मशरक में रेलवे लाइन के किनारे मिली एक नवजात बच्ची, अपने ने फेंका गैरों ने अपनाया

मशरक में रेलवे लाइन के किनारे मिली एक नवजात बच्ची, अपने ने फेंका गैरों ने अपनाया

मशरक में रेलवे लाइन के किनारे मिली एक नवजात बच्ची, अपने ने फेंका गैरों ने अपनाया

Mashrakh : “जाको राखे साइया मार सके ना कोये” कहावत को चरितार्थ किया है। मशरक जंक्शन रेल लाइन के किनारे एक नवजात बच्ची मिली है।

मंगलवार को मशरक – छपरा रेलखंड पर मशरक जंक्शन के पास रेल लाइन के किनारे एक नवजात बच्ची मिली है। बच्ची के रोने की आवाज सुनने के बाद स्थानीय लोगों ने उसे रेलवे लाइन के किनारे से निकाला। जहां बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ और तंदुरुस्त पाई गयी।

स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस समय उन्होंने बच्ची के रोने की आवाज सुनी और फिर जब उन्होंने बच्ची को देखा तो उस समय तक वह रेलवे लाइन के किनारे पड़ी थी। वही मौके पर मानवता का परिचय देते हुए ग्रामीणों ने बच्ची को उठा कर लाए जिसे एक ग्रामीण अपने साथ लेकर चला गया।

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