भद्रवाह 1 जून हि.स.। ऑपरेशन सद्भावना के तहत एक दयालु आउटरीच प्रयास में भद्रवाह में स्थित भारतीय सेना की राष्ट्रीय राइफल्स इकाई ने जम्मू और कश्मीर के भद्रवाह के उच्च ऊंचाई वाले घास के मैदानों में रहने वाले आदिवासी खानाबदोशों के लिए एक निःशुल्क चिकित्सा और पशु चिकित्सा शिविर का आयोजन किया। यह शिविर समुद्र तल से 7,850 फीट की ऊंचाई पर स्थित जय घाटी में आयोजित किया गया था।

इस पहल का उद्देश्य बुनियादी सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों में रहने वाले समुदायों को आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।

हर साल अपने पशुओं के साथ ऊपरी इलाकों में प्रवास करने वाले 300 से अधिक आदिवासियों को सेना और एसडीएच भद्रवाह के डॉक्टरों और पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की टीम से चिकित्सा देखभाल और मुफ्त दवाइयाँ मिलीं. अधिकारियों ने कहा कि यह पहल स्थानीय आबादी के साथ अपने संबंधों को मजबूत करने और कठिन इलाकों में रहने वाले हाशिए पर पड़े समूहों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए सेना के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है। भारतीय सेना सभी नागरिकों, खासकर दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। ऑपरेशन सद्भावना के तहत हमारा लक्ष्य बुनियादी सेवाओं में अंतर को पाटना और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व का समर्थन करना है।

स्थानीय लोगों ने आभार व्यक्त किया

स्थानीय लोगों ने आभार व्यक्त किया और क्षेत्र में समर्थन और आश्वासन के स्रोत के रूप में सेना की निरंतर उपस्थिति पर प्रकाश डाला। एक आदिवासी करीम ने कहा कि हम उन सैनिकों के आभारी हैं जो न केवल आपूर्ति के साथ बल्कि देखभाल और करुणा के साथ इन पहाड़ों में आते हैं।एक अन्य आदिवासी रहमान अली ने कहा कि ऊंचे-ऊंचे घास के मैदान अक्सर बुनियादी सेवाओं से कटे रहते हैं। सेना हमारे साथ है। हम सुरक्षित महसूस करते हैं और हम खुश हैं। हम यहां इस चिकित्सा शिविर का आयोजन करने के लिए सेना के आभारी हैं। रहमान ने कहा कि हमें यहां बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस इलाके में कोई अस्पताल या डिस्पेंसरी नहीं है। लेकिन आज भारतीय सेना ने इन पहाड़ों में एक मेडिकल कैंप स्थापित किया है। इससे हमें बहुत मदद मिली हमारी स्वास्थ्य जांच हुई और दवाइयां मुफ्त में दी जा रही हैं। हम भारतीय सेना के आभारी हैं।

(Santosh Kumar Banti)
Chhapra: युवावस्था में सेना में जाकर देश सेवा करने और शरीर पर आर्मी की वर्दी देखने का सपना सबका होता है. युवा इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए कमरतोड़ मेहनत करते हैं और सफल भी होते हैं. जिनके कारण हमारे देश की सरहद सुरक्षित है. उम्र के इस दौर में जब देश के लिए सेना में जाने की ललक पैदा होती है, उस उम्र के युवा अब मोबाइल पर व्यस्त हैं, हालांकि इसके बावजूद प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में युवा इस जोशीले ओहदे को प्राप्त कर देश की सुरक्षा सेवा में लगकर अपना अहम योगदान दे रहे है.

सेना में जाने को जद्दोजहद गांवों में अब भी बरकरार
सेना में जाने की जद्दोजहद गांवों में अब भी बरकरार है. सारण जिले में 20 प्रखंड हैं. शहर में रहने वाले लोग भी इसी 20 प्रखंडों से आते है. सेना में जाकर देश की सेवा करने वाले सभी प्रखंडों से है. इसके बावजूद भी एकमा, कोपा, बनियापुर, जलालपुर, छपरा सदर, मसरख एवं परसा के युवाओं की संख्या ज्यादा है और प्रति वर्ष यह संख्या और बढ़ ही रही है.

सूर्य की पहली किरण दिखने से पहले सड़कों पर अपने मजबूत इरादों के साथ पसीना बहाते हुए सभी मौसम में कठिन परिश्रम कर युवा अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जीते है. सड़क इनके दौड़ने की जगह, टूटे बिजली के खंभे से बने पुशअप, मिट्टी की गठरी से बीम खींचना तथा खेतों में कुदाल चलाकर शारीरिक श्रम करना ही इनके लिए प्रैक्टिस का साधन है.

युवा लोकल और आत्मनिर्भरता के बावजूद मजबूत इरादों और जज़्बे के साथ यह आर्मी रैलियों में भाग लेते हैं और अपने सपनों को पूरा करते हैं. हालांकि कुछेक की थोड़ी चूक उनके सपनों को तोड़ देती है.

सेना में जाने का तरीका भी अब बदल चुका है प्रतियोगिता के बढ़ते दौर में अब वहां भी शारीरिक परीक्षाओं के साथ-साथ लिखित परीक्षाओं से युवाओं को गुजरना पड़ रहा है. जिसके कारण अब युवा इन दोनों की तैयारी कर रहे है.

आईटीबीपी कैम्प खुलने से युवाओं में बढ़ा क्रेज
शहर से सटे जलालपुर के कोठियां में आईटीबीपी कैम्प खुलने से भी युवाओं में इस क्षेत्र में नौकरी पाने का क्रेज बढ़ा है. खासकर जलालपुर, एकमा, बनियापुर के युवा दिन रात एक कर मेहनत कर सेना में चयन का प्रयास कर रहे है.

जिले के साथ-साथ पड़ोसी जिले आरा, सिवान और गोपालगंज में दर्जनों ऐसे निजी शिक्षण संस्थान है जो सेना भर्ती की तैयारी कराते है. जहां शारीरिक एवं शैक्षणिक दोनों तैयारियां कराई जाती है. लेकिन मेहनत युवाओं को ही करनी पड़ती है. पूरे जिले में ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां युवाओं को कुशल प्रशिक्षण मिले जिनसे कि उनका चयन शत प्रतिशत आर्मी में हो सके.

बहरहाल चुनौतियां कितनी भी हो. चयन कितना भी मुश्किल हो. अपने सीने पर देश की वर्दी पहनने के जज्बे के साथ सड़कों पर प्रतिदिन अपने मंसूबों को हासिल करने के लिए युवा दौड़ लगा रहे है. जरूरत है तो बस उचित मार्गदर्शन और संसाधन की. जिसके उपरांत इनका चयन सेना में हो और यह देश की सुरक्षा कर सकें.

Saran: शनिवार को IMA देहरादून में पासिंग आउट परेड हुआ. सारण का लाल सैन्य अधिकारी बना है. सारण के आशीष कुमार लेफ्टिनेंट बनाये गए हैं. 2016 में एनडीए की परीक्षा में 133वें रैंक लाने वाले आशिष पुणे में NDA की तीन वर्ष की ट्रेनिंग 2019 में पूरी की. फिर उसके बाद देहरादून से एक वर्ष की ट्रेनिंग पूरा कर 13 जून 2020 को पासिंग आउट में शामिल होकर सैन्य अधिकारी बन गए हैं.

आशिष सारण जिले के मांझी प्रखंड के दाउदपुर थाना क्षेत्र के पिलुई गांव निवासी तारकेश्वर नाथ सिंह के पुत्र हैं. आशीष ने प्राथमिक शिक्षा बरौनी के गढ़हरा से पूरी की. जबकि 9 वीं से 12 वीं तक की शिक्षा जम्मू के सैनिक स्कूल नगरौटा में पूरी हुई. उनके पिता रेलवे के सामान्य भंडार डिपो गढ़हरा (बरौनी) में ऑफिस सुपरिटेंडेंट के पद पर कार्यरत हैं.

शनिवार को टीवी पर पासिंग आउट परेड में बेटे को सैन्य अधिकारी बनता देख परिजनों तथा आसपास के गांवों के लोगों में खुशी की लहर छा गयी. पासिंग आउट परेड के बाद आशीष के कंधो पर जब स्टार सजाए गए, तो उसके परिजनों का सीना गर्व से चौड़ा हो गया

सैन्य अधिकारी बनाकर आशीष ने सारण ही नहीं बल्कि पूरे बिहार का नाम भी रौशन किया है. बेटे के कांधे पर स्टार लगने के बाद परिवार समेत पूरे गांव में भी खुशी का माहौल है. परिजनों व रिश्तेदारों ने गांव में मिठाई बांट कर अपनी खुशी का इजहार किया. शनिवार को सम्पन्न परेड के मौके पर मौजूद कई सेनाधिकारियों समेत खुद थल सेनाध्यक्ष जनरल भी मौजूद थे.

Bihar: अगर आप सेना में बहाल होने को सोंच रहे है तो आपके इन्तेजार का समय समाप्त होने वाला है. आगामी 27 नवम्बर से सेना में बहाली की प्रक्रिया शुरू हो रही है.

मुजफ्फरपुर के चक्कर मैदान में 27 नवंबर से सेना बहाली के लिए होगी दौड़ होने वाली है. चक्कर मैदान में होने वाली आठ जिलों की सेना बहाली के लिए दौड़ की तिथि की घोषणा कर दी गई है.

जिसमें 27 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच बहाली के लिए दौड़ व जांच की अन्य प्रक्रिया की जाएगी.

बताया गया कि 27 नवंबर को सिपाही फार्मा की दौड़ होगी. जिसमें बिहार व झारखंड के सभी जिलों के अभ्यर्थी दौड़ लगाएंगे.

28 नवंबर को सोल्जर टेक्निकल पद के लिए आठ जिले मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी व समस्तीपुर के अभ्यर्थी दौड़ लगाएंगे.

दूसरे दिन सोल्जर क्लर्क, स्टोरकीपर व सोल्जर नसिर्ंग सहायक पद वास्ते फिर इन आठों जिलों के अभ्यर्थी शामिल होंगे.

आधिकारिक घोषणा के बाद सेना कार्यालय की तरफ से तैयारी को अंतिम रूप देने की कवायद चल रही है. इधर, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराने वाले अभ्यर्थियों के रजिस्टर्ड ई- मेल पर शुक्रवार से एडमिट कार्ड भेजना शुरू कर दिया जाएगा.

सेना भर्ती कार्यालय के निदेशक कर्नल मनमोहन सिंह मनहास ने कहा है कि ‘सेना बहाली को जिलेवार व कैटोगिरी के अनुसार दौड़ की तिथि की घोषणा कर दी गई है. अभ्यर्थी बिचौलियों के चक्कर में न पड़ें.’

छपरा: शहर के थियोसोफिकल सभागार में रविवार को भूतपूर्व सैनिकों की सभा आयोजित की गई. जिसमें भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए कार्य करने वाले संगठन वेटरन्स इंडिया के जिला इकाई का गठन किया गया. आम सभा में भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए कार्य करने साथ ही समाज के लोगों के बीच देश भक्ति का जज्बा पैदा करने के लिए कार्य करने का निर्णय लिया गया.

संस्था द्वारा स्कूल- कॉलेजों में जाकर छात्रों को काउंसलिंग कर देश सेवा के प्रति जागृति पैदा करके उन्हें सेना में जॉब करने के लिए मोटिवेट करने का भी निर्णय लिया गया. इसके अलावा सैनिक विश्रामगृह, सैनिक कैंटीन एवं आधुनिक सुविधाओं से लैस हेल्थ सेंटर बनाने की मांग की गई.

सभा में निर्णय हुआ कि सैनिक विश्राम गृह, हेल्थ सेंटर व सैनिक कैंटीन को एक साथ जिला कल्याण बोर्ड में शिफ्ट करने के लिए पत्राचार किया जाएगा. वेटरन्स इंडिया के जिला इकाई में

सर्वसम्मति जय कांत सिंह को अध्यक्ष, महासचिव अमृत प्रियदर्शी, सचिव आलोक कुमार सिंह, उपाध्यक्ष पंकज कुमार, सुभाष कुमार सिंह व कोषाध्यक्ष राजेश रंजन सिंह निर्वाचित किए गए. इस मौके पर इस मौके पर अमलेश तिवारी, सुभाष कुमार सिंह, सुधीर कुमार सिंह, धनेश पांडे, नवीन कुमार, सौरभ रावत, सुदीप श्रीवास्तव, हरेंद्र सिंह, संतोष कुमार तिवारी व कई पूर्व सैनिक मौजूद थे.

Chhapra: गुरुवार को शहर के कचहरी परिसर में आर्मी बहाली के लिए टिकट लेने को अभ्यर्थियों में जमकर धक्का मुक्की हुयी.

आर्मी मे बहाली के लिए सैकड़ों अभ्यर्थी कई घण्टों से स्टाम्प लेने के लिए कतार में लगे रहे. इस दौरान काउंटर पर बैठे कर्मी द्वारा काफी धीमी गति से कार्य किया जा रहा था. जिससे अभ्यर्थियों को घण्टों धूप में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा.

गौरतलब है कि आर्मी की रैली बहाली के लिए सारण के अभ्यर्थियों को स्टाम्प बेचने के लिए मात्र 1 ही काउंटर खोला गया था. जिससे काउंटर खुलते ही सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थी टिकट लेने पहुंच गये. जिसके बाद भीड़ बढ़ने से कई बार अभ्यर्थियों ने आपस मे धक्का मुक्की भी की.

वहीं इस दौरान डियुटी पर तैनात पुलिसकर्मियों से अभ्यर्थियों की कई बार बहस भी हुई.

Chhapra:छपरा में करगिल विजय दिवस के अवसर पर रोटरी सारण के सदस्यों ने करगिल के वीर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर गुरुवार को क्लब के सदस्यों द्वारा शहर के थाना चौक स्थित शहीद स्तम्भ पर बत्ती जलाकर तथा पुष्प चढ़ाकर शहीदों को श्रद्धांजली दी गयी. जिसके बाद सदस्यों ने ‘शहीद जवान अमर रहें’ के नारे भी लगाये.

इस अवसर पर रोटरी सारण के संस्थापक अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल, IPP निकुंज कुमार सहित, रोहित कुमार, अनूप कुमार सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे.

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