इतिहास के पन्नों में: 28 सितंबर

इतिहास के पन्नों में: 28 सितंबर

‘बहरों को सुनाने के लिए धमाके की जरूरत’– 07 अक्टूबर 1930 को सांडर्स हत्याकांड में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी की सजा सुनाई गयी। इन पर लाहौर के सहायक पुलिस अधीक्षक रहे अंग्रेज अफसर जेपी सांडर्स को गोली से उड़ाने का आरोप था। इसके बाद 08 अप्रैल 1929 को दिल्ली की सेंट्रल एसेंबली में न केवल बम धमाका किया बल्कि वहां से भाग निकलने की बजाय खुद की गिरफ्तारी देकर ब्रिटिश हुकूमत के समक्ष चट्टानी हौसले का प्रदर्शन किया।

केस की सुनवाई के दौरान भगत सिंह ने कहा कि सेंट्रल हॉल धमाके में उनका इरादा किसी की जान लेना नहीं बल्कि बहरी व्यवस्था को सुनाने के लिए बम धमाके की जरूरत थी। 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल में शाम सात बजे तीनों अमर सेनानियों को फांसी दी गयी। हालांकि भगत सिंह की ख्वाहिश थी कि उन्हें फांसी की बजाय गोलियों से भून दिया जाए।

भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को गांव बंगा जिला लायलपुर पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था। 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकांड ने किशोरावस्था में भगत सिंह पर गहरा असर डाला। लाहौर के नेशनल कॉलेज की पढ़ाई छोड़कर भगत सिंह ने देश की आजादी के लिए नौजवान भारत सभा की स्थापना की। वे महान क्रांतिकारी ही नहीं बल्कि अध्ययन, विचार और कलम के धनी भी थे। 23 साल की उम्र में फांसी के फंदे को चूमने वाले भगत सिंह का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है।

अन्य अहम घटनाएं:

551 ईपू: चीन के दार्शनिक कनफ्यूसियस का जन्म।

1838: अंतिम मुगल सम्राट बहादुरशाह जफर ने पिता की मृत्यु के बाद सत्ता संभाली।

1929: सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर का जन्म।

1947: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना का जन्म।

1982: प्रसिद्ध भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा का जन्म।

1982: बॉलीवुड अभिनेता रणवीर कपूर का जन्म।

0Shares
A valid URL was not provided.

छपरा टुडे डॉट कॉम की खबरों को Facebook पर पढ़ने कर लिए @ChhapraToday पर Like करे. हमें ट्विटर पर @ChhapraToday पर Follow करें. Video न्यूज़ के लिए हमारे YouTube चैनल को @ChhapraToday पर Subscribe करें