आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति छोड़ केंद्र से बिहार के लिए पर्याप्त टीकों की मांग करें भाजपा के सांसद और केंद्रीय मंत्री: कांग्रेस

पटना: बिहार पर टीकाकरण की धीमी रफ्तार को लेकर कांग्रेस की चिंता जाहिर की है. इसको लेकर बिहार के कांग्रेस प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि विभिन्न कंपनियों द्वारा सीधे राज्य सरकारों को कोरोना की वैक्सीन न देने की स्थिति स्पष्ट की जा चुकी है. उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को यह बात पता थी की अधिकांश कंपनियां सीधे राज्य सरकारों और प्राइवेट अस्पतालों को टीका उपलब्ध नहीं करायेंगी. इसके बाद भी केंद्र सरकार अपनी जिम्मदारी से बचते हुए और केंद्रीय बजट में कोरोना टिकाकरण के लिए आवंटित 35 हज़ार करोड़ की राशि के घोटाले पर पर्दा डालने के लिए राज्यों के ऊपर टीके के खरीद की जिम्मेदारी डाल दी है.

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि आज के दिन में सिर्फ दो भारतीय उत्पादक कंपनियां ही राज्यों को टीका दे रही हैं. जिसकी संख्या बहुत कम है. इन दोनों के अलावा लगभग सभी  टीका बनाने वाली अंतराष्ट्रीय कंपनियों ने भारत के राज्यों को सीधा टीका देने से मना कर दिया है. कांग्रेस ने मांग किया कि टीकों की खरीदारी केंद्र स्तर पर हो, वहीं टीकाकरण कार्यक्रम राज्य स्तर पर संचालित करने दिया जाए. उन्होंने भाजपा के नेताओं से कहा कि बिहार में पिछले 15 सालों से स्वास्थ्य मंत्री के रूप में भाजपा के नेता ही  काबिज हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि बिहार से कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों में केंद्रीय मंत्री भी हैं. श्री कुंतल ने भाजपा के नेताओं से कहा कि वह अपने राजनीतिक आकाओं के चापलूसी की राजनीति करने के बजाए बिहार के हर व्यक्ति तक टीका पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार से टीकों की उपलब्धता बढ़ाने की मांग करें . उन्होंने कहा कि बिहार में टीकाकरण बेहद धीमी गति से हो रहा है इसके लिए मुख्य कारण टीकों की उपलब्धता में भारी कमी और केंद्र सरकार का बिहार के प्रति उदासीन रवैया है. उन्होंने बिहार के केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों से मांग किया कि वह केंद्र सरकार पर दबाव बनाएं ताकि बिहार के लिए पर्याप्त टीकों की खरीदारी कर केंद्र सरकार बिहार को मुहैया कराएं. इस कार्य में सफल न होने पर उन्होंने भाजपा के सांसदों व केंद्रीय मंत्रियों से इस्तीफे की मांग की.

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