Chhapra: समाजसेवी रोटरी क्लब सारण के संस्थापक अध्यक्ष श्याम बिहारी अग्रवाल ने अपने घर के छत पर फूल के विभिन्न प्रकार के फूल पौधा रोपण किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गर्मी पहले भी पड़ती थी, लेकिन तब पेड़-पौधे और ताल-तलैया राहत देते थे। हमने उन्हें समाप्त किया तो अब भुगत रहे हैं। अभी भी नहीं चेते तो विनाश तो सुनिश्चित है। आज प्रचंड गर्मी से लोग बेहाल हैं। सब ग्लोबल वार्मिग, जलवायु परिवर्तन एवं प्राकृतिक असंतुलन का फल है। पूरे देश में लू के कारण लोग असमय मर रहे हैं। जल के प्राकृतिक स्रोत नदी, तलाब, पोखरा, कुएं इत्यादि सुख रहे हैं। भूगर्भ का जलस्तर घट रहा हैं। स्वच्छ पानी के लिए हाहाकार मचा है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है। समुद्र के किनारे वाले शहरों के अस्तित्व पर खतरा बन आया है। यह सब कुछ एकाएक नहीं हुआ है। इसके लिए हम और आप कहीं ना कहीं जिम्मेवार हैं हमने अपनी भौतिक आवश्यकताओं एवं सुख सुविधाओं की पूर्ति के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की है।
उन्होंने कहा कि पेड़, पौधे पहाड़ को काटकर आलीशान घर, होटल, रिसार्ट इत्यादि बनाएं गए। फलस्वरूप बहुत से जीव, जंतु, वनस्पति विलुप्त हो गए और कई विलुप्त होने के कगार पर हैं। बढ़ती हुई जनसंख्या एवं प्राकृतिक असंतुलन के कारण ओजोन लेयर का छिद्र बढ़ता गया। परिणाम ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ गया है। आज ग्लेशियर पिघल रहे हैं। भविष्य में आर्कटिक का सारा ग्लेशियर पिघल जाएगा, तब सोचिए क्या होगा। अगर हम समय रहते अभी भी नहीं चेते तो हमारे वर्तमान और भविष्य अनिश्चित ही है। हमें प्रकृति संरक्षण की शपथ लेकर उस पर अक्षरशः अनुकरण भी करना होगा, तभी हम और हमारा भविष्य सुरक्षित रह सकेगा अन्यथा आने वाले समय में और भी विकट स्थिति की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है।