पटना: राज्य में अप्रैल महीने में सभी जिलों में सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलेगा. इसके लिए सरकार सभी जिलों को 10-10 लाख रुपये उपलब्ध करायेगी. वहीं, अब राज्य के बाहर रहने वाले कोई भी व्यक्ति जमीन के सर्वे से सीधे ऑनलाइन जुड़ सकते हैं. वे ऑनलाइन माध्यम से वंशावली समेत जमीन से जुड़े अन्य सभी कागजात जमा कर सकेंगे. शुक्रवार को विधानसभा में राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री रामसूरत राय ने 1332.41 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो विपक्षी सदस्यों के वॉकआउट के बाद ध्वनिमत से यह पारित हो गया.
इस मौके पर विभागीय मंत्री ने कहा कि पूरे राज्य में सभी तरह की सरकारी जमीन को अतिक्रमणमुक्त कराने के लिए अप्रैल में व्यापक अभियान चलाया जायेगा. सभी अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाकर सरकारी जमीन को पूरी तरह से खाली कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि दूसरे चरण के तहत सारण, समस्तीपुर, सीवान, सहरसा समेत 18 जिलों में जमीन सर्वे का काम शुरू हो गया है.
मंत्री ने कहा कि जमीन के नक्शे की सीधे घर पर डिलिवरी करने के लिए डाक विभाग समेत अन्य के साथ एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये गये हैं. अब घर तक नक्शा पहुंचाने का काम जल्द शुरू हो जायेगा. यह व्यवस्था लागू करने वाला बिहार देश का पहला राज्य होगा. मंत्री ने कहा कि सीओ समेत अंचल का कोई भी अधिकारी व कर्मचारी ऑनलाइन दाखिल-खारिज के आवेदन को एक बार में रद्द या रिजेक्ट नहीं कर सकता है. इसके लिए संबंधित व्यक्ति को एक बार पक्ष रखने का मौका दिया जायेगा. बिना पक्ष जाने किसी भी आवेदन को रिजेक्ट नहीं कर सकते हैं.