पटना: जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने पार्टी नेतृत्व पर हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अतिपिछड़ा विरोधी हैं। उन्होंने अति पिछड़ा समाज के नेता को मंत्री तो बनाया लेकिन उस पर भरोसा नहीं करते। अधिकारी ही विभाग चलाते हैं। नीतीश सरकार में मंत्रियों को चपरासी के बराबर भी वैल्यू नहीं।
उन्होंने आज पत्रकार वार्ता में मदन सहनी की ओर इशारा करते हुए कहा कि कुछ समय पहले अति पिछड़ा समाज के एक मंत्री ने इज्जत नहीं मिलने पर इस्तीफा देने तक की बात कर दी थी। उस समय विभाग में तबादला का मामला था। उनकी बात नहीं सुनी गई थी। विवश होकर उन्होंने इस्तीफे का ऐलान कर दिया था।
कुशवाहा ने कहा कि संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष का पद देकर एक झुनझुना थमा दिया गया। एमएलसी बनाकर नीतीश कुमार ने हमें लॉलीपॉप थमा दिया। हमने तो राज्यसभा सदस्यता व केंद्रीय मंत्री का पद छोड़ते हुए क्षणभर की देरी नहीं की तो एमएलसी या संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष कौन सी बड़ी चीज है। मुख्यमंत्री हमसे वापस ले लें। उन्होंने कहा कि हमको लगा कि अति पिछड़ा समाज के लोगों में पार्टी के प्रति आकर्षण घट रहा है। हाल में राज्यसभा या विधान परिषद में भेजे गए लोगों में एक भी अति पिछड़ा समाज का व्यक्ति नहीं है।
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