पटना: केन्द्र सरकार की सेना भर्ती की अग्निपथ योजना को वापस लेने की मांग को लेकर 22 जून को बिहार में महागठबंधन के दल राजभवन मार्च करेंगे। इसकी जानकारी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को ट्वीट कर दी है।

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर बताया कि ‘युवाओं को नौकरी एवं अग्निपथ योजना की वापसी की मांग को लेकर 22 जून को सुबह नौ बजे महागठबंधन के सभी विधायक विधानसभा से लेकर राजभवन तक पैदल मार्च करेंगे।

अग्निपथ योजना का विरोध में पिछले दिनों से उग्र रूप ले लिया है। रेलवे सहित सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया है। रेलवे का कहना है कि इस उग्र प्रदर्शन में रेलवे को 250 से 300 करोड़ का नुकसान हुआ है। पिछले तीन दिनों में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के मामले में 130 से ज्यादा केस दर्ज किया गया है, जबकि इस दौरान 700 से ज्यादा अराजक तत्वों को गिरफ्तार किया गया है।

नवादा: नवादा जिले के राजौली थाने के चितरकोली स्थित समेकित जांच चौकी पर उत्पाद विभाग की टीम ने रविवार को यात्री बस से 12 किलो गांजा के साथ दो तस्कर को गिरफ्तार किया।

उत्पाद अधीक्षक अनिल आजाद ने बताया कि समेकित जांच चौकी पर उत्पाद विभाग के इंस्पेक्टर रामप्रीत कुमार के नेतृत्व में झारखंड की ओर से आने वाले सभी वाहनों की जांच की जा रही थी। तभी झारखंड राज्य के रांची से बिहार के नवादा आ रही वसुंधरा यात्री बस को जांच के लिए रोका गया जांच के क्रम में 2 यात्री के पास से 12 किलो गांजा बरामद किया गया।

गांजा के साथ गिरफ्तार दोनों तस्कर बिहार के लखीसराय जिले के बाराटांड गांव के कौशल कुमार और शिवनंदन कुमार शामिल है। इन दोनों के विरुद्ध एनडीपीएस एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कड़ी पूछताछ की गई है। दोनों को जेल भेज दिया गया है।

नई दिल्ली: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों को युक्तिसंगत बनाने का आग्रह किया है। कारोबारी संगठन ने जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के साथ जीएसटी नियमों की नए सिरे से समीक्षा करने और मौजूदा जीएसटी ढ़ांचे को सरल बनाने की मांग सीतारमण से की है। हालांकि, कैट ने जीएसटी परिषद के जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने के प्रयासों की सराहना भी की है।

कैट ने इस मांग को लेकर देश के सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों से मिलने की योजना बनाई है। इसके लिए कैट 25-26 जून, 2022 को नागपुर में देशभर के ट्रेड लीडर्स का दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है, जो जीएसटी और ई-कॉमर्स पर एक राष्ट्रीय अभियान की रणनीति तैयार करेगा। इसके बाद यह अभियान देशभर में एक साथ 1 जुलाई, 202 से शुरू होगा। कैट ने कहा कि दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान सभी राज्यों के लगभग 100 प्रमुख कारोबारी नागपुर सम्मेलन में व्यापारियों के सभी ज्वलंत मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने हाल ही में निर्मला सीतारमण से मुलाकात कर जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने, अधिनियम एवं नियमों को सरल और व्यापक बनाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि इससे केंद्र और राज्य सरकारों को और ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा। खंडेलवाल ने वित्त मंत्री को देश के हर जिले में एक संयुक्त जीएसटी समिति के गठन का भी सुझाव दिया, जिसमें जीएसटी के वरिष्ठ कर अधिकारी और संबंधित जिले के व्यापारिक नेता को शामिल किया जाए। उन्होंने समिति को जीएसटी कार्यान्वयन की निगरानी और व्यापारियों की शिकायतों के समाधान का कार्य सौंपा जाना चाहिए। इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने का प्रयास करना चाहिए।

खंडेलवाल ने कहा कि स्टेकहोल्डर्स से परामर्श के बाद जीएसटी की दरों को सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने टेक्सटाइल और फुटवियर को 5 फीसदी के टैक्स स्लैब के तहत रखने पर जोर दिया। कैट महामंत्री ने कहा कि देश के व्यापारी समुदाय का मानना है कि वर्तमान में बड़ी संख्या में कई आइटम की टैक्स की दर गलत ब्रैकेट में हैं, जिसकी विसंगतियों को दूर करके युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है। खंडेलवाल ने कहा कि कैट के नेतृत्व में व्यापारिक संगठनों ने भी जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने पर आपसी चर्चा शुरू कर दिया है।

कैट महामंत्री ने कहा कि कारोबारियों का यह प्रयास प्रारंभिक अभी चरण में है, लेकिन कैट का मानना है कि जीएसटी से छूट वाली श्रेणी में केवल आवश्यक वस्तुओं को शामिल किया जाना चाहिए। कच्चे माल या किसी भी तैयार उत्पाद के अभिन्न अंग के रूप में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं रोटी, कपड़ा और मकान से संबंधित सामानों के लिए 5 फीसदी का टैक्स स्लैब बनाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि व्यापारियों का यह भी विचार है कि 12 और 18 फीसदी के टैक्स स्लैब को मिलाकर 14 फीसदी किया जाना चाहिए। उन्होंने उच्च मूल्य की वस्तुओं सोना और चांदी के आभूषण को एक फीसदी टैक्स स्लैब के तहत रखा जाना चाहिए। खंडेलवाल ने 28 फीसदी के टैक्स स्लैब को सिर्फ उच्च वर्ग के लोगों के इस्तेमाल की वस्तुओं तक सीमित रखने की मांग की।

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के नाम तो वैसे कई रिकॉर्ड हैं लेकिन एक रिकॉर्ड ऐसा है, जिससे सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली और विराट कोहली जैसे खिलाड़ी भी काफी दूर हैं।

धोनी के नाम एक ऐसा व्यक्तिगत रिकॉर्ड है, जो किसी भारतीय के नाम नहीं है। महेंद्र सिंह धोनी इकलौते ऐसे क्रिकेटर हैं, जो आईसीसी एकदिवसीय रैंकिंग में दस साल तक शीर्ष 10 में शामिल रहे। धोनी वर्ष 2006 में एकदिनी रैंकिंग में तीसरे, 2007 और 08 में 5वें, 2009 और 10 में पहले, 2011 में 9वें, 2012 और 13 में 5वें, 2014 में 6वें और 2015 में सातवें स्थान पर रहे।

धोनी के कप्तानी के कुछ रिकॉर्ड
महेंद्र सिंह धोनी एक फिनिशर और एक बेहतरीन कप्तान के रूप में जाने जाते हैं, धोनी के नेतृत्व में भारत ने टी-20 विश्व कप (2007), एकदिवसीय विश्व कप (2011), आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी सहित कई खिताब जीते हैं, यही नहीं धोनी के नेतृत्व में भारत आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में भी शीर्ष पर रहा। धोनी के नेतृत्व में चेन्नई सुपरकिंग्स (सीएसके) ने चार बार आईपीएल का खिताब जीता है।

Chhapra: छपरा समेत आसपास के इलाकों में रविवार को बारिश होने से तापमान में गिरावट दर्ज की गयी है. गर्मी से बेहाल लोगों को बारिश ने राहत दी है. 

रविवार को रुक रुक कर कई बार बारिश हुई जिससे तापमान में नरमी आई है. मौसम विभाग ने सारण समेत कई जिलों में बारिश की सम्भावना व्यक्त की थी. चिलचिलाती धूप और गर्मी से बारिश के कारण राहत मिली है. 

वहीँ हर बार की तरह बारिश होते ही शहर में कई जगह जलामाव की समस्या भी उत्पन्न हो गयी है.  नगर निगम की सफाई व्यवस्था की पोल हर बार की तरह खुल गयी है.     

पटना: देश के 75 ऐतिहासिक महत्व के स्थानों पर आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 8वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर केंद्रीय मंत्रियों के नेतृत्व में योग प्रदर्शन के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर्नाटक के मैसूर पैलेस में विशाल योग प्रदर्शन का नेतृत्व करेंगे। मैसूर में प्रधान मंत्री के कार्यक्रम का डीडी इंडिया पर 06:30 AM IST से सीधा प्रसारण किया जाएगा।

इधर बिहार में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 8वेंअंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर 21 जून को दो आईकॉनिक स्थलों- नालंदा और बोधगया- में योग प्रदर्शन का कार्यक्रम होगा। नालंदा के महाविहार में केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह योग प्रदर्शन कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे। जबकि, बोधगया के महाबोधि मंदिर में इस योग प्रदर्शन कार्यक्रम का नेतृत्व केंद्रीय इस्पात मंत्री आर. सी. पी. सिंह करेंगे। कार्यक्रम में योग को जीवन में अपनाए जाने को बढ़ावा दिया जाएगा तथा मन,शरीर और आत्मा के लिए इसके लाभों के बारे में स्मरण कराया जाएगा।

योग प्रदर्शन कार्यक्रम विभिन्न शैक्षिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, कॉर्पोरेट व अन्य नागरिक समाज संगठनों द्वारा भी आयोजित किए जाएंगे और इसमें देश भर के करोड़ों लोग शामिल होंगे।

संयुक्त राष्ट्र ने “मानवता के लिए योग” को इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का विषय घोषित किया है, जिसे दुनिया भर में मंगलवार, 21 जून को मनाया जाएगा।

Chhapra: सारण के जिला पदाधिकारी राजेश मीना ने आज पुनः अपील किया है कि युवा देश के भविष्य, देश के विकास में उनकी ऊर्जा की है जरूरत. शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करें और कानून का पालन करें.

उन्होंने राजनीतिक दलों एवम प्रबुद्ध नागरिकों से भी अपील करते हुए कहा है कि सरकारी संपत्तियो को बचाने के लिए अपने आसपास के लोगों को जागरूक करे, कहीं पर भी कोई असामाजिक गतिविधि करते हुए पाया जाता है तो तुरंत जिला नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 06152-242444 पर सूचित करें, तत्काल कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने बताया कि जिले में सभी महत्वपूर्ण स्थानों पर दंडाधिकारियों एवम पुलिस पदाधिकारियो की तैनाती की गयी है. डीएम-एसपी सहित वरीय अधिकारी भी लगातार क्षेत्र भ्रमण कर पल-पल की गतिविधियों पर नजर रख रहें हैं. किसी भी परिस्थिति से निपटने को लेकर क्विक रिस्पांस टीम तैयार है. सूचनातंत्र पूरी तरह से सक्रिय रखा गया है.

वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों को चिन्हित कर की जाएगी कड़ी कार्रवाई

जिलाधिकारी राजेश मीणा एवम पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार ने कहा है कि अग्निपथ भर्ती योजना के विरोध में हिंसक प्रदर्शन करने वालों से कानून के अनुसार सख्ती से निपटा जाएगा. उन्होंने कहा है कि विधि-व्यवस्था संधारण प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है. इसमें व्यवधान उत्पन्न करने वालों के विरुद्ध विधिसम्मत कठोर कार्रवाई की जाएगी. उपद्रवियों पर सरकार की पैनी नजर है. गड़बड़ी करने वालों को बख्सा नहीं जाएगा.

जिला पदाधिकारी ने कहा कि विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने मे संलिप्त लोगो की भूमिका की भी जांच की जा रही है. यदि उनकी संलिप्तता प्रमाणित होती है तो निश्चित रूप से कड़ी करवाई की जाएगी. जानकारी जिला जनसंपर्क पदाधिकारी ने दी.

– तीनों सेनाओं में जोश और होश के बीच संतुलन बनाएगी ‘अग्निपथ’ योजना
– सेना में औसत आयु 32 के बजाय 26 साल करने के लिए योजना लाई गई

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ रविवार को अग्निवीर भर्ती योजना की समीक्षा के बाद ऐलान किया गया है कि अग्निपथ योजना किसी भी रूप में वापस नहीं होगी। तीनों सेनाओं की ओर से साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अग्निवीरों की भर्ती योजना के बारे में आन्दोलनकारियों को विस्तार से समझाने की कोशिश की गई। भारतीय सेना को इस समय युवाओं की जरूरत है, यह सुधार लंबे समय से लंबित था। आज बड़ी संख्या में जवान अपने जीवन के तीसरे दशक में हैं, इसलिए सेना में औसत आयु 26 साल करने के लिए यह योजना लाई गई है।

अग्निपथ योजना पर साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने की। उन्होंने कहा कि योजना की घोषणा होने के बाद विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के लिए घोषित की गईं आरक्षण के संबंध में घोषणाएं पूर्व नियोजित थीं। यह घोषणाएं अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद देश भर हुई आगजनी, हिंसा और तोड़फोड़ की प्रतिक्रिया में नहीं की गई हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की नींव में अनुशासन है, इसलिए आगजनी, तोड़फोड़ के लिए कोई जगह नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति एक प्रमाण पत्र देगा कि वे विरोध या बर्बरता का हिस्सा नहीं थे। पुलिस वेरिफिकेशन 100% है, उसके बिना कोई भी शामिल नहीं हो सकता। कोचिंग संस्थान छात्रों को भड़का और उकसा रहे हैं लेकिन उन्हें हिंसा और प्रदर्शन में हिस्सा नहीं लेना चाहिए।

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने कहा कि भारतीय सेना को इस समय युवाओं की जरूरत है, यह सुधार 1989 से लंबित था। इस योजना के तहत हम सेना में मौजूदा सैनिकों के अनुभव के साथ युवावस्था को लाना चाहते हैं। आज सेना में जवानों की औसत आयु लगभग 32 वर्ष है, लेकिन आने वाले 6-7 वर्षों में यह और कम होकर 26 वर्ष हो जाएगी। देश के युवाओं की क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए उन्हें भविष्य का सैनिक बनाने की आवश्यकता है। इस साल 40 हजार से शुरू होने वाली भर्ती से निकट भविष्य में सेनाओं में ‘अग्निवीरों’ की संख्या 1.25 लाख हो जाएगी। बुनियादी क्षमता का निर्माण करने के लिए हमने योजना का विश्लेषण करने के लिए 46 हजार से शुरुआत की है। अगले 4-5 वर्षों में प्रतिवर्ष 50 से 60 हजार और बाद में बढ़कर 90 हजार से 1 लाख हो जाएगी।

सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव ने कहा कि हम इस सुधार के साथ सेना में युवावस्था और अनुभव को साथ लाना चाहते हैं। सेना में अनुशासनहीनता की कोई जगह नहीं है, इसलिए अग्निवीरों को भी कुशल प्रशिक्षण के साथ-साथ मानसिक, शारीरिक और अनुशासन में रहने की भी ट्रेनिंग दी जाएगी। अग्निवीरों को मिलने वाले भत्तों के बारे में कहा कि ‘अग्निवीर’ को सियाचिन और अन्य क्षेत्रों जैसे क्षेत्रों में वही भत्ता मिलेगा जो वर्तमान में सेवारत नियमित सैनिकों को मिलता है। सेवा शर्तों में उनके साथ कोई भेदभाव नहीं होगा।देश की सेवा में अपना जीवन कुर्बान करने वाले ‘अग्निवीर’ को एक करोड़ रुपये का मुआवजा मिलेगा।

लेफ्टिनेंट जनरल बंशी पुनप्पा ने कहा कि सेना में अग्निवीरों की भर्ती के लिए 1 जुलाई को नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा जिसके बाद लोग रजिस्ट्रेशन शुरू कर सकते हैं। भर्ती के लिए पहली रैली अगस्त के दूसरे सप्ताह से शुरू होगी जिसमें फिजिकल टेस्ट और मेडिकल होगा। उसके बाद एंट्रेंस एग्जाम होगा फिर उन्हें कॉलम में मेरिट के हिसाब से भेजेंगे। अगस्त से लेकर नवंबर तक 2 बैच में रैलियां होंगी। पहले लॉट में 25 हजार अग्निवीर दिसंबर के पहले सप्ताह में आएंगे। अग्निवीरों का दूसरा जत्था फरवरी में आएगा।

उन्होंने कहा कि देश के हर राज्य में हर आखिरी गांव तक कुल 83 भारतीय रैलियां होंगी। वायु सेना में 24 जून से बहाली शुरू होगी, जबकि नेवी में बहाली के लिए 25 जून को नोटिफिकेशन आएगा। नौसेना के वाइस एडमिरल दिनेश त्रिपाठी के अनुसार अगले दो-तीन दिनों में 25 जून तक हमारा विज्ञापन मंत्रालय तक पहुंच जाएगा। 21 नवंबर को नेवी के अग्निवीर का पहला बैच आईएन एसचिल्का ओडिशा में रिपोर्ट करना शुरू कर देगा। हम महिलाओं को भी अग्निवीर बना रहे हैं।

 

courtesy HS

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।

राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से मुलाकात से जुड़ी तस्वीरें साझा करते हुए कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की।

उल्लेखनीय है कि अगले माह देश में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 18 जुलाई को मतदान होगा और 21 जुलाई को नतीजे आयेंगे।

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को दिल्ली के प्रगति मैदान में एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना का उदघाटन करने के साथ ही देशवासियों को स्वच्छता का संदेश दिया। परियोजना के तहत निर्मित सुरंग का निरीक्षण करने के दौरान कुछ कचरा देखा तो वे खुद को रोक न सके और उसे उठाना शुरू कर दिया।

दिल्ली स्थित प्रगति मैदान के समीप बने एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग के साथ बने पांच अंडरपास का प्रधानमंत्री ने आज उद्धाटन किया। उद्धाटन के बाद वह सुरंग का निरीक्षण कर रहे थे और वहां बनी कलाकृतियों को देख रहे थे। इसी दौरान उनकी नजर सुरंग में कुछ कचरे पर पड़ी, उन्होंने झुक कर कचरे को उठाना शुरू कर दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री का कचरा उठाने वाला वीडियो वायरल हो गया है।

उल्लेखनीय है कि प्रगति मैदान एकीकृत ट्रांजिट कॉरिडोर परियोजना की मुख्य सुरंग समेत पांच अंडरपास को देश को समर्पित किया। आज से यह आम जनता के लिए खोल दिया गया है। इससे प्रगति मैदान और आसपास की सभी सड़कों पर आवागमन सुगम होगा। लोग बिना जाम का सामना किये समय पर अपनी मंजिल पर पहुंच सकेंगे।

पटना: बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा की तारीख आयोग ने तय नहीं की है लेकिन बीपीएससी ने इस वर्ष होने वाली संभावित परीक्षाओं की सूची और उनके संभावित समय कैलेंडर भी जारी किये हैं।

जारी कैलेंडर के मुताबिक, सहायक अभियंता असैनिक लिखित (वस्तुनिष्ठ) परीक्षा, सहायक अभियंता यांत्रिक लिखित (वस्तुनिष्ठ) परीक्षा और सहायक अभियंता विद्युत लिखित (वस्तुनिष्ठ) परीक्षा सितंबर- अक्टूबर तक ली जायेगी। बाल विकास परियोजना पदाधिकारी मुख्य (लिखित) प्रतियोगिता परीक्षा अक्टूबर में ली जाएगी।

सहायक अंकेक्षण अधिकारी (प्रारंभिक) प्रतियोगिता परीक्षा अगस्त में, सहायक नगर योजना (टाउन प्लानिंग) पर्यवेक्षक लिखित प्रतियोगिता परीक्षा सितंबर- अक्टूबर, राजकीय पॉलिटेक्निक राजकीय महिला पॉलिटेक्निक संस्थानों में व्याख्याता लिखित प्रतियोगिता परीक्षा अगस्त- नवंबर तक, राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालयों में सहायक प्राध्यापक लिखित प्रतियोगिता परीक्षा अक्टूबर- नवंबर तक, परियोजना प्रबंधन मुख्य लिखित प्रतियोगिता परीक्षा- सितंबर में,अंकेक्षक (बिहार पंचायत अंकेक्षण सेवा) की परीक्षा सितंबर में और सहायक लोक स्वच्छता एवं अपशिष्ट प्रबंधन पदाधिकारी लिखित प्रतियोगिता परीक्षा- नवंबर में ली जा सकेगी।

उल्लेखनीय है कि बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा 08 मई को ली गयी थी लेकिन परीक्षा शुरू होने के कुछ समय बाद ही पेपर लीक होने की जानकारी आने लगी। जांच में यह सही पाया गया। इसके बाद परीक्षा रद्द कर दी गयी थी।

पटना: केन्द्र सरकार की सेना भर्ती योजना अग्निपथ को लेकर देशभर में मचे बवाल के बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने केन्द्र सरकार से 20 सवाल किये हैं। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं के मन में जो संशय है, उसे केन्द्र सरकार दूर करे। पहले भी केंद्र सरकार जो भी योजना लाई, वह फेल रही है।

तेजस्वी यादव ने दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि तीन चार दिन से कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। देश सेवा करने वाले युवाओं में नाराजगी है। सरकार के फैसले से वे दुखी हैं।

तेजस्वी के 20 सवाल

-केंद्र बताए कि चार साल में बहाल होने वाले सैनिकों को 90 दिन की छुट्टी मिलेगी।

-अग्निपथ योजना में ठेके पर अफसरों की भर्ती क्यों नहीं की जा रही है। सिर्फ सैनिकों के लिए क्यों।

-सरकार शिक्षित युवाओं के लिए तैयार की गई मनरेगा या संघ का गुप्त एजेंडा बताये।

-केंद्र बताए कि चार साल की देश सेवा के बाद मिलने वाली राशि पर टैक्स लगेगा या नहीं। अगर टैक्स लगेगा तो कितनी राशि बचेगी।

-अग्निवीरों को दूसरे सैनिकों की तरह गैच्यूटी देगी या नहीं।

-क्या सरकार अग्निवीरों को कैंटीन, पूर्व सैनिकों को मिलने वाले चिकित्सीय सुविधा देगी ।

-क्या सरकार ने यह योजना बनाने से पहले डिफेंस एक्सपर्ट से किसी प्रकार फीडबैक लिया गया या नहीं। अब तक सभी एक्सपर्ट ने इसे हानिकारक बताया है।

-क्या यह पहली सरकारी योजना नहीं है, जिसमें चार साल के बाद विशुद्ध बेरोजगारी की संभावना है।

-इस योजना में नौकरी पाकर 22 वर्ष की आयु में युवा रिटायर हो जाएंगे। इससे उनकी पढ़ाई बाधित हो जाएगी।

-विश्लेषकों का मत है कि एक बड़ी आबादी की 22 वर्ष की उम्र में रिटायर होने से विधि व्यवस्था प्रभावित होगी।

-क्या यह नहीं दर्शाता है कि सरकार में दूरदर्शिता का अभाव है।

-वन रैंक वन पेंशन की जगह नो रैंक, नो पेंशन योजना।

-सेना में 50-60 हजार सैनिक रिटायर हुए लेकिन एक भी भर्ती नहीं निकाली गई। अब रिक्त पदों पर कुछ हजार सैनिक बहाल कर रहे हैं वह भी सिर्फ चार के लिए। यह युवाओं के साथ नाइंसाफी है।

-अगर देश के सबसे बड़े नियोक्ताओं रेलवे,सेना में ठेके पर नौकरी पर देना सही नहीं। सरकार बताए कि अब युवा कहां सरकारी नौकरी खोजेंगे।

-अगर भाजपा को ठेकेदारी प्रथा इतनी ही पसंद है तो पहले अपने मंत्री, सांसद और अधिकारियों को सरकारी नौकरी से इस्तीफा दिलाएं।

-एक तरफ सरकार बड़े उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के लाखों करोड़ के लोन माफ करती है। दूसरी तरफ सेना के बजट में कटौती की गई है। पिछले आठ साल में 11 लाख करोड़ का लोन माफ किया गया। दूसरी तरफ कॉस्ट कटिंग की गई। सेना भारत का प्रतिष्ठित संस्थान है। क्या सरकार को सेना में दखल देना सही है।

-सरकार को बेरोजगारी की विकराल समस्या को अच्छे से एड्रेस क्यों नहीं करती है। क्या इस पर संवेदनशीलता से विचार करने की जरुरत नहीं है।

-केंद्र बताये कि 70 फीसदी युवा नौकरी को लेकर तनाव में नहीं है।

-क्या सरकार बेरोजगारी के कारण उत्पन्न और हिंसा के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। 10 लाख से अधिक पद केंद्र में रिक्त है। इसके लिए दोषी कौन है। इसके लिए विपक्ष कैसे जिम्मेदार है।

-क्या भारत सरकार ने दो करोड़ नौकरी 2022 तक देने का लोक लुभावन भाषण दिया था। उसका क्या हुआ।