सांसद राजीव प्रताप रुडी को मातृ शोक, हरिद्धार में आज हुआ अंतिम संस्कार

सांसद राजीव प्रताप रुडी को मातृ शोक, हरिद्धार में आज हुआ अंतिम संस्कार

हरिद्वार: सारण सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव प्रताप रुडी की माता का देहांत हो गया। वो 88 वर्ष की थी। पिछले कई दिनों से वह अस्वस्थ चल रही थी और दिल्ली के अस्पताल में चिकित्सारत थी। वह सांसद रुडी के दिल्ली स्थित सरकारी आवास पर ही उनके साथ रहती थी और इलाजरत थी।

उन्होंने 25 सितम्बर (रविवार) को अस्पताल में ही सुबह के 11.59 बजे अंतिम सांस ली। निधन की खबर लगते ही दिवंगत की आत्मा की शांति के लिए कई गणमान्य लोग आये जिसमें केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सह राज्यसभा सांसद सुशील मोदी, बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, बिहार सरकार में मंत्री संजय झा, पूर्व सांसद संदीप दिक्षित भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयन्त पाण्डा, राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन, सांसद रामेश्वर डूडी, सांसद डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह, सांसद अनुभव मोहन्ती, केसी त्यागी, डी राजा, हनन मौला, मधु गौड़ याक्षी, ने अपनी श्रद्धांजलि व्यक्त की।

इस दौरान बिहार के राज्यपाल फागु सिंह चौहान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फणनविस समेत कई राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों ने भी दूरभाष पर रूडी से बात कर उन्हें सांत्वना दिया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी रूडी की माता जी के दाह संस्कार मर हरिद्वार पहुंचे।

हरिद्वार में कनखल घाट पर जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज ने स्वयं उपस्थित हो पूरे विधि विधान से दाह संस्कार करवाया। इस दौरान कई अन्य साधू संत भी उपस्थित हुए।

इस संदर्भ में श्री रुडी के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रभा सिंह जी अत्यंत ही धर्मपरायण महिला थी। हर वर्ष कई पर्व त्यौहार करती थी जिसमें प्रमुखता से छठ व्रत था। वह हरिहर आश्रम, हरिद्वार के भारत माता मंदिर – समन्वय सेवा ट्रस्ट द्वारा संचालित प्रभु प्रेमी संघ चैरिटेबल ट्रस्ट की वरिष्ठ साधिका भी थी और जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज के आश्रम में नियमित आती-जाती रहती थी। स्वामी जी भी उनको अपनी माता समान ही मानते थे। यही कारण है कि उनकी अस्वस्थता की जानकारी मिलते ही पर दुरभाष से बातचीत कर उनके स्वास्थ्य की पल-पल की जानकारी लेते रहे।

मिली सूचना के अनुसार रूडी के पिता का देहांत तभी हो गया था जब रुडी मात्र 7 वर्ष के थे। तीन पुत्र और दो पुत्रियों का पालन-पोषण की जिम्मेदारी माता प्रभा सिंह के कंधो पर आ गया लेकिन वह अपने कर्तव्यपथ से विमुख नहीं हुई। पिता की तरह अनुशासन और माता का लाड़-प्यार उन्होंने बच्चों को दिया। सभी सुशिक्षित और देश की प्रगति में योगदान देने वाले है। उनकी इच्छा थी कि उनके निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार हरिद्वार में हो। सोमवार को हरिद्वार में ही उनका अंतिम संस्कार हुआ। प्रभा सिंह जी अपने पिछे पांच पुत्र-पुत्रियों का भरा-पूरा परिवार छोड़ कर गई है जिसमे बड़े पुत्र रणधीर प्रताप सिंह, पुत्री चित्रा सिंह, रेखा सिंह, पुत्र सुधीर प्रताप सिंह और सबसे छोटे पुत्र राजीव प्रताप रुडी है।

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