New Delhi: केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया ने हॉकी एशिया कप 2025 ट्रॉफी का अनावरण किया।

प्रतियोगिता 29 अगस्त से 7 सितंबर, 2025 तक बिहार के राजगीर में स्थित राजगीर हॉकी स्टेडियम में आयोजित की जाएगी।  राजगीर संस्करण ऐतिहासिक होने वाला है, क्योंकि यह बिहार में आयोजित होने वाला पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय हॉकी टूर्नामेंट है।

इस साल का एशिया कप नीदरलैंड और बेल्जियम में होने वाले 2026 एफआईएच पुरुष हॉकी विश्व कप के लिए सीधा क्वालीफायर भी होगा।

टूर्नामेंट जीतने वाली टीम को सीधे प्रवेश मिलेगा, जबकि दूसरे से छठे स्थान पर रहने वाली टीमें अगले साल के विश्व कप क्वालीफायर में प्रवेश करेंगी।

नई दिल्ली, 26 अगस्त (हि.स.)। हॉकी प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। हॉकी इंडिया ने मंगलवार को घोषणा की कि हीरो पुरुष एशिया कप राजगीर, बिहार 2025 के सभी मैचों में दर्शकों का प्रवेश पूरी तरह निःशुल्क होगा।

29 अगस्त से 7 सितंबर तक नव-निर्मित राजगीर हॉकी स्टेडियम में होने वाला यह टूर्नामेंट बिहार की धरती पर हॉकी का ऐतिहासिक उत्सव बनने जा रहा है।

प्रशंसक अपनी मुफ्त टिकट पाने के लिए www.ticketgenie.in या हॉकी इंडिया ऐप पर पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण के बाद उन्हें वर्चुअल टिकट प्राप्त होगा, जिससे स्टेडियम में प्रवेश सहज और बिना किसी परेशानी के हो सकेगा।

इस अवसर पर हॉकी इंडिया के अध्यक्ष डॉ. दिलीप तिर्की ने कहा, “राजगीर में हीरो पुरुष एशिया कप की मेजबानी भारतीय हॉकी के लिए ऐतिहासिक क्षण है। हम चाहते हैं कि हर प्रशंसक इस यात्रा का हिस्सा बने।

प्रवेश निशुल्क रखने का उद्देश्य खेल को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाना है ताकि परिवार, छात्र और युवा खिलाड़ी विश्वस्तरीय हॉकी का आनंद ले सकें। यह सिर्फ टूर्नामेंट नहीं, बल्कि खेल का उत्सव है और बिहार के लोग इसके केंद्र में हैं।”

हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने भी खुशी जाहिर करते हुए कहा,“हम बेहद उत्साहित हैं कि सभी मैचों के लिए दर्शकों को निशुल्क प्रवेश मिलेगा। राजगीर ने हॉकी के प्रति जबरदस्त उत्साह दिखाया है और हमें विश्वास है कि दर्शक बड़ी संख्या में स्टेडियम आएंगे। यह पहल पूरे भारत में हॉकी संस्कृति को मजबूत बनाने की दिशा में हमारा संकल्प है।”
इस टूर्नामेंट में एशिया की शीर्ष आठ टीमें भाग लेंगी — भारत, जापान, चीन, कजाकिस्तान, मलेशिया, कोरिया, बांग्लादेश और चीनी ताइपे। यह टूर्नामेंट एफआईएच हॉकी विश्व कप 2026 के लिए क्वालीफायर भी है, जिससे हर मुकाबला और ज्यादा रोमांचक होगा।
भारतीय टीम पूल-ए में जापान, चीन और कजाकिस्तान के साथ रखी गई है। भारत 29 अगस्त को चीन के खिलाफ अपना अभियान शुरू करेगा, 31 अगस्त को जापान से भिड़ेगा और 1 सितंबर को कजाकिस्तान से अपना अंतिम पूल मैच खेलेगा।

Chhapra: छपरा नगर निगम की उप महापौर रागिनी कुमारी ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर वार्ड 04 में पानी टंकी के समरसेबल को बदलने की मांग की है।

पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि वार्ड 4 में अवस्थित पानी टंकी का समरसेबल विगत दो महीने से खराब है, 2-3 बार बनवाने के बाद भी पानी सप्लाई नहीं हो पा रहा है।  पुराना समर सेबल पूरी तरह से खराब हो गया है। पानी की सप्लाई नहीं होने से लगभग दस हजार से ज्यादा की आबादी प्रभावित है। पानी की सप्लाई ठप पर जाने के कारण लोग पानी के संकट से गुजर रहे है।

उन्होंने मांग की है कि जनकल्याण कार्य को देखते हुए वार्ड 4 पानी टंकी का समर सेबल बदलवा कर नया समर सेबल लगाया जाए, ताकि पेयजल का संकट दूर हो सके।

 

Chhapra: सर्किट हाउस में ‘उन्नति के बीस साल–युवा संवाद’ कार्यक्रम के तहत प्रेस वार्ता आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता युवा जिलाध्यक्ष संतोष कुमार पटेल ने की।

इस मौके पर युवा जनता दल (यू) के प्रदेश अध्यक्ष नितीश पटेल ने युवाओं के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्यों और योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य ने शिक्षा, खेल और रोजगार के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की है।

प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 2005 में राज्य का शिक्षा बजट 4,366 करोड़ रुपये था, जो बढ़कर 2025-26 में 76,954 करोड़ रुपये हो गया है। वर्तमान में बिहार सरकार अपने बजट का करीब 22 प्रतिशत शिक्षा पर खर्च कर रही है। उन्होंने कहा कि “यह कदम युवाओं के भविष्य को सुरक्षित बनाने और उनके लिए नए अवसरों के द्वार खोलने वाला है। उन्होंने कहा कि बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना के तहत उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को चार लाख रुपये तक का ऋण सिर्फ 4 प्रतिशत ब्याज दर पर उपलब्ध है। दिव्यांग, ट्रांसजेंडर और छात्राओं के लिए यह ब्याज दर मात्र 1 प्रतिशत है, जिसका वहन स्वयं राज्य सरकार करती है।

युवा जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष सह सारण प्रमंडल कार्यक्रम प्रभारी डॉ. राकेश भारती ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2024 में राज्य में नए खेल विभाग का गठन किया गया है। खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने के लिए पटना के पाटलिपुत्र स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में विश्वस्तरीय इनडोर स्टेडियम का निर्माण हो रहा है। साथ ही पंचायत स्तर पर भी खेल मैदानों का विकास किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि “उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए अब राज्य सरकार ने नया नारा दिया है–‘मेडल लाओ, नौकरी पाओ।

इस अवसर पर बिहार राज्य राजनीति सलाहकार समिति के सदस्य संतोष कुमार, प्रदेश महासचिव सुशांत पटेल, युवा प्रदेश महासचिव रंजीत पटेल, प्रदेश महासचिव विश्वजीत कुमार, प्रदेश महासचिव टिंकू पटेल, प्रदेश महासचिव सुभाष पटेल, प्रदेश महासचिव कुमार शौरव, युवा जिला महासचिव नवीन गिरी समेत जिला कमिटी एवं प्रखंड अध्यक्ष बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

– पहलगाम में हुए हमले के बाद भारतीय सेना ने अपने तय किए लक्ष्य पर सिर्फ 22 मिनट में सफलता पाई : प्रधानमंत्री मोदी
– जो लोग गांधीजी के नाम पर अपनी गाड़ी चलाते रहे, उनके मुंह से न कभी स्वच्छता शब्द सुना और न ही स्वदेशी शब्द : मोदी

अहमदाबाद, 25 अगस्त (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी आज से दो दिन के गुजरात प्रवास पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से निकोल तक भव्य रोड शो किया और एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने शहरी विकास वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में 5477 करोड़ के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इस मौके पर राज्यपाल आचार्य देवव्रत, प्रदेश अध्यक्ष एवं केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी.आर. पाटील और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में सभी ने मेक इन इंडिया अपनाने का संकल्प लिया।

भारतीय जनता पार्टी गुजरात प्रदेश के मीडिया विभाग ने एक बयान में बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि देशभर में गणेश उत्सव का अद्भुत उत्साह देखने को मिल रहा है। गणपति बाप्पा के आशीर्वाद से गुजरात के विकास से जुड़े अनेक कार्यों का श्रीगणेश हुआ है। यह मेरा सौभाग्य है कि अनेक परियोजनाएं जनता को समर्पित करने का अवसर मिला। इन विकास कार्यों के लिए जनता को बधाई देता हूं।

उन्होंने कहा कि इस वर्ष गुजरात के कई हिस्सों में भारी बारिश हुई है। देश के अन्य राज्यों में भी बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। हर प्रभावित परिवार के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूं। प्रकृति का प्रकोप आज पूरे देश और दुनिया के लिए चुनौती बना हुआ है। केंद्र सरकार सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य कर रही है।

मोदी ने आगे कहा कि गुजरात की धरती दो “मोहन” की धरती है- एक सुदर्शन चक्रधारी मोहन अर्थात हमारे द्वारकाधीश भगवान श्रीकृष्ण और दूसरे चरखा धारी मोहन अर्थात पूज्य बापू जी। आज हम दोनों के दिखाये मार्ग पर चलकर निरंतर मजबूत हो रहे हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने हमें सिखाया कि समाज और देश की रक्षा कैसे करनी है। उनका सुदर्शन चक्र न्याय और सुरक्षा का कवच बना, जो दुश्मन को पाताल में जाकर भी सजा देता है। यही भावना आज भारत के निर्णयों में देश और दुनिया महसूस कर रही है।

अहमदाबाद के पुराने दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि गुजरात और खासकर अहमदाबाद ने ऐसे दिन भी देखे जब दंगाइयों, चाकू चलाने वालों और कर्फ्यू के कारण त्योहारों पर खून-खराबा होता था, लेकिन आज आतंकियों और उनके आकाओं को सरकार छोड़ती नहीं है। पहले की दिल्ली की कांग्रेस सरकारें चुप बैठी रहती थीं, जब हमारे जवानों का खून बहता था लेकिन दुनिया ने देखा कि पहलगाम का बदला भारत ने कैसे लिया- 22 मिनट में हमारी सेना ने सफाचट कर दिया। तय किए गए लक्ष्य पर सेना ने वार कर आतंकवाद की नाभि पर हमला किया। ऑपरेशन सिंदूर सेना के शौर्य और सुदर्शन चक्रधारी मोहन के भारत की इच्छाशक्ति का प्रतीक बन गया है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि चरखा धारी मोहन, पूज्य बापू जी ने भारत की समृद्धि का मार्ग स्वदेशी में बताया था। साबरमती आश्रम इसका साक्षी है। लेकिन जिन लोगों ने बापू के नाम पर सत्ता का सुख भोगा। उन्होंने स्वदेशी के मंत्र के साथ क्या किया ? उनके मुंह से न तो स्वच्छता और न ही स्वदेशी का शब्द सुनाई देता है। 60–65 वर्षों तक कांग्रेस ने शासन किया और भारत को दूसरे देशों पर निर्भर रखा ताकि वे सत्ता में बैठे-बैठे आयात से खेल सकें लेकिन आज भारत ने आत्मनिर्भरता को विकसित भारत के निर्माण का आधार बनाया है। किसानों, मछुआरों, पशुपालकों और उद्योगकारों के दम पर भारत तेजी से विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। गुजरात का डेयरी सेक्टर बहुत मजबूत है और इसमें बहनों का योगदान सबसे बड़ा है। उन्होंने पशुपालन कर डेयरी शक्ति को मजबूत और आत्मनिर्भर बनाया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने छोटे उद्योगकारों, किसानों, पशुपालकों से कहा कि आज दुनिया में आर्थिक स्वार्थ की राजनीति हो रही है। मैं अहमदाबाद की धरती से वचन देता हूं कि मोदी के लिए आपका हित सर्वोपरि है। मेरी सरकार कभी आपके साथ अन्याय नहीं होने देगी। कितना भी दबाव आए, हम उसे सहन करने की शक्ति बढ़ाते रहेंगे। आत्मनिर्भर भारत अभियान को गुजरात से बहुत ऊर्जा मिली है। यह दो दशकों की मेहनत का परिणाम है।

उन्होंने कहा कि कभी अहमदाबाद में दूध-छाछ के लिए भी कर्फ्यू लगते थे, लेकिन आज अहमदाबाद देश का सबसे सुरक्षित शहर बन चुका है। गुजरात की शांति और सुरक्षा ने हर क्षेत्र में विकास के अवसर बढ़ाए हैं। आज गुजरात मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर चुका है।

प्रधानमंत्री ने बताया कि गुजरात में बने मेट्रो कोच अन्य देशों में निर्यात हो रहे हैं। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ गुजरात में कारखाने लगा रही हैं। इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन का भी गुजरात बड़ा केंद्र बन रहा है। सेमीकंडक्टर सेक्टर, टेक्सटाइल, जेम्स-ज्वेलरी, दवा और वैक्सीन निर्माण में गुजरात अग्रणी है। ग्रीन एनर्जी और पेट्रोकेमिकल हब के रूप में भी गुजरात की भूमिका अहम है।

उन्होंने कहा कि साबरमती आश्रम का नवीनीकरण हो रहा है। सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा के बाद यह कार्य ऐतिहासिक है। गरीब जब गरीबी से बाहर निकलते हैं तो नया नियो मिडल क्लास बनकर देश की ताकत बनते हैं। हमारी सरकार ने 12 लाख की आय पर आयकर माफ कर दिया। जीएसटी में भी सुधार हो रहे हैं और दिवाली से पहले बड़ी सौगात मिलने वाली है। स्वच्छता अभियान एक दिन का काम नहीं, बल्कि रोज का कार्य है।

प्रधानमंत्री ने साबरमती रिवरफ्रंट, कांकड़िया कार्निवल, अहमदाबाद के पर्यटन महत्व का भी उल्लेख किया और कहा कि अहमदाबाद यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज सिटी है। उन्होंने कहा कि त्योहार केवल संस्कृति का ही नहीं बल्कि आत्मनिर्भरता का भी उत्सव बनना चाहिए। 2047 तक भारत विकसित राष्ट्र बनेगा और इसका रास्ता स्वदेशी और आत्मनिर्भरता से होकर जाता है।

मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने संबोधन में कहा कि गुजरात के पनोता पुत्र प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी ने लगातार 4078 दिनों से अधिक शासन कार्य कर देश की राजनीति में अनूठा इतिहास रचा है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर सफलतापूर्वक पूरा किया। यह मोदी जी के नेतृत्व में भारत की शक्ति और आत्मनिर्भरता का परिचायक है।

इस कार्यक्रम में राज्य के मंत्रीगण, प्रदेश और जिला पदाधिकारी, सांसद, विधायक और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

पटना, 25 अगस्त (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ईंडी (आईएनडीआईए) ब्लॉक के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को नक्सलवाद के मुद्दे पर लगातार घेर रही है। गृह मंत्री अमित शाह के बाद अब भाजपा के वरिष्ठ नेता और सांसद रविशंकर प्रसाद ने सुदर्शन रेड्डी पर सवाल खड़े किए हैं।

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद ने प्रदेश कार्यालय पटना में सोमवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में केंद्र की सरकार नक्सलवाद को समाप्ति के कगार पर पहुंचा दिया है, जबकि 2011 के सलवा जुडूम मामले में सर्वोच्च न्यायालय के जज रहते हुए बी. सुदर्शन रेड्डी ने एक फैसला सुनाया था, जिस पर गृहमंत्री की टिप्पणी और चिंता जायज है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि बी. सुदर्शन रेड्डी से जुड़ा यह मुद्दा आज फिर से उठ खड़ा हुआ है, क्योंकि अब वे उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। इस देश के लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति का पद दूसरा सबसे ऊंचा स्थान रखता है। इसलिए इस पद के लिए चुने गए व्यक्ति की मानसिकता और विचारधारा को समझना बेहद जरूरी है।

भाजपा सांसद ने कहा कि बी. सुदर्शन रेड्डी के हालिया फैसलों से साफ जाहिर है कि उनका झुकाव माओवाद की ओर है। ऐसे में न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बयान का हम समर्थन करते हैं, क्योंकि उन्होंने बिल्कुल सही कहा है।

उल्लेखनीय है कि रविशंकर प्रसाद से पहले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आरोप लगाया था कि बी. सुदर्शन रेड्डी ने सलवा जुडूम पहल को अस्वीकार कर आदिवासी समुदायों की आत्मरक्षा के अधिकार को छीन लिया था। जिसकी वजह से देश में नक्सलवाद दो दशकों से अधिक समय तक बना रहा। गृह मंत्री ने यह दावा किया था कि उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर पूर्व न्यायाधीश के चयन में वामपंथी विचारधारा भी एक मापदंड रही होगी।

क्या है मामला?

दरअसल में साल 2011 में उच्चतम न्यायालय के दो न्यायाधीश जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी और जस्टिस एस. एस. निज्जर की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए सलवा जुडूम को अवैध और असंवैधानिक करार दिया था। अदालत ने कहा था कि सरकार नागरिकों खासकर आदिवासी युवाओं को बंदूक थमाकर सुरक्षा बलों की तरह इस्तेमाल नहीं कर सकती। साथ ही अदालत ने यह भी निर्देश दिया था कि सभी विशेष पुलिस अधिकारियों को तुरंत नि:शस्त्र किया जाए और उन्हें अन्य वैकल्पिक रोजगार मुहैया कराया जाए। न्यायालय की ओर से कहा गया था कि सरकार की नीति लोकतंत्र और संविधान के खिलाफ है। इससे समाज में हिंसा और अराजकता बढ़ेगी।

नई दिल्ली, 25 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत मंगलवार से अगले 3 दिन दिल्ली के विज्ञान भवन में समाज के विविध क्षेत्र से जुड़े लोगों से संगठन की 100 वर्षों की यात्रा पर संवाद करेंगे। कल से प्रारंभ होने वाले इस तीन दिवसीय सम्मेलन में अब तक 1300 गणमान्य व्यक्तियों ने अपनी उपस्थित की पुष्टि की है। सम्मेलन का विषय 100 वर्ष की संघ यात्रा ‘नए क्षितिज’ है।

तीन दिवसीय सम्मेलन से एक दिन पूर्व सोमवार को संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने पत्रकारों से बातचीत में इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय आयोजन में सेवानिवृत न्यायाधीश, पूर्व राजनयिक, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, विभिन्न देशों के राजनयिक और खेल व कला क्षेत्र से जुड़ी हस्तियों तथा राजनीतिक दलों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। इनमें से अब तक 1300 ने निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विजयादशमी के दिन वर्ष 1925 में नागपुर में स्थापना हुई थी। यह वर्ष संघ अपने शताब्दी वर्ष के तौर पर मना रहा है और इसी क्रम में संगठन ने देशभर में अपने स्वयंसेवकों के माध्यम से समाज से संवाद करने के विभिन्न कार्यक्रमों की योजना बनाई है। यह कार्यक्रम 02 अक्टूबर को विजयादशमी से प्रारंभ होंगे, जिसमें देशभर में संघ के स्वयंसेवक गणवेश में संचलन करेंगे।

इसके बाद घर-घर जाकर संघ के बारे में जानकारी देने से जुड़ा संपर्क अभियान, हिंदू सम्मेलन, सद्भाव बैठकें और अन्य आयोजन होंगे। इसी कड़ी में संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत के देश के चार प्रमुख शहरों में तीन दिवसीय संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किए जायेंगे। इस कड़ी में पहला आयोजन कल से दिल्ली में हो रहा है। दिल्ली के विज्ञान भवन शाम को सरसंघचालक संवाद करेंगे। इसी तरह का एक आयोजन 2018 में भी विज्ञान भवन में ही आयोजित हो चुका है।

सुनील आंबेकर ने बताया कि पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, पूर्व राजनयिक कंवल सिब्बल, खेल क्षेत्र से जुड़े जुड़े अभिनव बिंद्रा और कपिल देव कल के आयोजन में शामिल होने की संतुति दे चुके हैं।

Hartalika Teej 2025: हिंदू धर्म में हरतालिका तीज एक बहुत ही पवित्र त्योहार माना जाता है. यह त्योहार भक्ति, प्रेम और समर्पण का प्रतीक है. खासतौर पर महिलाएं इसे बड़े उत्साह के साथ मनाती हैं. हर साल भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है. इस दिन महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा करती हैं और पूरे नियम-पूर्वक व्रत का पालन करती हैं. शादीशुदा महिलाएं इस व्रत को अपने पति की लंबी उम्र, वैवाहिक जीवन में सौहार्द और खुशहाली के लिए रखती हैं. वहीं, अविवाहित लड़कियां इसे अपनी मनचाही जीवनसाथी की प्राप्ति की कामना के लिए करती हैं.लेकिन बिहार में तीज व्रत सिर्फ महिलाएं विवाह के बाद ही करती है और कन्या सिर्फ भगवान शंकर का पूजा करती है.

हरतालिका तीज का नाम और कथा

हरतालिका शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है ‘हरत’और ‘आलिका’जिसका अर्थ है अपहरण और महिला मित्र कथा के अनुसार, माता पार्वती की सहेलियों ने उन्हें जंगल में ले जाकर छुपा दिया ताकि उनके पिता, पार्वती की मर्जी के बिना भगवान विष्णु से उनका विवाह न करा पाएं.

हरतालिका तीज व्रत की पूजा विधि

हरतालिका तीज का व्रत काफी कठिन माना जाता है क्योंकि महिलाएं इसे निर्जला (बिना पानी और भोजन के) 24 घंटे तक रखती हैं. व्रत की शुरुआत ब्रह्म मुहूर्त में होती है.महिलाएं स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनती हैं और मिट्टी से भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियां बनाकर पूजा करती हैं. दिनभर महिलाएं व्रत रखकर संध्या में कथा सुनती हैं, भजन-कीर्तन करती हैं और रातभर जागरण करती हैं. सुबह भगवान शिव तथा पार्वती के प्रतिमा को नदी या तलाब में विसर्जन कर घर आकर अपने कूल देवता का पूजन कर ब्राह्मण को भोजन कराकर या कुछ अन्य दान कर भोजन करती है .

हरतालिका तीज 2025 की तिथि

– इस साल हरतालिका तीज 26 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी.

– तृतीया तिथि प्रारंभ: 25 अगस्त 2025, दोपहर 11:31 .

– तृतीया तिथि समाप्त: 26 अगस्त 2025, दोपहर 12:39 बजे.
-हस्त नक्षत्र का आरम्भ 26 अगस्त 2025 सुबह 04:04 बजे.
-हस्त नक्षत्र का समाप्ति 27 अगस्त 2025 सुबह 06:00 बजे.

– इस हिसाब से व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा.

हरतालिका तीज का पूजन संध्या काल में करे.

हरतालिका तीज का पूजन सामग्री 

तालाब का मिट्टी या शुद्ध स्थान का मिट्टी, छोटी चौकी, पिला या लाल कपडा, 1 मीटर, जनेऊ 1, आटा का चूरन, अगरबती, माचिस, पिला चंदन, सिंदूर, चावल, दही, ऋतुफल, रक्षा सुत, गंगाजल, श्रृगार की सामान, पान के पता, सुपारी, भगवान पर चढाने के लिए, फुल माला, कपूर प्रसाद के लिए मिठाई।

हरतालिका तीज का महत्व

इस व्रत को करने वाली महिलाएं इसे भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक मानती हैं.इसके ख़ुशी में महिलाये सुबह से अलग अलग पकवान बनाती है. महिलाएं 24 घंटे बिना पानी और भोजन के व्रत करती हैं. रात में वे शिव-पार्वती की कथा सुनती हैं और पूरी भक्ति के साथ पूजा करती हैं. शादीशुदा महिलाएं माता पार्वती को‘सोलह श्रृंगार’ अर्पित करती हैं और भगवान शिव को वस्त्र व अन्य पूजा सामग्री समर्पित करती हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से माता पार्वती प्रसन्न होती हैं और वैवाहिक जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्रदान करती हैं.

ज्योतिषाचार्य संजीत कुमार मिश्रा
ज्योतिष वास्तु एवं रत्न विशेषज्ञ
8080426594/9545290847

नई दिल्ली, 24 अगस्त (हि.स.)। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने रविवार को कहा कि भारतीय लोकतंत्र किसी अन्य देश से आयातित नहीं, बल्कि हमारी परंपराओं, महाकाव्यों और दार्शनिक विचारधारा में निहित है, जहां सदा धर्म और नैतिकता ने सत्ता का मार्गदर्शन किया। उन्होंने इन शब्दों के साथ आज ऑल इंडिया स्पीकर्स कॉन्फ्रेंस के द्वितीय सत्र को संबोधित किया। सत्र का विषय “भारत – मदर ऑफ डेमोक्रेसी” था, जो केंद्रीय विधानसभा के प्रथम भारतीय अध्यक्ष विट्ठलभाई पटेल के 1925 के निर्वाचन की शताब्दी के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया। इस अवसर पर दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट भी उपस्थित रहे।

हरिवंश ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक परंपरा हजारों वर्षों पुरानी है। उन्होंने उल्लेख किया कि ऋग्वेद से ही सभा और समिति जैसी सामूहिक विमर्श की संस्थाओं का उल्लेख मिलता है। रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों में नेतृत्व का संबंध त्याग, नैतिकता और प्रजाजन के प्रति जिम्मेदारी से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी चिंतकों ने राजनीति को नैतिकता से अलग किया, जबकि भारतीय चिंतन में धर्म और शासन हमेशा साथ रहे। उन्होंने कौटिल्य के अर्थशास्त्र का हवाला देते हुए कहा कि “राजा का सुख प्रजा के सुख में है,” और इसे मैकियावेली के उस विचार से अलग बताया कि शासक के लिए भयभीत करना प्रिय होने से अधिक महत्त्वपूर्ण है।

उपसभापति ने कहा कि लोकतंत्र केवल ग्रंथों में ही नहीं बल्कि भारत के सामाजिक जीवन और संस्थानों में भी दृष्टिगोचर होता है – ग्राम पंचायतों, बौद्ध संघों, गणराज्यों से लेकर भक्ति और सूफी आंदोलनों तक। उन्होंने कहा कि गांधीजी स्वयं कहते थे “हम लोकतांत्रिक संस्कृति के लोग हैं” और डॉ. आंबेडकर ने “शिक्षित बनो, संगठित हो, संघर्ष करो” का आह्वान कर इसी परंपरा को आगे बढ़ाया। उन्होंने अब्राहम लिंकन के प्रसिद्ध कथन “लोक के लिए, लोक द्वारा, लोक की सरकार” को कौटिल्य के शाश्वत सूत्र से जोड़ा, जिसमें कहा गया है कि राजा का अस्तित्व प्रजा से अलग नहीं है।

उन्होंने कहा कि इस परंपरा का आधुनिक रूप 1925 में तब सामने आया जब विट्ठलभाई पटेल केंद्रीय विधान सभा के पहले भारतीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए। इसने न केवल सरकार के उम्मीदवार को पराजित किया बल्कि अध्यक्ष पद की स्वतंत्रता और गरिमा की परंपरा स्थापित की। सिंह ने याद दिलाया कि यह सदन महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय, बिपिन चंद्र पाल, पं. मोतीलाल नेहरू, महामना मालवीय जैसे नेताओं की आवाजों का साक्षी रहा है, जिनकी वाणी ने रोलेट एक्ट के विरुद्ध संघर्ष से लेकर असहयोग और सविनय अवज्ञा जैसे आंदोलनों को जन्म दिया।

हरिवंश ने कहा कि यह विधानसभा उन महान नेताओं की वाणी से गूंजी है जिन्होंने भारत की नियति गढ़ी। उनके स्वप्न को आगे बढ़ाना केवल हमारी जिम्मेदारी ही नहीं बल्कि हमारा पवित्र कर्तव्य है। उन्होंने आह्वान किया कि भारत जब 2047 की ओर अग्रसर है, तो लोकतंत्र केवल प्रक्रिया या दलगत राजनीति तक सीमित न रहे, बल्कि नैतिकता, जवाबदेही और जनता की सेवा का प्रतीक बना रहे।

इस अवसर पर हरियाणा विधानसभा के उपाध्यक्ष कृष्ण लाल मिड्ढा, केरल विधानसभा के अध्यक्ष एएन शमसीर, छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष रमन सिंह, जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर, महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नरेवर, राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवानी, महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति राम शिंदे और आंध्र प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष केआर रामकृष्णम राजू सहित अनेक गणमान्य अध्यक्षों एवं उपाध्यक्षों ने भी विचार व्यक्त किए। सभी वक्ताओं ने अपने-अपने राज्यों की समृद्ध विधायी परंपराओं का उल्लेख करते हुए लोकतंत्र को और सशक्त बनाने में अध्यक्षों की भूमिका पर मूल्यवान दृष्टिकोण साझा किया।

जम्मू, 24 अगस्त (हि.स.)। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को जम्मू के राजभवन में अधिकारियों के साथ बैठक की और किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना के बाद राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा की, जिसमें 65 लोगों की जान चली गई।

जम्मू अस्पताल का दौरा करने के बाद राजनाथ सिंह ने क्षेत्र में बाढ़ की समग्र स्थिति की समीक्षा के लिए जम्मू के राजभवन में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

इस बैठक में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, सेना और नागरिक प्रशासन के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हुए।

बैठक के दौरान रक्षा मंत्री ने चल रहे राहत कार्यों का मूल्यांकन किया और बचाव एवं पुनर्वास प्रयासों को बेहतर बनाने की रणनीतियों पर चर्चा की।

उन्होंने क्षेत्र में हाल ही में हुए बादल फटने से प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने में जम्मू और कश्मीर सरकार को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया।

खराब मौसम के कारण सिंह बादल फटने से प्रभावित स्थल का प्रत्यक्ष दौरा नहीं कर सके। इसके बजाय, वह जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) गए जहां उन्होंने इलाज के लिए भर्ती कई बचे हुए लोगों से मुलाकात की।

अपनी यात्रा के दौरान उन्होंने उनकी चिकित्सा स्थिति और अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा उन्हें दी जा रही देखभाल के बारे में पूछताछ की।

Chhapra: पाटलिपुत्र इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस रिसर्च और डिपार्टमेंट ऑफ़ पोलिटिकल साइंस जय प्रकाश विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से 16 सितंबर 2025 को विश्वविद्यालय परिसर में “एक देश एक चुनाव: संभावनाएं और चुनौतियां” विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जा रहा है।

जिसमे देश के विभिन्न विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर भाग लेंगे। पाटलिपुत्र इंस्टिट्यूट ऑफ़ सोशल साइंस रिसर्च के मानद निदेशक डॉ. प्रमोद कुमार का कहना है जय प्रकाश विश्वविद्यालय में समय – समय पर राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार होने से विश्वविद्यालय के छात्रों को अपनी प्रतिभा दिखाने का बेहतर अवसर मिलता है।

देश-दुनिया में हो रहे अकादमिक विमर्श से अवगत रहते है। इस राष्ट्रीय सेमिनार को मंजूरी मिलने पर डॉक्टर प्रमोद ने जीपीयू के कुलपति प्रो. परमेन्द्र कुमार वाजपेयी, राजनीति विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. इरफान अली को धन्यवाद दिए।

डॉ. विकाश कुमार चौहान एवं डॉ. संदीप कुमार यादव को आयोजन समिति का क्रमश: सचिव और सह सचिव बनाया गया है।

नई दिल्ली, 24 अगस्त (हि.स.)।​ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ​रविवार को नई दिल्ली में एक कार्यक्रम के दौरान इसरो के पहले अंतरिक्ष उड़ान मिशन ​’गगनयान​’ का हिस्सा बनने वाले ​वायु सेना के चारों ग्रुप कैप्टन​ को सम्मानित किया।​ रक्षा मंत्री ने चारों गगन यात्रियों को देश के रत्न और राष्ट्रीय आकांक्षाओं का अग्रदूत बताया।​ उन्होंने कहा कि भारत अंतरिक्ष को केवल अनुसंधान के क्षेत्र के रूप में नहीं बल्कि कल की अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, ऊर्जा और मानवता के भविष्य के रूप में देखता है।

रक्षा मंत्री​ ने ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, ग्रुप कैप्टन पीबी नायर, ग्रुप कैप्टन अजीत कृष्णन और ग्रुप कैप्टन अंगद प्रताप को सम्मानित करने ​के बाद अंतरिक्ष में भारत की बढ़ती उपस्थिति पर प्रकाश डालते हुए​ कहा​ कि हम पृथ्वी की सतह से आगे अंतरिक्ष की नई सीमाओं की ओर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। हम चंद्रमा से लेकर मंगल तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं और आज हमारा देश गगनयान जैसे मिशनों के लिए पूरी तरह तैयार है।​ रक्षा मंत्री ने इस उपलब्धि को केवल एक तकनीकी उपलब्धि नहीं बल्कि आत्मनिर्भर भारत की ओर एक बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा​ कि भारत दुनिया की अग्रणी अंतरिक्ष शक्तियों में गर्व से​ ऊंचा स्थान रखता है।

​उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष कार्यक्रम केवल प्रयोगशालाओं और प्रक्षेपण यान तक ही सीमित नहीं है। यह हमारी राष्ट्रीय आकांक्षाओं और वैश्विक दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है। चंद्रयान से लेकर मंगलयान तक हमने यह प्रदर्शित किया है कि सीमित संसाधनों के साथ भी असीमित इच्छाशक्ति सबसे चुनौतीपूर्ण लक्ष्यों को उल्लेखनीय उपलब्धियों में बदल सकती है। राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अंतरिक्ष यात्रा में पीछे नहीं रह सकता। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में अंतरिक्ष खनन, गहन अंतरिक्ष अन्वेषण और ग्रहीय संसाधन मानव सभ्यता की दिशा को पुनर्परिभाषित करेंगे।

रक्षा मंत्री ने आगे कहा कि दुनिया एक ऐसे युग में प्रवेश कर चुकी है​, जहां अंतरिक्ष अब केवल सैन्य शक्ति या तकनीकी कौशल का प्रतीक नहीं, बल्कि मानव सभ्यता की सामूहिक यात्रा में एक नया पड़ाव है। उन्होंने कहा​ कि भारत ने हमेशा दुनिया को ​’वसुधैव कुटुम्बकम​’ का संदेश दिया है और आज हमारे वैज्ञानिक और अंतरिक्ष यात्री इसी संदेश को नई​ ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।​ सफल अंतरिक्ष मिशन के लिए ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला के दृढ़ संकल्प और साहस पर उन्होंने कहा​ कि ढाई साल का प्रशिक्षण मात्र ढाई महीने में पूरा ​करना उनकी असाधारण उपलब्धि​, व्यक्तिगत समर्पण और भारतीय जनता की दृढ़ता का प्रतीक है।

रक्षा मंत्री ने कहा​ कि हालांकि​ शुभांशु भारतीय वायु सेना की वर्दी पहनते हैं, लेकिन अंतरिक्ष में उनकी यात्रा केवल सशस्त्र बलों या भारत की ओर से नहीं, बल्कि समस्त मानवता के प्रतिनिधि के रूप में थी। इस ऐतिहासिक मिशन के माध्यम से नागरिक क्षेत्र में उनका योगदान इतिहास में सदैव अंकित रहेगा।​ अंतरिक्ष यात्रियों को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक रूप से तैयार करने की आवश्यकता पर बल देते हुए राजनाथ सिंह ने इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उनकी​ यह असाधारण उपलब्धि केवल भारत का गौरव ही नहीं, बल्कि संपूर्ण मानवता की प्रगति का प्रमाण है।

इस कार्यक्रम में ग्रुप कैप्टन शुक्ला ने एक्सिओम मिशन 4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा के अपने असाधारण अनुभव को साझा किया। सम्मान समारोह के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान और वायु​ सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी उपस्थित थे।