सरकारी विद्यालयों में निरीक्षण का बदला समय एवं तरीका, स्कूलों से भागने वाले शिक्षकों की खैर नहीं

सरकारी विद्यालयों में निरीक्षण का बदला समय एवं तरीका, स्कूलों से भागने वाले शिक्षकों की खैर नहीं

सरकारी विद्यालयों में निरीक्षण का बदला समय एवं तरीका, स्कूलों से भागने वाले शिक्षकों की खैर नहीं

Patna: शिक्षा विभाग में इन दिनों लगातार एक के बाद एक बदलाव किए जा रहे है, ऐसे में एसीएस द्वारा नया आदेश जारी किया गया है जिसमे विद्यालय के निरीक्षण में बदलाव किया गया है.

एसीएस के अन्य निर्देश के बारे में कहा गया है कि पूर्व में विद्यालय का निरीक्षण दिन में एक ही बार करते हैं । कुछ अनुशासनहीन शिक्षकों के बारे में यह पता चला है कि वह निरीक्षण होने के बाद समय से पहले 02.00 या 03.00 बजे के बीच ही विद्यालय से नदारत हो जाते हैं। ऐसे कुछ मामले पदाधिकारियों ने पकड़े भी हैं, जब ये शिक्षक / प्रधानाध्यापक जिस समय भाग रहे थे और उसी समय हमारी निरीक्षण टीम पहुंच गई। शिक्षकों में यह प्रवृत्ति इसलिए देखी जा रही है, क्योंकि वे जानते हैं कि विद्यालयों का निरीक्षण अमूमन दिन में एक ही बार होता है। यानि विद्यालय निरीक्षण का समय के बारे में सारे लोग समझ गए हैं। ऐसे में हमें अब inspection की predictability को देखना होगा .हमें इसे “unpredictable” बनाना होगा। ऐसा करने के लिए आपको निरीक्षण रोस्टर को सुधारना होगा और विद्यालयों को तीन श्रेणियों में रखना होगा।

KK पाठख ने कहा है कि श्रेणी क वाले स्कूलों में वैसे विद्यालय, जहां निरीक्षण पहली पाली में हो, वह निरीक्षण सुबह 9 से 12 बजे के बीच हो. श्रेणी-ख वाले में वैसे विद्यालय, जहां निरीक्षण दूसरी पाली यानि 02 बजे से 05 बजे के बीच में हो। श्रेणी ग- वैसे विद्यालय, जहां उपरोक्त दोनों पालियों में निरीक्षण हो। ऐसा करने से हम School Inspection की unpredictability को बढ़ा सकते हैं। शिक्षकों में यह संदेश चला जाना चाहिए कि हम उनके विद्यालय में कभी सुबह की पाली में या कभी दोपहर की पाली में या कभी दोनों पालियों में पहुंच सकते हैं। ऐसे में आपके विद्यालय के निरीक्षण के रोस्टर को random रखना होगा। साथ ही उसे गोपनीय रखना होगा, ताकि कोई शिक्षक यह अनुमान नहीं लगा सके कि उनके विद्यालय का निरीक्षण कब और किस समय होने वाला है। अब निरीक्षण रोस्टर मासिक न बनाकर, साप्ताहिक रूप से बनाया जाय। जो विद्यालय पिछले सप्ताह श्रेणी-क में थे उसे श्रेणी-ख अथवा श्रेणी-ग में रखा जाय। इसी प्रकार रोस्टर को प्रत्येक सप्ताह randomise किया जाए।

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