छपरा: जिले में विधि व्यवस्था को कायम रखने के लिये शांति व्यवस्था बहाल होने के बाद भी धारा 144 को अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है.

जिलाधिकारी दीपक आनंद ने बताया कि जिले में विधि व्यवस्था की समस्या को देखते हुए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत 5 अगस्त की संध्या 4 बजे से 8 अगस्त की संध्या 76 बजे तक लागू निषेधाज्ञा को सावन मास में हिन्दू श्रद्धालुओं द्वारा मंदिरों में पूजा अर्चना में व्याप्त तनाव की स्थिति के मद्देनजर असमाजिक तत्वों द्वारा विधि व्यवस्था में उत्पन्न किये जा रहे व्यवधान को देखते हुए धारा 144 की अवधि को 8 अगस्त की संध्या से अगले आदेश तक प्रभावी किया गया है. इस दौरान इन्टरनेट सुविधाओं पर भी पाबंदी लगाई गई है.

अधिकारियों और कर्मियों के अवकाश रद्द

जिलाधिकारी दीपक आनंद ने विधि व्यवस्था के मद्देनजर सभी कर्मियों के अवकाश को रद्द कर दिया है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो भी अधिकारी एवं कर्मचारी अवकाश में है तो वे अविलम्ब अपने मुख्यालय में उपस्थिति सुनिश्चित करें. सभी कर्मचारी अपने दायित्वों का निर्वहन करें.

जिलाधिकारी ने की अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील

जिलाधिकारी दीपक आनंद ने एक बार पुनः जिले के नागरिकों से शांति व्यवस्था कायम रखने की अपील करते हुए सभी से सहयोग की अपील की है.

सावन की तीसरी सोमवारी को शहर के अलग अलग शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की जबरदस्त भीड़ देखी गई.

शहर के मशहूर धर्मनाथ मंदिर में भी अहले सुबह से भक्तों की लाइन लग गई और महादेव शंकर की पूजा-अर्चना के लिए लोग लालायित दिखे.

भक्तों की भीड़ को देखते हुए प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्तैद दिखी और जगह जगह सैन्यबलों को गश्ती करते देखा गया.

दलित उत्पीड़न और फर्जी गौरक्षकों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी काफी गुस्से में हैं. रविवार को हैदराबाद में पीएम मोदी ने फर्जी गौरक्षकों और दलित उत्पीड़न की घटनाओं के खिलाफ अपना गुस्सा ज़ाहिर किया और बेहद कड़े बयान दिए.

नरेंद्र मोदी ने कड़े शब्दों में कहा, ‘दलितों के उत्पीड़न किए जाने का हक किसी को नहीं है, अगर वार करना है तो मुझ पर करें, अगर गोली चलानी है तो मुझ पर चलाएं, मेरे दलित भाइयों पर नहीं.’

पीएम ने कहा कि दलितों के मुद्दे को समझने की ज़रूरत है और इसका राजनीतिकरण करना बंद होना चाहिए. दूसरी तरफ गौरक्षकों पर प्रधानमंत्री आज भी बरसे और कहा कि कुछ लोग गौरक्षा के नाम पर समाज में तनाव फैलाने का प्रयास कर रहे हैं.

आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने ये बयान ऐसे वक्त में दिया है जब उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में दलितों के खिलाफ हिंसा की कई खबरें सामने आई हैं. इससे पहले दिल्ली में आयोजित टॉउनहॉन में भी मोदी ने फर्जी गौरक्षकों को असमाजिक तत्व करार दिया था.

फाइल फोटो

मकेर की घटना के बाद आहूत सारण बंद के दौरान शहर में कई जगह छिटपुट हिंसा और जगह जगह आगज़नी की गई और सड़क पर आवागमन पूरी तरह बाधित कर दिया गया. लेकिन, पुलिस और प्रशासन की मुस्तैदी की वजह से शहर और ज़िले में स्थिती को पूरी तरह से नियंत्रित कर लिया गया है. प्रशासन की ओर से पूरे शहर में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है और अब स्थिति पूरी तरह से सामान्य हो गई है.

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बंद के दौरान उपद्रवियों ने कई दुकानें लूट लीं और आगज़नी भी की. शहर के खनुआ नाले इलाके में दो गुटों के बीच पथराव हुआ. सूचना पाते ही जिलाधिकारी दीपक आनंद और एसपी पंकज कुमार राज घटनास्थल पर पहुंचे और उपद्रवियों को खदेड़ा. इस दौरान हुए पथराव में जिलाधिकारी के पैर में चोट भी लग गई. इसके बावजूद जिलाधिकारी मौके पर डटे रहे और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पूरी ताकत लगा दी.

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शहर में स्थिति धीरे धीरे सामान्य हो रही है लेकिन, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी चौक चौराहों पर दंडाधिकारी और पुलिस पदाधिकारियों समेत भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है. आयुक्त नर्मदेश्वर लाल, पुलिस महानिरीक्षक सुनील कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक अलोक राज, डीआईजी अजित कुमार राय ने पूरे शहर का मुआयना किया.

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एसपी पंकज कुमार राज ने बताया कि वायरल वीडियो मामले में शुक्रवार को दो लोगों की गिरफ्तारी हुई है. उन्होंने कहा कि दोषियों को चिन्हित कर गिरफ्तार किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिले में शांति व्यवस्था कायम करने के लिये अबतक बीएमपी के 300, ट्रेनिंग रिजर्व के 150 जवान, SSB, ITBP, RAF, STRF की एक एक कंपनी तैनात की गयी है.

वहीं दूसरी ओर जिलाधिकारी दीपक आनंद ने जिलेवासियों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर आप न देने की अपील की. उन्होंने कहा कि उपद्रवियों और शरारती तत्वों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा और उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी.

छपरा: लायन क्लब की स्थानीय इकाई लियो क्लब ने छपरा शहर के पूर्वी छोर स्थित भिखारी चौक और पश्चिमी छपरा के श्याम चौक पर स्वागत बोर्ड लगाया गया. रविवार को स्वागत बोर्ड का उद्घाटन लायंस क्लब के उपजिलापाल द्वितीय डॉ एस के पाण्डेय ने किया.

इस अवसर पर लायन क्लब छपरा के सदस्यों के साथ-साथ लियो के अध्यक्ष कुंवर जयसवाल, उपाध्यक्ष विशाल कुमार, सचिव साकेत श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष निखिल गुप्ता, आदित्य अग्रवाल, अली अहमद, सिद्धार्थ कुमार, कबीर अहमद, विकास आनंद आदि सदस्य उपस्थित थे.

छपरा: शहर में आज सावन की पहली बारिश का लोगों ने जमकर आनंद उठाया. लगभग 2 घंटे तक जम कर हुई बारिश से शहर के सभी सड़कों गलियों में जलजमाव हो गया. जलजमाव से निचले क्षेत्रों के घरों और दुकानों में पानी घुस गया.    

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शहर के गुदरी बाज़ार में जलजमाव का नज़ारा

बारिश की वजह से शहर की नारकीय स्थिति ने नगरपरिषद की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. बीते कई दिनों से बारिश ने शहरवासियों के साथ आँख मिचौली का खेल जारी रखा था पर आज सावन महीने के दूसरे दिन हुई मूसलाधार बारिश ने उमस और गर्मी से लोगों को खासी राहत पहुंचाई है.

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बारिश के बाद स्कूल से लौटते बच्चे

 

हालाँकि शहर के थाना चौक, साहेबगंज चौक, मौना चौक, सरकारी बाजार, नगरपालिका चौक, भगवान बाजार, थाना रोड, गुदरी बाजार जैसे इलाक़ों में जलजमाव और कचड़े से लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

छपरा: जयप्रकाश विश्वविद्यालय के प्रीमियर कॉलेज राजेन्द्र महाविद्यालय के समंजन कर्मी इन दिनों भारी वित्तीय अनियमितता का दंश झेल रहे हैं. समंजन कर्मी वित्तीय अनियमितता एवं नियमित वेतन भुगतान नहीं किये जाने के विरोध में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. कर्मियों का धरना पिछले 22 जून से जारी है. 

हड़ताल पर बैठे समंजन कर्मी नवल किशोर सिंह ने बताया कि सामंजित कर्मचारियों के वेतन भुगतान के सन्दर्भ में जेपीयू के कुलसचिव ने दिनांक 27.05.2016 को पत्रांक 7701(R) के अंतर्गत महाविद्यालय को आतंरिक श्रोतों के माध्यम से भुगतान करने का निर्देश जारी किया. जिसके अनुसार महाविद्यालय में नामांकन पत्र के बिक्री से प्राप्त होने वाली राशि भी RTGS के जरिये उपलब्ध करा दी गई है. जिससे कर्मचारियों का भुगतान सुनिश्चित हो सके. धरना पर बैठे कर्मचारी

कर्मचारियों का आरोप है कि कुलसचिव के निर्देश के बाद भी महाविद्यालय के प्राचार्य समंजन कर्मियों का भुगतान नहीं कर रहे हैं जो घोर वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है. कर्मचारियों का कहना है कि सभी नियमों को धत्ता बताते हुए कटऑफ डेट 11.12.1990 के बाद विभिन्न प्राचार्यों द्वारा नियुक्त कर्मियों को आतंरिक श्रोतों से भुगतान किया जा रहा और पूर्व के कर्मियों को नियमित भुगतान नहीं दिया जा रहा है.

कर्मचारियों ने बताया कि स्नातक नामांकन फॉर्म के बिक्री से महाविद्यालय को प्रतिवर्ष कुल 24 लाख रूपए की धनराशि प्राप्त होती है और स्नातकोत्तर नामांकन फॉर्म के बिक्री से प्रतिवर्ष कुल 16.50 लाख रूपए प्राप्त होते हैं. जबकि प्रतिवर्ष तृतीय और चतुर्थवर्ग समंजन कर्मीयों के वेतन भुगतान में कुल खर्च 24 लाख 48 हजार का है जो प्राप्त राशि से काफी कम है. अगर महाविद्यालय चाहे तो आसानी से सभी कर्मचारियों को वेतन भुगतान हो सकता है.

समंजन कर्मीयों की मांग है कि विश्वविद्यालय जल्द से जल्द इस मामले में हस्तक्षेप कर सभी कर्मियों का भुगतान सुनिश्चित कराने के व्यवस्था करे अन्यथा समंजन कर्मी सामूहिक आत्मदाह का भी निर्णय ले सकते हैं.

इस खबर पर हमने राजेन्द्र कॉलेज के प्राचार्य से संपर्क करने की कोशिश की पर उनसे संपर्क नहीं हो सका.   

छपरा: पटना के कारगिल चौक पर पाकिस्तान और जाकिर नाइक के समर्थन में लगे नारों के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की छपरा इकाई ने शहर के नगरपालिका चौक पर पाकिस्तान का झंडा जलाया और जमकर विरोध प्रदर्शन किया.

विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे विद्यार्थी परिषद के पूर्व संगठन मंत्री आशुतोष कुमार ने बताया कि पटना में पाकिस्तान के समर्थन में खुलेआम नारेबाजी की जाती है और बिहार सरकार इसपर कोई भी कारवाई नहीं कर रही है.  इसी के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् बिहार के साथ-साथ पूरे देश में विरोध -प्रदर्शन कर रहा है. अगर देश विरोधी ताकतों के खिलाफ जल्द करवाई नहीं किया गया तो संगठन आंदोलन को जल्द ही उग्र रूप देगा.

इस विरोध प्रदर्शन में आकाश कुमार, राजा कुमार, आकाश मोदी, प्रतिक कुमार समेत विद्यार्थी परिषद् के कई कार्यकर्त्ता मौजूद रहे.

धूमधाम से मनाई जा रही ईद

 

धूमधाम से मनाई जा रही ईद, राष्ट्रपति, पीएम, CM ने दी शुभकामनाएं

 

पीएम मोदी 4 अफ़्रीकी देशों की यात्रा पर रवाना

 

दूकान का शटर तोड़ चोरो ने चुराये सामान

 

 

Twitter पर ट्रेंड होती भारतीय राजनीति और सोशल मीडिया पर चढ़ता सियासी रंग

 

नासा को मिली बड़ी सफलता, बृहस्पति की कक्षा में पहुंचा #Juno

 

 

 

नई दिल्ली: नब्बे के दशक का लोकप्रिय सीरियल ‘शक्तिमान’जल्द ही छोटे परदे पर वापसी करने जा रहा है. फिलहाल इसमें शक्तिमान द्वारा शक्तियां हासिल करने के सफर को दिखाया जाएगा.

शक्तिमान बने मुकेश खन्ना ने बताया कि जहां से पहला शक्तिमान समाप्त हुआ था, वहीं से नए शक्तिमान की वापसी होगी. मुकेश खन्ना ने बताया कि अपने पुराने किरदार में आने के लिए उन्होंने अपना 7 किलोग्राम वजन कम किया है.
उन्होंने बताया कि सभी पुराने किरदार जैसे, गीता विश्वास, तमराज किलविश और डॉक्टर जैकाल भी उनके साथ छोटे पर्दे पर वापस आ रहे हैं.

नए शक्तिमान के प्रसारण के लिए दूरदर्शन के साथ बातचीत चल रही हैं. मुकेश खन्ना का कहना है कि दूरदर्शन के साथ इसे अन्य चैनलों पर दिखाए जाने की कवायद की जा रही है.

सीरियल शक्तिमान भारतीय सुपर हीरो की कहानी थी, इसके किरदार गंगाधर को लोग आज भी भूले नहीं है.

छपरा: ओ.डी.एल. प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले शिक्षको की परीक्षा 2० जून से प्रारंभ होगी. बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा परीक्षा सम्बन्धी कार्यक्रम निर्गत कर दिया गया है.

सत्र 2013 –15 के प्रथम सत्र  के चतुर्थ सेमेस्टर में शामिल शिक्षको की परीक्षा 20 जून से 23 जून तक द्वितीय पाली में  दोपहर 02 बजे से 05 बजे तक आयोजित की जाएगी. वही द्वितीय चरण के तीसरे सेमेस्टर में शामिल शिक्षकों की परीक्षा 20 जून से शुरु होकर 25 जून तक प्रथम पाली में सुबह 10 बजे से दोपहर 01 बजे तक आयोजित की जाएगी.

चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा में 20 जून को  ( S4.1) विद्यालय की समझ एवं  कक्षा प्रबंधन – 2, 21 जून को ( S4.2)  गणित का शिक्षण शास्त्र -2, 22 जून को ( S4.3)  अंग्रेजी का शिक्षण शास्त्र -2, 23जून को ( S4.4) भाषा का शिक्षण शास्त्र विषय की परीक्षा आयोजित होगी.

वही  द्वितीय चरण के तीसरे सेमेस्टर में शामिल शिक्षकों की परीक्षा में 20 जून को ( S3.1) शिक्षा का परिपेक्ष्य -2, 22 जून को ( S3.2) बाल विकास  और मनोविज्ञान -2, 23 जून को ( S3.3) शिक्षा का साहित्य , 24 जून को ( S3.4) हिंदी का शिक्षण शास्त्र, 25 जून को ( S3.5)  शिक्षा में सूचना एवं संचार तकनीक ( आई सी टी ) -2, 26  जून को ( S3.6) कला शिक्षा -2 विषय की परीक्षा आयोजित की जाएँगी.

परीक्षा को लेकर राज्य में एससीईआरटी, पटना और जिले में डायट सोनपुर ने तैयारिया शुरू कर दी है. हालाकि सारण जिले में सिर्फ तीसरे सेमेस्टर के परीक्षार्थी है इस कारण यहाँ तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा आयोजित की जाएगी.      

 

हर व्यक्ति अपने जीवन में कुछ ना कुछ शौक रखता है. कुछ लोग शौक को मात्र मनोरंजन तक ही सीमित रखते हैं पर कुछ लोग ऐसे भी हैं जो शौक को जीवन के प्रमुख कार्यों में सम्मिलित कर समाज को एक सन्देश देने का प्रयास करते हैं.

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डॉ. विजय कुमार सिन्हा

छपरा के प्रमुख शिक्षाविद् और जयप्रकाश विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के विभागाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार सिन्हा ने भी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय डाक टिकटों का एक अनोखा संग्रह कर शौक की एक नयी परिभाषा प्रस्तुत की है. 

छपरा टुडे से हुई बातचीत में प्रो. सिन्हा ने बताया कि जब वह 10वीं कक्षा के छात्र थे तभी से टिकट संग्रह करने का शौक उनके मन में जगा. उस समय 4 आना से लेकर 8 आना (तत्कालीन पैसा) तक के डाक टिकट मिलते थे. प्रो. सिन्हा ने छात्र-जीवन में पत्र के माध्यम से देश-विदेश में कई मित्र (पेन-फ्रेंड) बनाए थे. जब भी उनके मित्रों के पत्र का जवाब आता तो लिफाफे पर काफी आकर्षक और नए-नए प्रकार के डाक-टिकट भी लगे रहते थे.

प्रो. सिन्हा ने यादगार के तौर पर उन टिकटों को संजोकर रखना शुरू किया और यहीं से उनका ये शौक जूनन में बदल गया. तब से लेकर आज तक प्रो. सिन्हा ने भारत समेत अन्य कई देशों के दुर्लभ डाक टिकटों का संग्रह किया है.

प्रो. सिन्हा ने बताया कि उनके पास ब्रिटिशकाल से लेकर भारतीय राजनीति, विज्ञान, पशु-पक्षियों, साहित्यकार, हरित क्रांति, प्रमुख इवेंट्स, इंडियन आर्मी, प्रमुख समाजसेवी, वैज्ञानिक, भारतीय धरोहर, भारतीय संस्कृति, प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी, अंतरराष्ट्रीय समाज सुधारक, कलाकार, खेल और खिलाड़ी एवं ऋषि-मुनियों के 1500 से भी ज्यादा टिकटों का संग्रह है. 

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डॉ. सिन्हा द्वारा संग्रहित डाक टिकटें 

प्रो. विजय कुमार सिन्हा ने डाक टिकटों एक एल्बम बनाया है जिसमें विषयवार सभी टिकटों को सजाया गया है. भारत के राष्ट्रपति पर जारी लगभग सभी डाक टिकटों का संग्रह उनके पास मौजूद है. चित्तौड़गढ़ के विजय-स्तम्भ को दर्शाती एक आने की दुर्लभ डाक टिकट, छपरा के स्वतंत्रत सेनानी मजहरूल हक़, महाराजा रणजीत सिंह, पं. दीनदयाल उपाध्याय, अब्राहम लिंकन, मैडम क्यूरी, मुंशी प्रेमचंद और माखनलाल चतुर्वेदी पर जारी डाक टिकट उनके कुछ खास संग्रह हैं. इसके अलावा प्रो. सिन्हा के पास फर्स्ट डे कैंसिलेशन एवं स्पेशल ब्रोशर मोहर की डाक टिकटें भी मौजूद हैं.

प्रो. सिन्हा कुछ स्तरीय डाक टिकट प्रदर्शनियों में भी सम्मिलित हो चुके है. जहां उन्हें इस टिकट संग्रह के लिए सम्मानित भी किया जा चूका है. 

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प्रो. सिन्हा के अनुसार “डाक टिकट भारत के अलावा अन्य देशों की सभ्यता और संस्कृति को जानने और समझने का एक महत्वपूर्ण जरिया है. युवा पीढ़ी को आज के इंटरनेट की रफ़्तार के बीच डाक टिकटों के महत्व को भी समझना चाहिए”. 

छपरा टुडे के हिमांशु से बातचीत करते डॉ. सिन्हा
छपरा टुडे के हिमांशु से बातचीत करते डॉ. सिन्हा

 

आज के दौर में डाक टिकटों का प्रचलन जरूर कम हो गया है पर पुराने समय में एक दूसरे के सन्देश को पत्र के माध्यम से पहुँचाने का एक मात्र जरिया डाक सेवा और डाक टिकटों की याद आज भी कई लोगों के दिलों में ताजा है.

 

 

 

प्रभात किरण हिमांशु के साथ छपरा टुडे ब्यूरो, Photo: कबीर अहमद