फरक्का बराज के खोले गये सभी गेट, गंगा, गंडक, कोसी समेत अन्य नदियों के खतरे के निशान के ऊपर

पटना: गंगा, गंडक, कोसी समेत अन्य नदियों के खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. इसको देखते हुए राज्य सरकार ने बाढ़ से बचाव के लिए कई उपाय किये हैं. बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए फरक्का बराज के सभी गेट खोल दिये गये हैं. साथ ही गंगा, कोसी, गंडक, कमला समेत अन्य नदियों के तटबंधों की निगरानी की जा रही है. गंगा का जल स्तर लगातार चौथे दिन भी बुधवार को कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर थी. कहलगांव में जल संसाधन विभाग की टीम गंगा के तटबंधों की मरम्मत में जुटी रही. इसके साथ ही नेपाल के इलाके में भद्रा में पश्चिमी कोसी तटबंध की मरम्मत की गयी. विभागीय सूत्रों ने बताया कि कमला और गंडक नदियों के तटबंधों की भी मरम्मत व निगरानी का काम चल रहा है.

इधर, मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक महानंदा नदी, कोसी, गंडक, कमला बलान और बूढी गंडक के जलग्रहण क्षेत्र में भी बारिश की संभावना व्यक्त की है. आपदा प्रबंधन विभाग के अपर सचिव रामचंद्र डू ने बताया कि 12 जिलों के कुल 102 प्रखंडों की 901 पंचायतें बाढ़ की चपेट में हैं. 19 राहत शिविरों में कुल 25,116 लोग ठहराये गये हैं. उन्होंने बताया कि 989 कम्यूनिटी किचेन में हर दिन 5,71,122 लोग भोजन कर रहे हैं. सभी बाढ़ग्रस्त जिलों में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव का कार्य कर रही हैं. अब तक 2,88,283 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया है.

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