पूछने का निदेश दिया गया।

अनुमंडल पदाधिकारी एवं भूमि सुधार उप समाहर्त्ता को अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत आने वाले प्रखंड एवं अंचल कार्यालय से संबंधित कोर्ट केसों की समीक्षा कर अविलम्ब प्रतिशपथ पत्र तैयार कर हाईकोर्ट में शपथ पत्र लेने हेतु निदेशित करने को कहा गया।

सभी विभागों के कार्यालय प्रधान को सरकार द्वारा निर्देशित मापदण्ड के अनुरुप कार्यालय के रख-रखाव को अपटूडेट रखने को कहा गया। इसमें सभी निर्धारित संचिका, रजिस्टर, पंजी को रखना अनिवार्य होगा। विभागीय पत्रों पर कार्रवाई तत्काल करने को निदेशित किया गया। सरकार के निदेश के अनुपालन में अनावश्यक विलम्ब को अनुशासनहीनता का प्रदर्शन माना जाएगा।

तत्काल वैसे पदाधिकारी को चिहिन्त कर अनुशासनिक कार्रवाई प्रारंभ की जाएगी। बालू के अवैध परिवहन, ओवरलोडिंग की जाँच हेतु बनाए गये चेकपोस्ट पर अपेक्षित जाँच नही होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने सख्त एवं स्पष्ट शब्दों में कहा कि चेकपोस्ट से संबंधित क्षेत्र के प्रशासनिक पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

सभी अंचलाधिकारी को अपने-अपने अंचलान्तर्गत सरकारी भूमि का लैंड बैंक बनाने को निदेशित किया गया। ताकि सरकारी भवनों के निर्माण हेतु वांछित भूमि के आवंटन में अनावश्यक विलम्ब न हो। प्रधानमंत्री किसान योजना अंतर्गत लाभ पाने के इच्छुक किसानों के लंबित आवेदनों पर तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया।

बैठक में जिलास्तरीय पदाधिकारी समाहरणालय सभागार में तथा अनुमंडल एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी ऑनलाइन जुड़े हुए थे।

 

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Chhapra: अपनी समृद्ध शैक्षणिक परंपरा को जारी रखते हुए वर्तमान सत्र CBSE XII में भी स्थानीय राजेन्द्र सरोवर स्थित ABC Tutorials ने सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किये है।

सत्र 2021-23 के टॉपर शुभम कुमार ( विज्ञान – 95.8 – ) एवं आकाश कुमार ( वाणिज्य – 95.4) को उनके प्रेरणादायक एवं अत्यंत ही उत्कृष्ठ प्रदर्शन के लिए, संस्था के निदेशक पी० वी० सिंह सम्मानित किया गया।

संस्थान के द्वारा दिनों छात्रों को 10 – 10 हजार का चेक देकर सम्मानित किया गया।

इस सम्मान समारोह में संस्था के अन्य शिक्षक विनय कुमार सिंह, विजय गुप्ता, अमित अमरेश, ई० गुड्डू प्रसाद एवं छात्रों के माता पिता भी उपस्थित रहे।

संस्था के निदेशक डॉ प्रियव्रत सिंह ने बताया कि संस्था के 24 से अधिक बच्चों का 90% से ज्यादा अंक एवं 50 से अधिक छात्रों एवं छात्राओं का अंक 80% से ज्यादा अंक CBSE XII की बोर्ड परीक्षा में आया है।

सभी छात्रों का स्पष्ट रूप से यह मानना था कि उनका यह उत्कृष्ठ प्रदर्शन संस्थान के शिक्षको द्वारा प्रदत् अत्यंत ही गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई एवं अनुशासित माहौल के कारण ही संभव हो पाया है। संस्थान के निर्देशक ने यह भी बताया कि यहाँ बोर्ड की पढ़ाई के साथ साथ परीक्षार्थीयों के विभिन्न Competitive Exams (IIT JEE, NEET & NDA) की परीक्षाओं के लिए उचित एवं गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण दिया जाता है।

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Chhapra: महानगरों में वायु में प्रदूषण की मात्रा बढ़ने पर अक्सर यह मीडिया की सुर्खिओं में छा जाता है। हर जगह AQI लेवल की बातें होने लगती हैं। यानि वायु की गुणवक्ता बताई जाने लगती है और फिर उसके निराकरण के प्रयास स्थानीय सरकारों के द्वारा शुरू किया जाता है।निर्माण में पानी के छिड़काव नही होने से धूल से पर्यावरण और स्वास्थ्य पर असर

वायु प्रदूषण के मुख्य कारण है, वाहनों से निकलने वाला धुआ, निर्माण कार्य से उड़ने वाला धूल, खेतों में जलाए जाने वाली पराली।

बात छपरा शहर की करें तो यहाँ की सड़कों पर निकलने के बाद ऐसा प्रतीत होता हैं कि सड़क पर धूल ही धूल है। इसके दो कारण हैं एक साफ सफाई की कमी और दूसरा निर्माण एजेंसियों के द्वारा निर्माण स्थल पर उड़ने वाले धूल को लेकर कोई प्रबंध नहीं किया जाना।

शहर में डबल डेकर निर्माण, नमामि गंगे परियोजना और कई छोटे निर्माण कार्य कार्य जारी हैं। इन निर्माण स्थलों पर निर्माण को लेकर जारी मानकों का ख्याल नहीं रखा जा रहा है। जिस कारण लगातार लोग परेशान हो रहें हैं।

शहर में उड़ने वाले धूल के कारण लोगों के फेफड़े कोरोना से भी जायद घातक धूल कण रोजाना अपनी साँसों में ले रहें हैं। जिससे लोग बीमार, बहुत बीमार हो सकते हैं।

ऐसे में जिला प्रशासन, नगर निगम या संबंधित निर्माण एजेंसियों को इस संबंध में ना तो कोई चिंता है और नया ही इन्हे देखने वाला कोई प्रतीत होता है। जिस कारण आम लोग रोज धूल फाँकनें को मजबूर हैं।

नियम के अनुसार पर्यावरण विभाग ने निर्माण एजेंसियों को धूल और प्रदूषण से बचने के लिए निर्माण स्थल को ढक के या धूल ना उड़े उसके लिए निर्माण स्थल के आस पास पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिए गए हैं। इस सबके इतर छपरा शहर समेत संपूर्ण सारण में निर्माण कार्य में लगी एजेंसियों को कोई फल नहीं पड़ता। जबकि टेंडर की प्रक्रिया में भी इन सब के लिए अलग से पैसे का प्रबंध किया जाता है ताकि जनता को परेशानी ना हो.

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Chhapra: शहर के सलेमपुर में होमियोपैथिक स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में गंभीर और असाध्य बीमारियों से पीड़ित मरीजों का होमियोपैथिक चिकित्सा की परामर्श डा अनुपम कुमार ने दी। साथ ही दवा भी दी गई।

शिविर में लगभग 50 मरीजों का इलाज हुआ। शहर के साथ साथ औरंगाबाद, मऊ और बनारस से भी मरीज अपना इलाज शिविर में कराने के लिए आए थे।

इस अवसर पर डा० अनुपम कुमार ने बताया कि होम्योपैथी लगभग 233 सालों से गंभीर बीमारियों का इलाज सफलतापूर्वक कर रही है । आज के इस भयावह बीमारियों वाले मौहौल में होम्योपैथी द्वारा भयमुक्त उपचार किया जा रहा है। लोगो का पूर्ण साथ देखते हुए आगे भी शिविर लगाने की योजना होगी।

शिविर में डा ० श्वेता सिन्हा, सौम्या आकांक्षा, रवि वर्मा, विश्वनेक समदर्शी, भूपेश नंदन, निशांत प्रकाश, अनुष्क अमृत, कौशलेश गर्ग, ललीतेश गर्ग और सौम्या कुमारी ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

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Chhapra: केन्द्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) द्वारा मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग में भर्ती के लिए लिखित परीक्षा का संचालन सारण जिला के विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर हुआ।

उक्त परीक्षा में कदाचार में संलिप्त 32 परिक्षार्थियों को 11 मोबाईल,  24 ब्लूटूथ डिवाईस, 07 इलेक्ट्रानिक डिवाईस, 03 मैनपैक व 01 ईयर फोन के साथ गिरफ्तार किया गया।

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रमेश सर्राफ धमोरा

इस साल 14 मई को मातृत्व दिवस (मदर्स डे ) है। यह दिवस मां को समर्पित होता है। यहां मां को नमन करने का दिवस है। मां एक ऐसा शब्द है जिसमें पूरा ब्रह्माण्ड समा जाए। जब हम मां बोलने के लिए मुंह खोलते हैं तो शब्द के उच्चारण के साथ ही पूरा मुंह भर जाता है। मां ममता की मूरत होती है। पूरी दुनिया के सभी धर्मों ने मां के रिश्ते को सबसे पवित्र माना गया है। अपने बच्चों के प्रति मां का प्यार, दुलार, समर्पण और त्याग अनमोल होता है। मां को सम्मान देने के लिए पूरी दुनिया में मई के दूसरे रविवार को मातृत्व दिवस के रूप में मनाया जाता है।

अंतरराष्ट्रीय मातृत्व दिवस माताओं एवं मातृत्व का सम्मान करने वाला दिन होता है। एक मां ही होती है जो सभी की जगह ले सकती है। लेकिन उनकी जगह कोई और नहीं ले सकता है। मां अपने बच्चों की हर प्रकार से रक्षा और उनकी देखभाल करती है। इसलिए मां को ईश्वर का दूसरा रूप कहा जाता है। मां वह शख्स होती है जो नौ माह तक अपने बच्चे को कोख में पालती है। कुछ भी हो जाए लेकिन एक मां का अपने बच्चों के प्रति स्नेह कभी कम नहीं होता है। वह खुद से भी ज्यादा अपने बच्चों के सुख सुविधाओं को लेकर चिंतित रहती है। मां अपनी संतान की रक्षा के लिए बड़ी से बड़ी विपत्तियों का सामना करने का साहस रखती है।

मां होने का अर्थ है उत्तरदायित्व और निस्वार्थता से पूरी तरह से अभिभूत होना। मातृत्व का मतलब है रातों की नींद हराम करना। मां भगवान की सबसे श्रेष्ठ रचना है। उसके जितना त्याग और प्यार कोई नहीं कर सकता है। मां विश्व की जननी है उसके बिना संसार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। मां ही हमारी सबसे पहली गुरु होती है। इसीलिए हम धरती को भी धरती माता कहते हैं। जो अपने ऊपर हम सब का वजन उठाती है।

हमारे देश में गाय को भी माता कह कर पुकारते हैं जो हमें अपने अपना दूध पिला कर बड़ा करती है। मां हमारे जीवन की सबसे प्रमुख हस्ती होती है जो बिना कुछ पाने की उम्मीद किए सिर्फ देती ही रहती है। मां का प्यार निस्वार्थ होता है जो हम अपने पूरे जीवन में किसी और से प्राप्त नहीं कर सकते हैं।

देखा जाए तो मातृ दिवस का इतिहास सदियों पुराना है। यूनान में परमेश्वर की मां को सम्मानित करने के लिए यह दिवस मनाया जाता था। 16वीं सदी में इंग्लैंड का ईसाई समुदाय ईशु की मां मदर मेरी को सम्मानित करने के लिए इस दिवस को त्योहार के रूप में मनाये जाने की शुरुआत हुई। मदर्स डे मनाने का मूल कारण समस्त माताओं को सम्मान देना और एक शिशु के उत्थान में उसकी महान भूमिका को सलाम करना है।

मातृत्व दिवस को आधिकारिक बनाने का निर्णय पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति वूडरो विलसन ने आठ मई 1914 को लिया था। वुडरो विल्सन ने मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाने और मां के सम्मान में एक दिन के अवकाश की सार्वजनिक घोषणा की थी। वे समझ रहे थे कि सम्मान, श्रद्धा के साथ माताओं का सशक्तिकरण होना चाहिए, जिससे मातृत्व शक्ति के प्रभाव से युद्धों की विभीषिका रुके। तत्पश्चात हर वर्ष मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। वर्तमान में ये भारत के साथ यूके, चीन, यूएस, मेक्सिको, डेनमार्क, इटली, फिनलैण्ड, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया, कैनेडा, जापान, बेल्जियम सहित कई देशों में मनाया जाता है।

हिंदू धर्म में मां शब्द की कई व्याख्याएं हैं। वाल्मीकि रामायण में भगवान राम ने कहा है कि “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरियसि”। इसका मतलब है कि मां और मातृभूमि स्वर्ग से बेहतर हैं। मां शब्द की उत्पत्ति और अर्थ के बारे में कई मत हैं। विभिन्न शैलियों ने मां शब्द की व्याख्या की है। ये एक अक्षर वाला मां संबोधन पूरे ब्रह्मांड में सबसे ताकतवर शब्द माना जाता है।

मां सिर्फ शब्द नहीं बल्कि एक भावना है। इसका वर्णन शब्दों में करना नामुमकिन है। मां वो है जो न सिर्फ हमे जन्म देती है बल्कि हमें जीना भी सिखाती है। मां वो होती है जो खुद भूखी सो जाए पर अपने बच्चों को भूखा रहने नहीं देती। उसे खुद कितनी भी तकलीफ हो वो जताती नहीं और ऐसे में भी सिर्फ अपने बच्चों की ही सलामती की दुआ करती है। मां की ममता समुद्र से भी गहरी है।

दुनिया में हर शब्द का अर्थ समझा और समझाया जा सकता है। लेकिन मां शब्द का अर्थ समझना और समझाना दोनों ही लगभग नामुमकिन है। मां शब्द का अर्थ समझाना इसलिए नामुमकिन है क्योंकि मां के प्यार को, मां के बलिदान को शब्दों में नहीं समझाया जा सकता। इसे सिर्फ अनुभव किया जा सकता है। मां के दिल में जितना प्यार अपने बच्चों के लिए होता है। अगर मां के सभी बच्चे कोशिश भी करें तो उसका कुछ अंश भी अदा नहीं कर सकते।

मां को संस्कृत में मातर कहते हैं। मां ईश्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है जिसके माध्यम से परमेश्वर अपने अंश द्वारा अपनी शक्ति का संचार और विस्तार करता है। पुराणों के अनुसार मां का अर्थ लक्ष्मी है। जिस प्रकार मां लक्ष्मी सृष्ठि का पालन करती है उसी प्रकार मां भी शिशु का पालन करती है। इस प्रकार मां को लक्ष्मी का स्वरूप माना गया। एक मत यह है कि इस सृष्टि का आरंभ मनु और शतरूपा नामक स्त्री-पुरुष के समागम से हुआ। मनु के नाम पर ही उनकी संतान को मनुज या मानव कहा गया। मनु की संतान को जिसने जन्म दिया उसे मां कहा गया। और इस प्रकार मां शब्द की उत्पत्ति हुई।

भारतीय संस्कृति तथा कुछ ग्रंथों के अनुसार मां शब्द की उत्पत्ति गोवंश से हुई। गाय का बछड़ा जब जन्म लेता है तो उसके सर्वप्रथम रंभाने में जो स्वर निकालता है वह मां होता है। यानी कि बछड़ा अपनी जन्मदात्री को मां के नाम से पुकारता है। इस प्रकार जन्म देने वाली को मां कहकर पुकारा जाने लगा।

(लेखक, समाचार एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार से संबद्ध हैं। )

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