New Delhi, 02 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज अब से कुछ देर पहले पांच देशों की यात्रा पर नई दिल्ली से रवाना हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया के लिए प्रस्थान करने से पहले जारी वक्तव्य में कहा, ”मेरी इन देशों की यात्रा से वैश्विक दक्षिण में भारत के मैत्रीपूर्ण रिश्ते मजबूत होंगे।” प्रधानमंत्री के इस वक्तव्य को भारत सरकार के पत्र एवं सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने जारी किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी साझा किया है।

घाना वैश्विक दक्षिण में मूल्यवान भागीदार

उन्होंने लिखा है, ” आज, मैं 02 से 09 जुलाई 2025 तक घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया की पांच देशों की यात्रा पर जा रहा हूं। राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के निमंत्रण पर मैं 02-03 जुलाई को घाना जाऊंगा। घाना वैश्विक दक्षिण में एक मूल्यवान भागीदार है और अफ्रीकी संघ और पश्चिमी अफ्रीकी राज्यों के आर्थिक समुदाय में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। मैं अपने आदान-प्रदान की प्रतीक्षा कर रहा हूं जिसका उद्देश्य हमारे ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करना और निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, क्षमता निर्माण और विकास साझेदारी के क्षेत्रों सहित सहयोग के नए द्वार खोलना है। साथी लोकतंत्रों के रूप में, घाना की संसद में बोलना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।”

अर्जेंटीना के राष्ट्रपति से मिलने का इंतजार

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ” पोर्ट ऑफ स्पेन से मैं ब्यूनस आयर्स की यात्रा करूंगा। यह 57 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। अर्जेंटीना लैटिन अमेरिका में एक प्रमुख आर्थिक साझेदार है और जी-20 में एक करीबी सहयोगी है। मैं राष्ट्रपति जेवियर माइली के साथ अपनी चर्चा का इंतजार कर रहा हूं, जिनसे मुझे पिछले साल मिलने का सौभाग्य भी मिला था। हम कृषि, महत्वपूर्ण खनिजों, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन, प्रौद्योगिकी और निवेश के क्षेत्रों सहित अपने पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।”

भारत ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्ध

उन्होंने कहा, ” मैं 06-07 जुलाई को रियो डी जेनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लूंगा। एक संस्थापक सदस्य के रूप में, भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में ब्रिक्स के लिए प्रतिबद्ध है। साथ मिलकर, हम एक अधिक शांतिपूर्ण, न्यायसंगत, लोकतांत्रिक और संतुलित बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के लिए प्रयास करते हैं। शिखर सम्मेलन के दौरान, मैं कई विश्व नेताओं से भी मिलूंगा। मैं एक द्विपक्षीय राजकीय यात्रा के लिए ब्रासीलिया की यात्रा करूंगा, जो लगभग छह दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। यह यात्रा ब्राजील के साथ हमारी घनिष्ठ साझेदारी को मजबूत करने और मेरे मित्र, राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ मिलकर ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।”

नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र करेंगे संबोधित

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ” मेरा अंतिम गंतव्य नामीबिया होगा। एक विश्वसनीय भागीदार जिसके साथ हम उपनिवेशवाद के खिलाफ संघर्ष का एक साझा इतिहास साझा करते हैं। मैं राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से मिलने और हमारे लोगों, हमारे क्षेत्रों और व्यापक वैश्विक दक्षिण के लाभ के लिए सहयोग के लिए एक नया रोडमैप तैयार करने के लिए उत्सुक हूं। नामीबियाई संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करना भी एक विशेषा अवसर होगा क्योंकि हम स्वतंत्रता और विकास के लिए अपनी स्थायी एकजुटता और साझा प्रतिबद्धता का जश्न मनाते हैं।”

बहुपक्षीय मंचों पर भागीदारी होगी गहरी

प्रधानमंत्री ने कहा, ”मुझे विश्वास है कि इन पांच देशों की मेरी यात्रा से वैश्विक दक्षिण में हमारी मैत्रीपूर्ण रिश्ते मजबूत होंगे। अटलांटिक के दोनों ओर हमारी साझेदारी मजबूत होगी। ब्रिक्स, अफ्रीकी संघ, इकोवास और कैरीकॉम जैसे बहुपक्षीय मंचों पर हमारी भागीदारी और गहरी होगी।”

Chhapra (Santosh kumar Banty): सारण के विकास को लेकर नरेंद्र मोदी की केंद्र सरकार नई योजना लागू करने जा रही है. जिससे न सिर्फ देश के मानचित्र पर सारण का नाम स्थापित होगा बल्कि विकास के नए मार्ग भी प्रशस्त होंगे.

दिल्ली में हुई बैठक का अनुसार केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय जलमार्ग-एक (एनडब्ल्यू-1) के हल्दिया-वाराणसी खंड में नौवहन के विस्तार के लिए 5,369 करोड़ रुपए की जल विकास परियोजना (जेपीएमपी) को शुक्रवार को मंजूरी दे दी है. यह परियोजना उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल में पड़ती है.

इन जिलों को मिलेगा लाभ

इसके तहत आने वाले प्रमुख जिलों में वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, बक्सर, छपरा, वैशाली, पटना, बेगूसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर, साहिबगंज, मुर्शिदाबाद, पाकुर, हुगली और कोलकाता शामिल हैं.

पोत परिवहन मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) की बैठक में जल मार्ग विकास परियोजना के क्रियान्वयन को मंजूरी दी गई.

2023 तक पूरी होगी परियोजना

इसके तहत राष्ट्रीय जलमार्ग-एक पर क्षमता विस्तार किया जाएगा. इस पर 5,369.18 करोड़ रुपए की लागत आएगी. इसके लिए विश्व बैंक की ओर से तकनीकी और निवेश सहयोग मिलेगा. इस परियोजना के मार्च 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है. इससे परिवहन का वैकल्पिक तरीका उपलब्ध होगा जो पर्यावरणानुकूल और लागत दक्ष होगा. इस परियोजना से देश में लॉजिस्टिक्‍स की लागत को नीचे लाने में मदद मिलेगी. सरकार ने कहा है कि इससे बुनियादी ढांचा विकास मसलन मल्टी माडल और इंटर मॉडल टर्मिनल, रोल ऑन-रोल ऑफ (रो-रो) सुविधा, फेरी सेवाओं तथा नौवहन को प्रोत्साहन मिलेगा.

1.50 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

बयान में कहा गया है कि एनडब्ल्यू-1 के विकास एवं परिचालन से 46,000 प्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होगा. इसके अलावा जहाज निर्माण उद्योग में 84,000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

5369 करोड़ की आएगी लागत

परियोजना के फाइनेंस पर सरकार ने कहा कि इसमें आईबीआरडी ऋण का हिस्सा 2,512 करोड़ रुपए (37.5 करोड़ डॉलर) और भारत सरकार के सहयोग के कोष का हिस्सा 2,556 करोड़ रुपए (38 करोड़ डॉलर) होगा. इसे बजटीय आवंटन तथा बांड निर्गम से प्राप्त राशि के जरिए जुटाया जाएगा. सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी 301 करोड़ रुपए (4.5 करोड़ डॉलर) होगी.

परियोजना के तहत फेयरवे विकास, वाराणसी, साहिबगंज और हल्दिया में मल्टी मॉडल टर्मिनल के अलावा कालूघाट और गाजीपुर में इंटर माडल टर्मिनल और फरक्का में नए नौवहन लॉक का निर्माण शामिल है.