‘एयर फोर्स डे’ पर वायु योद्धाओं को ‘आत्मनिर्भर’ होकर अपने पैरों पर खड़े होने का संदेश

‘एयर फोर्स डे’ पर वायु योद्धाओं को ‘आत्मनिर्भर’ होकर अपने पैरों पर खड़े होने का संदेश

– दिसंबर से वायुसेना में शुरू होगी 3,000 अग्निवीरों की भर्ती, आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ेगी
– वायुसेना ने अगले साल से अग्निपथ स्कीम में महिला अग्निवीरों को भी शामिल करने की योजना बनाई

नई दिल्ली: वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने ‘एयर फोर्स डे’ पर ‘आत्मनिर्भर’ होकर आने वाले दशक में खुद अपने पैरों पर खड़े होने का संदेश दिया। अग्निपथ योजना के माध्यम से वायु योद्धाओं को वायुसेना में शामिल करना हम सभी के लिए एक चुनौती है। इस साल दिसंबर में हम शुरुआती प्रशिक्षण के लिए 3,000 अग्निवीर वायु सेना में शामिल करेंगे। आने वाले सालों में यह संख्या और बढ़ेगी। हम अगले साल से महिला अग्निवीरों को भी शामिल करने की योजना बना रहे हैं।

दुनिया की चौथी सबसे बड़ी भारतीय वायुसेना इस साल शनिवार को अपना 90वां स्थापना दिवस चंडीगढ़ में मना रही है। यह पहला मौका है जब वायुसेना ने ‘एयर फोर्स डे’ की परेड और फ्लाई पास्ट का कार्यक्रम राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के हिंडन एयरबेस से बाहर रखा है। 90 साल तक देश की सेवा करते हुए मौजूदा समय में वायुसेना की आक्रामक स्ट्राइक क्षमता और भी अधिक शक्तिशाली हो गई है। यही वजह है कि पूर्वी लद्दाख की सीमा पर वायुसेना चीन को किसी भी आक्रामकता का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

परेड की सलामी लेने के बाद वायु योद्धाओं को संबोधित करते हुए एयर चीफ मार्शल ने कहा कि सरकार ने भारतीय वायुसेना में अधिकारियों के लिए एक हथियार प्रणाली शाखा के निर्माण को मंजूरी दे दी है। देश की आजादी के बाद यह पहली बार है कि जब एक नई परिचालन शाखा बनाई जा रही है। इस शाखा के निर्माण से उड़ान प्रशिक्षण पर कम खर्च होने के कारण 3,400 करोड़ रुपये से अधिक की बचत होगी।

उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना के माध्यम से वायु योद्धाओं को वायु सेना में शामिल करना हम सभी के लिए एक चुनौती है। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हमारे लिए भारत के युवाओं की क्षमता का दोहन करने और इसे राष्ट्र की सेवा में लगाने का अवसर है। उन्होंने कहा कि हमें अपने पूर्व अधिकारियों की कड़ी मेहनत, लगन और दूर दृष्टि से 90 साल की गौरवशाली विरासत मिली है। अब भारतीय वायुसेना को शताब्दी दशक में लाने की जिम्मेदारी हम पर है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया- “वायुसेना दिवस पर साहसी वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को मेरी बधाई। नभः स्पृषं दीप्तम् के आदर्श वाक्य के अनुरूप भारतीय वायु सेना ने दशकों से असाधारण निपुणता दिखाई है। उन्होंने राष्ट्र को सुरक्षित किया है और आपदाओं के दौरान उल्लेखनीय मानवीय भावना भी दिखाई है।”

वायुसेना दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज सुबह ट्वीट किया- “सभी साहसी वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को भारतीय वायु सेना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं। वायुसेना को अपनी वीरता, उत्कृष्टता, प्रदर्शन और व्यावसायिकता के लिए जाना जाता है। भारत को नीले रंग में अपने पुरुषों और महिलाओं पर गर्व है। उन्हें नीला आसमान और हैप्पी लैंडिंग की शुभकामनाएं।”

इस बार का कार्यक्रम दो हिस्सों में रखा गया है, यानी सुबह परेड होने के बाद अब शाम को सुखना झील के किनारे फ्लाई पास्ट होगा। हवाई प्रदर्शन में 83 लड़ाकू, परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर हिस्सा लेंगे। स्वदेशी हल्का लड़ाकू हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ भी अपनी ताकत का पहला सार्वजनिक प्रदर्शन करेगा।

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