Chhapra: भाजपा कार्यकर्त्ता व अस्पताल कर्मी पीयूष आनंद की हत्या को लेकर लोगों में आक्रोश देखने को मिला. भाजपा के आह्वान पर दुकानों को बंद कराया गया. वही उनकी अंतिम यात्रा के दौरान उनके पार्थिव शरीर को अस्पताल परिसर लाया गया जहाँ चिकित्सकों और कर्मियों ने अपने साथी कर्मी के अंतिम दर्शन किये और पुष्पांजलि की. जबकि सारण जिला स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के सदस्यों ने मुँह पर काली पट्टी बांध कर विरोध जताया. इस दौरान अस्पताल में ओपीडी सेवा बंद रही. साथी की हत्या से अस्पताल कर्मी मर्माहत दिखे.

सांसद सिग्रीवाल ने शव को दिया कंधा
महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल भी अस्पताल परिसर पहुंचे और अंतिम दर्शन किये. सांसद ने पार्थिव शरीर को कंधा दिया और भावुक हो गए.

इसे भी पढ़े: मिलनसार और सबके चहेते थे पीयूष आनंद

सांसद श्री सिग्रीवाल ने कहा कि पीयूष की हत्या मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है. वह मिलनसार और नेक दिल था. उन्होंने पुलिस प्रशासन को एक हफ्ते का अल्टीमेटम देते हुए कहा की यही अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो वे आन्दोलन करेंगे. किसी भी कीमत पर अपराधी बख्से नहीं जायेंगे. उन्होंने जिले में लगातार हो रही भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कई मामलों में अबतक अपराधियों की गिरफ़्तारी भी नहीं हुई है. जो पुलिस प्रशासन के रवैये पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहा है. सांसद ने कहा कि अपने साथी की शहादत को वे व्यर्थ नहीं जाने देंगे. किसी भी कीमत पर अपराधियों को पुलिस प्रशासन गिरफ्तार करे.

इसे भी पढ़े: भाजपा नेता सह अस्पताल कर्मी पीयूष आनंद की हत्या, पुलिस जांच में जुटी

इस दौरान भाजपा नेता कन्हैया सिंह, श्रीनिवास सिंह, शांतनु सिंह, राहुल मेहता, धनञ्जय कुमार समेत बड़ी संख्या में भाजपा, बजरंग दल कार्यकर्त्ता और अस्पताल कर्मी उपस्थित थे.

Chhapra: विगत दिनों रात्रि में सहाजितपुर थाना अंतर्गत कोल्हुआ बाजार स्थित नोवो पे के सीएसपी से लूटपाट और इस क्रम में अपराधियों को दबोचने के लिए आगे आए चौकीदार की हत्या कांड का उद्भेदन सारण पुलिस ने किया है.

गुरुवार को सारण पुलिस कप्तान हरकिशोर राय ने प्रेस वार्ता कर बताया कि हत्या और लूट कांड का उद्भेदन किया गया है. जिसमें दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है. अपराधी अनीश कुमार के पास से एक देसी कट्टा, चार जिंदा कारतूस और राकेश कुमार के पास से एक देसी कट्टा, दो जिंदा कारतूस, एक बिना नंबर का मोटरसाइकिल, लूट की चार हज़ार की रकम बरामद की गई है.

उन्होंने बताया कि बहादुर चौकीदार धीरज कुमार एवं एक दुकानदार और स्टाफ की बहादुरी की बदौलत एक अपराधी को लूट के दौरान ही दबोच लिया गया था. उन्होंने बताया कि अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय कुमार सिंह के नेतृत्व में एसआईटी टीम का गठन किया गया. सहाजितपुर थाना अंतर्गत पुल के पास से दोनों अपराधियों को गिरफ्तार किया गया.

उपरोक्त पकड़ाए दोनों अपराधियों का विस्तृत अपराधिक इतिहास प्राप्त किया जा रहा है तथा घटना में संलिप्त अन्य अपराध कर्मियों को गिरफ्तारी हेतु सघन छापेमारी की जा रही है.

पुलिस कप्तान ने कहा कि शहीद चौकीदार धीरज कुमार सिंह को पुरस्कार हेतु अनुशंसा किया जाएगा. छापेमारी टीम में शामिल सहाजितपुर थाना अध्यक्ष राम विनय पासवान, सच्चिदानंद कुमार आदि पुलिसकर्मियों शामिल है.

 

गरखा: जिले में अपराधी एक के बाद एक घटना को अंजाम दे रहे है. अपराधियों में पुलिस का कोई खौफ नहीं बचा. प्रतिदिन हत्या, लूट की घटनाएँ हो रही है. शुक्रवार को अहले सुबह दुकान के बाहर सोये टेंट व्यवसायी की अज्ञात अपराधियों ने गोली मार हत्या कर दी.

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रखंड के चिंतामनगंज परसा में दूकान के बाहर सोये व्यवसायी अख्तर को अपराधियों ने गोली मार दी. घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुँच कर पुलिस ने जांच की. पुलिस ने संदेह के आधार पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. जिससे पूछताछ जारी है.

 छपरा: जिले में एक बार फिर अपराधियों का तांडव खुलेआम दिख रहा हैं. एक के बाद एक अपराधी घटनाओं को अंजाम दे रहे है और पुलिस के हाथ खाली रह जा रहे है. अभी LIC के पैसे की लूट की घटना को एक दिन भी नही बीता की अपराधियों ने बीजेपी नेता की गोली मार हत्या कर अपनी सक्रियता दिखाते हुए पुलिस को चुनौती दे दी हैं. जिले में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने में पुलिस विफल दिख रही है राजनेता पुलिस पर शिथिलता का आरोप लगा रहे हैं.

शुक्रवार की  देर रात जिले के रिविलगंज थाना क्षेत्र के मुकरेडा व पंचपतरा गांव के बीच बदमाशों ने भाजपा नेता की गाेली मारकर हत्या कर दी गयी . घटना 10.10 बजे रात की बताई जा रही है जब भाजपा किसान मोर्चा के नेता दिनेश शर्मा अपना दवा दुकान बंद कर बाइक से घर लौट रहे थे उसी वक़्त बदमाशों ने उन्हें  गाेली मार दी. जिससे वे वही पर गिर गये, आसपास के लाेगाें ने देखा तो उन्हें छपरा सदर अस्पताल में लाया जहाँ उनकी माैत हाे चुकी थी. सूचना मिलने पर पुलिस ने माैके पर पहुंच कर शव को कब्जे में ले कर पाेस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मृतक दिनेश शर्मा रिविलगंज के शेखपुरा के रहने वाले थे वह छपरा स्थित दवा दुकान बंद कर लौट रहे थे.

रेकी के बाद घटना को दिया गया अंजाम:  घटना को अंजाम देने के लिए बदमाशों ने रेकी की थी जिसके बाद एक तय स्थान पर बदमाश सुनसान जगह पर पहले से ही घात लगाकर बैठा थे. जैसे ही दिनेश शर्मा बाइक से लौट रहे थे, अपराधियों  गोली चलाई ओर चलते बने. हालंकि इस  वारदात को  किसी ने देखी नही है सड़क के किनारें गिरे पड़े देखे जाने के बाद ही लोगो को इस बात का पता लगा.

हत्या का क्या है कारण चुनावी रंजिश या आपसी मतभेद:  पुलिस हत्या की सही वजह पता लगाने में जुटी है.हत्या का कारण चुनावी रंजिश है या फिर कुछ और यह जांच के बाद ही पता लगेगा. लोगों से मिली जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि हत्या का कारण चुनावी रंजिश भी हो सकता है. रिविलगंज नगर पंचायत में चुनाव होने है. बतौर बीजेपी नेता के तौर पर अच्छी पैठ भी क्षेत्र में है वार्ड आयुक्त के भावी प्रत्याशी भी बताए जा रहे थे.

क्या कहते है सांसद:

हत्या की खबर के बाद महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल सदर अस्पताल पहुंचे जहां उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक बार फिर जंगल राज की शुरुआत हो चुकी है. जिले में आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरी बैठी है. उन्होंने कहा कि जिले में एक के बाद एक बीजेपी नेताओं को चुन चुन कर हत्या की जा रही है लेकिन गुनाहगारों को पुलिस पकड़ने में नाकाम है.

प्रभात किरण हिमांशु की रिपोर्ट

आपराधिक गतिविधियों के लिए देश भर में चर्चित बिहार का जिला सीवान एक बार फिर सुर्ख़ियों में है. इस बार चर्चा का केंद्र बना है पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड. सीवान के हिन्दुस्तान अखबार के प्रभारी की बीच बाजार गोली मार कर हत्या कर दी जाती है. हालांकि सीवान के लिए ऐसी घटनाएं कोई नई बात नहीं रही है पर अपनी कलम को ताकत बनाकर मुद्दों को उजागर करने वाले एक साहसिक पत्रकार को जिस प्रकार गोली मारी जाती है वो विरोध के निम्न स्तर का परिचायक है.

पत्रकार जब अपनी लेखनी से सच को उजागर करने का प्रयास करता है तो कई बार उससे प्रभावित लोगों में विरोधाभास झलकता है पर विरोध के रूप में किसी की हत्या कर देना सर्वथा अनुचित है.

13 मई की शाम सीवान में जो हुआ उससेआज पूरा देश सोंचने पर मजबूर है. अपराधियों के लिए भले ही ये हत्याकांड एक पेशेवर अपराध रहा हो पर उस अपराध से पत्रकारिता जगत एवं आम समाज में जो खौफ़नाक दर्द उठा है उसकी कराह सालों तक बरक़रार रहेगी.

दरअसल ये हुआ क्यों! पुलिस बता रही है कि हत्या में पेशेवर अपराधी संलिप्त हो सकते है. राजदेव रंजन मुख्यधारा के पत्रकार थे. 25 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में सक्रिय थे. ऐसे में अपनी बेबाक लेखनी से कई लोगों की नजर की किरकिरी बनना स्वाभाविक है. पूर्व में भी उनपर हमले हुए और कई बार धमकियां मिली पर हत्या करने का दुस्साहस अपराधी कभी जुटा नहीं सके. 13 मई को अपराधियों का दृष्टिकोण एकदम से बदल जाना और राजदेव रंजन की नृशंस हत्या कर देना विरोधाभास का परिणाम है या सोंची समझी साजिश का नतीजा पुलिस इसकी जाँच कर रही है.

सीवान में अपराध की घटना हो और बाहुबली पूर्व सांसद मो.शहाबुद्दीन की चर्चा ना हो ऐसा हो नहीं सकता. राजदेव रंजन हत्याकांड के बाद पुलिस सक्रिय हो गई है. शक की सुई मो.शहाबुद्दीन की ओर भी इशारा कर रही है. पर ऐसा क्यों है! हत्याकांड के बाद पुलिस शक के आधार पर पूर्व सांसद के करीबी शार्प शूटर मुंशी मियां को शहाबुद्दीन के पैतृक गांव प्रतापपुर से गिरफ्तार करती है. ये वही मुंशी मियां है जिसपर शहाबुद्दीन के इशारों पर कई हत्याओं में संलिप्त रहने का आरोप लग चूका है. पुलिस का ये मानना है कि हत्या के सूत्र सीवान जेल से जुड़े हो सकते हैं ऐसे में मो. शहाबुद्दीन को एहतियात के तौर पर सीवान जेल से भागलपुर जेल शिफ्ट कर दिया गया है. हालांकि प्रशासनिक कारणों का हवाला देकर सात अन्य कुख्यातों को भी बक्सर एवं मोतिहारी जेल शिफ्ट किया गया है पर अबतक हत्याकांड में संलिप्त लोगों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पायी ऐसे में कैदियों का जेल ट्रान्सफर पुलिस की दोहरी मानसिकता को दर्शाता है. अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस अब भी मशक्कत कर रही है.

पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड का अपना एक राजनैतिक नजरिया भी है. विपक्ष इसे सरकार की नाकामी बताने में जुटा है. सरकार को कठघड़े में खड़ा करने की हर मुमकिन कोशिश की जा रही है. ऐसा होना स्वाभाविक भी है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकार के परिवार के लिए ना तो कोई खास मुआवजे का ऐलान किया है ना ही उनके परिवार से मिलने तक की जहमत उठाई है. साथ ही छोटे बड़े किसी भी मुद्दे पर अपनी बेबाक राय रखने वाले लालू प्रसाद यादव भी इस घटना क्रम से अबतक अपनी दूरी बनाये हुए हैं.

चुकि मो.शहाबुद्दीन राजद के नेता हैं और लालू यादव के खासमखास भी ऐसे में अगर शाहबुद्दीन जांच के घेरे में आते हैं तो नीतीश कुमार को इस मामले में डिफेंड करना मुश्किल हो सकता है. शायद यही कारण है कि सुशासन बाबू अब तक चुप्पी साधे हुए हैं. बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी इस मुद्दे का जिक्र कर चुके हैं.

इन सब के बीच दिवंगत राजदेव रंजन का परिवार न्याय के लिए इन्तजार में है. राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन की आँखे रो-रो कर सूख चुकी हैं. उनके बेटे और बेटियों को हौसले की जरूरत है. तमाम पत्रकार संगठन एवं उससे जुड़े लोग अपनी तरफ से पूरी कोशिश में जुटे है कि स्व.राजदेव के परिवार को आर्थिक सहायता और इन्साफ मिल सके. आज पूरे देश में चर्चा का केंद्र बना राजदेव हत्याकांड वक्त के साथ कई सवाल खड़े कर चूका है. देखने वाली बात होगी कि जीत कलम की होती है या हमेशा की तरह गोलियों की आवाज से सच को दबाने का इरादा कामयाब होगा.

मुजफ्फरपुर: सिविल कोर्ट परिसर में सोमवार की सुबह उस समय अफरातफरी मच गयी जब पेशी के दौरान आए विचाराधीन कैदी पर जबरदस्‍त फायरिंग हुई. फायरिंग में विचाराधीन आरोपी की मौत हो गई.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट में सोमवार की सुबह पेशी के लिए आए विचाराधीन कैदी पर कुछ बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस फायरिंग में विचाराधीन कैदी की मौत हो गई. घटना को बाइक पर सवार दो की संख्या में आए अपराधियों ने अंजाम दिया.

जिस विचाराधीन कैदी की गोली मारकर हत्या की गई है, उसकी पहचान पंकज मार्केट के सरफराज हत्याकांड में मुख्य अभियुक्त सूरज के रूप में हुई है.

घटना की सूचना मिलने पर मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी, एसएसपी दल बल के साथ पहुंच कोर्ट पहुंचे और मामले की जांच में जुट गए.

छपरा: मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के विष्णुपुरा बाजार के समीप रविवार को एक ट्रक से साईकिल सवार को चोट लगने के बाद ग्रामीणों ने ट्रक ड्राईवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी. ग्रामीणों ने ट्रक के ड्राईवर और खलासी को इतना मारा की ड्राईवर की मौत हो गयी. वही खलासी को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया.

घटना के सम्बन्ध में बताया जाता है कि डोरीगंज की तरफ से छपरा आ रही एक ट्रक से साईकिल सवार को हल्की चोट लग गयी. फिर क्या था ग्रामीणों ने कानून अपने हाथ में लेते हुए ट्रक को घेर लिया और उसके ड्राइवर और खलासी को उतार जमकर धुनाई शुरू कर दी. जिससे की ड्राइवर की मौत घटनास्थल पर ही हो गयी जबकि खलासी की स्थिति नाजूक देख किसी ने पुलिस को सूचना दी.

सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों को अस्पताल पहुँचाया. जहाँ ड्राइवर मृत्युंजय पांडेय को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया. जबकि खलासी का इलाज अस्पताल में चल रहा है जिसकी स्थिति गंभीर बताई जा रही है.