बिहार में गंगा नदी पर 2023 में तैयार हो जाएगा डबल लेन रेल पुल, बजट में मिली राशि

बिहार में गंगा नदी पर 2023 में तैयार हो जाएगा डबल लेन रेल पुल, बजट में मिली राशि

बेगूसराय(Agency): बिहार में बेगूसराय जिला के सिमरिया और पटना जिला के मोकामा के बीच गंगा नदी पर राजेन्द्र सेतु (सिमरिया पुल) के बगल में बन रहा डबल लाइन रेल पुल जुलाई 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। पुल का निर्माण जून 2022 तक पूरा होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण एवं बीते वर्ष गंगा के जलस्तर में हुई भारी वृद्धि के कारण अब जुलाई 2023 में निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। समय पर निर्माण कार्य को गति देने के लिए मंगलवार को जारी किए केंद्रीय बजट में इस पुल के निर्माण के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। राशि के प्रावधान से उम्मीद जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी खुद इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर नजर रख रहे हैं तथा सब कुछ ठीक रहा तो अगले साल पुल बनकर तैयार हो जाएगा। सोमवार को पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर के जीएम अनुपम शर्मा ने भी इरकॉन एवं रेल अधिकारियों के साथ समीक्षा कर निर्माण कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है।

पुल निर्माण में लगे अधिकारियों के अनुसार 18 पीलर पर 17 स्पेन के स्टील स्ट्रक्चर के डबल रेल ट्रैक वाले 1.86 किलोमीटर लंबे इस पुल के निर्माण पर करीब एक हजार करोड़ रुपया खर्च होगा। पुल निर्माण कर रहे अभियंता ने बताया कि डबल रेल ट्रैक पुल के उत्तरी छोर बरौनी की ओर सिमरिया तथा दक्षिणी छोर क्यूल जाने वाले रूट में रामपुर-डुमरा एवं पटना की ओर जाने वाले रूट में औंटा टाल में मिलेगी। औंटा टाल एवं रामपुर-डुमरा मिलाकर नौ किलोमीटर लंबा एप्रोच रोड बन रहा है। इसमें तीन जगह हाथीदह जंक्शन, औंटा एवं रामपुर के समीप आरओआर (रेल लाइन के ऊपर रेल पुल) का निर्माण चल रहा है। यह तीन आरओआर बिहार के अद्भुत होगा, इसके साथ हाथीदह में एनएच-80 पर एक रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) तथा हाथीदह जंक्शन एवं औंटा के समीप दो जगह रेल ऊपरी ब्रिज (आरओबी) निर्माण और आठ पुल-पुलिया का निर्माण हो रहा है।

उल्लेखनीय है कि आजादी के बाद देश को पूर्वोत्तर हिस्सों से जोड़ने तथा पूर्वी सीमा पर सेना की आवाजाही सुगम बनाने के लिए बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्रीकृष्ण सिंह के प्रयास से गंगा नदी पर देश का सबसे पहला रेल और सड़क पुल यहां बना था। तब से यह पुल देश के विकास और सामरिक मुद्दों के लिए मील का पत्थर साबित हुआ। इस पुल के बाद देशभर में गंगा नदी पर कई पुल बने, इसके बावजूद राजेन्द्र सेतु की उपयोगिता बढ़ती गई लेकिन राजेन्द्र सेतु के रेल मार्ग में सिंगल रेल ट्रैक रहने के कारण बरौनी की ओर से राजेन्द्र पुल एवं दिनकर ग्राम स्टेशन तथा उस पार से औंटा एवं रामपुर-डुमरा के समीप ट्रेनों को लंबे समय तक खड़ा करना पड़ता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जब इस भीषण समस्या पर नजर गई तो उन्होंने यहां नए पुल का सेक्शन करवा कर खुद उसका शिलान्यास किया और काम काफी तेजी से चल रहा है। यह दो लेन रेल पुल बन जाने से चीन समेत देश के अन्य सीमा पर जरूरत के अनुसार सभी सामग्री तेजी से पहुंच सकेगी। दो लेन रेल पुल के साथ हाथीदह जंक्शन के ऊपरी प्लेटफॉर्म पर आधुनिक सुविधाओं से लैस चार रेल ट्रैक और चार सौ मीटर लंबे प्लेटफार्म का निर्माण होना है। प्लेटफार्म पर चढ़ने के लिए लिफ्ट समेत सभी अत्याधुनिक सुविधाएं रहेगी। फिलहाल रेलवे इस पुल के निर्माण के लिए काफी तेजी से काम कर रही है तथा केंद्र सरकार द्वारा बजट में राशि का प्रावधान किए जाने से लोगों में आशा का संचार हुआ है।

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