New Delhi: भारतीय रेलवे ने 12 मई से यात्रियों के लिए सामान्य ट्रेनों के परिचालन को शुरू करने की योजना बनाई है. इसके तहत नई दिल्ली से 15 शहरों के लिए ट्रेन शुरू की जाएगी. 11 मई शाम 4 बजे से रेलवे रिजर्वेशन शुरू करेगा.

रेल मंत्रालय ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है.

इन 15 शहरों के लिए चलेंगी ट्रेन

ये ट्रेनें नई दिल्ली स्टेशन से डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगाँव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू तवी के लिए चलेगी. साथ ही वापसी में भी यात्रियों को लाएगी.
यात्रियों को मास्क से चेहरा ढकना अनिवार्य होगा और प्रस्थान के समय स्क्रीनिंग से गुजरना होगा.

Chhapra: लॉकडाउन एवं कोरोना वैश्विक महामारी के कारण परेशान ज़रूरतमंद परिवारों के बीच सारण ज़िला मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा सुखा राशन का पैकेट तैयार कर लगातार वितरण किया जा रहा है. रविवार को इसी कड़ी में मुबारकपुर इनई पंचायत रिविलगंज में पुन: 500 राशन का पैकेट तैयार कर शेखपुरा, पचपतरा, कचनार, फिदर बाज़ार इत्यादि गाँवों में सैकड़ों ज़रूरतमंद परिवारों को राशन उपलब्ध कराया गया.

हाजी आफ़ताब आलम खान ने सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद देते हुए बताया कि सारण ज़िला मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा हर मजबूर ज़रूरतमंद इंसान तक राशन पहुँचाने का भरपूर प्रयास जारी है एवं सारण ज़िला में शहर एवं गाँव स्तर पर मुस्लिम समाज के लोग काफ़ी सक्रिय रूप से राशन वितरण कार्य में लगे हुए हैं और ख़ास तौर पर युवा वर्ग रोज़ा रखकर काफ़ी परिश्रम के साथ घर-घर राशन पहुँचा रहे है जो काफ़ी सराहनीय कार्य है. राशन वितरण में परवेज़ आलम खान, बाबूजान, टुन्ना, मेराज खान, महताब अख़्तर, मो नसीम अख़्तर हसरत खान, सरदार एकराम खान, आफाक अहमद खान एवं हाजी आफ़ताब आलम खान अध्यक्ष अहमद रज़ा वेलफ़ेयर ट्रस्ट छपरा मुख्य रूप से शामिल थें.

Chhapra: छपरा में लगभग डेढ़ महीने बाद ऑटोमोबाइल, हार्डवेयर आदि की दुकानें खुली तो व्यापारियों ने थोड़ी राहत की सांस ली.

शुक्रवार को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए भगवान बाजार स्थित प्रताप ऑटोमोबाइल, राजेंद्र सरोवर स्थित अंबे होंडा, गरखा स्थित प्रेम ऑटोमोबाइल आदि गाड़ियों के शो रूम में बाइक व स्कूटी खरीदने ग्राहक पहुंचे.

इस दौरान प्रेम ऑटोमोबाइल के मनोज कुमार ने बताया कि 46 दिन बाद आज दुकान खुली है. इक्का दुक्का ग्राहक आज गाड़ी खरीदने पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि आज स्टाफ भी पहुंचे और शोरूम में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा जा रहा है. यहां आने वाले ग्राहकों को हाथों को सैनिटाइज किया जा रहा है. शोरूम में जितनी भी गाड़ियां हैं. उन सभी को सैनिटाइज करा दिया गया है.

अंबे होंडा में किया जा रहा टेम्परेचर स्क्रीनिंग

छपरा के राजेंद्र सरोवर स्थित अंबे होंडा के नीतीश ने बताया कि आज सिर्फ दो गाड़ियां बिकी हैं. शो रूम में आने वाले ग्राहकों की स्क्रीनिंग की जा रही है. शोरूम को पूरी तरह से सैनिटाइज किया गया है प्रत्येक कर्मियों के टेंपरेचर स्क्रीनिंग के बाद ही शो रूम में प्रवेश करने दिया जा रहा है. जैसे-जैसे लॉक डाउन में सरकार ढील देगी तैसे-तैसे कारोबार भी सुधरने की उम्मीद है. इस दौरान शुक्रवार को सुबह 9:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक 5 घंटे के लिए ऑटोमोबाइल दुकानें खुली. जिला प्रशासन ने सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को सप्ताह में 3 दिन के लिए ही ऑटोमोबाइल दुकानों को खोलने की अनुमति दी है.

इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बढ़ेगी मांग

ऑटोमोबाइल्स की दुकानें खुलने के बाद इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग बढ़ सकती है. प्रताप ऑटोमोबाइल के मालिक ने बताया कि जिस तरह से पेट्रोल डीजल के दाम बढ़े हैं. ऐसे में इलेक्ट्रिक गाड़ियां बेहतर विकल्प हैं. इलेक्ट्रिक स्कूटी लोगों को पसंद भी आ रही है, जो लोग ऑटो आदि में सवारी करके एक दूसरे जगह जाते हैं वैसे लोगों को सोशल डिस्टनसिंग का पालन करने के लिए इलेक्ट्रिक स्कूटी बेहतर विकल्प है. आने वाले दिनों में इसकी मांग बढ़ेगी.

Chhapra: लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न राज्यों में फंसे बिहार के मजदूरों और छात्रों का आना जारी है. इसी क्रम में गुरुवार को गुजरात के सूरत से पहली Train छपरा जंक्शन पर पहुंची. इस श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 1200 के आस-पास श्रमिक तथा यात्री पहुंचे है.

श्रमिक स्पेशल ट्रेन छपरा के प्लेटफार्म संख्या एक पर सुबह करीब 9:30 बजे पहुंची. पूर्व सूचना के मद्देनजर जंक्शन परिसर और प्लेटफार्म पर सुरक्षा की व्यवस्था की गई थी. यहां उतरने वाले सभी यात्रियों की जांच की गयी. यात्रियों के समान को सेनेटाइज किया गया.

जिला प्रशासन द्वारा आने वाले यात्रियों के लिए पानी एवं नाश्ते की व्यवस्था भी जंक्शन पर की गई थी. वहीं मेडिकल टीम ने सभी की स्क्रीनिंग की. सभी यात्रियों को भोजन पैकेट और पानी की बोतल देने के बाद उन्हें बसों में उनके गृह जिला के लिए भेजा गया.

जिला परिवहन पदाधिकारी जयप्रकाश नारायण ने बताया कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन में 31 जिलों के प्रवासी है लोग आ रहे हैं. जिनके लिए 54 बसों लगाई गई है. छपरा जंक्शन पर जांच के उपरांत उनके संबंधित जिलों में क्वॉरेंटाइन सेंटर तक पहुंचाया जाएगा. वही सारण जिले के विभिन्न प्रखण्डों के प्रवासियों को उनके प्रखण्ड में बने क्वारन्टीन सेंट्ररों तक पहुंचाया जाएगा. जहां इन्हें 21 दिनों तक रखा जाएगा, जिसके उपरांत स्वास्थ्य जांच के बाद घर जाने की इजाजत दी जाएगी.

लंबे समय के बाद घर वापस आये प्रवासियों के चेहरे पर घर पहुंचने की खुशी साफ देखी जा सकती थी.

 

 

Chhapra: नगरा प्रखंड के खैरा, मुसहरी, रामचौरा नहर पर लगे पेडों के गायब होने का सिलसिला जारी है. पेडों की कटाई कौन कर रहा है यह किसी को मालूम नही हो पा रहा है. ग्रामीण इस बात को लेकर चिंतित है कि आखिर इन पेड़ों को कौन काट रहा है.

ग्रामीणों का कहना है कि खैरा मुसहरी, रामचौरा वाली इस नहर पर काफी संख्या में पेड़ है. जो अब तैयार है. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर lockdown जारी है. ऐसे में लोगों का आनाजाना इस नहर से लगभग ना के बराबर है. गांव के लोग भी lockdown में घरों से बाहर नही निकल रहे है. जरूरत के अनुसार लोग या तो टहलने के लिए सुबह और शाम निकल रहे है. इस दौरान नहर के किनारें लगे पेड़ एक एक कर गायब हो रहे है. पेड़ों को मौका पाकर किसी के द्वारा कटाई की जा रही है.

लोगों का अनुमान है कि लोग घरों में रह रहे है जिसका फ़ायदा चोरों द्वारा उठाया जा रहा है. उधर ग्रामीणों ने इस बात की सूचना वन विभाग को भी दी है.लेकिन अबतक कोई करवाई नही हुई. Lockdown अवधि में नहर से एक दर्जन से अधिक पेड़ गायब है जिनकी कटाई हुई है.

Chhapra: वाराणसी रेल मंडल के डीआरएम विजय कुमार पंजीयार के साथ ट्रेन द्वारा बाहर से आने वाले लोगों के व्यवस्था को लेकर परिसदन में उच्चस्तरीय पदाधिकारियों की बैठक हुई. बैठक में जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि छपरा जंक्शन पर उतरने वाले सभी लोगों के लिए सरकार से प्राप्त दिशा निर्देश के अनुरूप समुचित व्यवस्था कराई जा रही है.

सिविल सर्जन, सारण को आने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग करा लेने के लिए पर्याप्त संख्या में मेडिकल टीम गठित करने का निर्देश दिया गया है. लोगों को उनके गंतव्य तक भेजने के लिए वाहन कोषांग गठित कर दी गयी है और जरूरी संख्या में छोटे-बड़े सभी प्रकार के बसों एवं वाहनों को रखने का निर्देश दिया गया है. छपरा जंक्शन पर उतरने वाले सभी लोगों के सुविधा के लिए स्टेशन परिसर में पंडाल लगाया जायेगा और लोगों के बैठने के लिए कुर्सियां भी रखी जायेगी. स्टेशन पर उतरने से लेकर स्क्रीनिंग एवं बसों में बैठाने के समय तक सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराया जाएगा. जिला प्रशासन की तरफ से वरीय पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति भी की जा रही है.

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि व्यवस्था फूलप्रुफ रहेगी, ताकि कोई स्टेशन परिसर से निकल नहीं सके. डीआरएम विजय कुमार पंजीयार ने कहा कि रेलवे एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय रहे इसके लिए अधिकारियों की एक व्हाट्सऐप ग्रुप बना ली जाय, ताकि सूचनाओं का भी शीध्र आदान-प्रदान किया जा सके.

डीआरएम ने कहा कि स्टेशन परिसर में पब्लिक ऐड्रेस की व्यवस्था रहेगी तथा सुरक्षा की भी व्यवस्था रहेगी, ताकि ट्रेन की दुसरी साईड से कोई व्यक्ति बाहर नहीं निकल सके. प्रत्येक बोगी से उतरने वाले गेट के पास भी सुरक्षा बल के जवान रहेंगे. यात्रियों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए ट्रेन से उतारा जाएगा और कतार बनाकर प्लेटफार्म से बाहर निकाला जाएगा. डीआरएम ने कहा कि किसी भी राजनेता को स्टेशन परिसर में नहीं जाने दिया जाय तथा मिडिया के लिए ब्रिफिंग की व्यवस्था बना ली जाए. जिलाधिकारी ने कहा कि स्टेशन परिसर में राजनितिक व्यक्ति को जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. मिडिया के संबंध में जिलाधिकारी के द्वारा डीपीआरओ को जरूरी निदेश दिया गया.

बैठक में डीआरएम और जिलाधिकारी के साथ पुलिस अधीक्षक हर किशोर राय, सीनियर कमांडेन्ट, आरपीएफ ऋषि पाण्डेय, सहायक सुरक्षा आयुक्त, सुरेन्द्र प्रताप मिश्र, अपर समाहर्त्ता, सारण, डॉ गगन, सिविल सर्जन माधवेश्वर झा, निदेशक, डीआरडीए सुनील कुमार पाण्डेय, डीसीएलआर, सदर संजय कुमार, स्टेशन डायरेक्टर, छपरा जंक्शन संजय शर्मा सहित अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे.

सुरभित दत्त

केंद्र सरकार ने देश भर में पिछले 24 मार्च से लागू lockdown को दूसरी बार बढ़ाने का फैसला लिया है. इस बार 17 मई तक इसे बढ़ाया गया है. देश में 55 दिनों तक के lockdown के दौरान आम जनजीवन खासकर दैनिक मजदूरी कर के अपना गुजारा करने वालों पर असर पड़ा है. Lockdown लागू होते ही काम, धंधे बंद होने पर घर पहुंचने की जद्दोजहद के बीच एक लंबा समय बीत गया है.

अब जब केंद्र सरकार ने lockdown 3 की शुरूआत की है, जिसे हम केंद्र का lockdown से exit प्लान भी कह सकते है, तो एक बार फिर से अलग अलग प्रदेशों में फंसे यह मजदूर फिर से शंका, आशंकाओं में घिरे नजर आ रहे है. जो अपने घर जैसे तैसे पहुंच गए वे या तो वहीँ रहेंगे या एक बार फिर काम की तलाश उन्हें शहरों तक लाएगी, लाएगी भी शायद क्योंकि जीवन चलाने के लिए रोजगार का होना भी जरुरी है पर ये भविष्य के गर्त में है. फिलहाल वैसे प्रवासी जो अबतक घर नही जा सके थे वे सब अब क्या करें, क्या ना करें के संशय की स्थिति में पहुंच गए है.

फैक्ट्रियों, कार्यालयों और अन्य दैनिक मजदूरी बंद थी तब एक ही सोच थी की घर जाना है. परिवार को संभालना है. लेकिन lockdown के कारण जा नही सके. अब जब सरकार से कुछ छूट मिलने पर काम शुरू होगा, फैक्ट्रियां खुलने वाली है ऐसे में दिमाग में घर जाना और जीवन चलाने के लिए काम भी करना है दोनों ही बातें आएगी. वही इसका दूसरा पहलू यह भी है कि प्रवासी मजदूरों को हीन नजर से देखने वाले बड़े पूंजीपति क्या अपने कल कारखानों को इनके बिना चला सकेंगे.

मजदूरों को अपने घर में रोजगार मिलना एक बड़ी चुनौती होगी, जो भविष्य में फिर उन्हें  महानगरों की ओर जाने के लिए मजबूर करेगी. 

इन सबके बीच प्रवासी मजदूर दोराहे पर खड़े यही सोचने को विवश होंगे  ‘क्या करें, क्या ना करें’

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सुरभित दत्त

क्या लोग देश में आई कोरोना संकट को गंभीरता से ले रहे है? ऐसा सवाल इसलिए क्योंकि शहर की मंडियों, गलियों को देखकर ऐसा प्रतीत होता है की लोग गंभीर नही है. ऐसे लोग अपने घर तक इस बीमारी को आमंत्रित कर रहे है. ऐसे लोगों को लग रहा है कि महामारी से वे बच के रह सकेंगे. लेकिन वे नही जानते की उनकी यह गलती केवल उन पर ही नही बल्कि उनके परिवार और समाज पर भारी पड़ेगी.

लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिए सरकार ने मंडियों को खोलने के आदेश दिए थे. इसके साथ ही एडवाइजरी भी दी थी की सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखा जाए. इसके बावजूद लोग मानने को तैयार नही है. सामान बेचने वाले से लेकर खरीदने वाले लोग भी सोशल डिस्टेंसिंग का कोई ख्याल नही रख रहे है.

सोशल डिस्टेंसिंग शब्द बोलते हुए आपको लोग दिख जायेगे पर उनके व्यवहार से यह अब भी बाहर है. WHO के ताजा रिपोर्ट के अनुसार महामारी के और बढ़ने की संभावना है. ऐसे में भारत में लोगों की लापरवाही सरकार के सभी प्रयाशों पर पानी फेर सकती है. बिहार में जिस प्रकार पिछले एक हफ्ते में कोरोना पॉजिटिव केस बढ़ें है वैसे में यह आने वाले बड़े खतरे की आहात है.  

सुबह होते ही जिस प्रकार घरेलू सामान खरीदने और बेचने वाले लोगों की भीड़ मंडियों में देखी जा रही है वह अलार्मिग है. बीमारी से किसी एक के संक्रमित होने पर भीड़ और आपस के संपर्क के कारण यह सैकड़ों लोगों तक कुछ पल में पहुंच सकता है. लोग अपने को सेफ मां रहे है और सड़क पर निकलना बंद नही कर रहे है. कभी दवाई, कभी सब्जी, कभी अन्य जरूरत के सामानों की खरीदारी के नाम पर सड़क पर घूमने वाले इस बीमारी के जद में आने के बाद पछतायेंगे और अपने साथ साथ परिवार के लोगों को भी आफत में डालेंगे.

इन दिनों जरूरतमंद लोगों को राहत की जरूरत है. कुछ लोगों ने बीड़ा भी उठाया है. लेकिन इस दौरान भी Social Distancing केवल एक शब्द के रूप में ही दिख रहा है व्यवहार में गायब है. हालांकि कुछ मामलों में पुलिस साथ रहने पर इसे मेंटेन कराया जा रहा है. जबकि छोटे स्तर पर राहत पहुंचाने वाले लोग इसका ख्याल रख रहे है पर लेने वालों में धैर्य की कमी दिखने से भीड़ बढ़ रही है और साथ ही बीमारी का खतरा भी उतना ही बढ़ रहा है. वही कुछ लोग घर घर राशन पहुंचाकर इसका पालन भी कर रहे है.

कोरोना वायरस के बढ़ते आंकड़ों ने अब देश में चिंता को बढ़ा दिया है. इस लिए सभी को मिलकर इससे निपटने में सहयोग करने की जरूरत है. ताकि इस महामारी को अब और बढ़ने से किसी भी तरह रोका जाए. जिससे की एक बार पुनः देश की व्यवस्था सही हो सके और हम सभी पूर्व के जैसे आराम से रह सकें.

Chhapra: रोटरी क्लब सारण के द्वारा रौजा गाँव में जरूरतमंद तीन सौ परिवारों के बीच खाद्य सामग्री तथा मास्क का वितरण किया गया.

खाद्य सामग्री में एक पैकेट में पाँच किलो चावल, तीन किलो आटा, तीन किलो आलू, दो किलो प्याज, एक किलो नमक, दो बड़ा पैकेट बिस्कुट, दो पीस लाइफ़बॉय साबुन, मास्क आदि था.

रोटरी क्लब सारण के संस्थापक अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल ने सभी से अपील की हैं अपनें आस-पास के जरूरतमंदो का ख्याल रखें तथा उन्हें भोजन उपलब्ध करवायें। हमेशा मास्क पहन कर रहें, हमेशा साबुन से हाथ धोते रहें, अपनी सावधानी हीं कोरोना से बचाव हैं. बहुत जरूरी न हो तो घर से बाहर बिल्कुल भी न निकलें. हमेशा सामाजिक दूरियाँ बना कर रखें.

उन्होंने बताया कि इस कार्य में बी अलंकार के विनोद कुमार प्रसाद एवम आर्या कंस्ट्रक्शन एण्ड सप्लायर्स के पुनीत कुमार गुप्ता, रोहित कुमार, नीरज जैन ने सहयोग किया.

इस अवसर पर अध्यक्ष सुरेन्द्र कुमार गुप्ता, सचिव अजय कुमार गुप्ता, यातायात प्रभारी राजेश सिंह आदि उपस्थित थे.

Chhapra: Corona Virus संक्रमण को लेकर जिले में Lockdown जारी है. Lockdown की इस अवधि में शहर से लेकर गांव तक पूर्ण बंदी है. लोग अपने घरों में हैं और विशेष आवश्यकता वाले जरूरत के सामानों को खरीदारी को लेकर ही सड़क पर आ रहे हैं.

इस दौरान आम जनता के समक्ष सबसे बड़ी समस्या उनके स्वास्थ्य को लेकर है. घरों में बीमार लोगों का इलाज सिर्फ झोलाछाप चिकित्सकों की बदौलत ही चल रहा है. शहर में सभी चिकित्सकों के निजी क्लीनिक बंद है. हालांकि सरकार के निर्देश पर ओपीडी सेवा कार्यरत है. सरकार ने पत्र भी जारी कर निजी क्लीनिक सेवा प्रारंभ करने का आह्वान किया है. दिशा निर्देश के अनुसार क्लीनिक पर मरीज़ो के स्वास्थ्य परीक्षण और परामर्श देने का निर्देश दिया गया है. लेकिन इसके बावजूद निजी क्लीनिक, परामर्श केंद्र बंद है. इसे भी पढ़ें : Whats App ग्रुप में फर्जी मेसेज वायरल करने वालों पर प्राथमिकी दर्ज

घर में अगर किसी की तबीयत ख़राब हो जा रही है तो वह अपने आसपास रहने वाले चिकित्सकों को ही खोज रहे हैं. किसी तरह वह अपने बीमार परिजन का इलाज करा कर स्वस्थ होने का प्रयास कर रहे हैं. यही स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों की भी है. ग्रामीण क्षेत्र में निजी क्लीनिक पूरी तरह से बंद है. कई अच्छे चिकित्सकों का मोबाइल नंबर भी बंद है जिससे कि उनसे परामर्श नहीं मिल पा रहा है.

सबसे बड़ी समस्या गर्भवती महिलाओं के समक्ष हैं इन महिलाओं के परिजन स्वास्थ्य परीक्षण को लेकर चिंतित हैं. हालांकि सदर अस्पताल में इनका इलाज संभव है. लेकिन सदर अस्पताल में अधिकांश लोग जाने से डर रहे हैं. कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर चल रही तरह तरह की बातों से लोग काफी सतर्क है. एक अनुमान के अनुसार सदर अस्पताल में आने वाले मरीजों की संख्या में भी 50% से अधिक कमी आई है. छोटी-मोटी तकलीफ एवं बीमारियों को लेकर आने वाले मरीज अस्पताल से पूरी तरह नदारद है. विशेष परिस्थितियों में ही में इक्का-दुक्का लोग अस्पताल में आ रहे हैं. जिनमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं जो प्रसव के लिए आ रही है. कुल मिलाकर Lockdown में प्राइवेट स्वास्थ्य सेवा बंद होने से आम जनता पूरी तरह से झोलाछाप चिकित्सकों पर ही निर्भर है.

कई लोगों ने भी सोशल मीडिया के जरिए शहर के चिन्हित एवं अच्छे चिकित्सकों से अपने निजी संस्थानों को खोलने की मांग की है. जहां विशेष रूप से नवजात शिशु, वृद्ध एवं महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों को आम जनता की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निजी क्लीनिक चलाने का आह्वान किया जा रहा है. लेकिन निजी क्लिनिक पर सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेनेंस का पालन ना होने और मरीजों की भीड़ को देखते हुए चिकित्सक भी क्लिनिक खोलने का प्रयास नही कर रहे है.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जारी Lockdown के दूसरे चरण में 20 अप्रैल को आमजनता को किसी भी तरह की रियायत नही मिली. प्रशासन ने खुले तौर पर यह कह दिया है कि सिर्फ कुछ सरकारी दफ्तरों में कामकाज को लेकर निर्धारित शर्तो पर काम करने की छूट मिली है. लेकिन आम जनता के लिए Lockdown अभी पूर्व की तरह जारी है.

लेकिन इन घोषणाओं और प्रचार प्रसार का कोई असर शहर के कुछ इलाकों में नही दिख रहा है. सोशल डिस्टेंसिंग तो दूर की बात बेवज़ह सड़कों पर लोगों का घूमना जारी है, मटरगस्ती करने वाले सड़कों पर गप्पेबाजी का मजमा लगा ले रहे है.

स्थिति तब और गंभीर हो जाती है जब रोक के बावजूद समोसे, चाट, चाय, पान और गुटखा की दुकानें खुली हो. प्रशासनिक आदेश की धज्जियां और होने वाली कार्रवाई से बेख़ौफ़ ठेले वाले दुकानदार और खरीददार सड़कों पर खड़े होकर स्वाद की चुस्कियां ले रहे है.

प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 20 अप्रैल के बाद भी होटल और मिठाई दुकाने, चाय, पान, तम्बाकू की दुकानें नही खुलेगी. लेकिन नियमों को धत्ता बताते हुए शहर के मौना चौक पर समोसा, चाट, चाय, पान, गुटखा की ठेले वाली दुकानें सज रही है. बेधड़क लोग जिनमे सबसे ज्यादा युवा शामिल है उनकी भीड़ इन दुकानों पर जुट रही है. कुछ चोरी छिपे तो कुछ निर्भीक होकर खाने पीने वाली इन दुकानों को खोल रहे है. शाम के समय चौक से साढ़ा रोड जाने वाली सड़क आम दिनों की तरह लग रही है. वही साहेबगंज जाने वाली सड़क खाली दिखती है. मौना चौक एवं उससे जाने वाले चारों दिशाओं से पुलिस की उपस्थिति नदारद है जिसका यह दुकानदार खूब फ़ायदा उठा रहे है. समय समय पर हो रही पेट्रोलिंग के दौरान ही इनकी दुकान छिप जाती है.

हालांकि इन दुकानदारों से कही ज्यादा दोष उनलोगों का है जो अपने जीवन को दांव पर लगाकर न सिर्फ Lockdown को तोड़ रहे है बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग भी पूरी तरह समाप्त कर रहे है. सरकार और प्रशासन ने सिर्फ जनउपयोगी सामग्री की दुकानों को खुलने तथा आवश्यक पड़ने पर ही आम जनता को घर से बाहर निकलने का आदेश दिया है. ऐसे में कुछेक लोगों की यह लापरवाही पूरे शहर और जिले को परेशानी में डाल सकती है.

Chhapra: जिले में Lockdown के दौरान सोमवार (20 अप्रैल) से केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी निर्माण कार्य प्रारंभ करने की सशर्त अनुमति दी गयी है. जबकि आमलोग 3 मई 2020 तक लॉकडाउन में ही रहेंगे.

जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने कहा कि केवल ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क, सिंचाई परियोजनाओं, भवन तथा सभी प्रकार की औद्योगिक परियोजनाओं का निर्माण कार्य की अनुमति प्रदान की गयी है. परन्तु यह अनुमति नगर निकायों की सीमा से बाहर के लिए दी गयी है.
जिलाधिकारी के द्वारा दिनांक 20 अप्रैल 2020 के प्रभाव से ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों को जारी रखने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित निर्माण सामग्रियों के विक्रेताओें के प्रतिष्ठान को खोलने का आदेश दिया गया है. परन्तु इसके लिए सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से अनुपालन कराना होगा.

पास लेना है अनिवार्य
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी कार्य विभागों के कार्यालय प्रधान को पास निर्गत करने हेतु प्राधिकृत किया गया है. कृषि एवं संबद्ध कार्य हेतु जिला कृषि पदाधिकारी, मत्स्य से संबंधित पास हेतु जिला मत्स्य पदाधिकारी, पशुपालन कार्य हेतु जिला पशुपालन पदाधिकारी, मनेरगा (अभियंता) कार्य हेतु उप विकास आयुक्त, मनरेगा (श्रमिक) से संबंधित कार्य हेतु संबंधित प्रोग्राम पदाधिकारी, मनरेगा, मनरेगा (सामग्री) कार्यपालक अभियंता मनरेगा, पंचायती राज विभाग द्वारा संचालित योजनाओं यथा मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना, मुख्यमंत्री गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना के क्रियान्वयन हेतु संबंधित मजदूर, कर्मी को पहचान पत्र निर्गत करने हेतु संबंधित पंचायत के पंचायत सचिव को प्राधिकृत किया गया है.

 

सभी प्रकार के औद्योगिक प्रोजेक्ट, ग्रामीण क्षेत्र के लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम स्तर के उद्यम से संबंधित कार्य के लिए महाप्रबंधक, जिला उधोग केन्द्र, सड़क, भवन, सिचाई, लघु सिंचाई आदि विभागों के संवेदक, कार्यकारी एजेंसी के लिए संबंधित विभाग के कार्यपालक अभियंता, सड़क, भवन, सिचाई, लघु सिंचाई आदि विभागों के कार्य में श्रमिक एवं सामग्री हेतु संबंधित विभागीय अभियंता, कोल्ड स्टोरेज एवं वेयर हाउस से संबंधित कार्य हेतु अनुमंडल पदाधिकारी, ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित ईट भट्ठा के लिए श्रमिक पास खान निरीक्षक-सह-सक्षम पदाधिकारी, सारण पास निर्गत करेंगे. पंचायतों में कराये जा रहे अपने विभाग से ंसंबंधित जलापूर्ति कार्य एवं चापाकल अधिष्ठापन कार्य हेतु संबंधित संवेदकों से समन्वय स्थापित कर संबंधित कर्मियों, मजदूरों हेतु पहचान पत्र निर्गत करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते हुए सुदढ़तापूर्वक कार्य का संचालन कराने का निदेश कार्यपालक अभियंता पीएचईडी को दिया गया है.

 

किसी भी समस्या को लेकर पंचायतों में जलापूर्ति के कार्य एवं चापाकल अधिष्ठापन का कार्य की प्रगति धीमी नही पड़े इसे पूर्णरुप से सुनिश्चित कराने की जिम्मेवारी कार्यपालक अभियंता लोक स्वास्थ्य प्रमंडल, सारण की होगी. कार्य स्थल पर हर हाल में सोशल डिस्टेंसिंग एवं सेनिटाईजेसन कार्य का अनुपालन करवाना सुनिश्चित करने का निदेश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया है.