पटना: केन्द्र सरकार की सेना भर्ती योजना अग्निपथ को लेकर देशभर में मचे बवाल के बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने केन्द्र सरकार से 20 सवाल किये हैं। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं के मन में जो संशय है, उसे केन्द्र सरकार दूर करे। पहले भी केंद्र सरकार जो भी योजना लाई, वह फेल रही है।
तेजस्वी यादव ने दिल्ली में आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि तीन चार दिन से कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। देश सेवा करने वाले युवाओं में नाराजगी है। सरकार के फैसले से वे दुखी हैं।
केंद्र सरकार द्वारा बिना सोचे समझे लाई गयी योजनाएँ Take off से पहले ही Crash हो जाती है। ऐसी योजनाओं की अकाल मृत्यु हो जाती है लेकिन BJP के लोग आखिर तक फ़ालतू में इनका Hip-Hip Hurray..करते रहते है और बाद में योजना वापस ले लेते है।
प्रेस वार्ता में सरकार से पूछे गए 20 सवाल। pic.twitter.com/oTkzGm6S9i
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 19, 2022
तेजस्वी के 20 सवाल
-केंद्र बताए कि चार साल में बहाल होने वाले सैनिकों को 90 दिन की छुट्टी मिलेगी।
-अग्निपथ योजना में ठेके पर अफसरों की भर्ती क्यों नहीं की जा रही है। सिर्फ सैनिकों के लिए क्यों।
-सरकार शिक्षित युवाओं के लिए तैयार की गई मनरेगा या संघ का गुप्त एजेंडा बताये।
-केंद्र बताए कि चार साल की देश सेवा के बाद मिलने वाली राशि पर टैक्स लगेगा या नहीं। अगर टैक्स लगेगा तो कितनी राशि बचेगी।
-अग्निवीरों को दूसरे सैनिकों की तरह गैच्यूटी देगी या नहीं।
-क्या सरकार अग्निवीरों को कैंटीन, पूर्व सैनिकों को मिलने वाले चिकित्सीय सुविधा देगी ।
-क्या सरकार ने यह योजना बनाने से पहले डिफेंस एक्सपर्ट से किसी प्रकार फीडबैक लिया गया या नहीं। अब तक सभी एक्सपर्ट ने इसे हानिकारक बताया है।
-क्या यह पहली सरकारी योजना नहीं है, जिसमें चार साल के बाद विशुद्ध बेरोजगारी की संभावना है।
-इस योजना में नौकरी पाकर 22 वर्ष की आयु में युवा रिटायर हो जाएंगे। इससे उनकी पढ़ाई बाधित हो जाएगी।
-विश्लेषकों का मत है कि एक बड़ी आबादी की 22 वर्ष की उम्र में रिटायर होने से विधि व्यवस्था प्रभावित होगी।
-क्या यह नहीं दर्शाता है कि सरकार में दूरदर्शिता का अभाव है।
-वन रैंक वन पेंशन की जगह नो रैंक, नो पेंशन योजना।
-सेना में 50-60 हजार सैनिक रिटायर हुए लेकिन एक भी भर्ती नहीं निकाली गई। अब रिक्त पदों पर कुछ हजार सैनिक बहाल कर रहे हैं वह भी सिर्फ चार के लिए। यह युवाओं के साथ नाइंसाफी है।
-अगर देश के सबसे बड़े नियोक्ताओं रेलवे,सेना में ठेके पर नौकरी पर देना सही नहीं। सरकार बताए कि अब युवा कहां सरकारी नौकरी खोजेंगे।
-अगर भाजपा को ठेकेदारी प्रथा इतनी ही पसंद है तो पहले अपने मंत्री, सांसद और अधिकारियों को सरकारी नौकरी से इस्तीफा दिलाएं।
-एक तरफ सरकार बड़े उद्योगपतियों और पूंजीपतियों के लाखों करोड़ के लोन माफ करती है। दूसरी तरफ सेना के बजट में कटौती की गई है। पिछले आठ साल में 11 लाख करोड़ का लोन माफ किया गया। दूसरी तरफ कॉस्ट कटिंग की गई। सेना भारत का प्रतिष्ठित संस्थान है। क्या सरकार को सेना में दखल देना सही है।
-सरकार को बेरोजगारी की विकराल समस्या को अच्छे से एड्रेस क्यों नहीं करती है। क्या इस पर संवेदनशीलता से विचार करने की जरुरत नहीं है।
-केंद्र बताये कि 70 फीसदी युवा नौकरी को लेकर तनाव में नहीं है।
-क्या सरकार बेरोजगारी के कारण उत्पन्न और हिंसा के लिए सरकार जिम्मेदार नहीं है। 10 लाख से अधिक पद केंद्र में रिक्त है। इसके लिए दोषी कौन है। इसके लिए विपक्ष कैसे जिम्मेदार है।
-क्या भारत सरकार ने दो करोड़ नौकरी 2022 तक देने का लोक लुभावन भाषण दिया था। उसका क्या हुआ।