पटना, 25 अगस्त (हि.स.)। प्रदेश भर में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने के मामले को लेकर शुक्रवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस केवी चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने चंद्र किशोर परासर की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।
बिहार में सरकार पूरे राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने जा रही है। इसका काम भी शुरू हो गया है और उपभोक्ताओं के नहीं चाहने पर भी उन्हें इसके लिए मजबूर किया जा रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है।
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याचिका में कहा गया है कि स्मार्ट प्री पेड मीटर के कारण उपभोक्ताओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और बिजली का बिल अधिक आ रहा है।चीफ जस्टिस के वी चंद्रन की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने चंद्र किशोर परासर की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। इस मामले पर अगली सुनवाई आठ सितम्बर को होगी। सरकार ने पूरे राज्य में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिन लोगों के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग चुका है उन्हें अधिक बिजली बिल आने की परेशानी से जूझना पड़ रहा है। बिजली उपभोक्ताओं का कहना है कि इस मीटर के कारण बिल में बहुत गड़बड़ी हो रही है।
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