Chhapra: कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए लॉकडाउन की अवधि को 3 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है. मुसलमानों का पवित्र रमजान का महीना 24 या 25 अप्रैल से शुरू होने की संभावना है. मुसलमानों को शुरुआती हफ्ते का रोजा लॉकडाउन के बीच ही रखना होगा और तरावीह की नमाज पढ़ने से लेकर बाकी इबादत भी अपने-अपने घरों से करनी होगी.

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मुस्लिम समुदाय के लिए काफी महत्वपूर्ण माना जाता है रमजान का महीना

मुस्लिम समुदाय के लिए रमजान का महीना काफी महत्वपूर्ण माना जाता है. इस रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समाज के लोग पूरे एक महीने खुदा की इबादत करते हैं. मुसलमान दिन में पांच वक्त की नमाज पढ़ते हैं, कुरान की तिलावत और दिन में रोजा रखकर करते है. सुबह सहरी और शाम को सूरज ढलने के बाद एक इफ्तार करते हैं. इसके अलावा मुस्लिम समुदाय के लोग रमजान में तरावीह की विशेष नमाज को सामूहिक रूप अदा करते हैं.

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भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मस्जिदें पूरी तरह से है बंद

दरअसल कोरोना संक्रमण के चलते भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मस्जिदें पूरी तरह से बंद हैं. मुसलमानों का सबसे बड़ा धार्मिक स्थल मक्का और मदीना तक बंद है. ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए सरकार और मुस्लिम धर्मगुरुओं के द्वारा मुस्लिम समुदाय से अपने-अपने घरों से नमाज पढ़ने और इबादत करने की अपील लगातार की जा रही है.

नई दिल्ली: कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देशभर में लागू किया गया 21 दिन का लॉकडाउन आज खत्म होने जा रहा है. लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राष्ट्र के नाम संबोधित किया. पीएम ने लॉकडाउन को 3 तक बढ़ाने का फैसला लिया. पीएम मोदी ने कहा, ”नमस्ते मेरे प्यारे देशवासियों, कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ भारत की लड़़ाई बहुत ही मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है. आप सभी देशवासियों की तपस्या, आपकी त्याग की वजह से कोरोना से होने वाले नुकसान को काफी हद तक सफल रहा है. आप लोगों ने कष्ट सहकर भी अपने देश को बचाया है. हमारे इस भारतवर्ष को बचाया है.

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उन्होने कहा कि- मैं जानता हूं. आपको कितनी दिक्कतें आई हैं, किसी को खाने की परेशानी, किसी को आने जाने की परेशानी, कोई घर परिवार से दूर है, लेकिन आप देश के खातिर एक अनुशासित सिपाही की तरह अपने कर्तव्य निभा रहे हैं. मैं आप सबको आदर पूर्वक नमन करता हूं.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”साथियों, सारे सुझावों को ध्यान में रखते हुए ये तय किया गया है कि भारत में लॉकडाउन को अब 3 मई तक और बढ़ाना पड़ेगा. यानि 3 मई तक हम सभी को, हर देशवासी को लॉकडाउन में ही रहना होगा. इस दौरान हमें अनुशासन का उसी तरह पालन करना है, जैसे हम करते आ रहे हैं. मेरी सभी देशवासियों से ये प्रार्थना है कि अब कोरोना को हमें किसी भी कीमत पर नए क्षेत्रों में फैलने नहीं देना है. स्थानीय स्तर पर अब एक भी मरीज बढ़ता है तो ये हमारे लिए चिंता का विषय होना चाहिए. इसलिए हमें Hotspots को लेकर बहुत ज्यादा सतर्कता बरतनी होगी. जिन स्थानों के Hotspot में बदलने की आशंका है उस पर भी हमें कड़ी नजर रखनी होगी. नए Hotspots का बनना, हमारे परिश्रम और हमारी तपस्या को और चुनौती देगा.”

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उन्होंने कहा, ”वी द पीपल ऑफ इंडिया, बाबा भीमराव अंबेडकर की जन्मदिवस पर अपनी सामूहिक संकल्प का प्रदर्शन यह सच्ची श्रद्धांजलि है. मैं सभी देशवासियों की तरफ से बाबा साहब को नमन करता हूं. मैं नए वर्ष पर आपके और आपके परिवारजन के उत्तम स्वास्थ्य की मंगलकामना करता हूं.”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”अन्य देशों के मुकाबले भारत ने कैसे अपने यहां संक्रमण को रोकने के प्रयास किए हैं. आप इसके सहभागी भी रहे हैं और साक्षी भी. जब हमारे यहां कोरोना का एक भी केस नहीं था, उससे पहले ही कोरोना प्रभावित आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग शुरू कर दिया था. विदेश से आने वाले लोगों को 14 दिन का आइसोलेशन शुरू कर दिया गया था. जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन का लॉकडाउनक का बहुत बड़ा कदम उठा लिया था. भारत ने समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि समस्या दिखने पर तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का भरसक प्रयास किया.”

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किसी भी देश के साथ तुलना करना सही नहीं: PM

पीएम मोदी ने कहा, ”साथियों यह एक ऐसा संकट है, जिसे किसी भी देश के साथ तुलना करना सही नहीं है, लेकिन अगर-अगर दुनिया के बड़े-बड़े सामर्थ्यवान देशों की तुलना में भारत बहुत संभली हुई स्थिति में है. महिना-ढ़ेड महिना पहले कोरोना संक्रमण के मामले में एक प्रकार से भारत के बराबर खड़े थे. आज उन देशों में भारत की तुलना में 25 से 35 गुना ज्यादा बढ़ गए हैं. भारत ने होलिस्टिक और इंट्रीग्रेटेड अप्रोच न अपनाई होती तो आज भारत की स्थिति को देखते तो रोए खड़ हो जाते.”

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3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया: PM

उन्होंने कहा, ”सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन का भारत को बहुत बड़ा लाभ देश को मिला है. अगर सिर्फ आर्थिक दृष्टि से देखें तो बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ी है. लेकिन लोगों की जान की कीमत बहुत है. 24 घंटे हर किसी ने अपना जिम्मा संभालने के लिए लोग आगे आए हैं. विश्वभर में हेल्थ एक्सपर्ट और सरकारों को और ज्यादा सतर्क कर दिया है. भारत में भी अब लड़ाई कैसे आगे बढ़ें और हम विजयी कैसे हो.. हमारे यहां नुकसान कैसे कम हो और लोगों की दिक्कतें कैसे कम हो. इसे लेकर सभी राज्यों के सरकारों और नागरिकों की मानें तो लॉकडाउन को बढ़ाने का सुझाव है. लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया है. 3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया है.”

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विभिन्न त्योहारों पर देशभर की जनता को शुभकामनाएं: पीएम

अपने संबोधन से कुछ घंटे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट करके कहा कि आने वाले समय में कोरोनावायरस (Covid-19) के खतरे से मिलकर लड़ने के लिए हमें और ताकत मिल सकती है. पीएम मोदी ने मंगलवार सुबह अपने ट्वीट में कहा, “विभिन्न त्योहारों पर देशभर की जनता को शुभकामनाएं. इन त्योहारों से भारत में भाईचारे की भावना मजबूत होगी. ये त्योहार खुशी और बेहतर स्वास्थ्य भी लाएंगे. आने वाले समय में कोरोनावायरस (Covid-19) के खतरे से मिलकर लड़ने के लिए हमें और ताकत मिल सकती है.”

बता दें कि तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश ने सोमवार को लॉकडाउन को 30 अप्रैल तक बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. इन दोनों राज्यों के अलावा ओडिशा, पंजाब, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक पहले ही यह कदम उठा चुके हैं.

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Gorakhapur: रेल मंत्री से प्राप्त निर्देशों के अनुसार प्रत्येक क्षेत्रीय रेलवे द्वारा प्रतिदिन अपने क्षेत्र में एक पार्सल स्पेशल गाड़ी का संचलन किया जाना है. इससे लोगो को आवश्यकता के अनुसार कम मात्रा में भी सामान पहुचाने या मांगने में सुविधा मिलेगी.

पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे द्वारा मंडुवाडीह से काठगोदाम के बीच एक पार्सल स्पेशल गाड़ी 8 अप्रैल से 15 अप्रैल 2020 तक प्रतिदिन चलाई जायेगी जिसमें एक वी.पी.यू. तथा एक एस.एल.आर. होगा.

ट्रेन के परिचालन का यह है समय

पार्सल ट्रेन नंबर- एन. ई. आर.01

मंडुवाडीह- काठगोदाम पार्सल विशेष गाड़ी 8 अप्रैल, 10 अप्रैल, 12 अप्रैल एवं 14 अप्रैल 2020 को मंडुवाडीह से 6 बजे प्रस्थान कर
गाजीपुर सिटी से 07.05 बजे,  बलिया से 08.05 बजे,
छपरा से 09.25 बजे,
सीवान से 10.20 बजे,
देवरिया सदर से 11.25 बजे, गोरखपुर से 12.25 बजे,
बस्ती से 13.15 बजे,
गोंडा में 14.20 बजे,
लखनऊ (उत्तर रेलवे) से 16.30 बजे,
बरेली से 19.30 बजे,
रामपुर से 20.15 बजे,
रुद्रपुर सिटी से 21.05 बजे तथा लालकुआं से 21.35 बजे छूटकर काठगोदाम 22.00 बजे पहुंचेगी.

वही एन.ई.आर.02

काठगोदाम- मंडुवाडीह पार्सल विशेष गाड़ी 9 अप्रैल, 11अप्रैल, 13 अप्रैल एवं 15 अप्रैल, 2020 को
काठगोदाम से 06 बजे, लालकुआं से 06.30 बजे,
रुद्रपुर सिटी से 07.00 बजे, रामपुर से 07.50 बजे,
बरेली से 08.40 बजे,
लखनऊ ( उत्तर रेलवे) से 11.40 बजे,
गोंडा में 13.45 बजे,
बस्ती से 14.50 बजे,
गोरखपुर से 15.45 बजे,
देवरिया सदर से 16.40 बजे, सीवान से 17.45 बजे,
छपरा से 19.05 बजे,
बलिया से 20.00 बजे तथा गाजीपुर सिटी से 21.00 बजे छूटकर मंडुवाडीह 22.00 बजे पहुंचेगी.

यह सुविधा पूर्वोत्तर रेलवे के सभी प्रमुख शहरों जैसे कि वाराणसी, गाजीपुर, बलिया, गोरखपुर, गोण्डा, लखनऊ, बरेली, रामपुर इत्यादि में उपलब्ध होगी.

इसी प्रकार दक्षिण पश्चिम रेलवे द्वारा संचालित 00608 गोरखपुर- यशवन्त पुर पार्सल विशेष गाड़ी गोरखपुर से 8 एवं 15 अप्रैल 2020 को 13.00 बजे प्रस्थान कर पटना, दीन दयाल उपाधयाय ज., सतना जबलपुर, इटारसी, नागपुर बल्लारशाह, सिरपुर, कागजनगर, विजयवाड़ा, गुदुर, चेन्नई, जोलापैट होते हुए तीसरे दिन यशवंतपुर पहुंचेगी.

Chhapra: कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉक डाउन में खेतीबाड़ी करने वालो पर संकट गहराने लगा है. खेतों में काम करने वाले मजदूर नही मिल रहे है और फसल धीरे धीरे बर्बाद हो रही है.

सब्जी की खेती करने वालो की स्थिति और भी खराब है. सब्जियों की खेती करने वालो का कहना है कि लॉक डाउन में सभी लोग अपने घरों में है. खेतों में सब्जियां लगी है. उपज भी हो रही है लेकिन उपज के अनुसार खपत नही हो रही है. उनका कहना है कि खेतों से सब्जियों को लेकर थोक बाजार में बेचा जा रहा है लेकिन जिस अनुपात में पूर्व में सब्जियों को बेची जाती थी उस अनुपात में बाजारों में खरीददार कम है. बाजार जाने में भाड़ा भी इन दिनों ज्यादा लग रहा है. सब्जियों का उत्पाद ज्यादा है और खपत कम जिसके कारण इसके भाव गिर गए है.उधर थोक विक्रेताओं का कहना है कि मुख्य बाजार मौना चौक पर फिलहाल बाजार लगाने की मनाही है, इस कारण सैकड़ो दुकानदार सब्जी नही बेच रहे है. प्रशासन ने ठेले पर सब्जी बेचने का निर्देश जारी किया है जिनके पास ठेला है वही सब्जियों की खरीददारी कर बेच रहे है. जितनी सब्जियों की जरूरत है उतना ही सब्जियों की खरीददारी किसानों से की जा रही है और बेची जा रही है. सब्जियों के भाव मे इन दिनों गिरावट आई है.खुदरा बाजार में भिंडी 30 रुपये किलो, करेला 30 रुपये किलो, परवल 40 से 50 रुपये किलो, टमाटर 15 से 20 रुपये किलो, हरी मिर्च 40 से 60 रुपये किलो, सेम 30 से 40 रुपये किलो, सहजन 40 से 60 रुपये किलो, आलू 20 से 25 रुपये किलो, प्याज 25 से 28 रुपये किलो गलियों में घूम घुमघुमकर बेचा जा रहा है.

हालांकि फलों के भाव मे उछाल है दुकानदारों का कहना है कि फल की गाड़ियां कम आ रही है. गाड़ियों का भाड़ा भी अधिक है. ऐसी स्थिति में उनके दामों में उछाल है. फलों की बिक्री भी कम हो गयी है.

Chhapra: कोरोना वायरस से पूरे देश मे लॉक डाउन है. सरकार के इस पहल से कई सकारात्मक बातें सामने आई है. जिनमे सबसे बड़ा परिवर्तन वायुमंडल का है. देश के अलग अलग राज्यों के साथ साथ वायुमंडल में हुए इस परिवर्तन का सीधा असर छपरा में भी देखने को मिल रहा है. प्रतिदिन सड़कों पर दौड़ते हजारों चारपहियां, दुपहियां वाहनों के अलावे ट्रेन, ट्रक, ट्रैक्टर, जेनरेटर में से इन दिनों गिने चुने संख्या में सड़को पर दिख रहे है. ऐसे में वायुमंडल में ना सिर्फ कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक तत्वों की मात्रा कम हुई है बल्कि हवा भी स्वच्छ हुई है.

विगत 10 दिन से जारी लॉक डाउन की इस अवधि में वायु प्रदूषण में कमी के साथ साथ ध्वनि प्रदूषण में भी कमी आयी है. जो वृद्ध एवं छोटे बच्चों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है. स्वच्छ हवा लोगों के मन मस्तिष्क को प्रफुल्लित कर रही है. घुटन वाली जिंदगी के अर्से बाद लोग स्वच्छ हवा में सांस ले रहे है और कुछ बेहतर महसूस कर रहे है.

निश्चित तौर पर इस लॉक डाउन की अवधि में कई सकारात्मक पहलू सामने आए है. आने वाले दिनों में यह एक बड़े परिवर्तन का घोतक बन सकता है. सरकार इस दिशा में पहल भी कर सकती है. जिससे के हम अपने बच्चों को एक सुनहरा भविष्य दे सकते है.

जिंदगी को जीने की जद्दोजहद और भागम भाग की इस जिंदगी में यह लॉक डाउन एक विराम के समान है लेकिन शारीरिक थकान, मानसिक तनाव को दूर करने और परिवार से पुनः लगाव का कारण भी यह लॉक डाउन ही बना है. इस अवधि में सभी ने अपने परिवार के छोटे बड़े बुजुर्ग के साथ जो समय व्यतीत किया वह एक इस सदी की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जायेगी.

लोग अपने घरों में रह रहे है, परिवार के लोगो से बातचीत कर रहे है, उनके साथ खेल रहे है, घरेलू कार्यो में हाथ बटा रहे है, पारिवारिक जीवन मे पुनः वापसी का श्रेय लॉक डाउन को ही मिलेगा. निश्चित तौर पर कोरोना वायरस ने हमे सीख दी है जिसपर अमल करने की जरूरत है.

 

Chhapra: जिले में लॉक डाउन अवधि में अनावश्यक रूप से बाइक चलाने पर पाबंदी लग गयी है. अगर शहर के साथ साथ ग्रामीण क्षेत्रों में अगर कोई बाइक चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसकी बाइक को थाने में जमा करते हुए निर्धारित चालान भी कटेगा.

जिले के पुलिस कप्तान हर किशोर राय ने इस बाबत पत्र जारी करते हुए सभी थानों को यह निर्देश दिया है कि वह अपने अपने क्षेत्रों में बाइक परिचालन पर पूरी तरह से रोक लगाए. यह रोक आवश्यक कार्य बैंक, मीडिया, स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य आवश्यक सेवाओं के पास धारक लोगों को छोड़ कर लगाई गई है.

पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पैसों की कमी के कारण बैंक इत्यादि पर ज्यादा भीड़ रहेगा और अपराधी भी धीरे धीरे सक्रिय हो रहे है. इसलिए सभी चेकिंग पॉइंट पर सक्रियता के साथ रहे जिससे कि कोई बाइक पास न कर सकें. सभी बाइक थाने पर ले जाये और जुर्माना करें. जो भी व्यक्ति समान खरीदने जाए वह पैदल या साईकल से जाए. इस नियम का सख्ती से पालन करें.

Chhapra: सारण जिले के दिघवारा आमी स्थित अम्बिका भवानी मंदिर में चैत्र नवरात्र के अवसर पर महाष्टमी को विशेष पूजा का आयोजन किया गया.

कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए लॉक डाउन अवधि में मंदिर के पुजारी द्वारा ही इस वर्ष माता का पूजन, नवरात्र पाठ एवम आरती की जा रही है. विधिया विधान के साथ प्रतिदिन मंदिर के पुजारी द्वारा माता का श्रृंगार भी पूरे विधि विधान से किया जा रहा है.

बुधवार को माता के महाष्टमी की पूजा विशेष रूप से की गई. सिद्धि पीठ आमी मे विश्व के आपदा निवारण व जन कल्याणार्थ अलग – अलग मंत्रों से आठवें दिन संपुट पाठ किया गया.

इसके पूर्व पुजारियों ने मां अम्बिका भवानी के प्रातः कालीन पूजन, आरती तथा विश्व मे उत्पन्न कोरोना आपदा निवारण हेतु प्रार्थना करते हुए और सभीं भक्तों को मनवांछित फल प्राप्ति हेतु कामना की गयी.

विदित हो की लॉक डाउन अवधि में अंबिका भवानी मंदिर न्यास समिति की तरफ से मंदिर का मुख्य प्रवेश द्वार बंद कर दिया गया है. प्रतिदिन मंदिर के पुजारी द्वारा ही माता की आराधना, प्रातः कालीन, संध्याकालीन पूजा व संपुट पाठ किया जा रहा है.

इसके अलावें नवरात्रि भर चलने वाले संध्या कालीन माता के अलग-अलग स्वरूपो यथा शैलपुत्री, ब्रह्मचारी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा आदि स्वरूपो का विशेष श्रृंगार कर पूजा की जा रही है.

Chhapra: महापर्व चैत्र छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शनिवार से प्रारंभ है. महापर्व को लेकर रविवार को व्रती संध्या समय मे खरना की विधि सम्पन्न करेगी. खरना के बाद से ही व्रतियों द्वारा 36 घंटे का निर्जला व्रत प्रारंभ हो जाएगा. सोमवार की संध्या व्रतियों द्वारा अस्ताचलगामी भगवान और मंगलवार की सुबह उदयीमान भगवान भाष्कर को अर्ध्य देने के साथ यह अनुष्ठान संपन्न होगा.

कोरोना वायरस को लेकर इस वर्ष अपने अपने घरों से ही व्रती छठ व्रत करेगे. पूरे देश के साथ जिले में भी लॉक डाउन है ऐसे में लोग घरों में ही रहकर इस व्रत को करेगे.

जिले के एकमात्र नारांव सूर्य मंदिर कमिटी ने भी इस चैत्र माह के छठ व्रत को आने घरों से ही मनाने का आह्वान किया गया है. मंदिर के आचार्य नंद किशोर तिवारी ने बताया है कि कोरोना वायरस के प्रति सभी को जागरूक रहने की जरूरत है.महापर्व छठ सूर्य उपासना का पर्व है लेकिन इसमें भीड़ को देखते हुए इस वर्ष चैत्र छठ में किसी तरह का कार्यक्रम सूर्य मंदिर नारांव में आयोजित नही होगा. उन्होंने सभी व्रतियों से अपने अपने घरों से ही भगवान की पूजा करने और घर से ही अर्घ्य देने का आह्वान किया है.

Chhapra: लॉक डाउन की घोषणा के बाद शहर के लोग अचानक से बाजारों में निकल पड़े, हर तरफ सिर्फ जनता खरीददारी में जुटी थी. देखते ही देखते बाजारों में खाद्य सामग्री के दाम आसमान छूने लगे. एक दिन पहले जो आटे, दाल, आलू, चावल का भाव था उसपर दुकानदारों द्वारा अचानक 10 से 50 रुपये तक भाव बढ़ा दिया गया. जिला प्रशासन से जनता ने इसकी शिकायत की और प्रशासन द्वारा कालाबाजारी पर बंदिश लगाते हुए कई दुकानदारों के ऊपर कार्रवाई की गई.

बाजारों में कालाबाजारी को देखते हुए जिला प्रशासन द्वारा खाद्य सामग्री का रेट तय किया गया. बुधवार को जारी किए जिला प्रशासन के खाद्य सामग्री रेट चार्ट में सभी तरह के खाद्य पदार्थो का रेट तय किया गया है. रेट चार्ट में आटा, चावल, दाल, आलू, दूध, तेल सभी के दाम खुदरा एवं थोक दर भी निर्धारित किये गए है. जिसपर आम जनता को खरीददारी करने तथा इस तय रेट से ज्यादा राशि लेने पर प्रशासन को सूचित करने का निर्देश जारी किया गया है. जिला प्रशासन ने तो अपना काम कर दिया लेकिन मार्केट कुछ और ही कह रहा है.

बुधवार को इस संदर्भ में मौना चौक के कई किराना दुकानदारों से बात की गई. दुकानदारों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि खाद्य सामग्री का रेट निर्धारण जनता के हित के लिए है. लेकिन समस्या यह है कि दुकानदार थोक भाव मे जो खरीद रहा है उसपर अपना खर्च निर्धारित कर बेच रहा है. जिसका रेट तय रेट से ज्यादा हो रहा है. छपरा की मंडी में फिलहाल खाद्य सामग्री आ नही रही है. मुख्य समान सरसों तेल, आटा, दाल, चावल आपूर्ति मंडी में पूरी तरफ ठप्प है. खाद्य समानों से लदे ट्रक रास्तों में फसें पड़े है.

दुकानदारों का कहना है कि जब समान आएगा ही नही तो निश्चित तौर पर थोक बाजार में समान का दाम चढ़ेगा. खरीददारी के अनुसार ही समानों की बिक्री त रेट निर्धारित होगा.

दुकानदारों का कहना है कि वह आपदा की घड़ी में जनता के साथ है, सरकार और प्रशासन खाद्य सामग्री का आयात सुनिश्चित करें. थोक बाजार में निर्धारित रेट के अनुसार दुकानदारों को समान मुहैया कराए वह लागत मूल्य पर जनता को समान बेचने के लिए तैयार है.