पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्य सचिवालय में कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में कुल 13 एजेंडों पर मुहर लगी है। बैठक में नीतीश सरकार ने कृषि रोड मैप के तहत कृषि यंत्रीकरण योजना के कार्यान्वयन के लिए 94 करोड 5 लाख 54 हजार की निकासी एवं व्यय की स्वीकृति दी है। एसएफसी को व्यवसायिक बैंकों, नाबार्ड से त्रैमासिक ब्याज दर पर 10 हजार करोड़ रुपये की राशि के लिए राजकीय गारंटी प्रदान करने की स्वीकृति भी दी गई है।
नीतीश सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए भवन निर्माण विभाग के एक तत्कालीन कार्यपालक अभियंता हरिगोपाल सिंह को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है। हरिगोपाल सिंह के ऊपर यह आरोप था कि साल 2015 में आई भूकंप त्रासदी के दौरान वे बगैर किसी सूचना के मुख्यालय से गायब थे। इसके अलावा उनके ऊपर आरा समाहरणालय भवन के निर्माण कार्य के संवेदक को अधिक भुगतान करने से जुड़ा मामला भी था। जिसे देखते हुए उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है।
कोरोना की वजह से स्नातकोत्तर छात्रों एवं एमबीबीएस इंटर्न को एक माह के मानदेय/ छात्रवृत्ति के समतुल्य प्रोत्साहन राशि की स्वीकृति दी गई है। ड्यूटी से अनुपस्थित रहने वाले 4 डॉक्टरों को सेवा से बर्खास्त किया गया है। इसमें किशनगंज सदर अस्पताल के डॉक्टर जुनैद अख्तर, किशनगंज के कोचाधामन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ आशुतोष कुमार, पूर्णिया सदर अस्पताल के डॉक्टर उमेश कुमार और पूर्णिया के अमौर रेफरल अस्पताल के डॉक्टर अनिमेष कुमार शामिल हैं।
दस हजार दिव्यांगों को बैटरी चालित ट्राई साइकिल उपलब्ध कराने की स्वीकृति दी गई है। इसके लिए 42 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। बिहार सरकार ने गया के डुंगेश्वरी पर्वत पर रोपवे निर्माण कार्य कराने का फैसला लिया है। इसके लिए आठ करोड़ 43 लाख 17 हजार की राशि की स्वीकृति दे दी गई है। साथ ही साथ गया जिले के ब्रह्म योनि पर्वत पर भी रूप में निर्माण की योजना को स्वीकृति देते हुए 4 करोड़ 24 लाख की राशि स्वीकृत की गयी है।