भारत ने अपने नागरिकों को लाने के लिए सी-17 ग्लाेबमास्टर काबुल भेजा

भारत ने अपने नागरिकों को लाने के लिए सी-17 ग्लाेबमास्टर काबुल भेजा

नई दिल्ली: काबुल में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए वायुसेना के कार्गो विमान सी-17 ग्लोबमास्टर को भेजा गया है। भारत का विमान काबुल एयरपोर्ट पर लैंड कर चुका है लेकिन शहर में कर्फ्यू लगा होने से भारतीयों को इंडियन मिशन से एयरपोर्ट तक लाने में दिक्कत हो रही रही है। दूसरी तरफ साउथ ब्लाक में इस समय नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट के साथ उच्चस्तरीय बैठकें करके अफगानिस्तान में भारत के निवेश से चल रहे प्रोजेक्ट्स को सुरक्षित रखने पर भी मंथन चल रहा है। भारत स्थित अफगान दूतावास के राजनयिक मिशन का टि्वटर अकाउंट हैक हो गया है।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि विदेश मंत्रालय और इसके लिए जिम्मेदार अन्य सभी अधिकारी इंतजाम कर रहे हैं। भारत ने देर शाम काबुल से अपने नागरिकों की वापसी के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर विमान भेजा है। दिल्ली के साउथ ब्लाक में इस समय बैठकों का दौर चल रहा है। विदेश मंत्रालय से लेकर गृह मंत्रालय और कैबिनेट सेक्रेटरी भी लगातार नेशनल क्राइसिस मैनेजमेंट के साथ उच्चस्तरीय बैठकें करके काबुल में फंसे भारतीयों को वापस लाने पर मंथन कर रहे हैं। इसके अलावा इस बात पर भी चर्चा हो रही है कि भारत ने अफगानिस्तान में अब तक जिन प्रोजेक्ट्स में आर्थिक निवेश किया है, उनको कैसे सुरक्षित किया जाये। भारत ने रविवार को भी अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए एयर इण्डिया का एक विशेष विमान काबुल भेजा था। एयर इंडिया ए320 एआई-224 की फ्लाइट देर रात को काबुल से 129 यात्रियों को लेकर दिल्ली पहुंची थी।

अफगानिस्तान में तालिबान का कब्ज़ा होने के बाद अब भी काबुल में 200 से ज्यादा भारतीय फंसे हुए हैं। उन्हें वापस लाने की जिम्मेदारी भारत सरकार की है। इसमें 100 से ज्यादा लोग विदेश मंत्रालय से जुड़े हैं और 100 से ज्यादा आईटीबीपी के जवान हैं जो उनकी सुरक्षा के लिए भेजे गए थे। रविवार को इन सभी को अफगानिस्तान के इंडियन कम्पाउंड में शिफ्ट कर दिया गया था लेकिन रात को तालिबान में कर्फ्यू लगा दिया। इस वजह से यह सभी लोग अभी भी वहीं हैं। तालिबान का काबुल पर कब्जा होने के बाद लूटपाट और भगदड़ की घटनाओं को देखते हुए नाइट कर्फ्यू लगाने के बाद सड़कों पर हर तरह की आवाजाही बंद कर दी गई है। अफगानिस्तान में इंडियन मिशन काबुल एयरपोर्ट से लगभग 20-25 मिनट की दूरी पर है। कुछ समय पहले काबुल में उतरे भारतीय वायु सेना के सी-17 विमान से भारतीय दूतावास के कर्मचारियों और उनके परिवारों को तत्काल प्राथमिकता के रूप में निकाला जाएगा। विमान के आज रात तक नई दिल्ली लौटने की उम्मीद है।

भारत ने वायुसेना का विमान सी-17 कार्गो विमान भेजा है जो काबुल एयरपोर्ट पर लैंड कर चुका है लेकिन कर्फ्यू के कारण इंडियन मिशन से एयरपोर्ट तक मूवमेंट आसान नहीं हो पा रही है। इस बीच भारत तालिबान के साथ-साथ अमेरिका से भी बैक चैनल वार्ता कर रहा है ताकि काबुल में फंसे भारतीयों तक मदद पहुंचाकर उन्हें वापस भारत ले जा सके। दिल्ली स्थित अफगानी दूतावास की सुरक्षा बढ़ा दी गई है क्योंकि दिल्ली में रह रहे अफगान नागरिक अपने रिश्तेदारों की खैर-खबर लेने के लिए दूतावास पहुंच रहे हैं। भारत स्थित अफगान दूतावास के एक अधिकारी ने सोमवार को कहा कि राजनयिक मिशन का टि्वटर अकाउंट हैक हो गया है। अफगान दूतावास के प्रेस सचिव अब्दुलहक आजाद ने अपने व्यक्तिगत ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया कि वह मिशन के आधिकारिक टि्वटर हैंडल से नियंत्रण खो चुके हैं। उन्होंने अपने ट्वीट के साथ गनी की आलोचना से संबंधित एक संदेश का स्क्रीनशॉट भी साझा किया।

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से अफगानिस्तान से 200 सिख समेत सभी भारतीयों को वापस लाने की जल्द व्यवस्था करने की अपील की है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी (डीएसजीपीसी) के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि मैं काबुल की गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष और संगत के लगातार संपर्क में हूं, जिन्होंने मुझे बताया है कि हाल के घटनाक्रम के मद्देनजर काबुल के “करते परवान” गुरुद्वारे में 270 से अधिक सिखों और 50 हिंदुओं सहित 320 से अधिक अल्पसंख्यकों ने शरण ले रखी है। उनका कहना है कि तालिबानी नेताओं ने काबुल गुरुद्वारा प्रबंधकों से मुलाकात करके सुरक्षा का आश्वासन दिया है। हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान में हो रहे राजनीतिक और सैन्य परिवर्तनों के बावजूद हिंदू और सिख सुरक्षित जीवन जीने में सक्षम होंगे।

इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी और कनाडा सहित 60 से अधिक देशों ने उन लोगों को सुरक्षित रास्ता देने का अनुरोध किया है, जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं। फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली ने कहा है कि सोमवार शाम से फ्रांसीसी नागरिकों को एयरलिफ्ट किया जाएगा। इन्हें काबुल से संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में फ्रांस के एक सैन्य बेस पर लाया जााएगा। पार्ली ने यह भी बताया कि एयरलिफ्टिंग के लिए दो सैन्य विमानों का इस्तेमाल किया जाएगा। अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद काबुल एयरपोर्ट पर भारी भीड़ हो गई है। फिलहाल एयरपोर्ट अमेरिकी सैनिकों के नियंत्रण में है। काबुल एयरपोर्ट पर रनवे के इस्तेमाल की इजाजत नहीं मिलने से पाकिस्तान के 2 विमान फंसे हैं। ये विमान पाकिस्तानी नागरिकों को वापस लाने गए थे।

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