कोरोना संक्रमण के बीच फैल रहा है ब्लैक फंगस, पहचानें लक्षण

Patna: कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, लोग इलाज करवा रहे हैं, ठीक हो रहे हैं और मौत का सिलसिला भी जारी है. इसी बीच एक नई बीमारी ब्लैक फंगस का फैलाव शुरू हो गया है. पोस्ट कोविड इफेक्ट के रूप में ठीक होने वाले लोगों को देखने और सांस लेने में दिक्कतें हो रही है. साथ ही साथ उन्हें दूसरी शारीरिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ रहा है. आईसीएमआर के अनुसार लोगों को यह परेशानी म्यूकोरमायकोसिस या ब्लैक फंगस के कारण हो रहा है.

डॉ. अभिषेक कुमार ने बताया कि म्यूकोरमायकोसिस एक फंगल इंफेक्शन है. यह मुख्यतः उन लोगों पर असर करता है, जिनकी किसी अन्य बीमारी का इलाज चल रहा होता है. जिससे उनकी पर्यावरणीय रोगजनकों (एनवायरनमेंटल पैथोजन) के प्रति प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. म्यूकोरमायकोसिस होने का सर्वाधिक खतरा अनियंत्रित डायबिटीज के मरीजों में, अधिक स्टेरॉयड के उपयोग के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हुए मरीजों में, लंबे समय तक आईसीयू में रहने वाले मरीजों में, को-मोरबिडायटिस (सह बीमारी) से पीड़ित मरीजों में, प्रत्यारोपण और अस्वच्छ वातावरण में रहने वाले मरीजों में होता है.

म्यूकोरमायकोसिस का लक्षण

म्यूकोरमायकोसिस इंफेक्शन से आंख तथा नाक के आसपास दर्द और लाली दिखने लगता है. बुखार, सिरदर्द, कफ तथा सांस लेने में कठिनाई होती है. सांस के साथ फंगस के कण का फेफड़े में जाने के कारण गंभीर स्थिति में रक्त युक्त उल्टी होनेे लगती है. मानसिक स्थिति में बदलाव हो जाता है. बंद नाक, गालों की हड्डियों में दर्द, चेहरे के एक तरफ सूजन तथा दर्द, दांत में दर्द, छाती में दर्द के साथ-साथ कमजोरी भी अधिक महसूस होता है.

म्यूकोरमायकोसिस से बचने के लिए क्या करें

म्यूकोरमायकोसिस से बचने के लिए धूल भरे स्थानों पर मास्क का प्रयोग करें. लंबे ट्राउजर, लंबी बांह वाली शर्ट, जूते, दस्ताने पहनकर ही मिट्टी, खाद या काई को छुएं. व्यक्तिगत साफ-सफाई और स्वच्छता को मेंटेन रखें. डायबिटीज नियंत्रित करने के उपायों को अपनाएं. अनावश्यक स्टेरॉयड डेकसोना, प्रेडनीसोलोन, मीथाइल प्रेडनीसोलोन, बेटनिसोल आदि के प्रयोग से बचें। एसी के उपयोग से बचें. बिना डॉक्टर से सलाह लिए एंटीफंगल दवाई फ्लूकोनाजोल, कीटोकोनाजोल, इट्रोकोनाजोल आदि का प्रयोग नहीं करें। शरीर में पानी की उचित मात्रा को बनाये रखें.

फंगस होने पर क्या करें, क्या नहीं करें-हायपरगलायसेमिया नियंत्रित करेंं, रक्त में ग्लूकोज के स्तर पर ध्यान देते रहें. उचित समय, मात्रा और तरीके से ही स्टेरॉयड का सेवन करें. ऑक्सीजन थेरेपी के समय नमी के लिए स्वच्छ और बैक्टीरिया रहित पानी का उपयोग करें. एंटीबायोटिक और एंटीफंगल का उपयोग उचित तरीके से करें. संबंधित चेतावनी और लक्षणों के प्रति लापरवाही नहीं बरतें, इलाज में देरी नहीं करें. कोरोना से ठीक होने वाले प्रत्येक रोगी में म्यूकोरमायकोसिस नहीं होता है, इसलिए घबराएं नहीं. लक्षण की शंका होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.

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