मकेर की घटना के बाद आहूत सारण बंद के दौरान शहर में कई जगह छिटपुट हिंसा और जगह जगह आगज़नी की गई और सड़क पर आवागमन पूरी तरह बाधित कर दिया गया. लेकिन, पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी की वजह से शहर और ज़िले में स्थिती को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया गया है. प्रशासन की ओर से पूरे शहर में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है और अब स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो गई है.

Chhapra Violance 2

 

बंद के दौरान उपद्रवियों ने कई दुकानें लूट लीं और आगज़नी भी की. शहर के खनुआ नाले इलाके में दो गुटों के बीच पथराव हुआ. सूचना पाते ही जिलाधिकारी दीपक आनंद और एसपी पंकज कुमार राज घटनास्थल पर पहुंचे और उपद्रवियों को खदेड़ा. इस दौरान हुए पथराव में जिलाधिकारी के पैर में चोट भी लग गई. इसके बावजूद जिलाधिकारी मौके पर डटे रहे और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी ताकत लगा दी.

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शहर में स्थिति धीरे धीरे सामान्य हो रही है लेकिन, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी चौक चौराहों पर दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारियों समेत भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. आयुक्त नर्मदेश्वर लाल, पुलिस महानिरीक्षक सुनील कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक अलोक राज, डीआईजी अजित कुमार राय ने पूरे शहर का मुआयना किया.

Chhapra Violance

एसपी पंकज कुमार राज ने बताया कि वायरल वीडियो मामले में शुक्रवार को दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है. उन्होंने कहा कि दोषियों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिले में शांति व्यवस्था कायम करने के लिये अबतक बीएमपी के 300, ट्रेनिंग रिजर्व के 150 जवान, SSB, ITBP, RAF, STRF की एक एक कंपनी तैनात की गयी है.

वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी दीपक आनंद ने जिलेवासियों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर आप न देने की अपील की. उन्होंने कहा कि उपद्रवियों और शरारती तत्वों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा और उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.

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छपरा: बेहतर प्रबंधन तथा कुशल परिवहन योजना की तकनीक सीखने के लिए जिला परिवहन पदाधिकारी विदेश जायेंगे. केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित इस दौरे हेतु बिहार से दो अधिकारीयों का चयन किया है, इस बाबत राज्य सरकार के परिवहन विभाग ने लिखित पत्र के माध्यम से डीटीओ को यह जानकारी दी है.

डीटीओ श्याम किशोर सिन्हा इस ट्रेनिंग हेतु दक्षिण-पूर्व एशिया के विभिन्न देशों के दौरे पर जाएंगे, भारत से कुल 45 अधिकारियों का चयन इस प्रस्तावित दौरे के लिए किया गया है.

छपरा(सारण) में परिवहन योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन तथा परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में इस ट्रेनिंग से काफी मदद मिलेगी. विदेश के बेहतर प्रबंधन तकनीक को सीखने के बाद जिले में उसके प्रयोग के माध्यम से परिवहन तंत्र को सुचारू बनाया जाएगा.

छपरा: सूबे में पूर्णशराबबंदी कानून के लागू होने के बाद सारण पुलिस ने युद्धस्तर पर छापेमारी अभियान चलाकर अवैध शराब का धंधा चला रहे कारोबारियों पर नकेल कसने की भरपूर कोशिश की है, बावजूद इसके अवैध धंधेबाजों के हौसले इन दिनों सातवें आसमान पर हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलिस प्रशासन को बिहार में शराब पीने और किसी भी रूप में इसका कारोबार करने वाले लोगों को सख्त सजा देने का निर्देश दिया है, इस बाबत कड़े कानून का भी प्रावधान किया गया है. इसके बाद भी जिले में ऐसे कई धंधेबाज हैं जो गुप्त रूप से अवैध शराब निर्माण की भट्ठियां चला रहे हैं.

बीते दिनों पुलिस कप्तान पंकज कुमार राज के निर्देश पर एएसपी मनीष कुमार के नेतृत्व में जिले के दियारा क्षेत्रों में ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान चलाकर सैकड़ों लीटर अवैध शराब के साथ कई धंधेबाजों को गिरफ्तार किया गया था, इस दौरान पुलिस ने शहर के सोनारपट्टी स्थित निचले दियारा क्षेत्र, मुफस्सिल थानाक्षेत्र के बिनटोलिया तथा रिविलगंज थानाक्षेत्र के दिलीया रहीमपुर इलाकों में एक के बाद एक छापेमारी कर अवैध धंधेबाजों के बीच हड़कंप मचा दिया था.

पुलिस के द्वारा की गई इस सघन छापेमारी के बाद ऐसा लगा कि इन धंधेबाजों में इस करवाई का असर देखने को मिलेगा और अवैध शराब निर्माण पर काबू पाया जा सकेगा, किन्तु इस घटना के बाद भी कारोबारियों के हौसले बुलंद दिखे और इनके द्वारा फिर से गुप्त रूप से शराब निर्माण का धंधा चलाने की बात उजागर हुई.जानकारी मिलते ही पुलिस ने पुनः इन इलाकों में छापा मारकर भट्ठियों को ध्वस्त किया और शराब भी जब्त कर लिया.

पुलिस के कारवाई के बाद भी अवैध कारोबारियों के इस दुस्साहस को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि इनके अंदर से पुलिस का खौफ समाप्त हो चुका है. पुलिस अवैध भट्ठियां तोड़ती है, धंधेबाजों को गिरफ्तार भी करती है,पर पुलिस के जाते ही फिर से अवैध निर्माण शुरू हो जाता है. पुलिस की करवाई और कड़े सजा के प्रावधान के बावजूद इन कारोबारियों में दहशत का ना दिखना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है.

ये पुलिस की असफलता है या अवैध कारोबारियों का बेख़ौफ़ होना इस बात पर एक गंभीर विचार की आवश्यकता है, किन्तु ये बात भी तय है कि अगर पुलिस पूरी तन्मयता से निर्णय कर ले तो शराब के कारोबार पर 24 घंटों के अंदर लगाम लगाया जा सकता है. पुलिस सक्रीय है पर असली सफलता तभी मिलेगी जब ऐसे कारोबारियों को जड़ से ख़त्म किया जा सकेगा और शराब और उससे जुड़े धंधेबाजों में पुलिस का खौफ पैदा होगा.

छपरा: स्थानीय सेंट्रल पब्लिक स्कूल के परिसर में भारत स्काउट एवं गाइड का द्वितीय एवं तृतीय सोपान के आवासीय शिविर का आयोजन किया गया.  20 मई से शुरू होकर 26 मई तक चले इस शिविर में विद्यालय के 175 स्काउट एवं गाइड ने बड़े हर्षौल्लास के साथ भाग लिया.

सात दिनों तक चले इस आवासीय शिविर में बच्चों ने समाज के प्रति चेतना, स्वयं के प्रति विश्वास और देश के प्रति भक्ति का पाठ सीखा. शिविर प्रधान उमाशंकर गिरी ने शिविर के सफलतापूर्वक समापन पर सेंट्रल पब्लिक स्कूल के स्काउट एवं गाइड के अनुशासन की तारीफ की तथा विद्यालय के निदेशक हरेन्द्र सिंह प्रबंधक विकास कुमार तथा शिविर के सहयोगी अन्य शिक्षक के प्रति आभार प्रकट किया.

इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक ने बच्चों से एक अच्छे नागरिक और नेतृत्व क्षमता विकसित करने की बात कही. निदेशक ने शिविर प्रधान को शॉल और विद्यालय का प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया.

छपरा: दिवंगत पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या के विरोध में सारण पत्रकार संघ के तत्वावधान में गुरुवार को धरना दिया गया. नगरपालिका चौक पर आयोजित इस धरने में सारण जिले के सभी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और न्यू मीडिया से जुड़े पत्रकार शामिल हुए.

पत्रकार राजदेव के परिजाओं को सहायता राशी देने के लिए कुछ लोग सामने आये. ग्राम पंचायत मोहबत परसा के समाजसेवी रेखा मिश्रा के पति बुलबुल मिश्रा के द्वारा 5 हजार रुपये, वही अश्विनी शांडिल्य एवम् समाजसेवी मनोज कुमार तिवारी के द्वारा भी 5-5 सौ रूपये का आर्थिक सहयोग दिया.

पत्रकारों ने पत्रकारों की सुरक्षा के लिए सशक्त कानून बनाने, राजदेव रंजन के हत्यारों को अविलंभ गिरफ्तार करने जैसे मुद्दों को लेकर धरना दिया गया.

आपको बता दें कि गत 13 मई को सीवान के पत्रकार व दैनिक हिन्दुस्तान के स्थानीय प्रभारी राजदेव रंजन की अपराधियों ने गोली मार कर हत्या कर दी थी. जिसके बाद सारण जिले के पत्रकार लगातार आन्दोलन कर रहे है.

पानापुर: गंडक नदी में बुधवार को डूबे मजदूर की लाश गुरुवार को सारंगपुर डाकबंगला घाट से बरामद किया गया. गुरुवार की सुबह ग्रामीणों ने नदी में डूबे सारंगपुर गांव निवासी 40 वर्षीय परमा ठाकुर के शव को तैरते हुये देखा. ग्रामीणों की सूचना पर स्थानीय थाने की पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये छपरा भेज दिया.

स्थानीय पुलिस एवं ग्रामीणों के अथक प्रयास के बावजूद बुधवार की देर शाम तक मृतक का शव बरामद नही हो सका था. पुलिस ने मृतक की पत्नी सुमन देवी के बयान पर यूडी केस दर्ज किया है. शव को लेकर जैसे ही ग्रामीण उसके दरवाजे पहुँचे, वहाँ का माहौल उसके परिजनों के चीत्कार से गमगीन हो गया . पत्नी सुमन देवी एवं 8 नाबालिग बच्चों के क्रंदन से उपस्थित लोग भी अपने आंसू नही रोक पा रहे थे. 

मृतक नाई का काम करता था और मौसमी मजदूरी भी करता था. परिजनों के अनुसार तरबूज लाने के लिये वह गंडक नदी के दियारे जाने की बात कहकर घर से निकला था. 

‘मां’ एक ऐसा शब्द जिसमें संसार की सारी भवनाएं एक साथ समाहित हो जाती हैं। एक मां के बारे में लिखने से ज्यादा उसे समझना ज्यादा कठिन होता है। ममता की एक ऐसी तस्वीर जिसकी आगे संसार की सारी खुशियां नतमस्तक हो जाती हैं। यूं तो मां के बारे में कई कविताएं और कहानियां लिखी गई हैं लेकिन, मेरा मानना है कि मां से जुड़ी भावनाओं को शब्द देना इतना आसान नहीं। हम आपको हिंदी साहित्य के कुछ जानी-मानी कविताएं पढ़ाते हैं जो ‘मां’ के ऊपर लिखी गई हैं जिसे पढ़कर आपके चेहरे पर अपनी ‘मां’ को याद करके एक बरबस मुस्कान आ ही जाएगी.

मां पर मशहूर शायर मुनव्वर राणा की लिखी कुछ कविताएं काफी मशहूर हुई हैं। पढ़िए उनके कुछ अंश:

1. इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है,
मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती.

2. मुझे बस इसलिए अच्छी बहार लगती है,
कि ये भी माँ की तरह खुशगवार लगती है.

3. किसी को घर मिला हिस्से में या दुकां आई,
मैं घर में सबसे छोटा था मेरे हिस्से में मां आई.

4. लबों पे उसके कभी बद्दुआ नहीं होती,
बस एक माँ है जो मुझसे ख़फ़ा नहीं होती.

5. ये ऐसा कर्ज़ है जो मैं अदा कर ही नहीं सकता,
मैं जब तक घर न लौटू मेरी मां सजदे में रहती है.

6. खाने की चीज़ें माँ ने जो भेजी थीं गांव से,
बासी भी हो गई हैं तो लज्जत वही रही.

7. बरबाद कर दिया हमें परदेस ने मगर
मां सबसे कह रही है बेटा मज़े में है.

8. मैंने रोते हुए पोंछे थे किसी दिन आंसू,
मुद्दतों मां ने नहीं धोया दुपट्टा अपना

मशहूर कवि आलोक श्रीवास्तव की रचना:

चिंतन दर्शन जीवन सर्जन
रूह नज़र पर छाई अम्मा
सारे घर का शोर शराबा
सूनापन तनहाई अम्मा

उसने खुद़ को खोकर मुझमें
एक नया आकार लिया है,
धरती अंबर आग हवा जल
जैसी ही सच्चाई अम्मा

सारे रिश्ते- जेठ दुपहरी
गर्म हवा आतिश अंगारे
झरना दरिया झील समंदर
भीनी-सी पुरवाई अम्मा

घर में झीने रिश्ते मैंने
लाखों बार उधड़ते देखे
चुपके चुपके कर देती थी
जाने कब तुरपाई अम्मा

बाबू जी गुज़रे, आपस में-
सब चीज़ें तक़सीम हुई तब-
मैं घर में सबसे छोटा था
मेरे हिस्से आई अम्मा

– आलोक श्रीवास्तव

मशहूर शायर नीदा फाज़ली का नज़्म:

बेसन की सोंधी रोटी

बेसन की सोंधी रोटी पर
खट्टी चटनी जैसी माँ
याद आती है चौका बासन
चिमटा फुंकनी जैसी मां

बान की खूर्रीं खाट के ऊपर
हर आहट पर कान धरे
आधी सोई आधी जागी
थकी दुपहरी जैसी माँ

चिड़ियों की चहकार में गूंजे
राधा-मोहन अली-अली
मुर्गे की आवाज़ से खुलती
घर की कुंडी जैसी मां

बीवी बेटी बहन पड़ोसन
थोड़ी थोड़ी सी सब में
दिनभर एक रस्सी के ऊपर
चलती नटनी जैसी मां

बांट के अपना चेहरा माथा
आंखें जाने कहां गईं
फटे पुराने इक अलबम में
चंचल लड़की जैसी माँ

– निदा फ़ाज़ली

छपरा/गरखा: गरखा के झौआ बसंत और रामगढ़वा गाँव में पिछले दिनों हुए अग्निकांड के पीड़ितों को श्री रामकृष्ण अद्भुतानंद आश्रम, छपरा की ओर से वस्त्र का वितरण किया गया.

आश्रम की ओर से सचिव अतिदेवानंद जी महाराज के नेतृत्व में झौआ बसंत और रामगढ़वा गाँव के अग्निपीड़ितों के बीच वस्त्र आदि का वितरण किया गया. 

वस्त्र वितरण करते आश्रम के लोग
वस्त्र वितरण करते आश्रम के लोग

इस अवसर पर उन्होंने कहा कि समाज की सेवा से बेहतर कोई सेवा नहीं है. आश्रम के द्वारा समय समय पर जरुरतमंदों के लिए सामग्री का वितरण किया जाता है.

इस अवसर पर अधिवक्ता अशोक कुमार, शशि प्रभा, उषा श्रीवास्तव, चंद्र देवी, पुष्पा देवी आदि उपस्थित थी.

छपरा(कबीर अहमद): पूरी ज़िंदगी की कमाई एक पल में खो देने का दर्द, खोने वाले से बेहतर और कौन समझ सकता है. दुनिया दो पल के लिए तो सांत्वना दे सकती है लेकिन वो दर्द को न तो कम कर सकती है ना ही महसूस कर सकती है.

सुबह में आँख खुली नही की शाम में घर में चूल्हा कैसे जलेगा इसकी चिंता सताने लगती थी. ऐसे ही कई परिवार जिसके पास अपनी ज़मीन नही किराया पर ठिकाना और वो भी एक पल में सब ख़ाक हो गया. वो प्यारी सी कुटिया जो महल से कम नहीं थी. अब वो भी नही रही.

जिले में इन दिनों तेज पछुआ हवा के कारण अगलगी की घटनाओं में इजाफा हुआ है. लोग आग के लगने से एक पल में अपने जीवन भर की कमाई को खो दे रहे है.

रविवार की दोपहर शहर के भगवान बाज़ार थाना क्षेत्र के मिर्चईया टोला मुहल्ले में एक परिवार की ज़िन्दगी भर की कमाई पल में आगलगी से ख़ाक हो गयी. किराये की ज़मीन पर ज़िन्दगी भर की कमाई और पाई-पाई जोड़कर मोहम्मद अली ने अपना आशियाना बनाया था. वह एक पल में सब ख़ाक हो गया. मोहम्मद अली की पत्नी ने बार बार कह रही थी कि मेरे के पास अब कुछ नही बचा. जो पैसे थे घर में वो भी जल गए. सर के ऊपर जो छत संजोया था वो भी अब नही रहा. 20160424060133

वही दूसरी ओर गड़खा थाना क्षेत्र के तीन स्थानों पर हुई आगलगी की घटना में तीन लोगों की मौत आग के चपेट में आने से हो गयी. यह केवल एक दिन की बात नहीं पिछले एक महीने के अंदर लगभग सैकड़ों घर आग की चपेट में आये है और लोग बेघर हुए है.   

यह हाल किसी एक परिवार का नहीं बल्कि जिले के कई परिवार इस विभीषिका से जूझ रहे है. जिले में लगातार हो रही आगलगी की घटनाओं से कितनों के आशियाने उजड़ गए और कितनो ने अपनों को खो दिया. कुदरत के इस कहर से कई लोग खुले आसमान के नीचे रात बिताने को विवश हुए है. मुआवजे के नाम पर जो भी सरकारी सहायता मिल रही है. वह महज एक औपचारिकता मात्र है. जीवन भर संजोया एक पल में गवां बैठे लोगों को अब समझ नहीं आ रहा की जिंदगी की गाड़ी को पटरी पर फिर से कैसे लाया जाए.

{फोटो: अमन कुमार, छपरा टुडे} 

छपरा: पानी बचाने के जागरूकता को लेकर रविवार को रोटरी और रोट्रेक्ट सारण के संयुक्त तत्वावधान में साईकिल वाक का आयोजन किया गया. रोटरी सारण के सचिव डॉ. मदन प्रसाद ने साईकिल वाक को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

साईकिल वाक में पानी को बचाने से संबंधित श्लोगन, जल ही जीवन है, जल है तो कल है, जल बचाए जीवन बचाए, जल तो है सोना इसे कभी भी नहीं खोना, जल जीवन का अनमोल रतन बचाने का करो जतन के माध्यम से लोगों को जागरूक करने की पहल की गयी

साईकिल वाक का नेतृत्व रोटरी सारण के संस्थापक अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल ने किया. यह वाक राजेन्द्र स्टेडियम से प्रारंभ होकर मलखाना चौक, हॉस्पिटल चौक, कटरा, धर्मनाथ मंदिर, दौलतगंज, बुट्टी मोड़, टक्कर मोड़, गुदरीबाजार, काशी बाजार, भगवान बाजार, प्रगति नगर, दारोगाराय चौक, बस स्टैंड, म्युनिसिपल चौक, थानाचौक होते हुए पुन: राजेन्द्र स्टेडियम पहुँचा.

इस अवसर पर रोट्रेक्ट सारण के अध्यक्ष तमीम अनवर, अधिवक्ता पारस नाथ श्रीवास्तव, क्षेत्रीय प्रतिनिधि मनीष कुमार सोनी, पूर्व अध्यक्ष श्रीराम कुमार, रविशंकर, अभिजीत सांवत, श्याम जायसवाल, दीपू जायसवाल, शिक्षक अजय त्रिपाठी, प्रियांशु कौशिक, हर्ष राज, उत्कर्ष सैनी, कुन्दन कुमार, आयुष राज, सुमित कुमार, दीपक कुमार, मो० मुस्तफा, रोट्रेक्ट चेयरमैन राजेश गोल्ड, चन्द्र कान्त द्विवेदी, राजेश जायसवाल, प्रदीप कुमार, राजकुमार गुप्ता, अजय प्रसाद ने मुख्य रूप से सराहनीय सहयोग किया.

छपरा: सारण जिले के मीडियाकर्मियों के लिए एक बहुत बड़ी खुशखबरी है. सारण जिला मुख्यालय में प्रेस-क्लब भवन निर्माण हेतु जारी अधिसूचना के आलोक में कार्य आरम्भ हो चूका है. जिला जनसम्पर्क विभाग के समीप कुल 77 लाख 12 हजार रूपए की लागत से बन रहे प्रेस-क्लब भवन के निर्माण हेतु नींव की खुदाई शुरू हो चुकी है.

क्या कहते है अधिकारी

जिला जनसम्पर्क अधिकारी बी.के.शुक्ला ने बताया कि सारण जिलाधिकारी द्वारा सरकार को भेजे गए प्रस्ताव के आलोक में प्रेस-क्लब का निर्माण जिला सूचना भवन के सामने चिन्हित जमीन पर 50×40 वर्ग फ़ीट में बिहार स्टेट बिल्डिंग कंस्ट्रक्सन कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा कराया जा रहा है. प्रेस-क्लब निर्माण के उपरांत इस भवन को सारण जिला प्रेस क्लब की ओर से प्राधिकृत पदाधिकारी को जिलाधिकारी द्वारा विधिवत रूप से उपयोग के लिए सौंपा जाएगा. प्रेस-क्लब के नियमित रंग-रोगन एवं रख-रखाव का काम भवन निर्माण विभाग के अधीन होगा.

पत्रकारों की क्या है राय

वरिष्ठ पत्रकार प्रो. डॉ एच. के. वर्मा ने इसके निर्माण के शुरू होने पर ख़ुशी जताई और कहा कि प्रेस क्लब के भवन के बनने के बाद पत्रकारों को किसी प्रेस वार्ता में जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी. जिसे भी प्रेस वार्ता करना होगा वे यहाँ पहुँच कर कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि पत्रकारों को भी एक जगह पर बैठकर विचार करने का स्थान प्राप्त हो जायेगा.    

नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) सारण जिला इकाई के महासचिव धर्मेन्द्र कुमार रस्तोगी ने कहा कि सारण जिला मुख्यालय होने के साथ ही प्रमंडलीय मुख्यालय भी है इस लिहाज से प्रेस क्लब का भवन बनना बहुत ही अच्छा है. प्रेस क्लब का भवन बन जाने से जिले के तमाम पत्रकार भाई एक जगह एक छत के निचे एक साथ बैठ कर अपनी राय, विचार कर सकेंगे. निर्माण कार्य शुरू होना स्वागत योग्य है.