सारण की बेटी इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे पर एक दिन के लिए बनी मेक्सिको की राजदूत

सारण की बेटी इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे पर एक दिन के लिए बनी मेक्सिको की राजदूत

Chhapra (Aman Kumar): सारण के परसा में चाय बेचने वाले उपेंद्र साह की 15 वर्षीय बेटी ने नई दिल्ली में मेक्सिको की राजदूत का पद संभाला. निक्की कुमारी को इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे के मौके पर मेक्सिको की राजदूत राजदूत बनाया गया. निक्की सिर्फ 15 साल की है. वह पीएन कॉलेज परसा में 11 वीं में पढ़ाई करती है.

एक बेटी की इस सफलता से पूरे सारण में गौरवान्वित हुआ है. दरअसल प्लान इंडिया एनजीओ के तहत उन्हें एक दिन के लिए मेक्सिको की राजदूत बनने का मौका मिला. 

आपको बता दें कि देश के विभिन्न राज्यों से 24 लड़कियों को चुनकर भारत मे विभिन्न देशों का राजदूत बनाया गया. जिसमें बिहार से सिर्फ तीन लड़कियों को चयन हुआ. इसमें सारण की निक्की कुमारी का भी चयन हुआ था.

सारण जिले के परसा प्रखंड के मुजौना गांव निवासी उपेंद्र साह की पुत्री निक्की कुमारी परसा पीएन कॉलेज की 11वीं की छात्रा हैं. पिता चाय बेचते हैं साथ मे खेती का काम भी करते है. निक्की कुमारी के राजदूत पद संभालने पर पिता ने बेहद खुशी जताई है. उन्होंने प्लान इंडिया के एनजीओ को भी शुक्रिया अदा किया है. उन्होंने कहा कि आज बेटी को 1 दिन के लिए मेक्सिको का राजदूत बनाया गया है यह बेहद गौरवान्वित करने वाला पल है.

एक दिन के लिए बनी राजदूत

निक्की में 11अक्टूबर को नई दिल्ली में मेक्सिको के राजदूत पद पर एक दिन के लिए कार्यभार संभाला. इस दौरान निक्की ने बताया कि सबसे पहले उन्हें एम्बेसी ले जाया गया. इसके बाद उन्हें एम्बेसडर की कुर्सी पर बैठाकर कार्यभार दिया गया. इस दौरान उन्होंने विभिन्न देशों के डेलीगेट्स से मुलाकात भी की. साथ ही महिलाओं की समानता को लेकर काफी चर्चा भी हुई. साथ ही गर्ल एडुकेशन पर भी बातचीत की. इसके अलावें निक्को ने वीजा केंद्र का भी मुआयना किया. इस तरह पूरा दिन उन्होंने मेक्सिको की एम्बेसी में बिताया.

 

पिछले साल सारण की रौशनी बनी थी राजदूत

इससे पहले पिछले साल सारण की रोशनी को इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे पर डेनमार्क की राजदूत बनाया गया था. रौशनी ने भी लड़कियों के अधिकारों को लेकर ज़िले भर में काफी कार्य किये हैं.

निक्की ने महिलाओं के अधिकारों को लेकर किया काम

निक्की ने बताया कि वह बेहद गरीब परिवार से हैं. यहां तक पहुंचने के लिए बहुत कठिनाइयों व संघर्षो का सामना करना पड़ा है. उन्होंने बताया कि 2014 में वो प्लान इंडिया एनजीओ से जुड़ी. इसके बाद से वह गर्ल चाइल्ड के साथ महिलाओं के अधिकारियों को लेकर कांसस हो चुकी हैं. इसके लिये उन्होंने ट्रेनिंग भी ली है. निक्की ने बताया कि वह महिलाओं / लड़कियों के अधिकारों को लेकर वह अपने गांव में काफी कार्य करती हैं.


लड़की के बीच शिक्षा और जागरूकता फैलाया

निक्की ने बताया कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि आज वह दिन है इस तरह का पद पर कार्य करने का मौका मिलेगा यह एक बहुत अच्छा फल था. उन्होंने बताया कि वो गांव की लड़कियों के बीच मेंसुरेशन हाइजीन के साथ कई तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाती हैं. उन्होंने गांव में ही किशोरी ग्रुप बनाया है जिसमें 15 लड़के -लड़कियों को इकट्ठा करके हर महीने एजुकेशन, समाज में बुराइयां, चाइल्ड लेबर शिक्षा समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी करतो हैं.


इसी साल बाल विवाह भी रोका

अपने गांव में निक्की ने एक बार बाल विवाह भी रुकवाने का कार्य किया है. इसी वर्ष जब उनकी मैट्रिक की परीक्षा थी तो उन्होंने गांव में ही है बाल विवाह को रुकवाया. इसके लिए उन्होंने चाइल्ड हेल्पलाइन को फोन करके इसकी जानकारी दे दी, फिर क्या था बाल विवाह रोकनी पड़ी. साथ साथ परसा में खुल हेल्थ क्लीनिक सेंटर में हर तीन महा पर गांव के लड़के लड़कियों का हेल्थ चेकअप कराने ले जाती हैं.

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