Chhapra: स्थानीय रामकृष्ण मिशन आश्रम में सोमवार को संपन्न राम कृष्ण कथा सरोवर तथा व्याख्यान देते हुए बेलूर मठ से आए वरिष्ठ सन्यासी स्वामी शशांकानंद जी महाराज ने कहा कि श्री रामकृष्ण के दैनिक जीवन से शिक्षा के प्रति जो संदेश मिलता है उसे अपनाने की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा कि उनकी बाल लीला का अवलोकन करने से पता चलता है.
उन्होंने विद्यालय शिक्षा का त्याग करके उस बात पर बल दिया कि बच्चों को वही शिक्षा दी जानी चाहिए जिसमें उनकी रुचि है. ऐसा होने से बच्चा महान कार्य कर पाएगा.
उदाहरण देते हुए स्वामी जी ने कहा की चित्रकारी, कला लेखन, नाटक मंचन, भजन कीर्तन, संगीत जैसे विषय भी लाभकारी हो सकते हैं.