BIHAR ELECTION 2020: छपरा विधानसभा के किस प्रत्याशी को कितने मिले वोट, यहाँ देखिये 

 

BIHAR ELECTION: SARAN RESULTS: सारण में कौन कहाँ से जीता, यहां देखिये

BIHAR ELECTION 2020: सारण के सभी सीटों पर कौन कितने वोट से जीता, यहाँ देखिये

BIHAR ELECTION: SARAN RESULTS: सारण में कौन कहाँ से जीता, यहां देखिये

Chhapra: सारण में 10 में से 7 सीटों पर राजद महागठबंधन आगे, जानिए प्रत्येक विधानसभा सीट का हाल

BIHAR ELECTION: SARAN RESULTS: सारण में कौन कहाँ से जीता, यहां देखिये

आपके द्वारा भेजी गयी तस्वीरें: इन्होने अपने अधिकार का किया प्रयोग, क्या आपने किया मतदान

दूसरे चरण का मतदान जारी, सारण में हर वर्ग के मतदाताओं में दिख रहा उत्साह

Posted by Chhapra Today on Tuesday, 3 November 2020

 

Saran: मंगलवार को बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में सारण के 10 विधानसभा सीटों पर वोटिंग जारी है.  कोविड-19  काल मे मतदान हो रहे हैं. मतदाताओं का उत्साह के आगे कोविड-19 पर भारी पड़ रहा है.

विभिन्न बूथों पर मतदाताओं की भीड़ उमरी लगी है. आम दिनों में चुनाव की तरह वोटर लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. यहां तक कि बुजुर्ग मतदाता भी वोट डालने पहुंच रहे हैं. कोविड-19 के बावजूद मतदाताओं के उत्साह में कोई कमी नहीं नजर आ रही है. सुबह 9:00 बजे तक सारण में 8.6 फ़ीसदी मतदान हो चुका है.

छपरा, गरखा, सोनपुर, तरैया, मशरख, मांझी एकमा, बनियापुर, मढौरा हर जगह अच्छी खासी संख्या में वोटर बूथ पर पहुंच रहे हैं.

शहर के साथ प्रखंडो व विभिन्न गांवों में भी वोटर अच्छी खासी संख्या में बूथ पर पहुंच रहे हैं.

वोटरों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराया जा रहा है. मतदान केंद्र पर प्रवेश से पहले सैनिटाइजेशन, मास्क और हैंड ग्लब्स दिए जा रहे हैं.

Saran: सारण के 10 विधानसभा सीटों पर वोटिंग जारी है कोविड काल होने के बावजूद वोटरों का उत्साह नजर आ रहा है. विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों के उम्मीदवार भी वोट करने पहुंच रहे हैं.

छपरा विधानसभा से निवर्तमान विधायक और बीजेपी उम्मीदवार डॉ सेन गुप्ता भी वोट करने पहुंचे इस तरह उन्होंने आम लोगों से लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लेने के लिए अपील की

तरैया विधान सभा के राजद उमीदवार सिपाही लाल महतो ने अपने अपने गाँव अमनौर विधान सभा के मकेर प्रखण्ड के प्राथमिक विधालय, पुरूषोत्तम के बुथ सं. 166 मतदान किया.

गरखा विधानसभा के साधपुर में बूथ नम्बर 224 पर भाजपा के उम्मीदवार व पुर्व विधायक ज्ञानचंद्र माँझी ने मतदान किया और आम लोगों से वोट करने की अपील की.

एकमा के निवर्तमान विधायक मनोरंजन सिंह धुमल भजौना स्थित मतदान केंद्र पर वोट करने पहुंचे.

Chhapra:  सारण के 10 विधानसभा सीटों पर शांतिपूर्ण मतदान जारी है मंगलवार की सुबह 7:00 बजे से जिले के सभी भी बूथों  पर मतदान शुरू हो गया.  हालांकि कुछ जगहों पर देरी से मतदान शुरू हुआ. 11 बजे तक जिले में 17 प्रतिशत वोटिंग हुई है.सा

सारण में 5 बजे तक 51 फीसदी मतदान

सारण में 3 बजे तक 41 फीसदी मतदान

सारण में 1 बजे तक 30 फीसदी मतदान

सारण में 11 बजे तक 17 फीसदी मतदान

9:57- सारण जिलाधिकारी नेे किया वोट

छपरा के जिला स्कूल के पास स्थित अंबेडकर भवन में  बने आदर्श मॉडल बूथ पर सारण जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन वोट करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मतदाताओं से वोट करने की अपील की.

9:15छपरा से निवर्तमान विधायक सीएन गुप्ता ने डाला वोट, आम जनता से की वोट करने की अपील.

8: 45- मतदान केंद्रों की निगरानी के लिए जिला कंट्रोल रूम बनाया गया है. जहां से जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. जिलाधिकारी ने अपील किया कि पहले मतदान करें फिर जलपान करें. जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में शांतिपूर्ण माहौल में मतदान जारी है, हर जगह सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद है.

8: 15: सारण के 10 विधानसभा सीटों पर मतदान के लिए लोगों में उत्साह नजर आ रहा है. कोविड-19 काल  के बावजूद लोग मतदान केंद्र पर पहुंच रहे हैं, वोटिंग बूथों पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ मास्क व सैनिटाइजेशन का भी प्रयोग हो रहा है

7: 45– छपरा के सारण अकादमी और जिला स्कूल के सामने अंबेडकर भवन को आदर्श मॉडल बूथ बनाया गया है, दोनों बूथ पर मतदाताओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. सारण अकैडमी में मतदाताओं के लिए सेल्फी की भी व्यवस्था की गई है.

7:35- छपरा के राजेंद्र कॉलेजिएट में देरी से शुरू हुई वोटिंग

7:05– सारण के 10 विधानसभा सीटों पर शुरू हुआ मतदान

Patna: बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का ऐलान हो गया. 70 सीटें कांग्रेस को जबकि राजद ने अपने पास 144 सीट रखी है. तेजस्वी यादव जब सीटों के ऐलान को लेकर प्रेस कॉफ्रेंस कर ही रहे थे कि हंगामा हो गया. वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने महागठबंधन छोड़ने का ऐलान कर दिया.

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन के तहत सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान हो गया. तेजस्वी यादव ने बताया कि राजद के खाते में 144 सीटें आई हैं जिसमें से कुछ सीटें जेएमएम और वीआईपी को भी दी जाएंगी. वाल्मिकी नगर लोकसभा उपचुनाव का टिकट कांग्रेस को दिया गया है.

ऐसा है सीटों का हाल

राजद-144

कांग्रेस- 70

भाकपा माले-19

सीपीआई-6

सीपीएम- 4

Chhapra: जिला निर्वाचन पदाधिकारी-सह-जिलाधिकार सुब्रत कुमार सेन के द्वारा समाहरणालय सभागार में बैंकर्स के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक में निर्वाचन आयोग से प्राप्त पत्र के आलोक में बिहार विधान सभा निर्वाचन-2020 के अवसर पर जिला अग्रणी प्रबंधक (एल.डी.एम) को निदेश दिया गया.

बैंकों को निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान बैंक खाते से नगद की प्रति दिन संदेहास्पद निकासी से संबंधित प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए है.

जिलाधिकारी के द्वारा असामान्य तथा संदेहास्पद नकद निकासी या निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान एक लाख से अधिक की राशि उस परिस्थिति में बैंक में जमा करवाने जबकि पिछले दो महीने के दौरान इस प्रकार जमा व निकासी न की गई हो, निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान जिला/निर्वाचन क्षेत्र में विभिन्न व्यक्तियों के बैंक खाते में एक ही बैंक खाते से आरटीजीएस द्वारा राशि का असामान्य स्थानांतरण जबकि ऐसे अंतरण का पहले कोई नजीर नहीं रहा हो, निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान राजनैतिक दल के खाते में एक लाख से अधिक नकदी की जमा या नकदी की निकासी, अन्य कोई संदेहास्पद नकदी का लेन देन जिसका निर्वाचकों को रिश्वत देने में उपयोग किया गया हो से संबंधित प्रतिवेदन की माँग की गयी है. इसके अतिरिक्त यदि बैंक में रूपया दस लाख से अधिक नकदी को जमा होने अथवा निकासी किये जाने से संबंधित मामला भी घटित होता है तो उक्त सूचना को बैंक आयकर विभाग के नोडल पदाधिकारी को भी देना सुनिश्चित करें ताकि उनके स्तर से भी मामले में नियमों के अंतर्गत आवश्यक कार्रवाई की जा सके.

बैठक में जिलाधिकारी के साथ उप विकास आयुक्त अमित कुमार, राज्यकर संयुक्त आयुक्त सौरभ कुमार सिंह, जिला अग्रणी प्रबंधक (एल.डी.एम) एवं सभी बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे.

(संतोष कुमार बंटी)
राजनीति में वही जीत दर्ज कर सकते हैं जिनकी बिसात बेहतर बिछाई गई हो. राजा के लिए समर्पित सैनिक एक बेहतर राजनीति के तहत जीत दर्ज कर सकते हैं. कहा भी गया है, योजनाबद्ध तरीके से किया गया कार्य ही सफल होता है. साफ मंसूबे ही जीत के दावेदार होते हैं.

इन सारी बातों का अगर गहन अध्ययन करें तो मंगलवार को आयोजित राजनीति के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की प्रेस वार्ता ने बहुत कुछ साफ करते हुए अपना बिहार की राजनीति में एक संकेत जरूर दे दिया है. हालांकि स्पष्ट रूप से भले ही उन्होंने कुछ भी नहीं कहा लेकिन जिस तरह से उन्होंने वर्तमान नीतीश सरकार के 15 वर्षों के कार्यों की प्रशंसा के साथ आलोचना की, नीतीश कुमार से निजी और राजनीतिक संबंध तथा 15 वर्षों के विकासात्मक कार्यों की 2005 की सरकार से की गई तुलना. साथ ही साथ प्रदेश के विकास में जन सरोकार के मुद्दे शिक्षा, बिजली और सड़क तीनों का समेकित विश्लेषण कर एक खास वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करने के प्रयास से यह कहा जा सकता हैं कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के लिए रणनीति बनाने वाले राजनीति के रणनीतिकार प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री पद के लिए बिहार में एक विकल्प हो सकते हैं.

नीतीश कुमार से पिता पुत्र की भांति संबंध, जोड़ना-हटाना उनका निर्णय
प्रशांत किशोर ने प्रेसवार्ता में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पिता और पुत्र की भांति संबंध होने की बात कही. उनका कहना है कि पार्टी में उन्होंने जोड़ा और हटाया यह उनका निर्णय है. प्रत्येक व्यक्ति की अपनी एक विचारधारा होती है. जिसके साथ वह आगे बढ़ता है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 वर्षों में निश्चित ही बिहार की तस्वीर बदली है. लेकिन प्रदेश का विकास 15 वर्ष पहले जहां था आज भी वही है.

प्रदेश के विकास में जन सरोकार के मुद्दे बन सकते हैं हथियार
प्रशांत किशोर ने राजनीति में रणनीतिकार के रूप में अपनी शुरुआत की और सफल भी हुए. भाजपा, कांग्रेस और तत्काल में आप के साथ सफलता की गाथा लिखी है. जनता के नब्ज को वह अच्छी तरह से जानते है. 2020 के चुनाव में प्रदेश के विकास में जन सरोकार के मुद्दे को एक हथियार के रूप में शामिल कर सकते हैं.

श्री किशोर ने प्रेस वार्ता में कहा कि राज्य में 2005 के मुकाबले साइकिल योजना, पोशाक योजना एवं छात्रवृत्ति योजना का वितरण कर सरकार ने विद्यालयों में नामांकन का ग्राफ़ भले ही बढा लिया लेकिन गुणवत्ता वाली शिक्षा बच्चों को नहीं मिली.

प्रदेश में बिजली के क्षेत्र में बेहतर कार्य हुए जिसके लिए सीएम बधाई के पात्र हैं लेकिन सूबे में बिजली की खपत नहीं है. सूबे में परिवार सिर्फ एक बल्ब और एक पँखे के सहारे जीता है. उसके पास अन्य चीजों के खरीदने के पैसे नहीं है. जिसका वह उपयोग कर सकें.

सड़को का सूबे में जाल बिछा 2005 के मुकाबले सड़कों की स्थिति अच्छी है. वाहनों की संख्या भी अच्छी खासी निबंधित है लेकिन सड़क पर चलाने के लिए उनके पास आय नहीं है. बेरोजगारी बढ़ी है और इसके चलते पलायन होता है.

विगत कई वर्षों से राजनीति में युवाओं को जोड़ने का कर रहे हैं कार्य

जंग में सिपाही का होना बेहद जरूरी है और सिर्फ उनकी संख्या ही नहीं बल्कि उनमें हुनर हो. सिपाही अगर हुनरमंद होंगे तो वह संख्या में कम होने के बावजूद भी विपक्षी पर भारी पड़ सकते हैं. प्रशांत किशोर ने विगत वर्षों में राजनीति की रणनीति और उसमें युवाओं की भागीदारी को लेकर तैयारी की जा चुकी है. जिसके कारण उनके साथ हुनरमंद और हर काम मे माहिर काम करने वाले युवाओं की अच्छी खासी तादाद है जो उन्हें किसी भी लड़ाई में जीत दिलवा सकते है.

दिल्ली में संपन्न दिल्ली चुनाव के परिणाम के बाद ऐसा माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर बिहार में एक नया ढांचा खड़ा कर सकते हैं. हालांकि जानकारों का मानना है कि प्रशांत किशोर एक प्रोफेशनल व्यक्ति है. दिल्ली चुनाव में उन्होंने अरविंद केजरीवाल की आप पार्टी के लिए रणनीति बनाई थी.

बहरहाल 2020 बिहार के लिए चुनावी वर्ष है और सभी पार्टी अपनी तरफ से इस चुनाव को जीतने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रही है. बीते वर्ष में प्रशांत किशोर ने चुनाव में किसी न किसी पार्टी के लिए काम किया है. वैसे श्री किशोर ने मीडिया के सामने भी चुनावी महाकुंभ में डुबकी लगाने की अपनी इच्छा जाहिर नहीं की है. लेकिन जन सरोकार के मुद्दे को आंकड़ों के साथ प्रदर्शित करना निश्चित तौर पर एक विकल्प के रूप में देखने को मजबूर करता है.

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