गड़खा : बेलवनिया गांव में बिजली के शॉर्ट सर्किट से शंकर राय के घर में आग लग गयी. इस आगलगी में दो बाइक, दो साइकिल, के साथ ही छह बोरा अनाज व अन्य सामान सहित लगभग तीन लाख रुपये से अधिक की संपति जल कर राख हो गई. अगलगी की इस घटना में एक गाय समेत तीन मवेशी झुलस गए. उनका इलाज स्थानीय पशु चिकित्सक कर रहे हैं.

जानकारी के अनुसार रविवार की रात परिवार के लोग खाना खाकर सोने की तैयारी कर रहे थे. तभी घर में आग लग गई. शोर मचाए जाने पर जुटे ग्रामीणों ने आग पर काबू पाया. टहलटोला चंवर गांव गेंहू का 200 बोझा जल गया.

Chhapra: दिवंगत पूर्वजों के ऐसाल-ए-सवाब का पर्व शब-ए-बरात नौ अप्रैल गुरुवार को है. उस दिन शहर के कब्रिस्तान बंद रहेंगे. कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम के लिए हुए लॉकडाउन का पालन करते हुए यह फैसला लिया है.

इस संबंध में बिहार राज्य सुन्नी शिया वक्त बोर्ड ने सभी जिला औकफ़ कमेटी को पत्र निर्गत कर लॉकडाउन के तहत कब्रिस्तान को बंद करने को कहा है. पत्र में कहा गया है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए जरूरी है कि लोग घरों से बाहर नहीं निकले तथा कहीं समूह में इकट्ठा नहीं हो. इसलिए लोगों से शब-ए-बरात के अवसर पर कब्रिस्तान नहीं जाकर अपने घर में ही इबादत और दुआ करने की अपील की जा रही है.

अपील करते हुए कहा गया है कि शब-ए-बरात के मौके पर लोग कब्रिस्तान ना जाकर अपने घर में ही इबादत करें और मरहूमीन के ईसाले सवाब के लिए दुआ करें. मुसलमानों से घरों में इबादत करने को कहा गया है. फातेहा, नमाज-ए-नफिल, तसबीह जाप और अन्य इबादत, दिवंगत परिजन और पूर्वजों की मगफिरत की दुआ घरों में ही करें. लॉकडाउन के कारण कब्रिस्तान के द्वार बंद रहेंगे. सोशल डिस्टेंस और कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए किए जा रहे उपायों में रुकावट पैदा न हो.

Chhapra: मशरक-थावे-छपरा रेल रूट पर सोमवार को रेल‌ प्रशासन द्वारा एक विशेष स्वास्थ्य जांच स्पेशल ट्रेन चलाया गया. जो छपरा जंक्शन से चलकर मढौरा,मशरक, थावे होते हुए कप्तानगंज तक गयी. मेडिकल टीम में इंजीनियरिंग विभाग के संतोष कुमार यादव ने थर्मल जांच मशीन से सभी रेलवे स्टेशन पर कार्यरत कर्मचारियों और रेलवे सुरक्षा बल के कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच की गई.

इस स्वास्थ्य जांच स्पेशल ट्रेन खैरा,पटेरही,मढ़ौरा,श्यामकौरिया,मशरक राजापट्टी स्टेशनों पर रूकती हुई कप्तानगंज तक लगभग 500 सौ से ज्यादा कर्मचारियों की स्वास्थ्य जांच की गई.

इसे भी पढ़ें: विदेश या दूसरे राज्यों से आये लोगों के दरवाजे पर चस्पाया जा रहा होम क्वारेंटाइन का पोस्टर

मेडिकल जांच स्पेशल ट्रेन के इंचार्ज एडीएन छपरा पीडब्लूआइ राजकुमार ने बताया कि रेल प्रशासन के आदेशानुसार कोरोना वायरस संक्रमण के चलते स्पेशल ट्रेन से छपरा से थावे होते हुए कप्तानगंज तक मेडिकल जांच टीम सभी स्टेशनों पर कार्यरत कर्मचारियों और रेल सुरक्षा बल के जवानों की थर्मल स्क्रीनिंग मशीन से स्वास्थ्य जांच की गई.

 

इसे भी पढ़ें: Corona: छपरा जंक्शन पर 7 आइसोलेशन कोच बनकर तैयार, हर तरह की मेडिकल सुविधा उपलब्ध

उन्होंने बताया कि 21 दिनों के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण देश में सभी यात्री ट्रेन सेवाओं को 14 अप्रैल तक रद्द कर दिया गया है. लेकिन वर्तमान में मालगाड़ियां चल रही हैं और इस कारण देश के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए स्वस्थ और सुरक्षित स्थिति में पटरियों को रखना आवश्यक है.यह सभी विभिन्न पदों पर स्टाफ द्वारा ड्यूटी के कारण ही संभव हो पाया है. इनमें परिवहन का काम करने वाले डाइबर, बिजली इंजीनियर समेत गैंग मैन, ग्रुप डी स्टाफ,रेल सुरक्षा बल और सभी स्टेशन कर्मचारियों को कवर करने के लिए रेलवे के द्वारा विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं.

Chhapra: वैश्विक महामारी नोवल कोरोना वायरस (Covid19) के संक्रमण से निपटने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे के वाराणसी मण्डल के छपरा जंक्शन कोचिंग डिपों में 07 साधारण कोचों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित करने का कार्य पूर्ण कर लिया है. इस प्रकार वाराणसी मंडल द्वारा कुल 16 कोच परिवर्तित कर लिए गए है ,शेष 16 कोचों के परिवर्तन का कार्य प्रगति पर है जिसके पूर्ण होते ही 32 कोचों के परिवर्तन का लक्ष्य पूरा हो जाएगा.

इसे भी पढ़ें: Corona पर पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने लिखी कविता, कर्मचारियों को कर रहा प्रेरित

इन आइसोलेशन कोचों में पारदर्शी प्लास्टिक परदों से युक्त, प्रत्येक कोच में बने आइसोलेशन वार्ड में पहला केबिन चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ के लिए है जिसमें मरीजों के लिए अक्सीजन की सुविधा, दवाऐं, उपकरण आदि उपलब्ध रहेगें तथा बाकी आठ केबिन रोगियों के लिए तैयार किये गये है. आइसोलेशन वार्ड में भारतीय शैली के शौचालय को बाथरूम में परिवर्तित किया जा रहा है। इसमें लाॅग हैण्डिल टैप और हैण्ड शावर के साथ- साथ एक बाल्टी, मग भी उपलब्ध कराये गये है। मच्छरों के प्रवेश से बचने के लिए मच्छरदानी उपलब्ध कराई गयी है तथा उचित वेंटिलेशन भी दिया गया है.

इसे भी पढ़ें: Covid19: सारण में अब तक 13 हज़ार से अधिक लोगों को दी गयी चिकित्सकीय सहायता: डीएम

प्रत्येक केबिन में सूखा कूड़ा, गीला कूड़ा एवं खतरनाक अपशिष्ट पदार्थ के निस्तारण हेतु फुट पैडल आपरेटेड ढक्कनदार तीन अलग-अलग डस्टबिन (लाल, नीला, पीला) प्रदान किये गये है. चिकित्सकों एवं पैरा मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए Personal Protective Equipment (पीपीई) किट उपलब्ध कराई गयी है. आइसोलेशन वार्ड में तब्दील होने के साथ ही तैनात चिकित्सक व अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ सीधे रेलवे चिकित्सालय एवं स्थानीय चिकित्सालयों में मौजूद विशेषज्ञों के सम्पर्क में रहेगे. वाराणसी मंडल द्वारा लक्षित 32 आइसोलेशन कोचों के तैयार हो जाने के उपरांत उनका पूर्ण रूप से सेनिटाइजेशन कर चिकित्सकों के उपयोग हेतु उपलब्ध कराया जा सकेगा.

डोरीगंज: सदर प्रखण्ड के मौना पंचायत के यमुना मठिया गाँव के चंवर मे अचानक हुई अगलगी की घटना मे लगभग 20 बीधा गेहूं की फसल जलकर राख हो गयी.

घटना सोमवार को हुई जब अचानक यमुना मठिया गाँव के चंवर मे लगे गेहूँ के फसल में आग लग गयी और देखते देखते आग तेजी से फैलने लगी. आग की लपटों को देख ग्रामीण मौके पर पहुँच आग को बुझाने का प्रयास करने लगे साथ ही इसकी सूचना फायर बिग्रेड एवं स्थानीय थाने को दी.

इसे भी पढ़ें:Covid19: सारण में अब तक 13 हज़ार से अधिक लोगों को दी गयी चिकित्सकीय सहायता: डीएम

फायर बिग्रेड की टीम ने स्थानीय लोगों की सहायता से आग पर काबु पाया. लेकिन तब तक दर्जनों किसानों के लगभग 20 बीघा गेहुँ के फसल जलकर राख हो गए.

इसे भी पढ़ें: विदेश या दूसरे राज्यों से आये लोगों के दरवाजे पर चस्पाया जा रहा होम क्वारेंटाइन का पोस्टर

इस अगलगी की घटना में यमुना मठिया गाँव के किसान धर्म राय, पारस राय, दीनानाथ माँझी, वैजनाथ राय, जलेश्वर राय, रविता देवी, शंभुनाथ राय, यमुना साह, रामनाथ माँझी, लगन राय, शिवमति देवी, शैलेश कुमार, राजेन्द्र माँझी सहित दो दर्जन किसानों के लगभग 20 बीघा में लगे गेहूँ के फसल जल गयी. आग लगने के कारणों का पता नही लग सका है.

Chhapra: जिले में विदेश या दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों की निगरानी की जा रही है. जो लोग विदेश या दूसरे राज्यों से आये है उनको होम आइसोलेशन में रखा जा रहा है. इन्हें घर से 14 दिनों तक बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जा रही है. ऐसे लोगों की पहचान कर उनके घरों पर पोस्टर चिपकाए जा रहे हैं. प्रत्येक आंगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ता अपने पोषक क्षेत्र में जाकर विदेश और राज्य के बाहर से आने वालों की निगरानी कर रही है. उनके घरों पर कोरोना को लेकर सर्तकता भरी पंपलेट भी चिपका रही है.

इसे भी पढ़ें: अभी तक कोरोनावायरस के कुल 4,067 मामले, 292 लोग इलाज के बाद ठीक हुए हैं: स्वास्थ्य मंत्रालय

घरों में किए जा रहे क्वारेंटाइन
कोरोना वायरस को लेकर विदेश से जो लोग वापस लौटे हैं उन्हें अपने ही घर में क्वारंटाइन किया जा रहा है. आंगनबाड़ी सेविका व आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा उनके साथ कोरोना से बचने के लिए जानकारी भी साझा की जा रही है. वह उन्हें प्रत्येक घंटे 20 सेंकेड हाथ धोने के तरीकों के साथ रोग प्रतिरोधी क्षमता को विकसीत करने के उपाय भी बता रही है. वह लोगों से क्या करें और क्या न करें के बारे में भी लोगेां के बीच पाय बता रही हैं.

अप्रमाणिक बातें न फैलाएं
आंगनबाड़ी सेविका व आशा लोगों को बता रही हैं कि इसके कम ही मामले सामने आए हैं. कोरोना वायरस से प्रभावित मरीज पूर्णतः ठीक हो सकते हैं. जो भी व्यक्ति बाहर से आए हैं वह जिम्मेदार बनें. सोशल मीडिया में अप्रमाणिक बातें न फैलाएं. केवल डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सूचनाओं पर ही भरोसा करें.

इसे भी पढ़ें: Corona संकट: केन्द्रीय कैबिनेट का बड़ा फैसला, सांसदों के वेतन में होगी 30 प्रतिशत की कटौती, MPLAD फंड दो साल के लिए स्थगित

क्या है आंकड़ा ( 5 अप्रैल तक)

•होम क्वारेंटाइन: 10102
•स्कूल क्वारेंटाइन: 714
•स्कूल स्क्रीनिंग: 5714
•आइसोलेशन वार्ड में भर्ती- 2
•जिला क्वारेंटाइन : 17
•सैंपल कलेक्टेड: सारण में 180, पीएमसीएच में 15
•रिपोर्ट- 51
•पॉजिटिव- 1

Chhapra: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सारण जिले में अभी तक कुल 13506 व्यक्तियों को चिकित्सकीय सहायता प्रदान की गई है.

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि इनमें से 10182 लोगों को होम कोरेनटाईन में रखा गया है. 5758 लोगों के स्वास्थ्य की जाँच की गयी है.

जिलाधिकारी ने कहा कि विभागीय निर्देशानुसार गठित सभी कोषांग सफलतापूर्वक कार्यरत है. जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र 06152-245023 पर 1626 कॉल, जिला नियंत्रण कक्ष 06152-242444 पर 225 कॉल, स्वास्थ्य विभाग सारण, छपरा के नियंत्रण कक्ष 06152-244812 पर 984 कॉल, प्रखंड स्तरीय चिकित्सा केन्द्र पर स्थापित नियंत्रण कक्ष पर 9743 कॉल प्राप्त हुए हैं. सहायता उपलब्ध करायी गयी है.

विदेश से आये 160 लोगों का सेम्पल कलेक्शन
जिलाधिकारी ने बताया कि 20 मार्च से 3 अप्रैल-2020 तक सारण जिले में देश के विभिन्न भागों से आये 1767 व्यक्तियों में 714 व्यक्ति सारण जिला से संबंधित थे, 936 व्यक्ति अन्य जिलों से संबंधित थे तथा 85 लोग अन्य राज्यों से संबंधित थे जिन्हें उनके गंतव्य तक पहुॅचाया गया है. 18 मार्च के बाद सारण जिला में विदेश से आये 160 लोगों का सेम्पल कलेक्शन कर जाँच के लिए भेजा गया है. इसमें एक व्यक्ति का रिपोर्ट पोजेटिव तथा बाकी सब लोगों का रिपोर्ट निगेटिव आया है.

होम कोरेनटाईन के लिए 329 चिन्हित
डीएम ने बताया होम कोरेनटाईन के लिए सभी पंचायतों एवं नगर पंचायतों में 329 विद्यालय चिन्हित है. जहाँ अप्रवासी मजदूरों के अवासन की व्यवस्था की गयी है.

714 लोग है आवासित
वर्तमान में विभिन्न प्रखंडों में कुल 214 पंचायतों में 714 व्यक्ति आवासीत हैं. सभी अंचलों में बने चेक पोस्ट एवं चिन्हित स्थलों पर आ रहे लोगों की स्वास्थ्य जाँच करायी जा रही है एवं आवश्यकतानुसार कोरेनटाईन में रखा जा रहा है. वर्तमान में इंजीनियरिंग काॅलेज, छपरा स्थित राहत केन्द्र में 62 एवं मढ़ौरा उच्च विद्यालय, मढ़ौरा के आपदा राहत केन्द्र में 12 लोगों के आवासन की व्यवस्था की गयी है.

यहां बनाये गए है आइसोलेशन सेंटर
सदर अस्पताल, छपरा स्थित जीएनएम स्कूल एवं सभी प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को आईसोलेशन वार्ड बनाया गया है जिसमें 215 बेड है. अभी तक 49 लोगों को आईसोलेट किया गया है जिसमें 13 को डिस्चार्ज कर दिया गया है. इसके अतिरिक्त जिला के 17 होटल को आईसोलेशन सेंटर के रुप में चिन्हित किया गया है. जहाँ 242 बेड की क्षमता है. सारण जिला के इसुआपुर के ग्राम-चाॅदपुर में एक पोजेटिव मामला पाये जाने पर उक्त ग्राम की 3 किलोमीटर परिधि को सील कर सेनिटाईज कर दिया गया है तथा वहाँ चिकित्सकों के दल की प्रतिनियुक्ति भी की गयी है. बिहार से बाहर में रह रहे सारण जिला के 801 व्यक्तियों के संबंध में सूचना मिली है.

नई दिल्ली: कोरोना वाइरस निपटने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसको लेकर देश में Lockdown भी किया गया है. देश में आये इस संकट के दौरान से निपटने के लिए अपने प्रयासों के अंतर्गत सोमवार को केंद्रीय कैबिनेट ने सांसदों के वेतन में 30% की कटौती को मंजूरी दी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बताया कि बैठक में दो फैसले लिए गए. जिनमें सभी सांसदों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसदी कटौती को मंजूरी दी गयी है. वही दो साल के लिए MPLAD फंड को खत्म कर दिया गया है.

इसके साथ ही राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यपाल भी एक साल तक अपनी सैलरी 30 फीसदी कम लेंगे. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपालों ने ये फैसला स्वैच्छिक रूप से लिया है. सांसदों की इस सैलरी का इस्तेमाल कोरोना वायरस से लड़ने के लिए किया जाएगा. केंद्र सरकार इसके लिए अध्यादेश जारी करेगी.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर सभी पिछले 12 दिनों से लॉक डाऊन का पालन करते हुए अपने घरों में है. प्रशासन द्वारा जारी निर्देशो के अनुरूप अपने अपने घरों की साफ सफाई में ध्यान दे रहे है. लेकिन घर के बाहर की स्थिति को लेकर उन्हें अब अपने स्वास्थ्य की चिंता सता रही है.

खासकर अब जब जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज का जानकारी लोगों को मिली है, तब यह चिंता और बढ़ गयी है. कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मरीज जिले में मिलने के बाद जिले के छोटे छोटे प्रखंडों को सैनेटाइज करने का काम स्थानीय सरकारी कार्यालयों द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है लेकिन छपरा नगर निगम सिर्फ फॉगिग से ही कोरोना वायरस भगाने के प्रयास में है.

रिविलगंज नगर पंचायत, मढ़ौरा नगर पंचायत और इसुआपुर, बनियापुर के पंचायतों में भी सैनेटाइज करने का काम शुरू हो चुका है. लेकिन छपरा नगर निगम इस बात पर चिर निद्रा में सोई है.

शहर के लोगों का कहना है कि नगर निगम बनने के बाद सफाई के नाम पर एक वर्ष में करोड़ों रुपये खर्च किये जाते है. लेकिन वर्तमान परिस्थिति में इस वैश्विक महामारी के रोकथाम को लेकर कोई योजना फिलहाल नही दिखती है.

नगर निगम द्वारा जिलाधिकारी के निर्देश पर फॉगिग कराई लेकिन वह सिर्फ दिखाने के लिए कुछ मिनटों में पूरे वार्ड में फॉगिग का कार्य समाप्त हो जा रहा है. घरों में फोगिंग नहीं हो रही है. गाड़ी आती है और तेजी से निकल जाती है.  लोगों का कहना है कि उसमें भी केमिकल की बजाय किरोसिन तेल की स्मैल ज्यादा आती है. एक बार के बाद फॉगिग का कार्य भी नही हुआ. खासकर गलियों की स्थिति और बद्दतर है जहां ना सफाई होती है ना ही फॉगिग.

शहर को सैनेटाइज करने के सवाल पर नगर निगम के कर्मियों का कहना है कि नगर निगम द्वारा शहर की सफाई कराई जा रही है. सभी वार्डो में मच्छरों से बचाव को लेकर एन्टी लार्वा का छिड़काव कराया गया है. साथ ही ब्लीचिंग पाउडर का भी छिड़काव कराया गया है. हालांकि ये कार्य कहा हो रहे है यह नगर निगम के पदाधिकारी ही बता पाएंगे क्योंकि आम लोग तो अभी भी अपने शहर के सैनेटाइज करनी की मांग करते नजर आ रहे है.  

बहरहाल कोरोना महामारी ने सारण में दस्तक दी है. अभी स्थिति सामान्य है. जिला प्रशासन की मुस्तैदी निश्चित तौर ओर इस महामारी पर विराम चिन्ह लगाएगी. लेकिन नगर निगम की स्थिलता आम जनता को अपनी सुरक्षा के प्रति चिंता करने पर विवश कर रही है.

Patna: कोरोना वायरस एक ऐसा नाम जो पूरे विश्व मे सदियों तक याद रखा जाएगा. इस महामारी के वैश्विक संक्रमण से हर कोई त्रस्त है. यह कोविड- 19 (COVID-19) वायरस के नाम से भी जाना जा रहा है. एक तरफ दुनिया के वैज्ञानिक इस वायरस के संक्रमण को रोकने की कोशिश में जुटे हैं तो बिहार के गया के एक दंपती ने अपने पहले बच्चे का नाम ही कोविड (COVID) रखा है.

मिली जानकारी के अनुसार गया के कोच प्रखंड के बरगांव निवासी मनीष कुमार की पत्नी प्रियांजली ने गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में शुक्रवार को बेटे को जन्म दिया.

बच्चे के जन्म के दौरान घर से लेकर अस्पताल तक हर जगह कोरोना और कोविड-19 वायरस की ही चर्चा रही. इसकी याद हमेशा रहे, इसलिए दो दिनों तक काफी सोंच-समझकर मनीष व प्रियांजली ने अपने बेटे का नाम कोविड रख दिया है.

Chhapra: श्री हनुमज्जयन्ती समारोह समिति सारण के सचिव सत्यनारायण शर्मा के द्वारा कोरोना संक्रमितों के हितार्थ मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए एक लाख एक रुपया की सहायता राशि का चेक जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन को प्रदान किया गया.

सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि श्री हनुमज्जयन्ती समारोह समिति कोरोना संक्रमितों के प्रति अपनी संवेदना प्रकट करती है एवं उनके जल्द स्वास्थ लाभ की कामना श्री हनुमान जी से करती है.उन्होंने जिला प्रशासन के कार्यों की सराहना की और कहा कि सामर्थ्यवान लोगों को आगे आकर सहयोग करना चाहिए. इस अवसर पर मानस मंदिर के व्यवस्थापक सी के वर्मा एवं जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी ज्ञानेश्वर प्रकाश भी उपस्थित थे.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉक डाउन में खेतीबाड़ी करने वालो पर संकट गहराने लगा है. खेतों में काम करने वाले मजदूर नही मिल रहे है और फसल धीरे धीरे बर्बाद हो रही है.

सब्जी की खेती करने वालो की स्थिति और भी खराब है. सब्जियों की खेती करने वालो का कहना है कि लॉक डाउन में सभी लोग अपने घरों में है. खेतों में सब्जियां लगी है. उपज भी हो रही है लेकिन उपज के अनुसार खपत नही हो रही है. उनका कहना है कि खेतों से सब्जियों को लेकर थोक बाजार में बेचा जा रहा है लेकिन जिस अनुपात में पूर्व में सब्जियों को बेची जाती थी उस अनुपात में बाजारों में खरीददार कम है. बाजार जाने में भाड़ा भी इन दिनों ज्यादा लग रहा है. सब्जियों का उत्पाद ज्यादा है और खपत कम जिसके कारण इसके भाव गिर गए है.उधर थोक विक्रेताओं का कहना है कि मुख्य बाजार मौना चौक पर फिलहाल बाजार लगाने की मनाही है, इस कारण सैकड़ो दुकानदार सब्जी नही बेच रहे है. प्रशासन ने ठेले पर सब्जी बेचने का निर्देश जारी किया है जिनके पास ठेला है वही सब्जियों की खरीददारी कर बेच रहे है. जितनी सब्जियों की जरूरत है उतना ही सब्जियों की खरीददारी किसानों से की जा रही है और बेची जा रही है. सब्जियों के भाव मे इन दिनों गिरावट आई है.खुदरा बाजार में भिंडी 30 रुपये किलो, करेला 30 रुपये किलो, परवल 40 से 50 रुपये किलो, टमाटर 15 से 20 रुपये किलो, हरी मिर्च 40 से 60 रुपये किलो, सेम 30 से 40 रुपये किलो, सहजन 40 से 60 रुपये किलो, आलू 20 से 25 रुपये किलो, प्याज 25 से 28 रुपये किलो गलियों में घूम घुमघुमकर बेचा जा रहा है.

हालांकि फलों के भाव मे उछाल है दुकानदारों का कहना है कि फल की गाड़ियां कम आ रही है. गाड़ियों का भाड़ा भी अधिक है. ऐसी स्थिति में उनके दामों में उछाल है. फलों की बिक्री भी कम हो गयी है.